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क्या आपके शिशु को प्रायः मलत्याग में कठिनाई होती है और वह काफी गैस छोड़ता है? क्या उसे मलत्याग करते समय असुविधा होती है? यदि हाँ, तो वह कब्ज़ से पीड़ित हो सकता है। किसी भी अन्य परेशान माता–पिता की तरह, यह स्वाभाविक ही है कि आपके शिशु को होने वाली असुविधा के कारण आपकी नींद उड़ जाए। असंख्य घरेलू उपचारों को आज़माने के बाद भी, यदि आपको इस समस्या का समाधान नहीं मिला है, तो अब अपने शिशु के आहार पर ध्यान देने का समय आ गया है।
शिशु जिस प्रकार का भोजन खाता है उसके आधार पर मलत्याग करने की आसानी पर सीधे प्रभाव पड़ता है । कुछ खाद्य पदार्थ हैं जो शिशुओं में कब्ज़पैदा करते हैं। यह विशेष रूप से तब होता है जब शिशु ठोस खाद्य पदार्थ खाना शुरू करते हैं। शिशुओं में कब्ज़ करने वाले और उससे राहत देने वाले विभिन्न खाद्य पदार्थ है। र आप यह कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके शिशु का मलत्याग सही हो रहा है या नहीं, इन सबके बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।
यदि आपके बच्चे ने अभी–अभी ठोस खाद्य पदार्थ लेने शुरू किया हैं और यदि आपको लगता है कि आपके शिशु को मलत्याग करने में कठिनाई महसूस हो रही है या उसका मल सूखा और सख्त है, तो यह कब्ज़ का संकेत है। शिशुओं में कब्ज़ के कई कारण हो सकते हैं, फिर भी यह मुख्य रूप से आपके बच्चे के तरल पदार्थ के सेवन और आहार पर निर्भर करता है। यदि आप अपने बच्चे के लिए आहार की सूची बनाने जा रहीं हैं, तो उन खाद्य पदार्थों की सूची को ध्यान में रखें जो शिशुओं में कब्ज़ का कारण हो सकते हैं।
दूध का प्रोटीन शिशुओं में कब्ज पैदा कर सकता है। माता के दूध के अलावा किसी भी दूध का प्रोटीन इस समस्या का कारण हो सकते हैं और माता–पिता जब फॉर्मूला दूध पिलाना शुरु करते हैं तो उस समय उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए। कभी–कभी, बच्चों को माता के दूध में मौजूद प्रोटीन के प्रति भी एलर्जी हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप कब्ज़ हो सकता है।
शिशुओं को उनके शुरुआती वर्षों में अक्सर फार्मूला आहार दिया जाता है। फॉर्मूला आहार में ऐसे तत्व होते हैं जो पचने में मुश्किल होते हैं, जिससे कब्ज़ हो जाता है। यहाँ तक कि फार्मूला दूध में भी जटिल प्रोटीन होता हैं जो कि मल को सख्त बनाते हैं।
चावल और दलिया दो ऐसे ठोस खाद्य पदार्थ हैं जिसे ज़्यादातर माताएं शिशुओं को ठोस आहार के रूप में इसे देना शुरु कर देती हैं। कुछ बच्चों को चावल पचाने में मुश्किल होती है और उन्हें कब्ज़ हो सकता है।
गाजर, जब कच्ची या रस के रूप में दी जाए तो आमतौर पर शिशुओं के लिए अच्छी होती है। लेकिन, अगर आप अपने शिशु को भाँप में पकी हुई गाजर दे रहीं हैं तो यह कब्ज़ का कारण हो सकती है। ये उबली हुई गाजरें मल को ठोस बना देती हैं जिससे शिशुओं के लिए मलत्याग करना मुश्किल हो जाता है।
जिन स्थानों पर केला बहुतायत में उगाया जाता है, वहां अक्सर बच्चों को कच्चे केले या तो उसे पकी हुई सब्जी के रूप में दिए जाते हैं या फिर धूप में सुखाए गए कच्चे केले के चूरे से बने दलिये के रूप में। हालांकि पका हुआ केला खिलाना अच्छा होता है, लेकिन कच्चे केले से पेट की समस्या हो सकती है और बच्चे को कब्ज़ हो सकता है।
मल को सख़्त करने के लिए सेब एक प्रसिद्ध फल है। बल्कि, यह दस्त के घरेलू उपचार के रूप में दिया जाता है। उबला हुआ सेब, एक लोकप्रिय शिशु आहार है ,जो शिशुओं में कब्ज़ पैदा कर सकती है। आपको अपने बच्चे को सेब का सॉस देने से भी बचना चाहिए क्योंकि इसमें पेक्टिन प्रोटीन होता है, जो मल को सख़्त करता है।
चीज़ कई आवश्यक विटामिनों और खनिजों का बहुत अच्छा स्रोत है और बच्चों के लिए एक सुपरफूड है। यह आमतौर पर बच्चों को नाश्ते के रूप में दिया जाता है। लेकिन, चीज़ में रेशे की मात्रा बहुत कम है और यह कब्ज़ कर सकता है।
सफेद ब्रेड, जो मैदे से बनाई जाती है, अनाज का एक संसाधित रूप है और इसके स्रोत की तुलना में इसमें रेशा बहुत कम होता है। रेशेदार खाद्य पदार्थ पाचन में सुधार करने के रूप से जाने जाते हैं; सफेद ब्रेड जिसमें रेशे की मात्रा बहुत कम होती है, शिशुओं में कब्ज़ का कारण बनता है। यह मुख्य खाद्य पदार्थों में से एक है जो शिशुओं में कब्ज़ का कारण बनता है।
कंद ऐसी उच्च स्टार्च–युक्त सब्ज़ी हैं जो शिशुओं को बढ़ने और हलचल करने के लिए ऊर्जा देती हैं। हालांकि, शकरकंद को छोड़कर अधिकांश कंदों में रेशा कम होता है जिसको खाने से र शिशुओं के लिए मलत्याग करना में मुश्किल हो जाता है।
दही में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो पाचन को आसान करते हैं। लेकिन, यह खाद्य पदार्थों को बांधने का काम करता है जो कभी–कभी बच्चों में कब्ज़ का कारण बन सकता है।
अब जबकि आप जानते हैं कि कौन से खाद्य पदार्थ शिशुओं में कब्ज़ पैदा करते हैं, तो स्पष्ट रूप से आप अपने शिशु के आहार में उन्हें शामिल करने से बच सकती हैं। लेकिन अगर आपका शिशु कब्ज़ से पीड़ित है, तो आप क्या करेंगी ? तो, कब्ज़ से पीड़ित शिशुओं के लिए इन उच्च रेशा–युक्त खाद्य पदार्थों पर एक नज़र डालें। कब्ज़वाले शिशुओं के लिए ये खाद्य पदार्थ न केवल उन्हें उस हालत से राहत देंगे, बल्कि भविष्य में इसे दोबारा होने से भी बचाएँगे :
सूखे आलूबुखारा रेशे से भरा होता हैं और मल्टीविटामिनों का एक बड़ा स्रोत हैं। कब्ज़के उपचार के लिए भी सूखे आलूबुखारे अद्भुत काम करते हैं। कब्ज़से राहत देने के लिए इसे रात भर भिगोकर बच्चों को सुबह सबसे खिलाया जा सकता है या फिर आप सूखे आलूबुखारे का रस भी दे सकती हैं। दोनों ही तरीकों में, यह फल आसानी से मलत्याग करने में सहायता करता है।
फलियों में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के रेशे होते हैं जो बच्चों के पाचन में सहायता करते है और आसानी से मलत्याग करने में मदद करते हैं।
सर्दियों में उपलब्ध ताज़ी हरी मटर रेशे से भरी होती है। इसे सिर्फ उबालकर और हल्का मसाला डालकर एक साधारण नाश्ते के रूप में दिया जा सकता है। शिशुओं के लिए मलत्याग की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए उबले मटर का पिसा गाढ़ा गूदा भी उन्हें दिया जा सकता है।
खुबानी एक और मौसमी फल है जो कब्ज़ के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। इसे कच्चा या रस के रूप में दिया जा सकता है। सूखी खुबानी भी बाज़ार में उपलब्ध हैं, जिन्हें रात भर भिगोकर शिशुओं को दिया जा सकता है।
जई का दलिया, शिशुओं के लिए एक आम और व्यापक रूप से पसंदीदा भोजन है, बार–बार कब्ज़ से पीड़ित बच्चों के लिए यह एक उत्कृष्ट भोजन हैं। जई का दलिया भोजन में मौजूद बहुत जरूरी रेशा प्रदान करता है और मल को सख्त होने से रोकता है।
नाशपाती एक और फल है जो रेशे और विटामिन ‘सी’ से भरपूर होता है। रेशा और विटामिन ‘सी’दोनों ही सही पाचन और कब्ज़ से राहत देने में मदद करते हैं। शिशुओं को भी कब्ज़ ठीक करने के लिए ताजे नाशपाती के रस की कुछ बूंदें दी जा सकती हैं।
ब्रोकोली, शिशुओं के लिए एक सुपरफूड है जो प्रोटीन और रेशे का एक समृद्ध स्रोत है। छोटे फूलों को उबालकर इसे हाथ में पकड़ कर खाने के लिए दिया जा सकता है। इससे मलत्याग की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
शकरकंद, अन्य कंदों के विपरीत है यह गैर–कब्ज़ करने वाला शिशु आहार है। यह कब्ज़ से राहत देने में मदद करता है और बढ़ते शिशुओं के लिए बहुत सारे आवश्यक पोषक तत्व और कार्बोहाइड्रेट प्रदान करता है।
बेर एंटीऑक्सिडेंट्स से समृद्ध होता है, यह शिशुओं और बच्चों के लिए एक उत्तम भोजन हैं। इनके अनगिनत लाभों के अलावा, बेर कब्ज़ से भी राहत दिलाते हैं।
सफेद ब्रेड के विपरीत, साबुत अनाज की ब्रेड में अच्छा रेशा होता है और इसलिए यह कब्ज़ से बचाता है।
अपने बच्चे के आहार में इन सभी उच्च फाइबर खाद्य पदार्थों को शामिल करने के अलावा, आपको उनकी मलत्याग प्रणाली को अच्छी तरह से चिकनी रखने के लिए उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाना चाहिए। यदि आपका बच्चा पूरी तरह से सिर्फ स्तनपान कर रहा है, तो पानी दूध से ही मिल जाता है, और इसके अतिरिक्त पानी पिलाने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
कई बार, जब बच्चा कब्ज़ से पीड़ित होता है तो माता–पिता बहुत तनाव से गुजरते हैं । उसके आहार में थोड़ा–सा बदलाव और नियमित शारीरिक गतिविधि कब्ज़ और पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं को ठीक कर सकती है।
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