माता–पिता के लिए अपने शिशु को बढ़ता हुआ देखना एक खुशी की बात होती है। माता–पिता के रूप में, हम अपने बच्चे की विकासात्मक प्रक्रिया की देख–रेख करना पसंद करते हैं। हालांकि, हर शिशु अलग होता है और वह अपनी गति के अनुसार ही विशिष्ट विकास संबंधी उपलब्धि हासिल करता है। हमें यह ध्यान रखना आवश्यक है कि किसी भी विकास संबंधी उपलब्धि को हासिल करना कोई दौड़ नहीं है, जिसमें आपके शिशु का प्रथम आना अनिवार्य है। आज नहीं तो कल, आपका शिशु सभी विकास संबंधी उपलब्धियाँ हासिल कर लेगा। मगर, इस लेख में हम 2 माह के शिशु के कुछ आम विकास संबंधी उपलब्धियों पर चर्चा करेंगे।
मोटर स्किल विकास
आपके शिशु में, दो महीने की उम्र तक इन शारीरिक क्षमताओं का विकास हो सकता है:
- गर्दन और सिर पर बेहतर नियंत्रण: आपका शिशु, पेट के बल लेटते समय अपनी गर्दन को पहले की तुलना में अधिक स्थिरता से ऊपर उठा सकता है।
- अधिक संचालित गतिविधियाँ: आपके शिशु की गतिविधियाँ अब ज़्यादा समन्वित और सुलभ होती हैं। पीठ के बल लेटकर आपका शिशु हल्का डंड पेलने, जैसी हरकत में अपने हाथों और पैरों को हिलाने में सक्षम हो सकता है।
- बेहतर पकड़: आपका शिशु बेहतर पकड़ विकसित करना शुरू कर देगा, हाथ की मुट्ठी खोल सकता है और हाथ से इशारा भी कर सकता है।
- लार बहने कि शुरूआत: आपके शिशु की लार ग्रंथियाँ कार्य करना शुरू कर देती हैं और शिशु लार बहाना शुरू कर देगा। हालांकि, लार बहना आमतौर पर दाँतों के निकलने का संकेत होता है, इसकी शुरूआत आपके शिशु के चार महीने की उम्र होने तक नहीं होती है।
संवेदी (सेंसरी) विकास
आप अपने दो महीने के शिशु में कुछ निम्नलिखित संवेदक विकास देख सकते हैं:
- बेहतर सुनने की क्षमता: आपका शिशु बेहतर तरीके से सुन सकता है और आपकी व आपके साथी की आवाज़ में बखूबी अंतर कर सकता है। आपको अपने शिशु को अपनी आवाज़ पर प्रतिक्रिया देते हुए देख सकती हैं और वह आवाज़ के स्रोत की ओर भी मुड़ सकता है। परिचित आवाजों को सुनकर आपका शिशु आराम की अनुभूति कर पाएगा, जितना अधिक आप अपने शिशु को गाकर सुनाएंगे या उससे बात करेंगे, उतना ही वह आपकी आवाज़ पर प्रतिक्रिया देगा।
- बेहतर दृष्टि: 2 महीने के शिशु की विकास संबंधी उपलब्धियों में से एक है, बेहतर दृष्टि। आपका शिशु अपने चेहरे से लगभग 60 सेंटीमीटर दूर तक देख सकता है, जिसका अर्थ है कि जब आप अपना चेहरा अपने बच्चे के करीब लाते हैं, तो वह आपको पहचान सकता है। आप अपने शिशु को विभिन्न प्राथमिक रंगों और मोटी आकृतियों पर प्रतिक्रिया करते हुए देखेंगे। आपका शिशु अब काले और सफेद जैसे विषम रंगों का फर्क समझ सकता है।
- स्पर्श करने पर प्रतिक्रिया: जब आप शिशु को गले लगाते हैं, झुलाते या सेहलाते हैं, तो आपके कोमल स्पर्श से वह सुकून व आरामदायक महसूस करता है।
- छूने का बेहतर बोध: हो सकता है कि आपका शिशु अपने खिलौनों की बनावट समझने के लिए उन्हें चबाएं। वह कड़ी और नर्म चीजों में अंतर करना भी शुरू कर सकता है।
संज्ञानात्मक विकास
- शिशु मुस्कुराने लगता है: आपका शिशु इस उम्र में मुस्कुराना शुरू कर देता है, आप देखेंगे कि जब आप अपने शिशु से बात करते हैं या मजाकिया चेहरे बनाते हैं, तो वह आपको देखकर मुस्कुराता है।
- मानव चेहरे की बेहतर समझ: आपके शिशु को मानव चेहरे की बेहतर समझ होगी और वह दूर से ही परिचित चेहरे को पहचान सकता है। वस्तु स्थायित्व की अवधारणा को समझने के लिए इस समय अपने शिशु के साथ लुका–छिपी का खेल खेलना एक अच्छा विचार साबित होगा।
- शिशु ऊबने का अनुभव कर सकता है: मानें या न मानें किन्तु यदि वह किसी गतिविधि में ऊब गया है या उसे मज़ा नहीं आ रहा है तो इस उम्र तक आते–आते आपका नन्हा सा बच्चा नखरे दिखाने के लिए तैयार है। खैर, यह आपके लिए उसे किसी अन्य गतिविधि में व्यस्त करने का संकेत हो सकता है।
- आपका शिशु अपने आस–पास की चीजों का निरीक्षण करना शुरू कर सकता है: लगभग दो महीने की उम्र में, आप अपने शिशु को नई वस्तुओं के प्रति रुचि दिखाते हुए देखेंगे। आपका शिशु अपनी आँखों से नए खिलौनों का निरीक्षण कर सकता है और फिर बेहतर समझ पाने के लिए उन्हें छूने और चबाने का प्रयास कर सकता है। आप अब उसे रंग बिरंगी चित्रों वाली कहानी की किताब से उसे कहानी भी सुना सकते हैं। अपने शिशु में बेहतर संज्ञानात्मक कौशल विकसित करने के लिए, संगीत सुनाना भी अच्छा एक विचार है।
बोलने से संबंधित विकास
जहाँ तक आपके दो महीने के शिशु में बात करने संबंधी विकास के बारे में कहें तो आप अपने बच्चे के गले से अब गलगलाने की आवाज़ें सुनेंगे। हालांकि यह आवाज़े बहुत मायने नहीं रखती हैं, लेकिन यह बहुत ज़रूरी है कि आप अभी भी अपने शिशु से बात करें क्योंकि यह आपके शिशु को उसके पहले शब्दों को चुनने में मदद करेगा। निम्नलिखित कुछ चीजें हैं जिन्हें आप आज़मा सकती हैं,:
- उन शब्दों को दोहराएं जो आपका शिशु बोलता है, जैसे बा–बा, दा–दा, पा–पा आदि।
- धीरे–धीरे बोलने का प्रयास करें ताकि आपका शिशु आपके हिलते हुए होंठों को ध्यान से देख सके और बोले जा रहे शब्दों को ध्यान से सुन सके।
- उसे सुनने और जवाब देने का तरीका सिखाने के लिए, अपने शिशु के साथ अत्यधिक बातचीत करें।
- यह जताने की कोशिश करें कि आप अपने शिशु की भाषा को समझ रही हैं, भले ही वे सिर्फ गलगला रहे हों और आप उसका जवाब दें।
- अपने शिशु के चेहरे के भावों की नकल करने का प्रयास करें और उसे बेहतर तरीके से बातचीत करने में मदद करने के लिए मुस्कुराएं।
चिंता कब करें?
कुछ माता–पिता उपर्युक्त विकासात्मक उपलब्धि को बड़ी गंभीरता से ले सकते हैं और यह जानने के लिए कि क्या कुछ गलत है, डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं । जिस तरह सभी वयस्क अलग–अलग होते हैं, उसी तरह शिशु भी भिन्न होते हैं। हालांकि, यदि आप अपने शिशु में इन लक्षणों को देखते हैं, तो आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए:
- अगर शिशु अपने हाथों को अपने मुँह तक नहीं ला रहा है।
- अगर शिशु तेज आवाज़ या शोर पर प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है।
- अगर शिशु अपनी आँखों से चीजों पर ध्यान केन्द्रित नहीं कर रहा है या देख नहीं रहा है।
- अगर शिशु लोगों को देखकर मुस्कुरा नहीं रहा है और न ही ज्ञात चेहरों पर प्रतिक्रिया कर रहा है।
- अगर शिशु अपने पेट के बल लेटते हुए अपना सिर नहीं उठा पा रहा है।
अपने बच्चे को 2 महीने की उपलब्धियाँ प्राप्त करने में मदद के लिए कुछ सुझाव
निम्नलिखित कुछ सुझाव हैं जो आपके दो महीने के शिशु को उपर्युक्त विकास संबंधी उपलब्धियों को हासिल करने में मदद कर सकते हैं:
- अपने शिशु को उसके पेट के बल लेटने में मदद करें, इससे सिर और गर्दन के हिलने पर बेहतर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है।
- यदि आप स्तनपान करा रहीं हैं, तो आप अपने शिशु की हड्डियों और दाँतों के बेहतर विकास के लिए अलग से विटामिन डी की बूंदें देने के बारे में डॉक्टर से सलाह लें ।
- अपने शिशु के टीकाकरण कार्यक्रम का पालन करें।
- अपने शिशु को दो महीने पर होने वाली जाँच के लिए ले जाएं।
इस लेख में, हमने कुछ सामान्य विकास संबंधी उपलब्धियों पर चर्चा की है, जो आपके शिशु को दो महीने का होने तक उपलब्धि प्राप्त कर सकता है।