In this Article
- बच्चे के होंठ थरथराने का क्या मतलब है?
- बच्चे के होंठ कांपने के संकेत और लक्षण
- बच्चे के निचले होंठ कांपने का कारण
- बच्चों के होंठ थरथराने की जांच कैसे की जाती है
- बच्चों के होंठ कांपने से जुड़ी समस्याएं क्या हो सकती हैं
- बच्चों के होंठ कांपने के इलाज के विकल्प
- नवजात बच्चे के होंठ कांपना कब बंद होता है?
- बच्चे के होंठ थरथराने से कैसे बचाएं
- ध्यान में रखने वाली बातें
- अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
बच्चा होने के बाद माता-पिता की सारी दुनिया उसी के इर्द-गिर्द घूमने लगती है। ऐसे में अगर बच्चे को कुछ भी हो जाए, तो दिल घबरा जाता है और आप तुरंत उसे डॉक्टर के पास ले जाते हैं। कई बार शिशुओं की कुछ हरकतें ऐसी होती हैं जो पहली बार मम्मी-पापा बनने वालों के लिए नई होती हैं और उसके बारे में जानकारी न होने से चिंता का विषय बन जाती हैं। शिशुओं के होंठ थरथराना या कांपना भी इसके अंतर्गत आ सकता है। अगर आपका बच्चा कभी कभी ऐसा करता है, तो आपके मन में ये सवाल जरूर आया होगा कि कहीं यह कोई समस्या तो नहीं है या फिर छोटे बच्चों में ऐसा होना आम बात है। बच्चों में होंठ कांपने को अंग्रेजी में ‘लिप क्विवर’ कहते हैं। ऐसे समय में माता-पिता का डरना लाजमी है, लेकिन सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि ऐसा बच्चे के साथ क्यों हो रहा है।
बच्चे के होंठ थरथराने का क्या मतलब है?
कई बार मांएं देखती हैं कि उनके बच्चे का निचला होंठ कांप रहा है, जो देखने में ऐसा लगता है जैसे बच्चा अभी रोने वाला है, लेकिन वो रोता नहीं है। होंठ कांपने की यह प्रक्रिया कुछ सेकंड तक चलती है और फिर खुद ही रुक जाती है। अगर ऐसा कुछ दिनों तक बार-बार हो, तो माता-पिता थोड़ा घबरा जाते हैं। लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार ये किसी बीमारी का संकेत हो। कई बार ये बच्चे के विकास का हिस्सा भी हो सकता है। फिर भी ध्यान देना जरूरी है कि ये कितनी बार और कब हो रहा है।
बच्चे के होंठ कांपने के संकेत और लक्षण
बच्चे के होंठ या ठोड़ी कांपने के लक्षण और संकेत उसके व्यवहार से समझ में आ सकते हैं। कई बार इसके साथ कुछ और हल्के-फुल्के बदलाव भी दिख सकते हैं।
- कभी-कभी बच्चे के पैरों, ठोड़ी या होंठों में बहुत हल्की सी कंपकंपी दिखाई देती है, जो कि लगातार एक ही तरह की रफ्तार से होती है।
- बच्चों में होने वाली ये कंपन कुछ ही सेकंड तक रहती है और फिर अपने आप रुक जाती है।
- ये कंपन ज्यादातर तब होती है जब बच्चा भूखा हो, चिड़चिड़ा महसूस कर रहा हो या उसके आस-पास का तापमान बदल गया हो।
बच्चे के निचले होंठ कांपने का कारण
अगर आपके बच्चे के होंठ बार-बार कांप रहे हैं, तो इसके पीछे कोई स्वास्थ्य से जुड़ी वजह हो सकती है। हर बार ये सामान्य नहीं होता, इसलिए इसका कारण जानना जरूरी है। बच्चे के निचले होंठ कांपने के पीछे ये कारण हो सकते हैं।
1. जन्म से जुड़ी कोई समस्या
कई बार बच्चे के होंठ इसलिए भी कांपते हैं क्योंकि हो सकता है उसके शरीर में कोई कमी या दिक्कत जन्म के समय से ही हो। जैसे, बच्ची के शरीर में शुगर का संतुलन बिगड़ा हुआ हो या फिर कैल्शियम की बहुत कमी हो। कुछ मामलों में अगर डिलीवरी के वक्त बच्चे को पूरा ऑक्सीजन नहीं मिल पाया हो, तो भी इस तरह का कंपन देखने को मिल सकती है।
2. नर्वस सिस्टम का पूरी तरह विकसित न होना
छोटे बच्चों का नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) पूरी तरह से विकसित नहीं होता है, जिसकी वजह से शरीर के अलग-अलग हिस्सों में कंपन हो सकती है। होंठ के साथ-साथ हाथ, पैर या जबड़ों में भी हल्की-फुल्की हरकत दिख सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दिमाग से शरीर को जाने वाले सिग्नल कभी-कभी सही तरीके से नहीं पहुंचते। अच्छी बात ये है कि ये लक्षण धीरे-धीरे कुछ महीनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं।
3. बच्चे को भूख लगना
जब बच्चा भूखा होता है, तो उसका पेट खाली होने की वजह से शरीर में हल्की कंपन हो सकती है। ये बहुत ही आम वजह है और इसे लेकर ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं होती। बस बच्चे को दूध या खाना दे दें, तो कंपन अपने आप रुक जाती है।
4. खुशी या उत्साह
बच्चे कभी-कभी बहुत ज्यादा खुश या उत्साहित होते हैं, तो भी उनके होंठ हल्के से कांप सकते हैं। ये कांपना किसी एक तरफ ज्यादा महसूस हो सकता है। जैसे-जैसे उनकी खुशी थोड़ी कम होती है, वैसे ही उनका कंपन भी खत्म हो जाता है।
5. बच्चे को डर लगना
अगर बच्चा किसी चीज से डर जाए या उसे असुरक्षित महसूस हो, तो भी उसके होंठ कांप सकते हैं। ऐसे समय में बच्चे की दिल की धड़कन तेज होना या उसे पसीना आने जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं।
बच्चों के होंठ थरथराने की जांच कैसे की जाती है
जब किसी बच्चे के होंठ बार-बार कांपते हैं, तो डॉक्टर उसकी पूरी जांच करते हैं ताकि सही कारण पता चल सके। सबसे पहले डॉक्टर ये समझने की कोशिश करते हैं कि ये कंपन किसी बीमारी की वजह से हो रही है या सिर्फ सामान्य शरीर की हरकत है। ये समझना बहुत जरूरी होता है ताकि आगे सही इलाज किया जा सके।
- अगर बच्चे के होंठों में लगातार तीन महीने से ज्यादा समय तक कांपना दिख रहा हो, तो ज्यादातर डॉक्टर न्यूरोलॉजी स्पेशलिस्ट यानी दिमाग और नसों के डॉक्टर से सलाह लेने की सलाह देते हैं। डॉक्टर बच्चे की माँ की गर्भावस्था, डिलीवरी में हुई किसी परेशानी या जन्म के समय की स्थिति के आधार पर आगे की जांच करते हैं।
- बच्चे के होंठ ऐसे कांपने का सीधा संबंध उसके दिमाग और नर्वस सिस्टम से होता है, इसलिए डॉक्टर कुछ जरूरी जांच करवाते हैं। इनमें खून की जांच, शरीर में मिनरल्स (जैसे कैल्शियम, पोटेशियम आदि) की मात्रा देखने वाली जांच और एक खास तरह का फ्लूइड टेस्ट भी किया जा सकता है जो रीढ़ की हड्डी से जुड़ा होता है।
- कई बार दिमाग की बनावट को देखने के लिए एमआरआई स्कैन करवाया जाता है। इसके अलावा न्यूरल सोनोग्राफी नाम की एक और जांच होती है, जिससे दिमाग की स्थिति का अंदाजा लगाया जाता है।
- अगर जरूरत हो, तो सिर की नसों में न्यूट्रिशन सही तरीके से पहुंच रहा है या नहीं, इसकी भी जांच की जाती है। साथ में गर्दन का एक्स-रे और ईईजी (जो दिमाग से चलने वाले सिग्नल्स को रिकॉर्ड करता है) भी किया जा सकता है ताकि पूरे नर्वस सिस्टम की स्थिति साफ समझ में आ सके।
बच्चों के होंठ कांपने से जुड़ी समस्याएं क्या हो सकती हैं
अगर किसी मां-बाप को अपने बच्चे की ठोड़ी या होंठ कांपते दिखें, तो डर लगना बिल्कुल स्वाभाविक है। ज्यादातर मामलों में डॉक्टर बच्चे की ठीक से जांच करते हैं और अगर कोई बड़ी दिक्कत नहीं दिखती है, तो कुछ महीनों में बच्चे की ये कंपन अपने आप ठीक हो जाती है।
लेकिन अगर बच्चे का कांपना किसी अंदरूनी बीमारी की वजह से हो रहा हो, तो आगे चलकर कुछ परेशानियां हो सकती हैं। जैसे कि बच्चे के दिमाग पर असर पड़ सकता है (जिसे मेडिकल भाषा में पेरिनेटल एन्सेफैलोपैथी कहा जाता है)। कुछ गंभीर मामलों में ब्लड शुगर बहुत ज्यादा बढ़ जाना (हाइपरग्लाइसीमिया) या दिमाग में अंदरूनी रक्तस्राव (ब्रेन हेमरेज) जैसी स्थितियां भी हो सकती हैं। इसलिए अगर कंपन बार-बार हो रहा है या तीन महीने से ज्यादा समय तक बना हुआ है, तो डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है।
बच्चों के होंठ कांपने के इलाज के विकल्प
ज्यादातर बच्चों में होंठ या ठोड़ी का कांपना जन्म के कुछ हफ्तों या महीनों में अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन अगर तीन महीने के बाद भी ये परेशानी बनी रहे, तो डॉक्टर इसके लिए कुछ इलाज के विकल्प बता सकते हैं।
1. बच्चे के शरीर में कमी पूरी करना
कई बार बच्चे के शरीर में कुछ जरूरी चीजों की कमी हो सकती है, जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम या ग्लूकोज आदि। ऐसे में डॉक्टर दवाओं या सप्लीमेंट के जरिए इन कमियों को दूर करने की सलाह देते हैं। कुछ मामलों में ये चीजें सीधे नसों के जरिए दी जाती हैं ताकि बच्चे के शरीर में जल्दी असर दिखे और नर्वस सिस्टम को तुरंत राहत मिले।
2. एडवांस मेडिकल इलाज या तकनीक
अगर डॉक्टर को लगे कि बच्चे के दिमाग के अंदर दबाव बना हुआ है या आगे चलकर दौरे (सीजर्स) पड़ सकते हैं, तो वो कुछ खास दवाएं शुरू कर सकते हैं। इसमें ऐसी दवाएं होती हैं जो दिमाग में खून का बहाव सही करती हैं या नसों को रिलैक्स करती हैं। कई बार रीढ़ की हड्डी से फ्लूइड निकालने के लिए एक छोटी सी प्रक्रिया भी करनी पड़ सकती है। साथ ही, फिजियोथेरेपी जैसी चीजों से भी मदद ली जा सकती है ताकि बच्चा धीरे-धीरे सामान्य तरीके से बड़ा हो सके।
नवजात बच्चे के होंठ कांपना कब बंद होता है?
अधिकतर बच्चों के होंठ या ठोड़ी का कांपना जन्म के कुछ हफ्तों या 1-2 महीने के अंदर अपने आप ठीक हो जाता है। जैसे-जैसे बच्चे का नर्वस सिस्टम थोड़ा मजबूत होता है, वैसे-वैसे ये हल्की-फुल्की हरकतें अपने आप बंद हो जाती हैं। अगर बच्चा ठीक से खा रहा है, सो रहा है और बाकी सब सामान्य लग रहा है, तो ज्यादातर मामलों में चिंता की बात नहीं होती है।
बच्चे के होंठ थरथराने से कैसे बचाएं
यदि किसी बच्चे का निचला जबड़ा या होंठ बार-बार कांपता है, तो उसे पास में लेकर प्यार से शांत करना सबसे अच्छा उपाय है। मालिश करने और नहलाने से भी फर्क पद सकता है। इस बात ध्यान रखें कि बच्चे का आहार संतुलित हो और उसे किसी भी प्रकार के पोषण की कमी न हो।
ध्यान में रखने वाली बातें
अगर आपको लगे कि आपके बच्चे के होंठ कांप रहे हैं, तो सबसे पहले खुद को शांत रखें और बच्चे को भी प्यार से पकड़कर शांत करें। कभी-कभी कांपते हुए हिस्से को हल्के से छूने से वह थोड़ी देर के लिए रुक सकता है। आप चाहें तो दूसरे बच्चों के माता-पिता से भी बात कर सकते हैं, हो सकता है उन्होंने भी अपने बच्चों में ऐसा कुछ देखा हो और उनके अनुभव से आपको मदद मिले।
अगर बार-बार ऐसा हो रहा है और आपको वजह समझ नहीं आ रही, तो बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना बेहतर होगा। डॉक्टर कुछ जरूरी जांच करके आपको सही कारण बता सकते हैं। लेकिन याद रखें, छोटे बच्चों में होंठ या ठोड़ी का हल्का कांपना अक्सर सामान्य होता है और जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, ये खुद ही ठीक हो जाता है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है, बस ध्यान रखने की जरूरत है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या बच्चे के होंठ कांपना किसी जन्मजात बीमारी का संकेत हो सकता है?
कई मामलों में ऐसा कुछ नहीं होता, लेकिन बहुत ही कम मामलों में ये बच्चे के जन्म से जुड़ी समस्या की वजह से भी हो सकता है। अगर ऐसा है तो सिर्फ होंठ ही नहीं, बल्कि हाथ, पैर या शरीर के दूसरे हिस्सों में भी हल्का कंपन या झटके दिखाई दे सकते हैं। लेकिन बिना किसी और लक्षण के सिर्फ होंठ कांपना अक्सर सामान्य माना जाता है।
2. रोते समय बच्चे के निचले होंठ क्यों कांपते हैं?
छोटे बच्चों का नर्वस सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं होता, इसलिए रोते वक्त या किसी और वजह जैसे तेज आवाज या भूख लगने के समय उनके होंठ कांप सकते हैं। ये उनके शुरुआती रिफ्लेक्स का हिस्सा होता है और जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, ये अपने आप ठीक हो जाता है।
3. दूध पिलाते समय बच्चे के होंठ क्यों कांपते हैं?
दूध पिलाना बाहर से देखने में भले ही आसान लगे, लेकिन बच्चे के लिए ये एक मेहनत भरा काम होता है। इसमें जीभ, होंठ, गाल, और गले की मांसपेशियां सब मिलकर काम करती हैं। शुरुआत के हफ्तों में बच्चे की मांसपेशियां जल्दी थक सकती हैं, जिसकी वजह से दूध पीते समय होंठ या जबड़ा हल्का कांप सकता है। ये स्थिति सामान्य है और धीरे-धीरे खुद ही ठीक हो जाता है।
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