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इस समय बच्चों में हर चीज को करने के लिए बहुत ऊर्जा होती है और वह जब भी किसी नई चीज को देखते हैं तो हर बार उतनी ही प्रबलता से उत्साहित हो जाते है । इस उम्र तक आपके बच्चे के मस्तिष्क का काफी विकास हो गया होता है और यह विकास अभी जारी रहने वाला है। बच्चे के विकास के महत्वपूर्ण पड़ावों पर नजर रखना अच्छी बात है, लेकिन अगर वह आपकी अपेक्षा अनुसार अपने विकास को पूरा नहीं कर रहा है, तो चिंता न करें। जरूरी नहीं है कि जैसा आप सोच रही हैं बच्चा वैसे ही विकास करे । हर बच्चा अलग होता है इसलिए उनका विकास भी अलग-अलग समय से होता है ।
28 सप्ताह के बच्चे का वजन उसके पैदा होने के वजन से अब तक काफी बढ़ गया है। यह वह समय है जब बच्चा अपने घुटनों के बल अच्छे से चलने लगता है। इसलिए, फर्श पर कोई भी ऐसी चीज न रहने दें, जिसे वह अपने मुँह में डाल सकता हैं और जो बच्चे के गले में फस सकता है। बच्चे का इस समय घुलटना उनके द्वारा की जाने वाली एक आम गतिविधि है। यह गतिविधि आपके बच्चे पसंदीदा कार्यों में से एक हो सकती है।
हर बच्चे में चलने का तरीका एक दूसरे से अलग हो सकता है, इसलिए इस बात पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। ऐसा हो सकता है कि कुछ बच्चे अभी भी घुटनों के बल चलने की कोशिश कर रहे हों, जबकि अन्य बच्चे इस समय तक सहारे से चलने का प्रयास करने लगते हैं। इस दौरान बच्चे का मस्तिष्क भी अच्छे से विकास कर रहा होता है जो इन सभी गतिविधियों को पूरा करने में बच्चे की मदद करते हैं ।
इस समय तक आपके बच्चे की भूख भी बढ़ जाएगी और अब वह अधिक भोजन की मांग कर सकता है । क्योंकि बच्चा लगातार विकास कर रहा है इसलिए उसकी भूख में वृद्धि होना आम बात है। बच्चा इस दौरान बहुत सारी नई गतिविधि करने लगता है जिसके लिए उन्हें ऊर्जा की जरूरत होती है, इसके अलावा उनका मस्तिष्क और पूरा शरीर अभी भी विकास कर रहा है जिसके चलते उन्हें पहले से कहीं ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है और उनकी भूख की मांग बढ़ जाती है ।
इस समय तक बच्चा अपने मुख्य पड़ाव को पार कर चुका होता है, इसलिए यदि अब उसके विकास की गति धीमी होती है, तो चिंता की कोई बात नहीं है। ये महत्वपूर्ण पड़ाव कोई नियम की तरह नहीं हैं जो हर बच्चे में एक जैसे जरूर होना चाहिए । यह दिशा-निर्देश माता-पिता को यह जानने में मदद करते हैं कि उनके बच्चे में प्रगति कैसी हो रही है।
इस समय में आप बच्चे को दूध के अलावा ठोस आहार देना शुरू कर चुकी होंगी । हालांकि, हो सकता है कि कुछ बच्चे अभी ठोस आहार के प्रति उतनी रूचि न दिखाएं। इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि आप बच्चे को ठीक से ठोस आहार तब दें सकती है, जब वह एक वर्ष का हो जाए। इसलिए, आप बच्चे को कोई भी ठोस आहार जबरदस्ती देने की कोशिश न करें । आप परिवार के साथ रात में भोजन करते वक्त बच्चे को भी भोजन खिलाने का प्रयास करें। लेकिन, इस बात का ख्याल रखें कि जब खाना समाप्त हो जाए, तो उनके आसपास मौजूद खाने की चीजों को हटा दें। बच्चे को जबरदस्ती खाना न खिलाने के पीछे का कारण है कि यह उन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और इसके परिणामस्वरूप बच्चा ठोस भोजन बिल्कुल खाना पसंद नहीं करेगा। बारह महीने की उम्र तक बच्चा संभवतः उन सभी ठोस खाद्य पदार्थ खाना शुरु कर देगा जो परिवार के बाकि लोग खाते हैं। इस समय तक उसके मुँह में एक-दो दाँत भी आना शुरू हो जाएंगे।
इस उम्र में अक्सर बच्चे को टंग टाई (जीभ के जुड़ने) की समस्या हो सकती है। इसका मतलब यह है कि बच्चे की जीभ आवश्यकतानुसार हिलने-डुलने में असमर्थ होती है और उन्हें भोजन निगलने या खाना चबाते वक्त जीभ को आगे पीछे करने में परेशानी होती है । इसलिए जब आप बच्चे को ठोस भोजन देना शुरू करेंगी, तो उनमें आपको इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे: कुछ बोल न पाना, दम घुटना, खाँसी या उल्टी होना आदि शामिल है। यदि आप बच्चे बच्चे में ऐसे संकेत देखती हैं, तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ से मुलाकात करें।
28 सप्ताह के बच्चे की नींद बाधित हो सकती है । वह रात के जाग सकता है और रो भी सकता है, ताकि आपका ध्यान उनकी ओर जा सके। दिनभर अत्यधिक गतिविधि करने के कारण इसका असर बच्चे की नींद पर पड़ता है।
इस समय माता-पिता बच्चे के साथ सोना ज्यादा पसंद करते हैं ताकि वे बच्चे की जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकें। लेकिन इस बात ख्याल रखें कि जब बच्चा आपके साथ सोए तो उसे किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। इस समय तक, आपका शिशु स्तनपान करने के बाद खुद से हट जाते हैं, जिससे आप स्तनपान के दौरान सो सकती हैं या झपकी ले सकती हैं।इस प्रकार आपका सोना भी आसान हो जाता।
चार से सात महीने की आयु के दौरान बच्चे को बहुत सारा टीके लगाए जाते हैं। कई टीके की तीसरी खुराक इस समय दी जाती है, जिसमें डी.टी.ए.पी, पोलियो वैक्सीन, हेप बी, एच.आई.बी, पी.सी.वी और रोटावायरस के टीके शामिल हैं। ये सुनिश्चित करते हैं कि बच्चे को डिप्थीरिया, पोलियो, टेटनस, हेपेटाइटिस बी, फ्लू जैसी अन्य बीमारियों से बचाया जा सके। यदि डॉक्टर को लगता है कि आपके बच्चे को मैनिंजाइटिस से संक्रमित होने का खतरा है, तो उसे मेनिंगोकोकल वैक्सीन लगाया जाएगा।
बच्चे के पैरों की मांसपेशियां अब उसके वजन को सहारा देने के लिए पर्याप्त रूप से मजबूत हो गई है, इसलिए हो सकता है कि आप इस समय अपने बच्चे को इधर-उधर भागते हुए या सहारा लेकर चलते हुए देखें। यदि आपके गोद में लेने से बच्चा उछलने लगता है, तो आप उसके हाथों को सहारा देते हुए उन्हें चलने में मदद करे ताकि उसे पैर में ताकत जल्दी विकसित हो सके।
किसी चीज को पकड़ना और फेंकना बच्चे की आम गतिविधि में शामिल है। वह इस क्रिया को करने में और भी सक्षम हो जाएंगे, यदि आप उन्हें उनके खिलौनों के साथ ऐसा करना जारी रखने देती हैं । इसके अलावा, जब वह अपने खिलौने फेंके तो इसे उन्हें खुद ही पकड़ने दें। ऐसा करने से पैरों की मांसपेशियों की कसरत होती है। बच्चे को फर्श पर खेलने दें, क्योंकि इससे बच्चे को खड़े होने में और जल्दी-जल्दी चलने में मदद मिलती है।
वह अपने आस-पास होने वाली आवाजों के प्रति जवाब देना शुरू कर देगा। आपके हाव-भाव को समझने लगेगा। आपकी बातों पर हँसेगा तो कभी कभी गुस्सा भी जाहिर करेगा। वह धीरे-धीरे भावनाओं का अर्थ समझने लगेगा। जब आप उनसे बात करेंगी तो वह आपकी स्वर से अंदाजा लगाएंगे कि आप उनसे प्यार से बात करे रही है या उन्हें डाट लगा रही हैं । वह आप देख सकेंगी कि अलग-अलग आवाज को सुनने पर बच्चे बहुत उत्तेजित हो जाता है और उन्हें दोहराने की कोशिश करता है।
टीकाकरण के बाद आपके बच्चे को बुखार या टीकाकरण की जगह पर चकत्ते होना आम बात है। हालांकि, यदि ये लक्षण बच्चे में लंबे समय तक बने रहते हैं, तो डॉक्टर से मुलाकात करना अच्छा रहेगा। यदि आपको अपने बच्चे में किसी प्रकार की कोई परेशानी महसूस होती है तो आप उसे डॉक्टर के पास ले जाकर जाँच करवाएं।
28 सप्ताह यानि सात महीने कैसे पल भर में बीत गए की पता ही नहीं चला। लेकिन इस दौरान आपके बच्चे ने उन सभी विकास के पड़ावों को पार जरूर कर लिया होगा जो उन्हें अब तक कर लेना चाहिए। अब वह खुद से बैठ सकता है, नई चीज को पकड़ने के लिए उस तक पहुँचने लगेगा, ठोस आहार खाना शुरू कर देगा, आपकी बातों पर प्रतिक्रिया देने लगेगा आदि। यदि आप अपने बच्चे में इन विकास को पूरा होते हुए नहीं देख पा रही हैं तो चिंता न करें हर बच्चा अपने हिसाब से विकास के पड़ाव को पार करता है। लेकिन फिर भी अगर आपको बच्चे के विकास से जुड़ी कोई समस्या नजर आ रही है तो डॉक्टर से बात करें।
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