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बच्चों को पोषण से परिपूर्ण खाना खिलाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। इस समय उसका व्यक्तिगत विकास होना शुरू हो जाता है और वह जो कुछ भी खाता है उसे नियंत्रित करने का प्रयास करता है। ऐसे विकासात्मक पड़ाव में शिशु को भोजन करवाना माता–पिता के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है। बच्चे की आहार योजना के साथ उसे पौष्टिक भोजन खिलाना और नियंत्रित सीमा तय करना भी महत्त्वपूर्ण है।
नीचे कुछ पोषक तत्व दिए हुए हैं जो 21 महीने की उम्र में बच्चों के लिए आवश्यक हैं:
कार्बोहाइड्रेट से ग्लूकोस का निर्माण होता है जो मस्तिष्क के द्वारा खुद को ऊर्जा देने के लिए उपयोग किया जाता है। 21 महीने के बच्चे के लिए कार्बोहाइड्रेट की आवश्यक मात्रा लगभग 130 ग्राम होती है। यह उतनी ही मात्रा है जितनी एक वयस्क के मस्तिष्क को ठीक से कार्य करने के लिए आवश्यक है।
21 माह के बच्चे को कम प्रोटीन के आहार की आवश्यकता होती है। एक बच्चे को प्रतिदिन सिर्फ 13 ग्राम प्रोटीन ही दिया जाना चाहिए।
बच्चे के लिए वसा एक आवश्यक पोषक तत्व है। शरीर को वसा कीआवश्यकता घुलनशील विटामिन को अवशोषित करने, कोशिकाओं का निर्माण करने, मांसपेशियों में गतिविधि और रक्त के थक्कों के लिए होती है।
सोडियम शरीर में एक इलेक्ट्रोलाइट के रूप में कार्य करता है और यह तंत्रिका कार्य, मांसपेशियों के संकुचन और रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए जरूरी है। बेहतरीन कार्यशीलता के लिए एक शिशु को प्रतिदिन न्यूनतम 1 ग्राम सोडियम की आवश्यकता होती है।
रक्त में ऑक्सिजन प्रवाह करने वाली लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने के लिए लौह तत्वों की आवश्यकता होती है। लौह तत्व की कमी से बार–बार संक्रमण, थकावट और त्वचा में रूखापन हो सकता है। बच्चे को प्रतिदिन लगभग 7 मि.ग्रा. लौह तत्व देने की सलाह दी जाती है।
कैल्शियम, एक महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व होता है जो हड्डियों, दाँतों और यहाँ तक कि हृदय कृतियों के विकास के लिए आवश्यक है। लगभग 3वर्ष की आयु तक के बच्चे को प्रतिदिन 700 मि.ग्रा. कैल्शियम की आवश्यकता होती है।
विटामिन डी शरीर द्वारा अवशोषण और कैल्शियम के उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है। बच्चों को प्रतिदिन 300-400 यूनिट, विटामिन की आवश्यकता होती है।
21 महीने की उम्र में बच्चे को लगभग 1.3 लीटर पानी की आवश्यकता होती है जो अलग–अलग स्रोतों से आना चाहिए, जैसे जल, भोजन में पाया जाने वाला पानी, और दूध में उपलब्ध पानी के अणु । आपके शरीर का 80-85% वजन पानी का होता है और यह बड़े अणुओं की संरचना करने, अन्य पोषक तत्वों को प्रवाहित करने, आंतरिक अंगों को सौम्य व शांत रखने में मदद करता है और साथ ही यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए भी आवश्यक है।
बड़े बच्चों में नवजात शिशुओं की तुलना में कम कैलोरी की आवश्यकता होती है क्योंकि उनमें विकास की गति कम हो जाती है।बड़े बच्चों को उनके आकार, शारीरिक गतिविधि के स्तर और उम्र के आधार पर प्रतिदिन लगभग 1000 से 1400 कैलोरी तक आवश्यकता होती है।इसका मतलब है प्रतिदिन लगभग ½ कप चावल, 1 छोटा फल, 1 कप मसली हुई या पकी हुई सब्जी, 1 उबला हुआ अंडा और 1 कप दूध की आवश्यकता है। बच्चों को अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में स्वास्थ्यवर्धक खाद्य तेल की भी आवश्यकता होती है।
कम से कम प्रोसेस्ड (संसाधित) किया हुआ घर का बना भोजन जो, बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने का सबसे अच्छा तरीका है। 21 माह के बच्चों के लिए कुछ सर्वोत्तम खाद्य पदार्थ नीचे दिए हुए हैं:
अंडे को उबालकर या अंडे की भुर्जी बनाकर इसे बटर या चीज़ के साथ बच्चों को दिया जा सकता है।
ब्रेड को सीधा करके उसमें बटर लगाएं और रोल करके बच्चे को खाने के लिए दें।
रोज के डोसे की बनावट और स्वाद में कुछ बदलाव लाने के लिए उसमें रवा डालें।
अपने बच्चे को सादी इडली या उसे बिना मसाले की चटनी के साथ खाने को दें।
मटर, गाजर और घी का इस्तेमाल करके उपमा बनाएं और अपने बच्चे को खिलाएं।
नर्म चीज़ भरकर पराठे बनाएं, यह आपके बच्चे को जरूर पसंद आएंगे।
क्रीम और टमाटर की प्यूरी, आपके बच्चे के लिए एक स्वस्थ और स्वादिष्ट भोजन बना देगा।
पैनकेक को और भी स्वादिष्ट बनाने के लिए ऊपर से मैश किया हुआ केला और शहद की एक बूंद डालकर परोसें।
बच्चे के पोषण में सुधार के लिए उसे मौसम के अनुसार एक कटोरी फल खाने को दें।
यह डोसे का एक पौष्टिक विकल्प है, जिसे स्वादिष्ट बनाने के लिए दही या बटर के साथ खाया जा सकता है।
अपने बच्चे को दिए गए सभी नए भोजन को आजमाने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करें। यहाँ 21 महीने के बच्चे के लिए सुझाव के रूप में एक भोजन सारणी दी गई है।
दिन | जल्द सुबह | सुबह का नाश्ता | देर सुबह का नाश्ता | दोपहर का भोजन | शाम का नाश्ता | रात का भोजन |
सोमवार | 1 गिलास दूध + 4 भिगोए हुए बादाम | रवा की खीर | कटा हुआ पपीता | वेजिटेबल खिचड़ी | आटे के लड्डू (2) | दलिया का उपमा |
मंगलवार | फ्लेवर (स्वाद) वाला दूध | सांभर के साथ डोसा या इडली | खरबूज | लेमन राइस | ब्रेड के साथ जैम | दही औरसत्तू का पराठा |
बुधवार | खरबूजे की प्यूरी | भीगे पोहे के साथ दही | चीकू का शेक | वेज पुलाव | गर्म दूध के साथ 4 बिस्कुट | सांभर और चावल |
गुरूवार | दूध और सेब | रवा के उपमा में बारीक कटी हुई गाजर | रागी के रिंग् | रोटी के साथ मिश्रित सब्जी | मेवे की चिक्की | रोटी और पालक |
शुक्रवार | बादाम का दूध | किसी हुई गाजर और बारीक कटी हुई पालक डालकर मूंग की दाल का चीला | गेहूँ के आटे से बने बिस्कुट (2) | दही–चावल (कर्ड राइस) | एक कटोरी मिश्रित फल | रवा का उपमा |
शनिवार | गाजर की प्यूरी और दूध | दही और रोटी | छोटा केला | मटर के पराठे, घी के साथ | रागी का दलिया | सफेद सॉस डालकर वेज पास्ता |
रविवार | सोया दूध | रवा इडली | संतरा | दाल के साथ वेज राइस | मिल्कशेक | पनीर और दाल के साथ रोटी |
यहाँ कुछ पौष्टिक व्यंजन बनाने की विधियां दी गई हैं जिन्हें आप अपने 21 महीने के बच्चे के लिए आजमा सकती हैं:
आलू में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है और भरवां पराठा तेल, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का अच्छा मिश्रण प्रदान करता है।
सामग्री:
विधि
सबसे पहले आलू को धोकर छीलें, उबालें और मसल भी लें। उसके बाद मसले हुए आलूओं में नमक डालकर एक तरफ रख दें। नर्म आटा गूंथकर, आटे की एक छोटी लोई बनाएं और उसे बेल लें। बेली हुई लोई के बीच में थोड़ा सा मसला हुआ आलू रखें और किनारों से आटा मोड़ कर बंद कर दें। अब इसे चपटा करके एक बार फिर से बेल कर बड़ा पराठा बना लें। पराठे को गर्म तवे पर रखें और दोनों तरफ से सेकें, परोसने से पहले दोनों तरफ घी लगाएं।
गेहूँ के आटे से बना पैनकेक एक नर्म और अच्छा आहार है जो आपके बच्चे को पसंद आएगा।
सामग्री:
विधि
एक बर्तन में मैदा, बेकिंग पाउडर, नमक, चीनी डालकर अच्छी तरह मिलाएं। मैदे के बीचों बीच दूध, अंडा और पिघला हुआ बटर डालें और तब तक मिलाएं जब तक यह एक मुलायम पेस्ट न बन जाए। उसके बाद पैन गर्म करें और उस में एक बड़ा चम्मच पेस्ट डालें । केक को दोनों तरफ भूरा होने तक सेंक लें और शहद के साथ गर्मागर्म परोसें।
पोंगल पौष्टिक होता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा की परिपूर्ण मात्रा होती है।
सामग्री:
विधि
चावल को आधे घंटे के लिए भिगो दें और मूंग की दाल को भूनकर अलग रख लें। फिर कुकर में घी डालकर जीरा भून लें और उसमें कड़ी पत्ता व अदरक डालकर एक बार फिर अच्छी तरह से तल लें। 5 कप पानी में चावल व दाल डालकर लगभग 5 सीटी आने तक पका लें और फिर लगभग 5 मिनट के लिए धीमी आँच पर पकने दें। थोड़ी देर के बाद चावल को आँच से हटा दें, ठंडा होने के बाद मसल लें और बच्चेको परोसने से पहले पत्तियां हटा दें।
एक कप गर्म सूप स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है।
सामग्री:
विधि
चिकन को साफ करके छोटे टुकड़ों में काट लें औरअदरक, लहसुन व प्याज को बारीक काट या पीस लें। जीरा, आधा प्याज और धनिया पत्ती को एक साथ मिलाकर बारीक पीस लें। एक कुकर में घी गर्म करें और जीरा, दालचीनी और लौंग को भूनें। बचे हुए प्याज, कटे हुए अदरक, लहसुन और अन्य पिसे हुए मसालों को भी साथ में डालें। इन सभी सामग्रियों को तब तक फ्राई करें जब तक कि उसमें से कच्चेपन की महक ना चली जाए, घी में अन्य सामग्री डालें और कुछ मिनट के लिए भूनें। अब उसमें पानी डालकर 4 सिटी आने तक प्रेशर कुकर मे पकाएं। 2-3 मिनट के लिए कम आँच पर पकने दें और फिर आँच बंद कर दें। बच्चे को परोसने से पहले एक छलनी का उपयोग करके सूप को छान लें।
क्रीम सॉस के साथ पकाया जाने वाला गेहूँ का पास्ता आपके बच्चे के लिए एक स्वास्थ्यप्रद और स्वादिष्ट विकल्प है।
सामग्री:
विधि
पास्ता को नमक और एक चम्मच तेल डालकर उबालें और फिर उसे ठंडे पानी में खगालकर एक तरफ रख दें। एक पैन में मक्खन डालकर पिघलने दें और फिर उसमें मैदा डालें और अच्छी तरह से चलाएं, खयाल रहे वह जलने न पाए। अब मैदे में दूध डालें और इस तरह से चलाएं ताकि उसमें गांठ न पड़े। इसमें उबाल आने के बाद,सॉस को गाढ़ा और कम करने के लिए धीमी आँच पर पकने दें। अब इसमें मटर, नमक, किसा हुआ पनीर और ताजी क्रीम डालें और मटर के नर्म होने तक उबलने दें। फिर इसमें पास्ता डालें व सॉस में पूरी तरह मिला लें। फिर थोड़ा ठंडा करने के बाद ऊपर से जैतून डालकर परोसें।
भोजन के दौरान संघर्ष को कम करने में मदद करने के लिए यहाँ आपके बच्चे को खाना खिलाने के सुझाव दिए गए हैं:
21 महीने की उम्र में बच्चे प्रयोगात्मक और जटिल हो सकते हैं, इससे आप खुद को तनाव से ग्रसित ना करें। यह समझें कि सभी बच्चे एक जैसे नहीं होते हैं,और उनमें भूख और स्वाद का अनुभव, स्वभाव के अनुसार भिन्न होता है। कभी–कभी आप थक हार भी सकती हैं किन्तु धैर्य के साथ पालन पोषण करने से आपका बच्चा विभिन्न प्रकार के भोजन में रुचि लेने वाला और बड़े होने पर सभी प्रकार का भोजन खाने के लिए अनूकूलनशील बनेगा।
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