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पिछले दो सालों में हमने विभिन्न देशों में कोरोना वायरस के कई वैरिएंट्स को देखा है। जिसमे से कुछ अत्यधिक संक्रामक थे और कुछ कम, पर जानलेवा थे। हम सब ने बहुत ही सही समय पर वैक्सीन लगवाकर इससे लड़ने का फैसला किया। पर साथ ही साथ हमे अपने बच्चों की चिंता हो रही थी, क्योंकि उनके लिए वैक्सीन अभी तक नहीं आई थी। लेकिन साइंटिस्ट्स की कड़ी प्रयास के बाद हम आज इस चरण में पहुंच चुके हैं कि अब भारत में बच्चों के लिए भी कोरोना वायरस की वैक्सीन आ गई है।
वैसे तो बच्चों ने शुरू से ही इस वायरस के प्रति एक मजबूत इम्युनिटी दिखाई है। लेकिन देश में ओमीक्रॉन (B.1.1.529) आने के बाद, चीजें थोड़ी बदल सी गई हैं। ऐसे समय में जब बच्चे अपनी वार्षिक परीक्षा की तैयारी में जुट गए थे, तीसरी लहर का डर अब सबको चिंता में डाल रहा है।
जब बच्चों की बात आती है, तब बेहतर है कि पेरेंट्स पूरी जानकारी रखें और आने वाले समय के लिए खुद को तैयार कर लें।
देश और दुनिया भर में ओमीक्रॉन के बढ़ते हुए मामलों को ध्यान में रखकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 3 जनवरी, 2022 से 15 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए कोविड -19 वैक्सीन अभियान की घोषणा की है।
भले ही बच्चों ने अब तक कोविड -19 इन्फेक्शन के खिलाफ मजबूत इम्युनिटी दिखाई है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि ओमीक्रॉन वैरिएंट के साथ जरूरी नहीं है ऐसा हो। जहां तक ओमीक्रॉन के फैलने की बात आती है, बच्चों में बड़ों की तुलना में हल्के लक्षण दिखाए दिए हैं। लेकिन, अभी स्पष्ट तस्वीर आना बाकी है।
चूंकि, 15 से 18 वर्ष की उम्र के कई बच्चों की फाइनल परीक्षाएं होने वाली हैं, इसलिए टीकाकरण अभियान बच्चों और माता-पिता दोनों के लिए ओमीक्रॉन के डर से राहत की बात है। वैक्सीनेशन हो जाने से बच्चे स्कूलों और कॉलेजों में अपनी ऑफलाइन को वापस जॉइन कर सकते हैं क्योंकि क्योंकि दो साल से शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने के कारण बच्चों की पढाई में बहुत नुकसान हुआ है।
CoWIN प्लेटफॉर्म के प्रमुख की सूचना के अनुसार, बच्चों को CoWIN पोर्टल पर 1 जनवरी, 2022 से, Covid-19 वैक्सीन जैब्स के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। बच्चे रजिस्ट्रेशन के लिए अपने कक्षा 10वीं के आईडी कार्ड या आधार कार्ड का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि कुछ बच्चों के पास आधार या अन्य पहचान पत्र नहीं भी हो सकते हैं।
15-18 वर्ष के बच्चे जिनका जन्म 2007 और उससे पहले हुआ है, उन्हें CoWIN पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। यदि आपके पास एक पहले से ही CoWIN अकाउंट है, तो आप एक वैलिड (सही) मोबाइल नंबर का उपयोग करके सेल्फ-रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं या एक नया अकाउंट भी बना सकते हैं। CoWIN ऐप और वेबसाइट पर रजिस्टर करने के स्टेप्स नीचे दिए गए हैं।
स्टेप-1: अपने मोबाइल फोन पर CoWIN एप्लिकेशन डाउनलोड और इंस्टॉल करें।
स्टेप-2: अपने वैलिड मोबाइल नंबर से रजिस्टर करें।
स्टेप-3: मोबाइल नंबर डालने के बाद प्राप्त ओटीपी (OTP – वन टाइम पासवर्ड) डालकर वेरीफाई करें।
स्टेप-4: मोबाइल नंबर वेरीफाई होने के बाद, एक रजिस्ट्रेशन पेज दिखेगा, और आपको एक फोटो आईडी के साथ नाम, लिंग, आयु, जन्म तिथि आदि सहित अपना पर्सनल डिटेल्स डालना होगा। आपके द्वारा डाली गई इस फोटो आईडी का उपयोग वैक्सीनेशन सेंटर में वेरिफिकेशन के लिए किया जाएगा।
स्टेप-5: सभी आवश्यक रिक्त स्थान भरने के बाद, रजिस्टर बटन पर क्लिक करें।
स्टेप-6: पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद, आप पास वाले वैक्सीनेशन सेंटर और अपने अनुसार तिथि का चुनाव करके अपॉइंटमेंट शेड्यूल कर सकते हैं।
स्टेप-7: अंत में, अपनी कोविड -19 वैक्सीन अपॉइंटमेंट को सफलतापूर्वक बुक करने के लिए ‘बुक अपॉइंटमेंट’ पर क्लिक करें।
स्टेप-1: CoWIN की वेबसाइट पर जाएं: www.cowin.gov.in.
स्टेप-2: पेज के सबसे ऊपर दाईं ओर आपको एक टैब मिलेगा: रजिस्टर/साइन इन। उस पर क्लिक करें।
स्टेप-3: उस टैब पर क्लिक करने के बाद, रजिस्ट्रेशन के लिए एक नया पेज खुलेगा।
स्टेप-4: अपने वैलिड मोबाइल नंबर के साथ रजिस्टर करें।
स्टेप-5: अपना मोबाइल नंबर डालने करने के बाद प्राप्त ओटीपी (OTP- वन टाइम पासवर्ड) डालें और वेरीफाई करें।
स्टेप-6: एक बार नंबर वेरीफाई हो जाने पर, एक रजिस्ट्रेशन पेज दिखेगा, और आपको एक फोटो आईडी के साथ नाम, लिंग, आयु, जन्म तिथि आदि सहित अपना पर्सनल डिटेल्स भरना होगा। आपके द्वारा डाली गई इस फोटो आईडी का उपयोग वैक्सीनेशन सेंटर में वेरिफिकेशन के लिए किया जाएगा।
स्टेप-7: सभी आवश्यक रिक्त स्थान भरने के बाद, रजिस्टर बटन पर क्लिक करें।
स्टेप-8: पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद, आप पास वाले वैक्सीनेशन सेंटर और अपने अनुसार तिथि का चुनाव करके अपॉइंटमेंट शेड्यूल कर सकते हैं।
स्टेप-9: अंत में, अपनी कोविड -19 वैक्सीन अपॉइंटमेंट को सफलतापूर्वक बुक करने के लिए ‘बुक अपॉइंटमेंट’ पर क्लिक करें।
बच्चों को SARS-COV-2 और इसके नए वैरिएंट्स के खिलाफ इम्यून रिस्पांस को बनाने के लिए Covaxin की दो डोज लेने की आवश्यकता होगी। दूसरी डोज 28 दिनों के अंतराल के बाद दी जाती है।
डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार, बच्चों में कोविड -19 इन्फेक्शन होने की संभावना कम है, लेकिन अगर वे वैक्सीन नहीं लगाते हैं तो वे नोवेल कोरोनवायरस के कैरियर के रूप में कार्य कर सकते हैं। यह सीनियर सिटीजेंस और डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर रोगियों को जोखिम में डाल सकता है। आपको घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन साथ ही जिम्मेदारी से काम लेने की सलाह दी जाती है। मास्क और सैनिटाइजर के इस्तेमाल, हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग को जरूर फॉलो करना चाहिए। और वायरस के बेसिक लक्षणों को भी अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।
दी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 12 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए भारत बायोटेक के Covaxin को इमरजेंसी उपयोग के लिए मंजूरी दी है। यह 12 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए Zydus Healthcare के ZyCoV-D वैक्सीन के अप्रूवल के बाद इमरजेंसी उपयोग के लिए स्वीकृत दूसरा वैक्सीन है।
हालांकि, 3 जनवरी, 2022 से देश में 15 से 18 साल के बच्चों को केवल Covaxin दिया जाएगा।
जी हां, भारत में इस समय 15-18 साल के बच्चों के लिए Covaxin एकमात्र वैक्सीन उपलब्ध है। भले ही Zydus Healthcare के ZyCoV-D वैक्सीन को 12-18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए एमर्जेन्सी उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई है, लेकिन इसे अभी तक भारत के टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया है।
Covaxin ने ट्रायल्स के दौरान बच्चों में प्रभावी रिजल्ट और एंटीबॉडी प्रोटेक्शन का सही प्रदर्शन किया है। इसलिए, इसे दी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा आपातकालीन उपयोग के लिए ऑथोराइजेशन प्रदान किया गया है।
Covaxin मूल नोवल कोरोनावायरस और इसके बाद के वैरिएंट्स के खिलाफ बड़ों में प्रभावी साबित हुआ है। लेकिन इस समय ओमीक्रॉन के खिलाफ बच्चों में कोविड के टीकों की प्रभावकारिता को साबित करना अभी भी बाकि है।
बच्चों पर ट्रायल्स के दौरान वैक्सीन का कोई प्रतिकूल दुष्प्रभाव तो नहीं मिला है। हालांकि, सामान्य दुष्प्रभाव जैसे सर घूमना, बुखार, थका हुआ महसूस करना, टीका वाली जगह पर दर्द और शरीर में दर्द जैसी समस्याएं 2-3 दिनों में दूर होने की उम्मीद की जा सकती है। जो बच्चे सेंसिटिव होते हैं या पहले भी मिलने वाले टीकों के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया नहीं देते हैं, उन्हें ज्यादा देखभाल की जरूरत हो सकती है।
मौसम में बदलाव के वजह से बच्चों में खांसी-जुकाम के मामले आने की संभावना है। लेकिन माता-पिता के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे आम सर्दी को कोविड -19 इन्फेक्शन समझकर घबराएं नहीं और भ्रमित न करें। ऐसे में पेरेंट्स यह कर सकते हैं कि भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचकर और मास्क पहनकर एहतियात बरतें। यदि आपका बच्चा ऐसे किसी भी लक्षण का अनुभव करता है जो कोविड -19 इन्फेक्शन के समान दिखता है, तो किसी अन्य उपचार का सहारा लेने से पहले अपने बच्चे के डॉक्टर को दिखाएं।
स्रोत 1: Timesofindia.indiatimes.com
स्रोत 2 : Ndtv.Com
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