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ये कहानी एक लोहार और जादुई हथौड़े की है। इसमें ये बताया गया है कि कैसे लोहार रामगोपाल की अच्छाई और साफ मन की वजह से एक साधु बाबा प्रसन्न होकर उसे जादुई हथौड़ा भेंट में देता है। जिसका सही तरीके से इस्तेमाल कर के लोहार एक बड़ा और अमीर आदमी बन गया। लेकिन लोहार का इस बीच का सफर कैसा रहा और उसने एक सफल आदमी बनने के लिए कितनी मेहनत की, ये सब बातों को जानने के लिए कहानी को जरूर पढ़ें और ऐसी ही मजेदार कहानियों को पढ़ने के लिए हमसे जुड़े रहें।
कहानी के पात्र (Characters Of Story)
इस कहानी में मुख्य पात्र इस प्रकार है:
- रामगोपाल नाम का एक लोहार
- रामगोपाल की पत्नी
- साधु बाबा
- मुखिया
जादुई हथौड़े की कहानी | Magical Hammer Story In Hindi
कही दूर एक मनसा नाम का गांव था, जहां पर रामगोपाल नाम का एक लोहार रहता था। उसका परिवार काफी बड़ा था और इसी वजह से उसे कई बार उनका पेट पालने के लिए दिन-रात काम करना पड़ता था। हमेशा की तरह काम पर जाने से पहले उसने इस बार भी अपनी बीवी से उसके खाने के डिब्बे को बांधने के लिए कहा। उसकी बीवी जब खाने का डिब्बा लाई तो रामगोपाल ने कहा, “आज मुझे आने में देर हो जाएगी। रात में ही आ पाऊंगा।” इसके बाद वो अपने काम पर निकल गया।
लोहार के काम के रास्ते में एक जंगल भी पड़ता था। जब उस दिन वह जंगल से गुजर रहा था तो उसे कोई आवाज सुनाई देती है। यह आवाज कहाँ से आ रही है यह देखने के लिए रामगोपाल थोड़ा करीब गया, तो उसने देखा कि एक साधु भगवान का जप कर रहा था और हंस रहा था। ये देखकर रामगोपाल ने हैरानी से पूछा, “आप ठीक हैं?”
रामगोपाल उस साधु को पहचानता नहीं था, लेकिन उस साधु बाबा ने उसे उसके नाम से पुकारा और कहा, “आ जाओ रामगोपाल बेटा, मुझे तुम्हारा ही इंतजार था। मुझे बहुत भूख लगी है, अपने डिब्बे से खाने को कुछ दे दो।”
अपना नाम बाबा से सुनकर लोहार बहुत हैरान था। लेकिन उसने अपना खाने का डिब्बा बिना किसी सवाल जवाब के साधु को दे दिया।
कुछ ही देर में साधु ने डिब्बे का सारा खाना खत्म कर दिया। उसके बाद बाबा ने रामगोपाल से बोला, “बेटा मैंने तुम्हारा सारा भोजन खा लिया, अब तुम क्या खाओगे। मुझे क्षमा कर दो।” रामगोपाल ने बोला, “कोई बात नहीं बाबा, मैं काम पर जा रहा हूं, तो वहीं कुछ खा लूंगा।”
इसके बाद साधु ने रामगोपाल को खूब सारा आशीर्वाद दिया और उपहार के तौर में उसे एक हथौड़ा दिया। रामगोपाल ने बोला, “आप आशीर्वाद दीजिए बस, मैं इस हथौड़े का क्या करूंगा? इसे आप अपने पास रखिए।”
साधु ने रामगोपाल को बोला, “बेटा, इसे मामूली हथौड़ा मत समझो, ये एक जादुई हथौड़ा है जिसे मेरे गुरु ने दिया था और अब मैं ये तुम्हे दे रहा हूं। मैं तुम्हे इसलिए ये हथौड़ा दे रहा हूं, क्योंकि तुम अच्छे इंसान हो और मन के साफ हो। इस हथौड़े का प्रयोग तुम अच्छे काम के लिए करना और कभी भी इसे किसी के हाथ नहीं लगने देना। ये सब बोलकर बाबा वहां से गायब हो गए।”
फिर रामगोपाल उस हथौड़े को लेकर काम पर निकल गया। जब उसने औजार बनाना शुरू किया, तो तभी उसने सोचा इस जादुई हथौड़े का प्रयोग करता हूं। उसने उस हथौड़े का इस्तेमाल लोहा पीटने के लिए किया और लोहे को जैसे ही मारा वो सीधा औजार बन गया। दूसरी बार मारने पर वह बर्तन में तब्दील हो गया।
रामगोपाल को विश्वास हो गया कि वो एक जादुई हथौड़ा है। वो जो भी बनाने के लिए सोचता था, बस लोहे पर मारने से वो सीधा बन जाता था। जब से जादुई हथौड़ा रामगोपाल के पास आया, तब से उसका काम जल्दी होने लगा और वह जल्दी घर चला जाता था।
इसी तरह से रामगोपाल का काम हर दिन जल्दी खत्म होने लगा और कई बार बर्तन बनाकर वो बाजार में गांव के लोगों को बेचकर भी आ जाता था। ऐसा करते-करते उसके घर के हालात सुधरने लगे।
एक दिन गांव के मुखिया उसके घर पहुंचे और उन्होंने रामगोपाल से कहा, “हम सभी गांव वालों को शहर जाने में वक्त लग जाता है। क्या तुम अपने हथौड़े से पहाड़ को तोड़कर एक रास्ता बना सकते हो? अगर रास्ता बन गया तो शहर जाने में कम समय लगेगा।”
मुखिया की बात के लिए रामगोपाल ने हामी भर दी और अपने हथौड़े से उस पहाड़ को तोड़ दिया। रास्ता निकल जाने की वजह से मुखिया और गांव वाले बहुत खुश हुए और इसके लिए रामगोपाल की बहुत प्रशंसा की।
जब लोहार पहाड़ तोड़ने के बाद वापस घर लौट रहा था, तभी उसके दिमाग में एक ख्याल आया कि इस हथौड़े से भले ही मेरा काम जल्दी हो रहा है लेकिन इससे मुझे कुछ ज्यादा फायदा नहीं हो पा रहा है। इसी वजह से वह उदास होकर घर जाने के बजाय जंगल की तरफ चला गया।
जंगल में जाते वक्त उसे एक बार फिर वही साधु बाबा मिले। लोहार ने बाबा को अपनी सारी परेशानियां बताई। इसके बाद साधु ने कहा, “तुम इसका इस्तेमाल सिर्फ औजार और बर्तन बनाने और पहाड़ तोड़ने के लिए ही नहीं कर सकते बल्कि तुम इसके इस्तेमाल से कुछ भी बना सकते हो और इससे मुश्किल से मुश्किल चीज को भी आसानी से तोड़ा जा सकता है।”
साधु ने रामगोपाल को जादुई हथौड़े का सही तरह से इस्तेमाल करना सिखाया। जिसके बाद रामगोपाल ने बहुत पैसे कमाए। रामगोपाल लोहार एक बहुत बड़ा और अमीर आदमी बन गया। अभी भी उसे जब भी जादुई हथौड़े की जरूरत पड़ती है, तो वह उसका उपयोग कर लेता है।
जादुई हथौड़े की कहानी से सीख (Moral of Magical Hammer Hindi Story)
जादुई हथौड़े की इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि हमारे पास कोई भी वस्तु हो उसका सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए, तभी आपको फायदा होगा। यदि आपके पास जो चीज है उसकी कीमत आप नहीं समझते हैं, तो आपका मेहनत करना व्यर्थ है।
जादुई हथौड़े की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of Magical Hammer Hindi Story)
यह कहानी पंचतंत्र कहानियों में आती है जिसमें यही बताया गया है कि हमारे पास जो कुछ भी है यदि हम उसका उपयोग ठीक से करते हैं तो उससे हमें बहुत लाभ हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. जादुई हथौड़े की नैतिक कहानी क्या है?
जादुई हथौड़े की इस कहानी में अपने पास मौजूद वस्तु का सही तरह से इस्तेमाल करना सिखाया गया है, तभी उससे आपको फायदा होगा। साथ ही एक अच्छा और साफ दिल वाला इंसान बनने की कोशिश करें, ताकि आपके साथ भी अच्छा हो।
2. हमें हमारे संसाधन का सही तरह से इस्तेमाल क्यों करना चाहिए?
व्यक्ति के पास जो संसाधन हो, उसे उसकी कद्र करनी चाहिए और उसका बेहतर तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए। जब तक आप सही ढंग से अपनी वस्तु का उपयोग सही ढंग से नहीं करेंगे तो आपको अपनी मेहनत का फल नहीं मिलेगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस कहानी का ये निष्कर्ष निकलता है कि, यदि आप अच्छे इंसान हैं तो ऊपर वाला भी किसी भी रूप में आपकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता है। जैसे रामगोपाल लोहार की मदद के लिए साधु बाबा को भेजा गया। उनके दिए जादुई हथौड़े के कारण ही लोहार के घर की स्थिति बदली और वो एक अमीर आदमी बना। साथ ही यदि आपके पास कोई खास वस्तु है, तो उसका सही तरीके से उपयोग करना भी आना चाहिए तभी आपको सफलता मिलेगी।
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