26 सप्ताह का बच्चा – विकास, पड़ाव और देखभाल

आपका २६ सप्ताह का बच्चा - विकास, उपलब्धियां और देखभाल

बधाई हो! आपके बच्चे ने अपना आधा साल सफलता पूर्वक पार कर लिया है। इस बात में कोई शक नहीं कि आपका बच्चा हर रोज कुछ न कुछ नया करके आपको आश्चर्य में डाल देता है, क्यों सही कहा न? अगर आपके बच्चे ने अभी तक सही ठीक ढंग से अपने विकास के पड़ाव को पार किया है, तो अब तक वह काफी कुछ करना सीख गया होगा, जैसे कि यदि आप बच्चे से बात करेंगी तो वह आपको प्रतिक्रिया देगा, आपको देखकर मुस्कुराएगा, तरह-तरह की आवाजें निकालेगा और बैठने में सक्षम हो जाएगा आदि। इसके अलावा भी बहुत सारे विकास हैं जो आपका बच्चा अपने 26 वें सप्ताह में प्राप्त करेगा।

 26 सप्ताह के शिशु का विकास

 26 सप्ताह के शिशु का विकास

  • मोटर स्किल में वृद्धि: जैसे ही बच्चा 26वें सप्ताह का होता है, आप देखेंगी की उसकी मांसपेशियां लोच आने लागा है, खासकर उसकी पैरों की मांसपेशियों में क्योंकि बच्चे का शरीर चलने की प्रक्रिया को सीखना शुरू कर रहा है।
  • आवाजों के प्रति ध्यान देना: मस्तिष्क का वह हिस्सा जो ध्वनि सुनने पर प्रतिक्रिया देता है अब वह सक्रिय हो जाएगा। ऐसा इसलिए है, क्योंकि आपका बच्चा तेज गति से विकास कर रहा है। इसलिए उसकी सुनने की क्षमता में भी विकास होता है और वह आवाजों के प्रति अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू कर देते हैं।
  • दाँत निकलना: इस समय बच्चे के दूध के दाँत निकलना शुरू हो जाते हैं, जो इस बात का संकेत है कि अब वे ठोस भोजन करना शुरू कर सकते हैं।

26 सप्ताह के शिशु की विकासात्मक उपलब्धियां 

  • अब आप अपने बच्चे के अँगुलियों में ताकत आते हुए देखेंगी । इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर अब आपका बच्चा अपने हाथों से चम्मच पकड़कर खुद से खाने की कोशिश करे ।
  • आप में से कई ऐसी माएं हैं जो नौकरी करती हैं जिसके कारण आपको अपने बच्चे की देखभाल के लिए केयरटेकर रखनी पड़ती है और इस कारण आपको यह महसूस होता है कि आप अपने बच्चे के उतना करीब नहीं हो पा रही हैं जितना होना चाहिए । हालांकि, आपका बच्चा अब अपने माता-पिता और केयरटेकर के बीच स्पष्ट रूप से अंतर कर सकता है, जिसका अर्थ है कि आप जैसे ही घर आएंगी आपके बच्चे को आपकी गोद चाहिए होगी।
  • इस समय के दौरान आपका बच्चा हर चीज के प्रति जिज्ञासा दिखाएगा उसे समझने की कोशिश करेगा जिसे देख आपको अपने बच्चे पर गर्व महसूस होगा ।
  • जैसा कि आपको पहले भी बताया गया है कि इस समय तक आपके बच्चे की सुनने की क्षमता और भी बेहतर हो जाएगी। वे उन कुछ आवाजों की नकल करने की कोशिश करेंगे जिन्हें वह हर रोज सुनते हैं। हालांकि वह अभी ठीक से बोलने में सक्षम नहीं है लेकिन वह कई अलग-अलग आवाजें निकालकर अपनी बात समझाने की कोशिश जरूर करने लगेंगे । आप भी उनकी बातों को आसानी से समझने लगेंगी भले ही उनकी शब्दावली इतनी साफ न हो ।
  • उनकी सुनने की क्षमता तीव्र गति से विकसित हो रही है और आप देखेंगी कि आपका किसी भी असामान्य आवाज के प्रति तुरंत प्रतिक्रिया देता है।

स्तनपान

26वें सप्ताह से आप अपने बच्चे को ठोस भोजन देना शुरू कर सकती हैं । ध्यान रहें, यह एक परिवर्तन काल है, जहाँ उसका पाचन तंत्र अभी भी नए भोजन के साथ ताल मेल बैठाने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि यह माँ के दूध जैसे जल्दी नहीं पचता है। इसलिए, अगर आप उनके मल में बिना पचा हुआ खाना देखती हैं तो घबराएं नहीं, इसमें खतरे वाली कोई बात नहीं है। इस समय आप बच्चे के मल का रंग बदलते देख सकती हैं आपके शिशु को इस दौरान कब्ज की समस्या हो सकती है। जो पाचन तंत्र के भीतर होने वाले परिवर्तन के कारण होता है। आप बच्चे को ओट्स और ब्राउन राइस जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को देकर बच्चे की कब्ज की परेशानी को दूर कर सकती हैं ।

बच्चे के आहार में पानी शामिल करने का यह बिलकुल ठीक समय है । लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि आप अपने बच्चे को पानी देने से पहले उसे उबाल कर दें। क्योंकि, अभी उनकी प्रतिरक्षा प्रणालि पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है। आप पानी देने के लिए सिप्पर कप का उपयोग भी कर सकती हैं, जिससे पानी गिरेगा नहीं। यदि आपका शिशु अभी भी ठोस भोजन नहीं खा रहा है, तो निराश न हों, क्योंकि थोड़ा  देर से सही लेकिन वह इसे खाना शुरू कर देंगे । बच्चे को बलपूर्वक खिलाने या दूध पिलाने से बचें

नींद

इस दौरान आपके बच्चे की नींद में कुछ इस प्रकार बदलाव आ सकते हैं:

  • जबकि 26 सप्ताह का होने तक कुछ शिशु ज्यादा देर तक लगातार सोने लगते हैं। लेकिन कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जो लगातार नींद नहीं लेते हैं। बच्चे की नींद में खलल पड़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे उनके दाँत निकलना या रात के समय भूख लगना आदि । 
  • ख्याल रखें कि अपने बच्चे को कम से कम एक बार रात में स्तनपान जरूर कराएं ।  
  • अध्ययनों से पता चला है कि इस चरण में कम से कम 78% बच्चे अभी भी रात के समय उठते हैं।

26 सप्ताह के बच्चे की देखभाल के टिप्स

  • इस समय बच्चे किसी भी नई चीज को देख कर आकर्षित होते हैं और उसको पकड़ने के लिए लपकते हैं। इसलिए आपको हर समय उन पर नजर बनाए रखनी होगी और अपने घर बच्चे के हिसाब से व्यवस्थित करना होगा ताकि उन्हें कोई गंभीर चोट न लगे । 
  • यह वह समय है जब आपके बच्चे के दाँत निकल रहे होते हैं, इसलिए सुनिश्चित करें कि आपके पास ढ़ेर सारी ऐसी वस्तुएं हो जो वे अपने मुँह में डाल सकते हों। इस बात का ख्याल रखें कि इनमें कोई भी वस्तु ऐसी नही होनी चाहिए जो बच्चे के लिए खतरनाक हो और उन्हें गलती से भी नुकसान पहुँचाए। आपको नियमित रूप से अपने बच्चे के खिलौनों की साफ-सफाई करनी चाहिए।
  • बच्चे अभी ठीक से बोल पाने में सक्षम नहीं होते हैं, लेकिन आप कुछ तरीकों या इशारों को अजमाकर उनसे बात करने की कोशिश कर सकती हैं और इसमें कोई आश्चर्य नहीं की वह भी आपके जैसे जवाब देने की कोशिश करें  
  • यदि बच्चा अक्सर अपने बाएं हाथ का उपयोग अधिक करता है, तो उन्हें अपने दाएं हाथ का उपयोग करने के लिए जबरदस्ती न करें । यह उनकी कुशलता को बाधित कर सकता है; इसके अलावा जब तक वे 2-3 साल के नहीं हो जाते, इस बात की पुष्टि नहीं होती कि वे दाएं या बाएं हाथ का उपयोग करेंगे।
  • यदि आप बच्चे को नहाने के लिए टब का उपयोग कर रही हैं, तो समय सतर्क रहें, बच्चे टब में आसानी से डूब सकते हैं। 4-5 सेंटीमीटर पानी भी उनके लिए घातक हो सकता है । इसलिए हमेशा ध्यान रखें। 
  • इस समय बच्चा आपसे दूर होने के कारण परेशान हो सकता है। चिंता न करें यह समय के साथ कम हो जाएगा, इसलिए ऐसा न सोचें कि बाद में आपके बच्चे को आपकी आदत लग जाएगी और हर वक्त आपसे चिपका रहेगा। ऐसा कुछ नहीं होगा आप आराम से अपने बच्चे के साथ वक्त बिताइए, ताकि आप दोनों के बीच संबंध मजबूत हो सके।

जाँच और टीकाकरण

इस समय के दौरान किए जाने वाले कुछ परीक्षणों और टीकाकरणों में शामिल हैं:

  • डी.टी.ए.पी., पी.सी.वी. और एच.आई.बी. की तीसरी खुराक।
  • आई.पी.वी. की तीसरी खुराक लगेगी।
  • हेपेटाइटिस बी की अंतिम खुराक अब से लेकर 18 महीने के बीच लग सकती है।
  • यदि हो सके तो इन्फ्लूएंजा का भी टीका लगवाएं।
  • टी.बी. एक खतरनाक बीमारी है और यह शिशुओं के लिए बहुत घातक हो सकती है। यदि यह आपके परिवार में किसी को पहले से रही हो, तो आप अपने बच्चे का परीक्षण करवाना सुनिश्चित करें।
  • इन दिनों, आप दंत चिकित्सक के पास बच्चे के दंत जाँच के लिए जा सकती हैं;  क्योकि कई छोटे बच्चों को दाँतों में कैविटी होने का खतरा होता है।
  • आप बच्चे को हमेशा सुरक्षित रखने के लिए लेड स्क्रीनिंग टेस्ट करा सकती हैं। यह परिक्षण आमतौर पर यह देखने के लिए किया जाता है कि क्या उन्होंने कोई जहरीला पदार्थ खाया है।

खेल और गतिविधियां 

  • कहानी सुनाएं: बच्चों को कहानी सुनना बहुत पसंद होता है । बच्चे अभी देख के समझने से ज्यादा मौखिक रूप से दी गई जानकारी के प्रति ज्यादा ग्रहणशील होते हैं। यह सही समय है जब आप अपने बच्चे को रात में कहानियां सुनाना शुरू कर सकती हैं। यदि आप बच्चे का ध्यान आकर्षित करने के लिए कहानी के किसी हिस्से पर जोर देना चाहती हैं, तो आप अपनी आवाज में उतार-चढ़ाव ला सकती है ताकि उन्हें कहानी सुनने में और भी मजा आए। 
  • बजने वाले खिलौने दें: आप बाजार से ऐसे खिलौनों को खरीद सकती हैं, जो तरह तरह की आवाजें निकालते हों। आप अपने साथी के साथ मिलकर एक टीम बना लें और बच्चे के साथ मिलाकर आवाजें निकाले।आप देख सकती है कि आवाजों के निकाले जाने पर आपका बच्चा कैसे आपको प्रतिक्रिया देना शुरू कर देता है।
  • गाने लगाएं: आप बच्चे को नहलाते वक्त या उनकी सफाई करते वक्त मधुर गाना लगा सकती हैं। आप चाहे तो खुद गाना गा कर बच्चे को सुनाएं।
  • गेंद का पीछा करने दें: आप बच्चे को कोई एक गेंद या फिर कोई उसका पसंदीदा खिलौना खोजने के लिए दें। आप उसके खिलौने को दूसरे कमरे में रख दें, फिर उसे दूसरे कमरे से खिलौना ढूढ़ कर लाने को कहें । इस प्रकार के खेल बच्चे के पैर की मांसपेशियों को विकसित करने और चलने की प्रक्रिया को तेज करने में मदद करता है ।
  • ब्लॉक्स के साथ खेलने दें: यह बच्चे की कुशलता को बढ़ाने में मदद करता है। वह ब्लॉक्स के टुकड़ों को जोड़ने की कोशिश करता है जो उसके मस्तिष्क का विकास करने में भी मदद करता है। इस प्रकार की गतिविधि बच्चे का मनोरंजन तो करती ही है इसका अलावा उनके विकास में भी सहायक होती है। लेकिन ख्याल रहे ब्लॉक्स बहुत छोटे न हों कि बच्चा इसे अपने मुँह में डाल लें और इसके अटकने का खतरा रहेगा।  
  • मेलजोल बढ़ाएं: अपने बच्चे को बाहर खेलने के लिए या टहलाने के लिए ले जाएं। उन्हें अन्य बच्चों के साथ उन्हें मिलाना कभी भी जल्दी नहीं होता। पड़ोसी महिलाओं या दोस्तों को आमंत्रित करें जिनके उसी उम्र के बच्चे हैं, उन्हें एक-दूसरे के साथ बातचीत करने दें।

चिकित्सक से परामर्श कब करें

  • यदि बच्चे में दाँत निकलने के कोई लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं उसके बावजूद भी उसे तेज बुखार आ रहा हो, तो जल्द से जल्द अपने बच्चे को किसी बाल रोग विशेषज्ञ के पास ले जाएं।
  • यदि वे इस समय के दौरान आवाजों  के प्रति कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है, तो यह चिंता का कारण हो सकता है। उन्हें एक वाक चिकित्सक (स्पीच थ्रेपिस्ट) को दिखाएं जो एक ऑडियोलॉजिस्ट की मदद से बच्चे के सुनने की क्षमता का परीक्षण कर सकता है।
  • एक 26 सप्ताह के शिशु का वजन और आकार माता-पिता पर निर्भर करेगा। यदि आपके तमाम प्रयासों के बावजूद भी आगर बच्चा कुपोषित दिख रहा है, तो आपको उन्हें डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।