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बच्चों के साथ समय कहाँ और कब बीत जाता है पता ही नहीं लगता है। अपनी बढ़ती आयु के साथ शिशु बिना रुके इधर-उधर घूमता है, घुटनों के बल चलता है, अपने नन्हे-नन्हे कदमों से चलने व दौड़ने का पूरा दिन प्रयास करता है और उसके इस उत्साह के साथ पूरा समय उस पर ध्यान देना आपके लिए कठिन हो सकता है।14 महीने की आयु में बच्चे के लिए दुनिया अभी बहुत नई है जिसमें उसके लिए करने को बहुत कुछ है। इस उम्र में आपका बच्चा अपने मोटर स्किल की मदद से बहुत कुछ नया करना चाहता है और परखना चाहता है।
इस आयु तक उसे हाथ हिलाकर बाय करना अच्छी तरह से आ जाता है। साथ ही इस समय तक वह माँ व पापा में भेद करने व इन शब्दों को बोलने का प्रयास करता है। 14वें महीने का बच्चा जो बोलता है उससे ज्यादा समझने में सक्षम हो जाता है।
हर दिन आपके बच्चे के एक नए कदम के साथ उसका आत्म-विश्वास बढ़ेगा। आपका बच्चा चलना व रुकना बहुत आराम से कर पाएगा और साथ ही वह खड़े होकर ऊपर ऊंचा होने में भी सक्षम होगा। बच्चों को चीजें उलट-पलट करने में अधिक मजा आता है। आप उसे बहुत सी चीजों को एक से दूसरी जगह हटाते हुए देखेंगी और वह इस कार्य को बिना थके करने में सक्षम होगा।
इस आयु में बच्चे के शारीरिक विकास के साथ-साथ उसकी मोटर स्किल तेजी से विकसित होती है और यह विकास उसे नई चीजें करने के लिए लगातार प्रेरित करते हैं। इस उम्र में बच्चों में बहुत अधिक सामाजिक, भावनात्मक, मानसिक और संचार का विकास होता है।
यहाँ 14 महीने के बच्चे में क्या-क्या विकास हो सकते हैं उस बारे में चर्चा की गई है, आइए जानते हैं;
इस उम्र में अपने बच्चे के मुँह से “ना” शब्द सुनने के लिए तैयार रहें। इतने कम शब्दों और हाव-भाव के साथ उसके लिए कभी-कभी अपनी इच्छाएं व्यक्त करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए बच्चे अक्सर अपने संवाद में नकारात्मक व्यवहार का उपयोग करते हैं। वे अपनी नई स्वतंत्रता का परीक्षण करना पसंद करते हैं और इसी कारण से आपको अपने बच्चे के लिए कुछ छोटी-छोटी सीमाएं निर्धारित करने के बारे में सोचना चाहिए। इसमें आपकी और आपके साथी की सहमति होना आवश्यक है।
ऐसा हो सकता है कि आपका बच्चा अचानक बहुत जिद्दी हो जाए और अपने हिसाब से चीजें करने की जिद करे। उदाहरण के लिए, शायद वह अपने जूते खुद पहनने की जिद कर सकता है या अपने लिए खुद जूस निकालना चाहेगा, भले ही वह ऐसी चीजों के लिए सक्षम न हो।हालांकि कभी-कभी आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपका बच्चा बहुत ही अड़ियल और जिद्दी हो गया है, ध्यान रखें कि वह ये सब बस इसलिए कर रहा है ताकि वह दुनिया के बारे में जान सके और इसमें रहना सीख सके।
इस उम्र के बच्चे वास्तव में यह समझने में सक्षम नहीं हैं कि दूसरों की भावनाएं क्या हैं। यदि आपका बच्चा अपने दोस्त को मारता है और प्रतिक्रिया में उसका दोस्त चिल्लाए, तो आपका बच्चा इस प्रतिक्रिया को देखकर रुक सकता है और समझने का प्रयास कर सकता है, लेकिन उसे इस बात का एहसास नहीं होगा कि उसके दोस्त को दर्द हो रहा है। इस स्थिति में, आपको अपने बच्चे के पास जाकर उसे दृढ़ होकर समझाना चाहिए कि मारने से चोट लगती है और अगर फिर भी वह खुद को नियंत्रित करने में असमर्थ है, तो उसे वहाँ से दूर ले जाएं, बच्चे ऐसा अक्सर चिड़चिड़ाने की वजह से करते हैं।
इस उम्र में आपका बच्चा पहले से कम भोजन ग्रहण करेगा। इस दौरान बच्चे का विकास धीमा होता है और यही कारण है कि उन्हें उतना भोजन करने की आवश्यकता नहीं है जितना कि शिशुओं को होती है। ऐसे में कभी-कभी यह सुनिश्चित करना कठिन हो सकता है कि उन्हें सही पोषक तत्व मिल रहे हैं या नहीं। यहाँ 14 महीने के बच्चे के लिए भोजन सामग्री बताई गई है जिनका उपयोग आप अपने बच्चे को सही पोषण देने के लिए कर सकती हैं। ये सभी खाद्य पदार्थ आपके बच्चे के विकास में मदद कर सकते हैं, आइए जानें;
14 माह की आयु में बच्चे के आहार में दूध व दूध के पदार्थों को शामिल करना आवश्यक है। यह खाद्य पदार्थ कैल्शियम और विटामिन ‘डी’ का एक समृद्ध स्रोत है, ये दोनों पोषक तत्व आपके बच्चे में मजबूत हड्डियों और दाँतों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
14 महीने के बच्चों को खेलने और अन्वेषण करने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और इसलिए उन्हें ज्यादातर प्रोटीन-युक्त आहार ही दें। विशेष रूप से मांस और फलियों में अधिक प्रोटीन होता है और साथ आप उसे अंडे के सरल व मजेदार व्यंजन बनाकर भी दे सकती हैं।
बच्चे को आहार में प्रोसेस्ड अनाज के बजाय साबुत अनाज देना एक बेहतर विकल्प है क्योंकि इसमें फाइबर की उच्च मात्रा होती है और चीनी कम होती है।
अपने बच्चे को नियमित रूप से एक कप फल व एक कप सब्जी खिलाएं, इस आहार में अधिक पोषण होता है और ऐसा करने से उसे डॉक्टर के पास अधिक ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी। फल और सब्जियां आपके बच्चे को पर्याप्त मिनरल और विटामिन प्रदान करके उसके विकास में मदद करते हैं।
आपका बच्चा प्रति दिन कम से कम 13 से 14 घंटे सोता होगा। रात के समय वह लगभग 11 घंटे सो सकता है और उसकी बाकी नींद दिन में थोड़ी-थोड़ी देर सोकर पूरी हो सकती है। हर बच्चा एक जैसा नहीं होता है, कुछ बच्चे दूसरों की तुलना में अधिक सोना पसंद करते हैं। यदि आपका बच्चा रात में देर तक जागे रहना पसंद करता है, तो अच्छी नींद के लिए नियमित रूप से सोने की आदत डालने में उसकी मदद करें। सोने से पहले बच्चे को गुनगुने पानी से स्नान करवाएं और बाद में उसकी पसंदीदा किताब से उसे पढ़ाएं, ऐसा करने से उसे आरामदायक नींद लेने में मदद मिलेगी।
बच्चे को दिन में अधिक सुलाने से उसे रात को सोने में देरी हो सकती है इसलिए रात की अच्छी नींद के लिए आप बच्चे को दिन में व्यस्त व सक्रीय रखने के साथ-साथ कम सुलाएं।
अपने बच्चे को विभिन्न व मजेदार खेलों के माध्यम से नई चीजें सिखाएं जैसे ब्लॉक, खिलौने वाले वाहनों के साथ खेलना, उसे कागज पर रंगों से चित्र बनवाना और कई अन्य गतिविधियां। बच्चे के साथ समय बिताते वक्त उसके साथ पढ़ें ताकि वह अधिक से अधिक सीखने के लिए प्रोत्साहित हो। रंग बिरंगे चित्रों वाली किताबें खरीदें, इससे आपके बच्चे की पढ़ने में रूचि विकसित होगी। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा आपको पढ़ते हुए देखे, यह क्रिया उसमें बचपन से ही पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करती है जो आगे उसके लिए अधिक लाभकारी सिद्ध होगी। यह आदत बच्चे में भाषा और बात करने के कौशल को भी प्रोत्साहित करती है।
अपने बच्चे की कुशल वृद्धि व स्वस्थ विकास के लिए आप निम्नलिखित सुझावों का चयन कर सकती हैं;
यदि आपका बच्चा यह समझने का संकेत नहीं देता है कि उसके वातावरण में क्या चल रहा है तो यह एक समस्या भी हो सकती है। हर बच्चे का विकास उसके निर्धारित लक्ष्य के अनुसार नहीं हो पाता है। लेकिन यदि 14 महीने का बच्चा अपने आस-पास की चीजों को खोजने या बोलने व संवाद करने का प्रयास नहीं करता है तो यह भी एक समस्या हो सकती है। इस स्थिति में आपको डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता है।
इस आयु में बच्चा खुद से घूमने लगता है और उसे अधिक महसूस होने लगता है कि वह अपने वातावरण में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है, जबकि इससे पहले कि वह बस एक पर्यवेक्षक था। हमेशा बच्चे के पीछे-पीछे रहना और उसे इस दुनिया के साथ व्यवहार करने का तरीका सिखाने की कोशिश करना आपके लिए आसान नहीं है, लेकिन यह आपके बच्चे के लिए अच्छा होगा। हमेशा याद रखें कि आप उसके आस-पास इस्तेमाल होने वाले शब्दों के प्रति सचेत रहें और ऐसा कुछ भी न करें जो उसे सीखना नहीं चाहिए।
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