बच्चों के लिए इंटरनेट सेफ्टी टिप्स

बच्चों के लिए इंटरनेट सेफ्टी टिप्स

आज का युग डिजिटल है जहाँ पल-पल की सूचना और जानकारी तक हमारी आसानी से पहुंचती है। आज के दौर में ज्यादातर बच्चों के हाथों में स्मार्टफोन, टैबलेट जैसे डिवाइस देखने को मिलते हैं, जिनका इस्तेमाल वह इंटरनेट के उपयोग के लिए भी कर रहे हैं। स्मार्टफोन और टैबलेट ने इंटरनेट और बच्चों को करीब ला दिया है, लेकिन इसने इंटरनेट से होने वाले खतरों को भी काफी बढ़ा दिया है। इसलिए आज बच्चों को इंटरनेट और ऑनलाइन खतरों के बारे में बताने की जरूरत है। इसी के साथ बच्चे किस प्रकार इन खतरों से अपना बचाव कर सकते हैं इसकी भी जानकारी दी जानी चाहिए।

आज के समय में इंटरनेट का इस्तेमाल 5 साल से भी कम उम्र के बच्चे कर रहे हैं। बच्चे इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए ऑनलाइन गेम्स, मूवी और अपना पसंदीदा कार्टून प्रोग्राम भी देखते हैं। इसके अलावा बच्चों को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ बात करने और वीडियो चैट करने में भी बहुत मजा आता है। इतना ही नहीं बच्चे इंटरनेट का इस्तेमाल अपने स्कूल प्रोजेक्ट को पूरा करने और पढ़ाई करने के लिए भी कर रहे हैं, लेकिन बच्चों को इंटरनेट के खतरों के बारे में जानकारी नहीं होती है। बच्चों को ऑनलाइन और इंटरनेट सुरक्षा के बारे में जानकारी देने पर अब बहुत जोर दिया जा रहा है, क्योंकि हर चीज के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। बच्चों से ऑनलाइन सेफ्टी और इंटरनेट के बारे में खुलकर बात करना काफी महत्वपूर्ण है। इसी के साथ माता-पिता की भी नजर रखना बहुत जरूरी है कि उनका बच्चा क्या देख रहा है।  

बच्चों के लिए इंटरनेट सुरक्षा का महत्व

बच्चे इंटरनेट को लेकर काफी उत्साहित होते हैं। वे ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर जाते हैं, सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं और इंटरनेट पर मूवी से लेकर अपनी पढ़ाई से संबंधित चीजें सर्च भी करते हैं। इंटरनेट पर की गई छोटी गलती के भी कई गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं, इसलिए बच्चों को इंटरनेट सेफ्टी के बारे में बताना काफी जरूरी है।

इंटरनेट पर सर्च करते हुए बच्चे ऑनलाइन मार्केटिंग फ्रॉड द्वारा ठगे जा सकते हैं। बच्चे साइबर बुलिंग और पीडोफाइल का शिकार हो सकते हैं। यहाँ तक की बच्चों का अपहरण जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं। इंटरनेट पर किए गए एक गलत क्लिक से आपके डिवाइस पर वायरस (मैलवेयर) डाउनलोड हो सकता है।इसलिए बच्चों को ऑनलाइन और इंटरनेट सेफ्टी के बारे में बताना बहुत जरूरी है। इसी के साथ जब बच्चे इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हों तो किसी बड़े की निगरानी में उन्हें ऐसा करने देना बेहतर होता है। 

बच्चों के लिए इंटरनेट सुरक्षा के टिप्स

माता-पिता इन टिप्स का इस्तेमाल करते हुए अपने बच्चों को इंटरनेट के खतरों से सुरक्षित रख सकते हैं –

1. बच्चों को अकेले में इंटरनेट का इस्तेमाल करने न दें

पेरेंट्स को घर में यह नियम बनाना चाहिए कि बच्चे इंटरनेट या मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ लिविंग रूम  या किसी बड़े की मौजूदगी में ही कर सकते हैं। इस तरह माता-पिता इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे बच्चे की निगरानी कर सकते हैं। वे यह भी देख सकते हैं कि बच्चा कहीं इंटरनेट पर कुछ गलत कंटेंट तो नहीं देख रहा है जो उसके लिए सही नहीं है।   

बच्चों को अकेले में इंटरनेट का इस्तेमाल करने न दें

2. बच्चों को उनकी प्राइवेसी की रक्षा के बारे में सिखाएं

इंटरनेट पर लगातार बढ़ रहे ऑनलाइन फ्रॉड को देखते हुए माता-पिता अपने बच्चों को बताएं कि वह अपनी पर्सनल जानकारी इंटरनेट पर किसी के साथ भी शेयर न करे। बच्चों को समझाएं कि मोबाइल नंबर, पर्सनल ई-मेल एड्रेस, अपने रिश्तेदारों की जानकारी, पेरेंट्स की ऑफिस डिटेल्स जैसी जानकारी किसी के साथ शेयर न करें।   

3. ऑनलाइन बने दोस्तों से मुलाकात के लिए हां न कहें

पेरेंट्स बच्चों को बताएं कि ऑनलाइन बने अनजान दोस्तों से वह कभी मुलाकात न करें। बच्चों को समझाना चाहिए कि सोशल मीडिया पर बने उनके दोस्त फेक यानी फर्जी हो सकते हैं। सोशल मीडिया पर फर्जी तरीकों से लोग अलग-अलग नामों से अपनी आईडी बनाते हैं। पेरेंट्स बच्चों को बताएं कि ऑनलाइन बने दोस्तों से मिलना कितना खतरनाक हो सकता है। आपको अपने बच्चों के ऑनलाइन बन रहे दोस्तों पर भी नजर रखनी चाहिए और कुछ भी गलत देखे जाने पर फौरन ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए। 

4. बच्चों को बताएं कि पॉप-अप पर क्लिक और ई-न्यूजलेटर को सबस्क्राइब न करें

इंटरनेट पर पॉप-अप और ई-न्यूजलेटर सब्सक्रिप्शन स्क्रीन पर आते रहते हैं। ऐसे में बच्चे कभी-कभी इन लिंक पर क्लिक भी कर लेते हैं जो आगे जाकर परेशानी का कारण बनता है। इसलिए पेरेंट्स को बच्चों से बताना चाहिए कि वह इस तरह के लिंक पर कभी क्लिक न करें। इस तरह के लिंक पर क्लिक करने से आपके डिवाइस में वायरस आ जाता है। इन लिंक पर क्लिक करने पर आपसे आपकी पर्सनल जानकारी मांगी जाती है जिससे ऑनलाइन फ्रॉड का खतरा हमेशा बना रहता है इसलिए पेरेंट्स बच्चों को समझाएं कि वे किसी भी पॉप-अप, ऑनलाइन विज्ञापन और ई-न्यूजलेटर पर क्लिक न करें।  

5. स्ट्रांग पासवर्ड का करें इस्तेमाल

सोशल मीडिया और इंटरनेट की दुनिया में पासवर्ड बहुत महत्वपूर्ण चीज है। आपके पासवर्ड का पता लगाकर कोई भी आपको फ्रॉड या साइबर क्राइम का शिकार बना सकता है। पेरेंट्स अपने बच्चों को स्ट्रांग पासवर्ड की अहमियत के बारे में बताएं और उनको समझाएं कि अपना पासवर्ड किसी के साथ शेयर न करें। उन्हें यह भी बताएं कि उनको अपना पासवर्ड किसी के साथ क्यों शेयर नहीं करना चाहिए। इंटरनेट पर हमेशा 8 संख्या वाला पासवर्ड अच्छा माना जाता है। इस पासवर्ड को क्रैक करना आसान नहीं होता। 

6. इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए एक समय सीमा रखें

आज कल आपको ज्यादातर बच्चों के हाथ में हर समय मोबाइल फोन देखने को मिलेगा और वह बिना पेरेंट्स की रोक टोक के इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे होते हैं। अगर आपका बच्चा भी ऐसा ही करता है तो एक बार सोचिए कि क्या यह उसके लिए सही है? आपको बच्चे के लिए इंटरनेट से संबंधित एक टाइम रूल बनाना चाहिए। इसके लिए उससे बात करके एक निश्चित समय सेट कर दें। उसी समय के अंदर बच्चे को इंटरनेट का इस्तेमाल करना चाहिए। 

7. बच्चों की ऑनलाइन पोस्ट पर रखें निगाह

सोशल मीडिया पर बच्चे क्या पोस्ट कर रहे हैं इसकी जानकारी पेरेंट्स को रखनी चाहिए। इसी के साथ अपने बच्चों को यह भी बताएं कि इंटरनेट-सोशल मीडिया पर एक बार कुछ भी डालने के बाद वह डिलीट नहीं होता। इसका असर यह होगा कि बच्चा आगे से कुछ भी पोस्ट करते समय सावधानी बरतेगा। उदाहरण के तौर पर बच्चे अपनी तस्वीर पोस्ट कर सकते हैं या किसी पोस्ट पर कमेंट कर सकते हैं। आप देखें कि उसने क्या पोस्ट किया है या कैसा कमेंट किया है। अगर आपको लगता है कि पोस्ट या कमेंट सही नहीं है तो फौरन इसे हटा दें। अपने बच्चे के साथ खुले तौर पर बात करें और उसको पोस्ट या कमेंट हटाने का कारण भी बताए। 

8. सुरक्षा सॉफ्टवेयर का करें इस्तेमाल

आज इंटरनेट पर कई खतरनाक वायरस मौजूद हैं जो आपके डिवाइस में आकर आपका डाटा चोरी कर सकते हैं या आपका डिवाइस ही हैक कर सकते हैं। इसके लिए हमेशा अपने डिवाइस में सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर रखें। आप कई ऑनलाइन सिक्योरिटी टूल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके माध्यम से आप अपने बच्चे को गलत कंटेंट तक जाने से रोक सकते हैं। आप बच्चे की सुरक्षा पक्की करने के लिए इन टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

9. बच्चों को खुद से ऑनलाइन खरीदारी न करने दें

आज के समय में इंटरनेट पर कई तरह की ऑनलाइन शॉपिंग साइट मौजूद हैं। बच्चे ऑनलाइन खरीदारी के लिए उत्साहित भी रहते हैं। पेरेंट्स बच्चों को बिना उनकी निगरानी के ऑनलाइन खरीदारी करने की अनुमति न दें। बच्चे किसी फर्जी वेबसाइट पर आपके क्रेडिट कार्ड की जानकारी डाल सकते हैं जिससे आपके खाते और आपके बैंक अकाउंट की सारी जानकारी साइबर क्राइम करने वालों के पास पहुंच सकती है।  

बच्चों को खुद से ऑनलाइन खरीदारी न करने दें

10. प्राइवेसी सेटिंग

सोशल मीडिया पर आज के समय में लगभग हर बच्चे का अकाउंट है। इन अकाउंट पर पर्सनल जानकारी से लेकर प्रोफेशनल जानकारी तक मौजूद रहती है। ऐसे में पेरेंट्स अपने बच्चों को सोशल मीडिया अकाउंट जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट की प्राइवेसी सेटिंग का महत्व बताएं। पेरेंट्स बच्चों को समझाएं कि सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट को हमेशा लॉग आउट करके ही बंद करें, उसे ऐसे ही बंद न करें। 

सावधानियां

बच्चों के लिए साइबर सुरक्षा बहुत जरूरी है। पेरेंट्स को बच्चों की इंटरनेट सुरक्षा को पक्का करने को लेकर नियम बनाने होंगे। आपको ध्यान रखना होगा कि आपका बच्चा सोशल मीडिया पर किसी अनजान व्यक्ति से बात तो नहीं कर रहा है या वह किसी चैट रूम में एक्टिव तो नहीं रहता है। इन जगहों पर साइबर अपराधी भारी संख्या में मौजूद रहते हैं। पीडोफाइल, सोशल मीडिया या चैट रूम पर बच्चों से बात करने की कोशिश करते हैं। वह बच्चों से फोन पर बात करने और मिलने के लिए भी कहते हैं। पेरेंट्स अपने बच्चों को समझाएं कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति से न ही फोन पर बात करें और न ही उससे मुलाकात करें। 

पेरेंट्स अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों को देखने के लिए कुछ सेफ्टी टूल्स खरीद सकते हैं। पेरेंट्स बच्चों को गूगल सर्च की जगह किडल और यूट्यूब की जगह यूट्यूब किड्स का इस्तेमाल करने के लिए भी प्रोत्साहित कर सकते हैं। 

पेरेंट्स इस विषय पर खुलकर अपने बच्चों के साथ बात करें और समझाएं कि उनकी सुरक्षा के लिए ही उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। आज के समय में टीनएजर्स में अपनी लाइव लोकेशन को शेयर करने का चलन काफी बढ़ गया है। ऐसे में पेरेंट्स अपने बच्चों को बताएं कि लाइव लोकेशन को शेयर करना कितना खतरनाक हो सकता है। सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से होने वाले खतरों के बारे में भी बच्चों को आगाह करें। उनको जानकारी दें कि इंटरनेट पर अजनबियों से संपर्क रखना कितना खतरनाक हो सकता है। बच्चों को समझाएं कि वे अनजान लोगों से संपर्क रखने पर आगे जाकर फ्रॉड या साइबर क्राइम का शिकार हो सकते हैं जिसमें परेशान करना, डराना-धमकाना भी शामिल हैं। इसमें यौन संबंध के लिए दोस्ती करना तक शामिल है। पेरेंट्स बच्चों को असली दुनिया में ज्यादा समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करें और उनके इंटरनेट इस्तेमाल का समय तय करें।  

हालांकि इंटरनेट आज के समय में सूचना और मनोरंजन का एक शानदार प्लेटफॉर्म है लेकिन यहां काफी खतरे भी हैं। आज जिस तरह से साइबर क्राइम और इंटरनेट फ्रॉड बढ़ रहा है ऐसे में बच्चों की इंटरनेट सुरक्षा काफी महत्वपूर्ण हो गई है। हर रोज ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां इंटरनेट के खतरों को जाने बिना बच्चे गंभीर खतरे में पड़ जाते हैं। वे साइबर क्राइम से लेकर ऑनलाइन फ्रॉड तक का शिकार हो रहे हैं। आज हम देख रहे हैं कि छोटे बच्चे भी भारी संख्या में इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। छोटे बच्चों को इंटरनेट का लिमिटेड ही इस्तेमाल करना चाहिए और आपको उन पर पर नजर भी रखनी चाहिए। बच्चों को बिना खुद को खतरे में डाले इंटरनेट का लाभ उठाना चाहिए, क्योंकि इंटरनेट से सूचना और जानकारी प्राप्त करना काफी आसान है। इसी के साथ पेरेंट्स को भी अपने बच्चों को इंटरनेट के खतरों के बारे में बताते रहना चाहिए और उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए। 

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