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जैसे ही आपका बच्चा इस दुनिया में आता है ठीक उसी समय से आपके मन में कई सवाल उठने लगते हैं। एक ऐसा ही सवाल है जो लगभग सभी नए माता-पिता को परेशान करता है और वो सवाल बच्चे के मल त्याग से जुड़ा है। माता-पिता के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि एक हेल्दी बच्चे का मल कैसा होना चाहिए?
एक बच्चे का मल उसके स्वास्थ्य का संकेत होता है, क्योंकि बच्चे जब छोटे होते हैं तो उन्हें कई बीमारियों और विकारों का सामना करना पड़ता है, जिसे बच्चे के मल के रंग की जाँच करके पहचाना जा सकता है। माँ होने के नाते आप बच्चे आगे कई डायपर बदलने वाली हैं, तो इसलिए आपको बच्चे के मल से जुड़ी जानकारी होना जरूरी है, बच्चे का मल कितनी मात्रा में हो रहा है, उसका रंग कैसा है आदि। ये बातें आपको यह समझने में मदद करेंगी कि कहीं कोई समस्या तो नहीं है? इस प्रकार आप समय रहते कोई बेहतर कदम उठा सकेंगी।
आइए, इस लेख में जानते हैं बच्चे के जन्म के शुरूआती दिनों में उसका मल कैसे होना चाहिए, ताकि आप अपने नवजात शिशु की बेहतर देखभाल कर सकें।
एक नवजात शिशु को कितनी बार मल त्याग करना चाहिए?
नीचे दी गई टेबल में बताया गया है कि पहले छह महीनों में 24 घंटे में बच्चे को कितना मल त्याग करना चाहिए।
समय अवधि | कितनी बार मल त्याग करना चाहिए | मल का टेक्सचर और रंग |
दिन 1 | 1 | तारकोल के जैसा, काला |
दिन 2 | 0 से 1 | तारकोल के जैसा, काला |
दिन 3 | 1 | रंग बदलता हरा |
दिन 4 | 4 | पीला या हरा |
दिन 5 | 3 to 4 | गीला, पीला |
दिन 6 | 3 to 5 | गीला, पीला |
6 हफ्ते या उससे ज्यादा | हर 7 से 10 दिनों में 1 बार बढ़ने से लेकर लगभग 3 से 5 बार मल त्याग करना या उससे ज्यादा भी हो सकता है | गीला, पीला |
जन्म के 24 घंटों के भीतर 90% बच्चे मल त्याग करते हैं, जबकि 48 घंटे तक ज्यादातर बच्चे कम से कम एक बार मल त्याग करते ही करते हैं। बच्चे का पहला मल हरे और काले रंग का होता है और इसमें कोई गंध नहीं होती है जिसे मेकोनियम कहा जाता है। मेकोनियम 72-96 घंटों के अंदर पास होता है। फिर रंग बदलता स्टूल आना शुरू होता है जो ज्यादा हरा होता है व म्यूकस और पानी से भरा होता है। पहले सप्ताह के अंत तक, बच्चे पीले-नारंगी रंग का मल त्याग करना शुरू कर देते हैं। जन्म के बाद पहले सप्ताह के दौरान, दूध के सेवन में वृद्धि के साथ मल त्याग की फ्रीक्वेंसी भी बढ़ जाती है। इसके अलावा, नवजात शिशुओं का पेट जल्दी खाली हो जाता है और हर फीडिंग के बाद बच्चा मल त्याग करता है। लेकिन बच्चे के मल त्याग करने का कोई फिक्स्ड नंबर नहीं बताया गया है। यह बदलता रहता है, एक हफ्ते में बच्चा दिन में 6 से 8 बार मल त्याग कर सकता है। मल के फ्रीक्वेंसी इतनी मायने नहीं रखती है जब तक कि बच्चे को कोई असुविधा और उलटी न हो, फीड न कर पाने या पेट भरा होने जैसे लक्षण न दिखाई दें।
जब आपका बच्चा ठोस खाद्य पदार्थ खाना शुरू करता है, तो बच्चे का मल कुछ कुछ बड़ों के जैसे दिखने लगता है। ऐसा पाँच महीने के आसपास देखा जाता है, जब आप अपने बच्चे को ठोस आहार खिलाना शुरू कर देती हैं। बच्चे का मल सख्त और गहरे रंग का होता है और इसमें गंध भी होती है। ध्यान दें कि बच्चे के मल का रंग उस भोजन पर भी निर्भर करता है और यह पूरी तरह से नॉर्मल है और एक अच्छे पाचन तंत्र का संकेत देता है। कभी-कभी, आप उसके मल में सब्जी के टुकड़े भी देख सकती हैं। इसका कारण यह है कि कठोर खाद्य पदार्थों को आमतौर पर पाचन तंत्र द्वारा ठीक से डाइजेस्ट नहीं हो पाते हैं क्योंकि इन्हें ठीक से चबाया नहीं गया होता है ऐसा बच्चे की दाढ़ न होने के कारण होता है।
एक माँ को पहले साल में बच्चे के ढ़ेरों डायपर बदलने पड़ते हैं। तो, अपने बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में जानने का एक बहतरीन तरीका बच्चे के मल पर नजर बनाए रखना है।
ब्रेस्टफीडिंग कराने के बाद बच्चा कितनी बार मल त्याग करता है?
ब्रेस्टफीडिंग के शुरुआती चरण के दौरान, आपके बच्चे का पाचन तंत्र मजबूत नहीं होता है जिससे वो सभी पोषक तत्वों को अब्सोर्ब कर सके। इसका मतलब यह है कि बच्चे द्वारा पिया गया सारा दूध उसके मल के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है, जिससे मल पीले रंग का हो जाता है और पहले कुछ महीनों तक यह बनावट ढीली होती है। आप अपने बच्चे के पहले कुछ हफ्तों में दिन में कम से कम चार बार मल त्याग की उम्मीद कर सकती हैं। मल की फ्रीक्वेंसी धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। यह बहुत ही कॉमन है कि बच्चा जितनी बार भी ब्रेस्टफीडिंग करता है उसके बाद मल त्याग करता है और कभी-कभी तो बच्चा दिन में 12 या उससे ज्यादा बार भी मल त्याग कर सकता है।
फॉर्मूला फीडिंग कराने के बाद बच्चा कितनी बार मल त्याग करता है?
ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चों की तुलना में फॉर्मूला फीडिंग करने वाले बच्चे कम मल त्याग करते हैं। यह उनके आहार में कोलोस्ट्रम की कमी के कारण है, जो एक नेचुरल लैक्सटिव के रूप में कार्य करता है और यह ब्रेस्टमिल्क में अधिक मात्रा में मौजूद होता है। बच्चे के मल की फ्रीक्वेंसी दिन में लगभग तीन या चार बार होगी और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाले बच्चों की तुलना में इसकी बनावट अधिक ठोस होगी। रंग हल्का पीला और ज्यादा हरा और गहरा होता है।
जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, वो दिन में सिर्फ एक बार ही मल त्याग करता है, चाहे आप फार्मूला फीडिंग कराएं या ब्रेस्टफीडिंग। यह इस बात का संकेत होता है कि आपके बच्चे का पाचन तंत्र मजबूत हो रहा है, इसलिए आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।
डॉक्टर से कब परामर्श करें
जब आपका बच्चा मल त्याग करता है, तो चेहरे के भाव और आवाज से आप अंदाजा लगा सकती हैं। हालांकि, इसे किसी परेशानी के तौर पर नहीं देखा जाता है। आपके बच्चे का पाचन तंत्र अभी विकसित हो रहा होता है जिससे उसे मल त्याग करने में तनाव पड़ता है। इस तरह की चीजों के लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन माँ होने के नाते आपको पता होता है कि कब आपके बच्चे को डॉक्टर की जरूरत है। आपको नीचे कुछ संकेत दिए गए हैं जो बच्चे में दिखाई देने पर आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
- यदि बच्चे के मल में खून आता है या मल अजीब से रंग का लग रहा हो।
- अगर आपके बच्चे को कब्ज होता है।
- यदि बच्चे का मल म्यूकस या पानी से भरा है, तो इसका मतलब है कि आपके बच्चे को किसी प्रकार की एलर्जी या संक्रमण हो सकता है।
- यदि बच्चा जन्म के चार दिन बाद भी काले रंग का मल त्याग करता है।
- अगर बच्चा नॉर्मल से ज्यादा मल त्याग कर रहा हो।
- यदि बच्चे का मल सफेद या ग्रे रंग का हो रहा हो।
आपके बच्चे का मल उसके हेल्थ के बारे में जानकारी देता है, इसलिए यह जरूरी है कि आप हमेशा शुरुआती चरणों में बच्चे के मल त्याग की फ्रीक्वेंसी और बनावट पर खास ध्यान दें। क्योंकि, अभी आपका बच्चा किसी भी तरह की बीमारी का सामना करने के लिए सक्षम नहीं होता है, इसलिए आपको अपने बच्चे के मल त्याग करने पर नजर बनाए रखना चाहिए। इस प्रकार आप बच्चे में होने वाली बीमारी या समस्या को तुरंत पहचान सकेंगी।
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