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बच्चों का पालन-पोषण करना केवल उनके शारीरक विकास तक सीमित नहीं है – बल्कि यह मानसिक विकास को बढ़ाने से भी जुड़ा हुआ है। माता-पिता, यकीनन अपने बच्चों के करैक्टर को बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं और सबसे ज्यादा प्रभाव इस बात पर पड़ता है कि आपका बच्चा जब बड़ा होता है तो अपने जीवन में कैसे आगे बढ़ता है।
कुछ लोगों का कहना है कि बच्चे अपने आप मोरल वैल्यूज सीखते हैं या सीखने के लिए प्रीस्कूल भेजना जल्दबाजी करने जैसा है। हालांकि, यह गलत है; बच्चों को छोटी उम्र से ही मोरल वैल्यूज सिखाना सबसे अच्छा होता है, ताकि बड़े होने के साथ ही यह वैल्यूज उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाए।
आइए, कुछ मोरल वैल्यूज पर एक नजर डालें जो हर माता-पिता को अपने बच्चों को सिखाना चाहिए।
बच्चे अपने आस-पास के लोगों से सीखते हैं, इसलिए अपने बच्चों को अच्छे संस्कार सिखाने के लिए, आपको उनके जीवन में एक आइडियल की तरह बनना चाहिए। आप उन्हें बातों बातों में मोरल वैल्यूज सीखा सकते हैं, लेकिन आपका बच्चा केवल उन चीजों को मन में बिठाएगा जिन्हें आप अपने व्यवहार के माध्यम से उन्हें दिखाते हैं या करते हैं।
व्यक्तिगत अनुभव कहानियों की तरह होते हैं और सभी बच्चों को कहानियां सुनना पसंद होता है। इसलिए आप आपने जीवन में जो अनुभव किया उन्हें अपने बच्चे के साथ शेयर करें, उन्हें बताएं कि कैसे आपने जीवन में यह मोरल वैल्यूज काम आई, इस प्रकार आपका बच्चा चीजों को ज्यादा बेहतर तरीके से समझ सकेगा।
जब आपका बच्चा मोरल वैल्यूज का पालन करें आप उन्हें इस अच्छे काम लिए शाबाशी दें और इसके लिए उन्हें इनाम भी दें ताकि उन्हें अच्छे काम करते रहने की प्रेणा मिलती रहे। बच्चों की प्रशंसा करना और पुरस्कार देना उनके ऊपर पॉजिटिव असर डालता है, जो बच्चों के विकास में अच्छा कार्य करता है।
अपने बच्चे को बताएं की यह मोरल वैल्यूज उनके जीवन में हर रोज कैसे काम आतें हैं। उदाहरण के लिए, आप अखबार के एक लेख पर चर्चा कर सकते हैं और अपने बच्चे से पूछ सकते हैं कि वह उसी स्थिति में क्या करेंगे।
आज के समय में टेलीविजन और इंटरनेट से बच पाना मुश्किल है, लेकिन आप निश्चित रूप से बच्चे पर निगरानी रख सकते हैं कि आपका बच्चा क्या देख रहा है। इस बात का खयाल रखें की आपका बच्चा जो भी चीज देखे वो उसे अच्छी बातें सिखाती हो, उन्हें मोरल वैल्यूज पर अमल करना सिखाती हो और उन्हें उनकी उम्र के मुताबिक चीजें देखने की अनुमति दें।
कई माता-पिता अपने बच्चों को सिर्फ बड़ों के सम्मान करना सिखाते हैं, लेकिन यह गलत है। हर व्यक्ति सम्मान का हकदार होता है, चाहे वह किसी भी उम्र का हो या किसी भी समाज से हो। दूसरों का सम्मान करना मोरल वैल्यूज का एक अहम हिस्सा है जिसे आपके बच्चे को कम उम्र में जानना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें यह समझ में आती है कि अजनबियों और अपने बड़ों से कैसे व्यवहार करना है। वे बच्चे जो अपने दोस्तों और बड़ों का छोटी उम्र से सम्मान करना सीखते हैं, उन्हें भविष्य में इसका फायदा मिलता है। यहाँ तक कि यदि भविष्य में उसके सामने कोई मुश्किल समय आ जाए, तब भी आपका बच्चा दूसरों के प्रति सम्मान बनाए रखेगा।
परिवार बच्चों के जीवन का अभिन्न अंग है। यह उनके बड़े होने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए, अपने बच्चों को यह समझाना बहुत जरूरी होता है कि एक परिवार किसी इंसान के लिए कितना जरूरी होता है, ताकि वो इसका महत्व समझ सके। इस प्रकार आपका बच्चा अपने परिवार के सुख-दुःख में साथ रहेगा।
बच्चे को यह बताना बहुत जरूरी है कि हर चीज उनके अनुसार नहीं हो सकती हैं या उनके हिसाब से काम नहीं करेगा। उन्हें कम उम्र से यह सिखाएं कि जब कोई चीज उनके अनुसार न हो तो उन्हें चीजों से एडजस्ट और कोम्प्रोमाईज करना पड़ता है। एक ओर जहाँ बच्चे को एडजस्ट करना सिखाना मोरल वैल्यूज का हिस्सा है वहीं हद से ज्यादा एडजस्ट करना उन के लिए बुरा भी हो सकता है। इसलिए उन्हें कब एडजस्ट करना चाहिए और कब नहीं यह बात अच्छे से बताए, यदि बच्चे को किसी कोम्प्रोमाईज से नुकसान हो सकता है, तो यह न केवल उनके व्यक्तित्व पर बुरा असर डाल सकता है, बल्कि उसकी पहचान पर भी अंकुश लगा सकता है।
अपने बच्चे को छोटी उम्र से ही दूसरों की मदद करना सिखाया जाना चाहिए, भले ही कोई अजनबी ही क्यों हो। आपको अपने बच्चे को यह सिखाना होगा कि दूसरों की मदद करना जरूरी क्यों है और जब आप किसी की मदद करते हैं तो आपको बाद में किस तरह से यह मदद वापस मिलती है। समाज का एक हिस्सा होने की वजह यह बहुत जरूरी है कि आपका बच्चा दूसरों की जरूरतों को समझे।
आपके बच्चे का ऐसे पालन-पोषण किया जाना चाहिए, जहाँ न केवल उसे अपने धर्म का सम्मान करना आना चाहिए, बल्कि उसे यह भी बताना चाहिए कि प्रत्येक व्यक्ति को अपना धर्म चुनने का अधिकार है। छोटी उम्र से ही अपने बच्चों को सिखाएं कि सभी मनुष्य एक समान हैं, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो या वे कोई भी त्योहार मनाएं।
बच्चे को सही और गलत में फर्क बताना मोरल वैल्यूज का बहुत ही अहम हिस्सा है, न्याय क्यों जरूरी है और उसके साथ हमेशा खड़े रहना चाहिए, इसका महत्व बच्चे को बताएं। यह बातें आपको बच्चे में कम उम्र से ही डालना शुरू कर देनी चाहिए। अपनी और दूसरों की भलाई के लिए, बच्चों को हमेशा गलत चीजों के खिलाफ बोलने के लिए प्रोत्साहित करें।
छोटी उम्र से, बच्चों के लिए ईमानदारी को सबसे महत्वपूर्ण मोरल वैल्यूज में से एक बताना चाहिए। ईमानदारी बेहद अनमोल है और आपके बच्चे को ऑनेस्ट रहने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करें, भले ही उसने कोई भी गलती की हों।
अपने बच्चे को समझाएं कि किसी को चोट पहुँचाने का मतलब सिर्फ यह नहीं कि हम किसी को केवल शारीरिक रूप से ही चोट पहुँचा सकते हैं, कभी कभी हमारे व्यवहार से दूसरों को साइकोलॉजिकल या इमोशनल रूप से ठेस पहुँच सकती है। उन्हें बताएं कि अगर उन्होंने किसी का दिल दुखाया है या कोई गलती की है तो उन्हें समाने वाले से माफी मांगनी चाहिए और तुरंत अपनी गलती की माफी मांगनी चाहिए।
चोरी करना गलत है, इसके पीछे भले कोई भी कारण हो, यह मोरल वैल्यू भी बाकि की तरह बच्चों को सिखाना जरूरी है। अपने बच्चे को सिखाएं कि चोरी एक गलत चीज है, न केवल कानूनी रूप से, बल्कि नैतिक रूप से भी, जैसा कि आपका बच्चा किसी और की चीज बिना उनसे पूछे लेता है तो यह गलत है, किसी की भी चीज लेने से पहले हमेशा पूछना चाहिए।
बच्चों के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है और यह उनके जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाती हैं यह इस बात पर निर्भर करती है कि आपका बच्चा अपने जीवन में आगे क्या करेगा या कैसा बनेगा। बच्चों में शिक्षा के प्रति रुझान पैदा करना बहुत जरूरी होता है, इसकी शुरुआत आपको प्रीस्कूल से ही कर देनी चाहिए और उन्हें पढ़ाई का महत्व बताना भी बहुत जरूरी है।
आप बच्चों में शुरुआत से ही मोरल वैल्यूज डालना शुरू कर दें, इसके लिए उम्र कम है या ज्यादा यह बात मायने नहीं रखती है। यह बच्चे के व्यक्तित्व को बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है और बच्चा अपने जीवन को कैसे आकार देता है, इसमें उनकी बड़ी भूमिका होती है।
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