In this Article
आखिरकार वह समय आ ही गया जब आप अपने बच्चे के बर्थ डे केक पर दो कैंडल लगाएंगी! चूंकि आपका दो वर्षीय बच्चा अब और अधिक स्वतंत्र और आत्मविश्वासी हो चुका है, तो इस बात में कोई संदेह नहीं है कि आगे आपको अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आपका नन्हा मुन्ना अपने स्किल या कौशल में निपुण व कल्पनाओं की उड़ान भरता हुआ खुद ही एक अद्भुत व विशिष्ट व्यक्ति के रूप में विकसित हो रहा है।
24 महीने की आयु का बच्चा आपकी इच्छानुसार व्यवहार नहीं करेगा और हो सकता है कि वह गलतियों को दोहराए जिससे आपको हताशा हो। लेकिन यदि अभिभावक के रूप में आप शांत रवैया बनाए रखती हैं, तो यह आपके लिए अच्छा होगा।
आपके 2 वर्षीय बच्चे के साथ आपका पूरा समय गतिविधियों से भरा रहेगा। इस दौरान वह वाक्य-रचना करने के लिए तीन-चार शब्दों को एक साथ पिरोने का प्रयास करेगा और उसकी निरंतर चहचहाहट व चंचलता आपको हमेशा खुश रखेगी। अब आप अपने बच्चे के साथ सार्थक बातचीत भी कर सकती हैं।
2 वर्ष की आयु में बच्चा विकास के महत्वपूर्ण पड़ाव में पहुँचता है। हालांकि, इस आयु में उसके लिए यह केवल एक सामान्य दिशानिर्देश है, न कि विकास का मापदंड। प्रत्येक बच्चे की प्रगति का अपना नियत समय होता है। इसलिए आप अपने बच्चे के धीमे विकास पर अनावश्यक जल्दबाजी न करें।
इस आयु में आपका बच्चा अपने मोटर स्किल की मदद से चीजों में तालमेल बिठाने व कई चीजों को करने में सक्षम है। कई माता-पिता अपने बच्चे के वजन को लेकर चिंतित रहते हैं। 2 वर्ष की आयु में बच्चे का वजन लगभग 10 से 12 किलोग्राम तक होता है और इस आयु में कुछ शारीरिक विकास भी होते हैं, वे इस प्रकार हैं;
इस आयु में आपका बच्चा एक दोस्त या भाई के साथ चीजें साझा कर सकता है, हालांकि यह हमेशा नहीं होगा। वो अभी भी अकेला ही खेलना पसंद करेगा और अब उसे अपने साथ खेलने वाले दोस्त से कोई आपत्ति नहीं होगी। 2 वर्ष के बच्चे में निम्नलिखित सामाजिक और भावनात्मक विकास, कुछ इस प्रकार हैं;
2 वर्ष की आयु में बच्चा किताबों में बने चित्र, जैसे गुब्बारा, कुत्ता और इत्यादि को पहचान सकता है। लेकिन वह अभी काल्पनिक अवधारणाओं से संबंध स्थापित करने में सक्षम नहीं है। संज्ञानात्मक और भाषा विकास की कुछ विशेषताएं होती हैं, वे इस प्रकार हैं;
24 माह की आयु में आपका बच्चा अत्यधिक हठी हो सकता है। वह चीजों को एक निश्चित ढंग से देखना चाहता है और अगर चीजें तदनुसार नहीं होती हैं तो वह गुस्सा या नाराज हो सकता है। आपको समय-समय पर उसके कराहने या रोने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इस आयु में अक्सर बच्चे किसी बात के लिए इंकार किए जाने पर या किसी चीज के लिए न कहने पर असहज हो सकते हैं।
कभी-कभी थके होने या भूख लगने के कारण बच्चा रो सकता है, इन दोनों समस्याओं को खत्म करके बच्चे को चुप कराया जा सकता है। कभी-कभी बच्चे तनाव महसूस कर सकते हैं या आपका ध्यान चाहते हैं। आमतौर पर बच्चे को गले लगाने या सहलाने से उसका रोना बंद हो सकता है। आप अपने बच्चे को कुछ दिलचस्प खिलौनों से बहलाने की कोशिश कर सकती हैं या उसका ध्यान बंटाने के लिए आप उसे कुछ रोमांचक गतिविधियों में व्यस्त कर सकती हैं।
दो वर्षीय बच्चा आमतौर पर अपने माता-पिता के अधिकारक्षेत्र को जानने और अपने नियंत्रण की विविध चीजों में अपनी शक्ति-सीमा का परीक्षण करने की कोशिश करता है। इस स्थिति में उसके रोने से हार मान लेना सही नहीं है। इस तरह की मुश्किल स्थितियों से निजात पाने के लिए थोड़ा सौम्य बनने का प्रयास करें। अगर वो लगातार रो रहा है या जिद्द कर रहा है तो ऐसे मामले को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देना ही सही रहेगा।
2 वर्ष के शिशु के लिए सबसे मजेदार चीज भोजन होता है। इस समय तक आपका बच्चा अपने परिवार के साथ भोजन करने की कोशिश करता है। कटलरी का उपयोग करके खाने की कोशिश करना आपके बच्चे के लिए रोमांचक हो सकता है। शायद वह बहुत गंदगी करे लेकिन उसे ऐसा करने दें।
इस आयु में बच्चे की दाढ़ के दाँत निकलने शुरू हो जाते हैं, जिसका अर्थ है कि अब वो बेहतर तरीके से खाना चबा सकता है। आपका बच्चा खाने के अनियमित ढंग को विकसित कर सकता है, जैसे एक बार में खूब सारा भोजन करना और फिर अगली बार न के बराबर खाना। अगर वह खाने के प्रति अनिच्छा दिखा रहा हो, तो बच्चे को जबरदस्ती खिलाने की कोशिश न करें। भोजन के समय में बच्चे को कुछ फल या पनीर के टुकड़े जैसे स्वास्थ्यवर्धक नाश्ता देना मददगार साबित हो सकता है। आप कच्ची सब्जियां, जैसे गाजर, ककड़ी की स्टिक या टमाटर के स्लाइस भी आजमा सकती हैं।
यदि आपका बच्चा खाने के दौरान उधम मचाता है तो अपने बच्चे के भोजन के साथ नए-नए प्रयोग करने की कोशिश करें। उदाहरण के लिए, उसे गाजर जैसी कच्ची सब्जियों की स्टिक को पौष्टिक डिप्स में डुबोने दें, रोल बनाने के लिए स्वादिष्ट स्प्रेड का उपयोग करें, उसे दूध, फल, और दही से बनी पौष्टिक स्मूदी दें, कार्टून, फूल या विभिन्न डिजाइन में सैंडविच व कुकीज बनाकर बच्चे को खिलाएं।
2 वर्ष की आयु तक बच्चा बिस्तर में अपने आप करवटें बदल कर सो सकता है। हालांकि, यह बदलाव अधिक धीमा और अनेक चरणों में हो सकता है। 2 वर्षीय बच्चे को बदलावों के अनुसार ढलने में भी समय लग सकता है । बच्चे को दिन के दौरान बिस्तर पर ही सोने दें ताकि वह इस बदलाव का अभ्यस्त हो सके। बच्चे को बिस्तर की आदत डालने के लिए उसके बिस्तर पर पसंदीदा चादर बिछाएं, उसके पसंद के खिलौने रखें इत्यादि, इससे उसे सोने में अधिक मदद मिलेगी।
यदि बच्चे की नींद के दौरान आप उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, तो आप उसके बेडरूम के दरवाजे पर एक सीढ़ी वाला गेट लगा सकती हैं। अपने बच्चे को बिस्तर से गिरने से रोकने के लिए आप एक बेड गार्ड या सुरक्षात्मक रेलिंग का भी उपयोग कर सकती हैं।
कुछ ऐसे खेल जिसमें अधिक विचारों, भाषा और बातचीत करने के कार्य हों, आपके बच्चे में पूर्ण विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा गतिविधियां, जैसे हाइड एंड सीक खिलौने, गुड़िया या गुड्डे को कपड़े पहनाना, बॉल पकड़ना सिर्फ मनोरंजक खेल ही नहीं हैं बल्कि यह बच्चे को विभिन्न स्किल्स सीखने में मदद करता है।
बच्चे में ऊर्जा का विकास करने के लिए उसे बाहर के खेल खेलने में सहायता करें। आप अपने बच्चे को पार्क में ले जाएं और आस-पड़ोस की सैर कराएं। वह रास्ते में कई दिलचस्प चीजों को देखेगा जो उसकी जागरूकता में वृद्धि करेंगी।
अगर आप अपने बच्चे में सहज ढंग से मिल-बांटकर रहने के गुण विकसित करना चाहती हैं तो आप उसे उसकी बारी का इंतजार कैसे किया जा सकता है, यह बता सकती हैं। उदाहरण के लिए, आप किसी चित्र को साथ में रंगने बैठें और फिर बारी-बारी से उसे रंगें । नाचना, उछलते-कूदते हुए गाना भी आपके बच्चे को आनंदित कर सकता है।
24 महीने के बच्चे की देखभाल को ध्यान में रखते हुए माता-पिता के लिए कुछ सुझाव, इस प्रकार हैं;
आप अपने 2 वर्षीय बच्चे का वजन और कद मापने के लिए नियमित अंतराल पर डॉक्टर से मिलने का समय निर्धारित कर सकती हैं।यदि आपको बच्चे के विकास या आहार से संबंधित कोई शंका है तो डॉक्टर से इस बात पर भी चर्चा कर सकती हैं। बच्चे से संबंधित किसी भी शंका को डॉक्टर से पूछकर तुरंत स्पष्ट करें।
बच्चे के दूसरे जन्मदिवस का अनुभव आपके लिए अत्यधिक रोमांचकारी हो सकता है। 2 साल के बच्चे का विकास लगातार हो रहा है क्योंकि वह सक्रिय रूप से अपने आस-पास की दुनिया को जानने का प्रयास करता है। अभिभावक के रूप में आप उसे सहारा दें और निरंतर प्रोत्साहित करती रहें, ढेर सारे प्यार और स्नेह के साथ उसे विभिन्न गतिविधियों से अवगत कराएं।
जैसे हिंदी भाषा में बच्चों को सबसे पहले ‘वर्णमाला’ सिखाया जाता है वैसे ही गणित…
हिंदी की वर्णमाला में उ अक्षर का महत्वपूर्ण स्थान है। यह अक्षर बच्चों के लिए…
हिंदी की वर्णमाला में 'ई' अक्षर का बहुत महत्व है, जिसे 'बड़ी ई' या 'दीर्घ…
जैसे-जैसे डिलीवरी की तारीख नजदीक आती है, गर्भवती महिला की चिंता और उत्तेजना बढ़ती जाती…
आमतौर पर जोड़ों की बीमारियां बड़ों में देखने को मिलती हैं, लेकिन ये समस्याएं बच्चों…
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…