जैसा कि हमें हमारे माता-पिता और बड़ों ने हमेशा यही बताया है कि, किसी भी चीज की अधिकता अच्छी नहीं होती है, यहाँ तक की सूरज की धूप भी नहीं। जब आपका बच्चा बाहर होता है, तो उसकी कोमल मुलायम त्वचा को सूरज की हानिकारक यूवी (अल्ट्रावायलेट) रेडिएशन से बचाने की जरूरत होती है। हालांकि, यह जांच करना बेहद जरूरी है कि आप अपने बच्चे के लिए जिस सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने जा रही हैं उसमें किसी प्रकार का कोई टॉक्सिक केमिकल न मौजूद हो यह बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है, जो स्किन एलर्जी से लेकर कैंसर तक का कारण बन सकता है।
सनस्क्रीन दो कैटेगरी में आती है पहली मिनरल और दूसरी केमिकल। मिनरल सनस्क्रीन सूरज की हानिकारक रेडिएशन को त्वचा तक पहुँचने से रोकने का काम करती है। वहीं दूसरी ओर, केमिकल सनस्क्रीन त्वचा में अब्सॉर्ब हो जाती है ताकि यूवी रेज फिल्टर और अब्सॉर्ब हो सके और त्वचा को गहराई से प्रोटेक्ट कर सके। हालांकि, किसी ब्रांड का चयन करते समय, आपको नीचे बताए 10 ऐसे इंग्रेडिएंट से बचना है जो सनस्क्रीन में मौजूद होते हैं, इसके कुछ ऐसे साइड इफेक्ट्स हैं जो आपके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
केमिकल सनस्क्रीन में पाया जाने वाला यह कॉमन इंग्रेडिएंट हमारे शरीर में तेजी से अब्सॉर्ब हो जाता है और हम इसे निकाल नहीं सकते हैं जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं पैदा होने लगती हैं। जब ऑक्सीबेनजोन बच्चे की त्वचा में अब्सॉर्ब होता है, तो इसके कारण उन्हें एक्जिमा जैसा एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि ऑक्सीबेनजोन से आपके बच्चे के हार्मोन और एंडोक्राइन सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है।
सनस्क्रीन में पाया जाने वाला एक और ऐसा इंग्रेडिएंट जो आपके बच्चे की त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है, केमिकल ऑक्टिनॉक्सेट फ्री रेडिकल्स पैदा करता है जो त्वचा और सेल्स को लंबे समय के लिए नुकसान पहुँचा सकता है और ऐसा माना जाता है यह आपके बच्चे के हार्मोनल बैलेंस को भी प्रभावित करता है।
सनस्क्रीन में मौजूद इस एक्टिव इंग्रेडिएंट से त्वचा पर चकत्ते और सूजन जैसे अन्य गंभीर एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं, खासकर चेहरे/जीभ/गले आदि पर, इसके अलावा चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ होना आदि समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
एंटी-एजिंग पॉवर वाले सनस्क्रीन में होने वाला यह एक्टिव इंग्रेडिएंट सूरज से निकलने वाली यूवी रेज के संपर्क में आते ही ब्रेकडाउन होने लगता है और फ्री रेडिकल्स बनाने लगता है। ये डीएनए को नुकसान पहुँचाता है और यहाँ तक कि स्किन ट्यूमर और कैंसर का कारण भी बन सकता है।
यूवी रेज को अब्सॉर्ब करने वाला यह टॉक्सिक सनस्क्रीन इंग्रेडिएंट, हमारे शरीर में अब्सॉर्ब हो जाता है और समय के साथ टॉक्सिक होने लगता है। लंबे समय तक त्वचा पर रहने से यह हमारे हार्मोन को प्रभावित करता है।
सनस्क्रीन में पाया जाने वाला यह कॉमन टॉक्सिक केमिकल, एक्यूट और क्रोनिक दोनों तरह से नुकसान पहुँचा सकता है। सनस्क्रीन में मौजूद इस हानिकारक इंग्रेडिएंट के कारण बच्चे को एलर्जिक रिएक्शन, हार्मोन इम्बैलेंस, विकास संबंधी समस्या और रिप्रोडक्टिव टॉक्सिसिटी आदि समस्या हो सकती हैं, इसलिए आपको ऐसे इंग्रेडिएंट से बचना चाहिए।
यह केमिकल जो शरीर द्वारा आसानी से अब्सॉर्ब हो जाता है, वो यूवी रेज के संपर्क में आने से और भी हानिकारक हो जाता है। यह ऑक्सीजन रेडिकल्स पैदा करता है जो न केवल इंसान के शरीर में मौजूद सेल्स को नुकसान पहुँचा सकता है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी टॉक्सिक है।
यह जोखिम भरा हो सकता है जब इसे स्प्रे फॉर्म में सनस्क्रीन के जरिए अंदर लिया जाता है। इससे आपके बच्चे के फेफड़ों को छोटे पार्टिकल्स को साफ करने में परेशानी होती है, इसलिए यह फेफड़ों से खून में जा सकता है। घुलनशील नैनो पार्टिकल स्किन और फेफड़ों के टिश्यू में प्रवेश कर जाते हैं जिसके कारण यह कई जरूरी ऑर्गन डैमेज कर सकते हैं।
यह सनस्क्रीन में इस्तेमाल किया जाने वाला एक कॉमन प्रिजर्वेटिव और एक ताकतवर एलर्जेन भी है जो बच्चों में एक्यूट स्किन एलर्जी का कारण बन सकता है। सनस्क्रीन में पाए जाने वाले इस हानिकारक इंग्रेडिएंट से आपको खासतौर पर बचना चाहिए।
कुछ सनस्क्रीन में सिंथेटिक खुशबू का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें हानिकारक केमिकल का प्रयोग होता है, यह आपके बच्चे के हार्मोनल सिस्टम को प्रभावित कर सकता है। ये सनस्क्रीन में पाए जाने वाले हानिकारक इंग्रेडिएंट होते हैं जिसके साइड इफेक्ट्स लंबे समय तक के लिए बच्चे को प्रभावित कर सकते हैं।
यह जानकर कि सनस्क्रीन में पाए जाने वाले ये इंग्रेडिएंट आपके बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं, आपको टेंशन हो सकती है। इसलिए यह सुझाव दिया जाता है कि आप बच्चे के लिए हर्बल सनस्क्रीन का प्रयोग करें जिसमें हानिकारक केमिकल मौजूद नहीं होते। इसके अलावा, इस बात का ख्याल रखें कि जब आप बच्चे को लेकर कहीं बाहर जाएं तो उसे हैट और फुल शर्ट पहनाएं। ऐसी डाइट का पालन करें जिसमें एंटीऑक्सिडेंट अच्छी मात्रा में मौजूद हो ताकि बच्चे की स्किन अच्छी रहे, साथ ही बच्चे के आहार में ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां शामिल करें।
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