टॉडलर (1-3 वर्ष)

19 माह के शिशु के लिए आहार संबंधी सुझाव

हमारे अधिकांश पारंपरिक भोजन, विशिष्ट भारतीय खाद्य व्यंजनों के इर्द-गिर्द घूमते हैं। भले ही उनके स्वाद में काफी विविधता है, लेकिन फिर भी ये जल्द ही बच्चों को दोहराव जैसा लगने लगता है। अलग-अलग नाश्ते के विकल्पों का चयन कर या विभिन्न व्यंजनों का एक संलयन बनाकर आप एक भोजन तालिका बना सकते हैं, जिसमें रोचक व्यंजनों की भरमार हो।

19 माह के शिशु के लिए पोषण संबंधी आवश्यकताएं

आपके बच्चे के लिए, संतुलित पोषण सुनिश्चित करने के लिए, दोपहर के भोजन से लेकर शाम के नाश्ते तक, सभी पर एक साथ काम करने की आवश्यकता होगी।

1. कार्बोहाइड्रेट

कार्बोहाइड्रेट ही है, जो बच्चों में ऊर्जा का स्तर ऊँचा रखने के लिए आवश्यक होते हैं, जिससे उन्हें अपनी इच्छानुसार खेलने और किसी भी काम में लगे रहने में सहायता मिलती है।

2. प्रोटीन

एक बच्चे की वास्तविक शारीरिक वृद्धि प्रोटीन पर अत्यधिक निर्भर होती है, भले ही दैनिक आवश्यकता उतनी न हो, जितनी आप सोचते हैं। अपने परिवार के आहार के आधार पर, प्रोटीन का सेवन नियंत्रित किया जाना चाहिए।

3. लोहा

बच्चों में एनीमिया सामान्य है और यह अनगिनत तरीकों से उनके विकास को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। लौह तत्व को विभिन्न रूपों में शामिल करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस उम्र में बच्चे स्तनपान नहीं करते है।

4. मल्टीविटामिन

लोकप्रिय राय के विपरीत, यदि बच्चे के स्वास्थ्य में कोई समस्या पता लगती है, तो डॉक्टरों द्वारा मल्टीविटामिन लेने का सुझाव नहीं दिया जाता है। ये आमतौर पर किसी भी प्रकार की कमी को संतुलित करने के लिए एक पूर्व उपाय के रूप में दिए जाते हैं, जिसे एक बच्चे द्वारा अनुभव करने का खतरा हो सकता है।

5. सोडियम

सोडियम की अधिकता से बाद में ह्रदय से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं, जबकि इसकी अनुपस्थिति अभी विकास संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है।

6. कैलोरी

ऊर्जा और पोषण एक ही सिक्के के दो पहलू हो सकते हैं, लेकिन शरीर दोनों को अलग-अलग तरीकों से प्राप्त करता है। एक पौष्टिक आहार ऊर्जावान हो ऐसा आवश्यक नहीं है, अतः कैलोरी की मात्रा पर ठीक से निगाह रखना आवश्यक हो जाता है।

7. फाइबर

फाइबर की कमी एक बच्चे के साथ होने वाली असामान्य चीज़ों में से एक है, क्योंकि उनकी उपस्थिति कई खाद्य पदार्थों में है। जितना अधिक आप कच्ची सब्जियों और फलों का सेवन करते हैं, उतना ही बेहतर आपके फाइबर का सेवन बना रहता है।

8. पानी

बच्चों को दिन में कई बार पानी पीने की सलाह दी जाती है। शरीर में पानी की उचित मात्रा बनाए रखने पर ध्यान न देने से कमी चरम सीमा तक पहुँच जाती है और इसके दुष्प्रभावों का अनुभव करना बहुत आसान होता है। आपको इन सबसे बचने के लिए बस 8 गिलास पानी पीने की जरुरत है हैं।

19 माह के शिशु के लिए कितना भोजन ज़रूरी है?

ज्यादातर बच्चे 1.5 साल की उम्र पार करते ही अपनी गतिविधियाँ बढ़ाना शुरू कर देते हैं। इसलिए, उनकी कैलोरी आवश्यकताएँ आमतौर पर 1.2-1.4 किलोकैलोरीज़ (1200 से 1400 कैलोरी) के बीच रहती हैं, जो उनके शारीरिक गठन और चयापचय (मेटाबॉलिज़्म) पर भी निर्भर करती है।

19 माह के शिशु के लिए सर्वश्रेष्ठ खाद्य पदार्थ

यहाँ 19 महीने के बच्चे के लिए कुछ स्नैक्स दिए गए हैं, जिन्हें आप पका कर देख सकते हैं।

1. मांस

उन परिवारों को, जो अपने बच्चे को मांस देते हैं, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि मांस जैविक और ताजा होना चाहिए और साथ ही सही तरीके से पका हुआ भी होना चाहिए। अपने बच्चों को बड़े टुकड़ों की तुलना में मांस के छोटे टुकड़े दें।

2. दूध

प्रतिदिन एक गिलास दूध पर्याप्त मात्रा में पोषण प्रदान करता है। आपका बच्चा इसे सुबह पिए या शाम को, इसके साथ कुछ मेवे भी देना उच्च पोषण बनाए रखने का एक अच्छा तरीका है।

3. फल

कीवी और ड्रैगन फ्रूट के साथ-साथ केले और सेब जैसे साधारण फल भी बहुत उपयोगी होते हैं। जूस पीने से बेहतर इन्हें पूरा खा लेना ही है।

4. दुग्ध उत्पाद

दही और छाछ, एक साथ पोषण और बेहतर स्वास्थ्य का संतुलन बनाए रखते हैं। ‘पनीर सैंडविच’ भी एक अच्छा विकल्प है।

5. मेवे

मेवे को चाहे आपदूध और अन्य उत्पादों में मिलाएं या उन्हें ऐसे ही अपने बच्चे को दें, मेवों में ओमेगा-3 फैटी एसिड से लेकर वसा तक कई पोषक तत्व शामिल हैं, जो आपके बच्चे के लिए बहुत लाभकारी हैं।

6. समुद्री भोजन

अपने बच्चे को समुद्री भोजन देते समय आपको यह अवश्य पता होना चाहिए कि उसे उन मछलियों से दूर रखना है, जिनमें पारे (मर्क्युरी) की उच्च मात्रा होती है, साथ ही विभिन्न प्रकार की उन सीपदार मछलियों (शेलफ़िश) से, जिनसे एलर्जी आरंभ हो सकती है।

7. अनाज

यदि आपके बच्चे को रोटी या अनाज जैसे खाद्य पदार्थ अच्छे नहीं लगते, तो आप उसे ब्राउन राइस, यहाँ तक कि ज्वार-बाजरे के साथ बदल सकते हैं। ये संपूर्ण अनाज शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हैं और अच्छी मात्रा में प्रोटीन प्रदान करते हैं।

8. अंडे

अंडे को विभिन्न रूप में इस्तेमाल में लाया जा सकता है, चाहे ऑमलेट बनाएं, सैंडविच बनाएं , उबले हुए रूप में दें, अंडे की भुर्जी दें, आप अंडे बहुत तरीकों से तैयार कर सकते हैं और अनेक नए तरीके भी सोच सकते हैं, जो सर्वोत्तम रूप से पोषण और ऊर्जा बढ़ाए।

9. तेल

वयस्कों के लिए सूरजमुखी तेल के इस्तेमाल की सलाह नहीं दी जाती है, अतः आप अपने घर में इसका उपयोग कम से कम करें। उसके बदले एक अधिक गुणकारी तेल का प्रयोग करना और इसका उचित मात्रा में उपयोग करना सबसे अच्छा है, ताकि आपके बच्चे को इससे स्वास्थ्य लाभ भी हो।

10. सब्जियां

संपूर्ण भारतीय व्यंजन, विभिन्न प्रकार के भोजन बनाने में मुख्य रूप से अलग-अलग सब्जियों का उपयोग करते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ सब्जियों को सलाद के रूप में कच्चा भी उपयोग में लाया जा सकता है, जिससे उनके सामान्य स्वाद में एक नयापन आएगा।

19 माह के शिशु के लिए भोजन सारणी

19 महीने के बच्चे को क्या खिलाना है, यह सोच-सोचकर परेशान न हों । आपको बस अपने मौजूदा भोजन में छोटे- छोटे बदलाव करने हैं, और ऐसा करने के लिए निम्नलिखित भोजन सारणी एक अच्छा मार्गदर्शक हो सकती है।

दिन सुबह का नाश्ता स्नैक दोपहर का भोजन स्नैक रात का भोजन
सोमवार उपमा तरबूज़ के टुकड़े नींबू चावल और सांभर दूध का गिलास और वेजी कटलेट स्पैगेटी
मंगलवार पोहा और संतरे का रस पपीता स्मूदी चावल और छोले के साथ सब्ज़ियों का सलाद दही गेहूँ का पास्ता और सूप
बुधवार सेवई केले के टुकड़े खिचड़ी और दही कद्दू डिप के साथ सलाद रोटी और पालक पनीर
गुरूवार आलू पराठा और दही मिल्कशेक घी के साथ रोटी और बीन्स की सब्जी स्ट्रॉबेरी स्मूदी शाकाहारी पुलाव
शुक्रवार मसाला डोसा स्ट्रॉबेरी के टुकड़े ब्राउन राइस और दाल दूध और कॉर्नफ्लेक्स लौकी और रोटी
शनिवार केले के साथ ओट्सदलिया सेब के टुकड़े वेजी रैप (रोल) और फल डाइजेस्टिव ग्रेन वाले बिस्कुट और दूध लाल चावल और दाल
रविवार वेज सैंडविच और जूस अंगूर वेज पुलाव और बीन्स की सब्जी शहद के साथ दलिया मेथी पराठा और हरी चटनी

19 महीने के बच्चे के लिए खाद्य व्यंजन

यहाँ कुछ रोचक विधियाँ हैं, जिससे भोजन के अंत में आपका बच्चा चटकारे लेगा।

1. गाजर पनीर पराठा

यह पराठा दो आवश्यक सामग्रियों का पोषण देता है जो भीतर लिपटा हुआ है।

सामग्री

  • घी
  • अजवायन
  • टमाटर
  • काली मिर्च
  • पनीर
  • गाजर
  • गेहूँ का आटा

विधि

  • एक पैन में तेल गर्म करें और उसमें अजवायन डालें, जिससे वे चटकने लगें।
  • इसके बाद टमाटर, गाजर, काली मिर्च और नमक डालें, इन सभी को एक साथ पकने दें।
  • एक बार जब यह ठंडा हो जाए, तो गूँदे और एक रोटी बेलें।
  • इसे वेजी मिक्स से भरें और इसके ऊपर कुछ पनीर कद्दूकस करें।
  • फिर से बेल कर बंद करें और घी के साथ पैन में पकाएँ।

2. भाप में बने डोसे

जब आपके बच्चे बेहद भूखे होते हैं और आपके पास खाना बनाने के लिए अधिक समय नहीं होता है, तो डोसा ही आपके काम आता है।

सामग्री

  • घी
  • डोसे का घोल

विधि

  • एक पैन लें और उसे अच्छी तरह से गर्म करें।
  • गर्म हो जाने पर, बीच में घोल का एक बड़ा भाग डालें और गोलाई में फैलाएँ ।
  • जब छेद बनने लगें, तो डोसे के ऊपर और चारों ओर थोड़ा घी डालें।
  • इसे ढक्कन लगाकर कुछ मिनट के लिए पकने दें और स्पंजी होने के बाद उसे हटा लें।
  • टमाटर की चटनी के साथ परोसें या घोल में कुछ अन्य सामग्री डालकर स्वाद बढ़ाएँ।

3. सूजी पर टोस्ट

सूजी न केवल स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है, बल्कि टोस्ट भी स्वाद में भी काफी कुरकुरा और स्वादिष्ट होता है।

सामग्री

  • ब्रेड
  • घी
  • काली मिर्च
  • नमक
  • शिमला मिर्च
  • प्याज
  • गाजर
  • दूध की क्रीम
  • भुनी हुई सूजी

विधि

  • ब्रेड और घी एक तरफ़ रखें। एक कटोरा लें और उसमें अन्य सभी सामग्री को एक साथ मिलाएँ।
  • इसे पेस्ट की तरह इस्तेमाल करें और ब्रेड के एक टुकड़े पर लगाएँ।
  • एक पैन लें और उसमें थोड़ा सा घी डालें। ब्रेड को तवे पर उल्टा करके सेकें।
  • एक बार सिंक जाने के बाद, इसे पलटकर दोनों तरफ से सुनहरा करें और परोसें।

4. गेहूं के पैनकेक

पैनकेक एक पौष्टिक नाश्ता भी हो सकता है, अगर आप गेहूँ की इन गुणकारी टिकियों को चाशनी में डुबो देते हैं।

सामग्री

  • घी
  • सौंफ
  • पानी
  • गुड़ की चाशनी
  • गेहूँ का आटा

विधि

  • घोल बनाने के लिए आटे के साथ गुड़ की चाशनी मिलाएं। सौंफ के बीज और पानी डालें। इसे रात में भी तैयार करके रखा जा सकता है।
  • एक पैन में थोड़ा घी डालें। इसे गरम करें और ठोस गोलाई में बनाने के लिए घोल डालें।
  • इसे फैलाएं, एक तरफ पकाएं , और फिर इसे पलटें। अतिरिक्त मिठास के लिए कुछ शहद के साथ परोसें।

5. स्प्रिंग रोल्स

इस शानदार व्यंजन को बच्चा सच में आपके हाथ से छीन कर खाएगा।

सामग्री

  • नमक
  • जैतून का तेल
  • गेहूं का आटा
  • मैदा
  • सोया सॉस
  • काली मिर्च
  • नमक
  • फ्रेंच बीन्स
  • बेबी कॉर्न
  • गोभी
  • शिमला मिर्च
  • प्याज
  • गाजर

विधि

  • आटा, मैदा और पानी का उपयोग करके एक मुलायम आटा तैयार करें।
  • एक छोटा हिस्सा लें और इसे बेल कर आयताकार रोटी बनाएं। जितना संभव हो, उतने पतले बेल लें । उन्हें एक गीले कपड़े से ढँक दें।
  • एक गर्म पैन में, तेल में प्याज को, सब्ज़ियों और सीज़निंग के साथ हल्का सा तलें, इन्हें हल्का सा कुरकुरा रखें।
  • गाढ़ा घोल बनाने के लिए एक कटोरे में मैदा और पानी लें।
  • अब वेजी मिक्स को बने रोटी में भरें और मैदे के घोल से बंद कर दें। इसे घुमाएं और खुले सिरे को और घोल लगाकर बंद करें।
  • इस तरह से सभी रोल तैयार करें और स्प्रिंग रोल बनाने के लिए तेल में तलें। अच्छी स्वादिष्ट चटनी के साथ दें।

खाना खिलाने हेतु उपयोगी सुझाव

अलग-अलग नाश्ते तैयार करने और उन्हें खिलाने के बदले में, अनुभव को और आसान बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझावों का पालन करने का प्रयास करें।

  • खाने की योजना में विविधता लाते रहें।
  • अपने बच्चे को चम्मच का उपयोग अपने आप करने दें।
  • उसे छोटे खाद्य पदार्थो के साथ कांटे का उपयोग करना सिखाएं ।
  • अपने बच्चे को मांस देना शुरु करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
  • खाने के समय को आरामदायक रखें।
  • स्वाद बढ़ाने के लिए सब्जियों पर नींबू निचोड़ें।
  • अपने बच्चे को भोजन के दौरान थोड़ा ही पानी पीने दें।
  • साबुत मेवे या साबुत खाद्य पदार्थ देने से बचे, टुकड़ों में दें।
  • सिर्फ उसे खाने की आदत डालने के लिए स्तनपान कराना बंद न करें।
  • रात के खाने के समय तरल पदार्थ कम दें।

एक प्रभावी भोजन योजना, जो आपके बच्चे के पसंद की हो और साथ ही उससे उसे आवश्यक पोषण भी मिलें, आपके काम को आसान बनाकर आपको चिंतामुक्त कर सकती है। रात के भोजन को आसान हल्का रखना अच्छा होता है, कठिन भोजन को सप्ताहांत या छुट्टियों में बनाकर उन्हें उत्सव में बदला जा सकता है।

जया कुमारी

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

22 hours ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

22 hours ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

22 hours ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago