In this Article
- भाई दूज पर 5 लाइन (5 Lines On Bhai Dooj in Hindi)
- भाई दूज पर 10 लाइन (10 Lines On Bhai Dooj In Hindi)
- भाई दूज पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay On Bhai Dooj In Hindi in 200-300 Words)
- भाई दूज पर निबंध 400-600 शब्दों में (Essay on Bhai Dooj in Hindi in 400-600 Words)
- भाई दूज के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Bhai Dooj In Hindi)
- भाई दूज के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है?? (What Will Your Child Learn from the Bhai Dooj Essay?)
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
भाई दूज हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्यौहार है जो दिवाली के बाद कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। भाई दूज को ‘भाई टीका’, ‘भाई फोंटा’, ‘भाऊबीज’, ‘यम द्वितीया’, ‘भातृ द्वितीया’ और ‘भैया दूज’ भी कहा जाता है। यह त्यौहार भाई-बहन के संबंध और प्रेम पर आधारित है जिसे बहुत ही विश्वास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाई को तिलक लगाती हैं, उनकी पसंद का पकवान बनाती हैं और प्रेम से खिलाती भी हैं। भाई अपनी बहन की सुरक्षा और उसे हर कठिनाई और मुश्किलों से बचाने का वचन देते हैं। यह पर्व उसी प्रेम को जाहिर करने का पर्व है। इस साल 2024 में 3 नवंबर को भाई दूज मनाया जाएगा। अगर आप अपने बच्चे को भाई दूज पर निबंध लिखना सिखाना चाहते हैं तो नीचे दिए गए सैंपल आपके काम आएंगे
भाई दूज पर 5 लाइन (5 Lines On Bhai Dooj in Hindi)
नीचे आपको भैया दूज पर आसान और सरल भाषा में 5 वाक्यों का निबंध दिया गया है जिसे आप अपने बच्चे को सिखा सकते हैं।
- भाई दूज हिंदुओं का त्योहार है, जो भाई–बहन के रिश्ते का प्रतीक है।
- हर साल भाई दूज कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।
- इस दिन बहनें भाई को रोली–चावल से तिलक करती है और उनकी आरती कर के मिठाई खिलाती है।
- भाई बहन आपस में एक दूसरे को उपहार देते हैं।
- यह त्योहार भाई–बहनों के रिश्ते को अधिक मजबूत करता है।
भाई दूज पर 10 लाइन (10 Lines On Bhai Dooj In Hindi)
भाई दूज पर संक्षेप में निबंध पढ़ने के लिए निचे दिए गए 10 लाइन का आसान लेख पढ़ें।
- भाई दूज को हिन्दुओं का महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भाई–बहन का अपार प्रेम का प्रतीक है।
- यह पर्व हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।
- पौराणिक कथा के अनुसार भाई दूज की शुरुआत द्वापरयुग में हुई थी।
- इस त्योहार को यम द्वितीया और और भाई टीका के नाम से भी जाना जाता है।
- भाई दूज पर्व को दिवाली के दो या तीसरे दिन मनाया जाता है।
- यह पर्व रक्षाबंधन की तरह होता है, जिसमें भाई को तिलक लगाकर मिठाई खिलाया जाता है।
- भाई दूज, भाई–बहनों के रिश्ते की मजबूती को दर्शाता है।
- इस दिन बहनें भगवान से अपने भाइयों की लंबी उम्र, तरक्की और समृद्धि की कामना करती हैं।
- भाई अपनी बहनों को आशीर्वाद के रूप में उपहार देते हैं।
- इसे पूरे भारत में बहुत ही खुशी और हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है।
भाई दूज पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay On Bhai Dooj In Hindi in 200-300 Words)
यदि स्कूल में आपके बच्चे को भाई दूज पर्व पर हिंदी में निबंध लिखने को मिला है, तो उनके लिए यह शार्ट एस्से मददगार साबित होगा। इस शार्ट पैराग्राफ की मदद से वे 200-300 शब्दों के अंदर एक अच्छा निबंध लिख सकते हैं।
भाई दूज भाई और बहन के बंधन और प्रेम का प्रतीक है। इसे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन हर बहन अपने भाई के लिए अपना प्यार व्यक्त करती है और उसकी लंबी उम्र व सफल जीवन व अच्छी सेहत की कामना करती है। भाई भी अपनी बहनों की जिंदगी भर रक्षा करने का वादा करते हैं। यह त्योहार कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष में द्वितीया तिथि में मनाया जाता है। यह अक्सर दिवाली के 2 या 3 दिन बाद पड़ता है। इस पर्व को कई नामों से जाना जाता है जैसे भाई टीका, यम द्वितीया आदि। इसमें बहने सुबह जल्दी उठकर और नहाकर नए कपड़ें पहनती हैं और बाद में आरती की थाली तैयार करती हैं। बहन अपने भाई को तिलक और चावल लगाती हैं और फिर भाई को मिठाई खिलाती हैं। इस पर्व के पीछे की मान्यता है कि यमुना जी ने अपने भाई यमराज से मृत्यु के डर को खत्म करने का वचन लिया था। वैसे तो पूरे भारत में यह त्योहार बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भाई और बहनों को एक दूसरे के लिए अपना प्यार जाहिर करने का मौका मिलता है। भाई अपनी बहनों को खूब सारे तोहफें और शगुन में पैसे देते हैं। यह पर्व न सिर्फ भाई–बहनों के रिश्ते को मजबूत बनाता है बल्कि एक मिशाल कायम करता है कि भाई–बहन का रिश्ता सबसे पवित्र रिश्ता होता है। शायद इसलिए इस रिश्ते को माता–पिता के बाद सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है।
भाई दूज पर निबंध 400-600 शब्दों में (Essay on Bhai Dooj in Hindi in 400-600 Words)
भारत एक ऐसा देश है जहाँ लोग साल भर में कई त्योहार मनाते हैं। उनमें से भाई दूज की लोगों के दिलों में एक बहुत ही खास जगह रखता है। यह पर्व भाई–बहनों के रिश्ते की अहमियत को दर्शाता है। इस विशेष दिन पर बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं और उनकी सलामती की प्रार्थना करती हैं। यदि आपको इस त्योहार के बारे में विस्तार से जानना है तो नीचे दिए गए निबंध को जरूर पढ़ें:
भाई दूज का इतिहास (History Of Bhai Dooj)
पौराणिक कथाओं में बताई गई कहानी के अनुसार यमराज और यमुना जो भाई–बहन हैं जो सूर्य भगवान और उनकी छाया की संताने हैं। यह भाई–बहन आपस में बहुत स्नेह करते थे। बहन यमुना हमेशा अपने भाई यमराज से मिलने के लिए कहती थी, लेकिन काम में व्यस्त होने की वजह से वह आ नहीं पाते थे। वहीं एक बार यमराज नदी के तट पर पहुंचे जहाँ उनकी मुलाकात बहन यमुना से हुई। दोनों एक–दूसरे से मिलकर बहुत खुश हुए। बहन यमुना ने अपने भाई यमराज का बहुत अच्छे से स्वागत किया और उसको मिठाई खिलाई। वह दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया का दिन था। ऐसे ही बहन यमुना ने भाई यमराज से वचन मांगा कि हर साल वह इसी दिन उससे मिलने आएगा। उसी दिन से भाई दूज मनाया जाने लगा। ऐसा माना जाता है कि जो भाई यमुना नदी में नहाता है, उसके सभी संकट टल जाते हैं।
भाई दूज की क्या मान्यता है? (What Is the Belief of Bhai Dooj ?)
भाई दूज हिंदुओं के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दिन की यह मान्यता है कि अगर इस पर्व पर बहने अपने भाइयों को तिलक लगाकर और उनकी पसंद का खाना खिलाती हैं तो उससे भाई–बहन के रिश्ते में प्यार बढ़ता है और भाई की उम्र भी लंबी होती है। इसी दिन यमुना जी ने अपने भाई यमराज से एक वादा लिया था जिसके अनुसार अगर इस दिन कोई भी बहन अपने भाई को तिलक करती है तो वह यमराज के डर से मुक्त हो जाएगा और साथ भाई की उम्र बढ़ेगी एवं बहनों की किस्मत खुलेगी।
भाई दूज कैसे मनाया जाता है? (How is Bhai Dooj Celebrated?)
- भाई दूज के दिन बहने सुबह जल्दी उठकर नहाकर नए कपड़े पहनती हैं।
- इस दिन बहने अपने हाथों से ऐपन (रंगों की कलाकारी) बनाकर उससे अपने हाथों के छापे बनाकर उनकी पूजा करती हैं।
- भाई–बहन एक साथ बैठते हैं और बहन भाई के लिए आरती की थाली तैयार करती हैं।
- फिर बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर और उन्हें मिठाई खिलाती है।
- भाई खुश होकर अपनी बहनों को बदले में उपहार, पैसे और हमेशा उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं।
- यह पर्व बहने अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए बड़े ही धूमधाम से मनाती हैं।
भाई दूज के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Bhai Dooj In Hindi)
- पौराणिक कथा के अनुसार सूर्य देव के पुत्र और पुत्री यम और यमी को ही बाद में यमराज और यमुना कहा जाने लगा।
- इस दिन बहने रात में यमराज के नाम का दिया जलाती और अपने भाई की लंबी उम्र के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।
- भाई दूज, हिंदी के दो शब्दों भाई और दूज से मिलकर बना है, जिसमे भाई का अर्थ भाई है, दूज का अर्थ चंद्रमा के बाद दूसरा दिन है।
- नेपाल में विजयादशमी के बाद भाई दूज को दूसरा सबसे अहम त्योहार माना जाता है।
- एक परंपरा के अनुसार, कहा जाता है कि सालों पहले इसी दिन भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
- इस दिन हर महाराष्ट्रीयन के घर में “बासुंदी पूरी” बनाई जाती है।
भाई दूज के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है?? (What Will Your Child Learn from the Bhai Dooj Essay?)
आपका बच्चा इस निबंध के माध्यम से अपने देश के त्योहार और संस्कृति के बारे में सीखेगा और जब त्योहार आएगा तब वो बेहतर रूप से इसका अर्थ समझेगा की हम भाई दूज क्यों मानते हैं और अपने साथ के दूसरे बच्चों को भी बता सकेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. भाई दूज भारत के अलावा किस देश में मनाया जाता है ?
भारत के अलावा नेपाल में भाई दूज मनाया जाता है, नेपाली लोग इसे ‘भाई टिकैन’ कहते हैं।
2. क्या भाई दूज के दिन लोग रंगोली बनाते हैं?
जी हाँ, भारत में हर शुभ काम में रंगोली बनाई जाती है। दिवाली के पूरे 5 दिनों तक चलने वाले त्योहार के दौरान, उत्सव में रौनक बनाए रखने के लिए रंगोली खुशी के साथ बनाई जाती हैं।
3. किन–किन राज्यों में भाई दूज किस किस नाम से जाना जाता है ?
भाई दूज कई राज्यों में अलग–अलह नाम से मशहूर है जैसे “मणिपुर में निंगोल चाकौबा”, “पश्चिम बंगाल में भाई फोंटा”, वहीं “महाराष्ट्र और गुजरात में भाउबीज” आदि नाम से प्रसिद्ध है।
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