बच्चों के लिए बुद्धि के देव भगवान गणेश के कुछ श्लोक, अर्थ के साथ

बच्चों के लिए बुद्धि के देव भगवान गणेश के कुछ श्लोक, अर्थ के साथ

गणेश भगवान हम सबके प्रिय और सर्वप्रथम पूजनीय देव हैं, उनके श्लोक और मंत्रों के जाप सिर्फ बड़ों के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए भी फायदेमंद होते हैं। बच्चों को श्लोक सिखाने से पहले, उन्हें यह बताना जरुरी है कि श्लोक क्या होते हैं और इसके क्या फायदे हैं, श्लोकों की संक्षिप्त जानकारी के लिए नीचे दिए हुए वर्णन को पढ़ें।

श्लोक किसे कहते हैं

छंद या पद्यांश के रूप में संस्कृत भाषा की दो पंक्तियों की रचना होती है, उसे श्लोक कहा जाता है। इसमें लय व गति भी होती है और इनके द्वारा किसी कथन का वर्णन किया जाता है। ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ की कथा भी श्लोकों द्वारा ही कही गई है। योग करने के दौरान भी श्लोकों का उच्चारण करने से सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।

श्लोकों का उच्चारण क्यों किया जाता है

श्लोक हमारे ध्यान का एक प्राथमिक केंद्र है जो हमें एकाग्र होने और मन शांत करने में मदद करता है। इसका उच्चारण मनुष्य को मानसिक और शारीरिक रूप से अनेक लाभ प्रदान करता है । आप श्लोकों का उच्चारण भगवान को नमस्कार करने या योग के दौरान, किसी भी प्रकार से करें इसका अर्थ एक ही है मानसिक और शारीरिक शांति।

बच्चों के लिए भगवान गणेश के कुछ उपयोगी मंत्र, अर्थ के साथ

भगवान गणेश बुद्धिदाता हैं, यह हम सभी जानते हैं, इसलिए बच्चों को श्री विनायक के इन श्लोकों को जानना बेहद महत्वपूर्ण है । हमने यहाँ आपके लिए भगवान गणेश के अर्थ सहित कुछ उपयोगी मंत्र संग्रह किए हैं, जो आप उन्हें सिखा सकते हैं।

1.

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ:

निर्विघ्नं कुरु में देव सर्वकार्येषु सर्वदा।

अर्थ: हे! गज रूपी प्रभु, जिनकी ऊर्जा सौ सूर्यों के समान है, कृपया मेरे कार्यों से सभी विघ्नों (बाधा या रूकावट) को दूर करें।

2.

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लंबोदराय सकलाय जगद्धितायं।

नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥

अर्थ: हे विघ्नेश्वर, वरदाता, देवताओं के प्रिय, लंबोदर, कलाओं से परिपूर्ण, जगत का हित करनेवाले, गज के समान मुखवाले और वेद तथा यज्ञ से सुसज्जित पार्वतीपुत्र को नमस्कार है; हे गणनाथ, आपको नमस्कार है ।

3.

ॐ गं गणपतये नमो नमः

श्री सिद्धिविनायक नमो नमः

अष्टविनायक नमो नमः

गणपति बाप्पा मोरया।

अर्थ: यह मंत्र गणेश उपनिषद से लिया गया है। लोग इस मंत्र का उच्चारण अक्सर नई शुरुआत के समय करते हैं। यह शुरुआत किसी व्यवसाय, स्कूल में पढ़ाई, व्यापार और इत्यादि की भी हो सकती है ताकि हमारे सभी कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो सके।

4.

शुक्लांबरधरं विष्णुं,

शशि वर्णं चतुर्भुजं।

प्रसन्न वदनं ध्यायेत,

सर्व विघ्न उपशांतये।।

अर्थ: हम भगवान गणेश को प्रणाम करते हैं जो शुद्ध हैं, सृष्टि के कण कण में मौजूद हैं और जिनका रंग मटमैला है, जिनकी चार भुजाएं हैं, जो शांति व सुख प्रदान करते हैं और सभी विघ्नों को हर लेते हैं।

5.

गौरी नंदन गजानना

गिरिजा नंदन निरंजना

पार्वती नंदन शुभानना

पाहि प्रभो मां पाहि प्रसन्ना

अर्थ: हे! गौरी पुत्र भगवान गणेश, पर्वतों में बसने वाले भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र आप शुद्धता, संपन्नता और प्रसन्नता के प्रतीक हैं। कृपया हमारी भक्ति से प्रसन्न हों, हमें प्रसन्नता व सौभाग्य प्रदान करें और हमारी रक्षा करें।

श्लोक के उच्चारण से शारीरिक लाभ

जैसा की हमने पहले भी इस बारे में चर्चा की है, ध्यान के दौरान श्लोकों या मंत्रों का उच्चारण करने से अत्यधिक लाभ मिलते हैं, इन लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी कुछ इस प्रकार है;

  • श्लोकों का उच्चारण शरीर के अनेक जोड़ों पर प्रभाव डालता है जिस कारण इसकी आवृत्ति से हाइपोथेलेमस ग्रंथि सक्रिय होती है और यही ग्रंथि मन को खुशी के हॉर्मोन और इम्युनिटी (प्रतिरक्षा प्रणाली) को नियंत्रित करने में मदद करती है।
  • श्लोकों का उच्चारण अस्थमा और हृदय स्वास्थ्य के लिए भी प्रभावी है, सांसों को भीतर और बाहर करने से फेफड़ों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और सांस लेने की प्रक्रिया हमारे मन को शांत रखने में मदद करती है और हृदय की धड़कन को नियंत्रित करती है।
  • श्लोकों का जाप, हमारे शरीर में मौजूद सातों ऊर्जा चक्रों को उत्तेजित करता है और यही सात प्रकार के ऊर्जा चक्र हमारे शरीर के भीतरी अंगों को ठीक से कार्य करने में मदद करते हैं।
  • श्लोकों की आवृत्ति शारीरिक ऊर्जा उत्पन्न करती है जिससे हमारे शरीर के हॉर्मोन सकारात्मक रूप से उत्तेजित होते हैं और इससे रक्त संचार में सुधार आता है। ध्यान के दौरान श्लोकों का उच्चारण शरीर के भीतरी विषाक्त तत्वों को खत्म करके ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है और इससे हम संयमित, एकाग्र, तनावमुक्त तो रहते ही हैं साथ ही मन शांत रहता है और हमारी त्वचा में भी सुधार आता है।

श्री गणेश भगवान के श्लोकों के उच्चारण का प्रभाव

वैसे तो गणेश जी की पूजा गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में ही नहीं बल्कि हमेशा और हर दिन की जाती है। अनेक मातापिता अपने बच्चों को गणेश उपासना के लिए प्रेरित करते हैं और उनके मंत्रों के जाप की शिक्षा भी देते हैं। गणेश भगवान के श्लोकों के उच्चारण से अनेक फायदे हैं, जैसे;

  • माता सरस्वती के वरदान के कारण भगवान गणेश को ज्ञान और बुद्धि का देव भी कहा जाता है और वे बुद्धि का विकास करते हैं।
  • भगवान गणेश सर्वप्रथम पूजनीय देवता हैं और सुबह सबसे पहले श्री गणेश के मंत्रों का उच्चारण करने से सब कार्य संपन्न होने की मान्यता है।
  • भगवान गणेश, माता पार्वती के साथसाथ माता लक्ष्मी के भी मानस पुत्र होने के नाते धनसंपन्नता के दाता हैं।
  • गणेश भगवान के मंत्रों का जाप करने से डर, शंका और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
  • भगवान गणेश सफलता और वृद्धि के लिए मनुष्य को शक्ति भी प्रदान करते हैं।

बच्चों के द्वारा श्लोकों के उच्चारण से उनके मस्तिष्क के संज्ञानात्मक (ज्ञानसंबंधी) कार्यों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अपने बच्चे की मानसिक और शारीरिक वृद्धि के लिए उसे श्लोकों का ज्ञान जरूर दें।