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आपका बच्चा तेज़ी से बढ़ रहा है, और हो सकता है आपका नवजात शिशु आपको दिनभर खड़ा रखता है, लेकिन फिर भी आपके लाडले के आने वाले महीनों के हर मिनट आपके लिए बहुत खास होंगे। अपने शिशु के विकास पर नज़र रखें और अगर विकास में किसी भी प्रकार से कोई देरी होती है तो उसका पता लगाने और रोकने के लिए प्रभावशाली तरीका भी मौजूद हैं।
यहाँ 3 महीने के शिशु के विकास में आने वाले पड़ावों की तालिका दी गई है, जो आपको बताता है कि आपके बच्चे ने अब तक कौन सी उपलब्धियाँ हासिल की है और कौन से वह आगे चलकर करने वाला है।
हासिल की गईं विकासात्मक उपलब्धियाँ | उभरते विकासात्मक उपलब्धियाँ |
सिर 45° तक घुमाता है | सिर 90° तक घुमाता है |
अजनबियों के सामने चुप हो जाता है | अजनबियों के आस–पास बेचैन हो जाता है |
अपनी दृष्टि के क्षेत्र में आने वाली वस्तुओं को देखता है | अपनी दृष्टि के क्षेत्र के बाहर की वस्तुओं को देखने के लिए सिर घुमाता है |
ऊपर उठाने पर पैर नीचे की ओर धकेलता है | ऊपर उठाने से पैरों पर भार संभालता है |
कुछ क्रियाओं की नक़ल करता है | अधिक क्रियाओं की नक़ल करता है |
पास की वस्तुओं को पकड़ लेता है | दूर की वस्तुओं को पकड़ने की चेष्टा करता है |
पास की वस्तुओं को हिलाता है | वस्तुओं को कोनों में फेंकता है और जगहों से टकराता है |
विकास के प्रमुख पड़ावों को पाँच प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है – संज्ञानात्मक, शारीरिक, सामाजिक और भावनात्मक, दृश्य और श्रवण, और संचार विकास। आइए देखें 3 महीने के बच्चे के विकासात्मक उपलब्धियाँ ।
चीजों की नक़ल – क्रियाओं की नक़ल करता है चाहे आप खाना बना रही हों, सफ़ाई कर रही हों या कोई मज़ेदार काम कर रही हों, आपका शिशु आपकी कुछ क्रियाओं की नकल करेगा।
खुशी से हँसना – आपका बच्चा आपके द्वारा कही गई किसी भी बात के जवाब में खुशी से हँसता है, बड़बड़ाता है यह उसका आपको जवाब देने का तरीका है।
सिर घुमाता है – चाहे आप शोर करें या कुछ और, आपका शिशु शोर का स्रोत का पता लगाने के लिए अपना सिर घुमाएगा।
दूर से चेहरे पढ़ता है – अब आपको और आपके दोस्तों को बच्चे के पास आकर सबको देखने में उसकी मदद नहीं करनी पड़ेगी। आपका बच्चा अब दूर से या लंबी दूरी से लोगों और उनके चेहरों को पहचान सकेगा।
अपना सिर घुमाना – जब आप वस्तुओं को बच्चे की दृष्टि के क्षेत्र से दूर ले जाएंगी तो उसे देखने के लिए वह अपने सिर को मोड़ने में सक्षम होगा।
सिर को 45° तक झुकाता है – पेट भरने के समय के दौरान, आप देखेंगी कि शिशु 45° तक सिर उठाने या झुकाने और अपने चारों ओर के खिलौने देखने में सक्षम हो रहा है। इस प्रक्रिया में उसकी गर्दन की मांसपेशियां मज़बूत होंगी।
सहारे से शरीर का वज़न संभालता है – जब आप अपने बच्चे को ऊपर उठाती हैं, तो आप अपने शिशु को अपने पैरों पर अपना वज़न सहन करके खड़े होने में सक्षम होते देखेंगी। हालांकि वह अपने आप खड़ा नहीं हो सकता, लेकिन आपकी मदद से कुछ समय के लिए खड़ा हो सकेगा।
कम नींद – जब आपका शिशु तीन महीने का हो जाएगा, तब समय के साथ–साथ वह कम सोना शुरु कर देगा । आप उसे इस चरण के दौरान, विशेष रूप से रात में सामान्य 16 घंटों के बजाय 15 घंटे सोते हुए देखेंगी।
भाई–बहनों के साथ बातचीत – आपका बच्चा अपने भाई–बहनों के अस्तित्व के प्रति सजग होगा और उनके साथ कूँ–कूँ और अन्य ध्वनियों के माध्यम से बातचीत करेगा।
अजनबियों के करीब जाने में संकोच करेगा – आपका शिशु अजनबियों के साथ मित्रता नहीं करेगा और शांत रहेगा। कुछ बच्चे अजनबियों के सामने जाने में भी व्याकुल हो जाते हैं।
पहली हँसी – तीन महीने से चार महीने की उम्र के बीच, आप अपने बच्चे को पहली बार हँसते हुए सुनेंगी।
आपको देखकर मुस्कराता है – जहाँ तक प्राथमिक देखभाल करने वालों और माता–पिता का संबंध है, आपका शिशु लोगों का अभिवादन करने के तरीके के रूप में मुस्कराएगा। आपका बच्चा केवल उन लोगों को देखकर मुस्कराएगा, जिन्हें वह पहचानता है, न की अजनबियों को देख कर मुस्कराएगा।
तीव्र विषमताएं – आपके बच्चे को चमकीले रंग के खिलौने और तीव्र विषमताएं देखने में मज़ा आएगा। उसे धारियों और रंगों को काले और सफेद जैसी तीव्र विषमताओं के साथ देखने की आदत हो जाएगी।
चेहरे का निरीक्षण करना – आपका बच्चा नए चेहरों का आदी होना शुरु कर देगा और लोगों की आँखों में कुछ समय तक टकटकी लगा कर देख सकता है। यदि आप उसे पालने में दर्पण दें, तो वह अपने चेहरे के भावों को गौर से देखेगा।
आपकी आवाज़ का उत्तर देता है – आपका शिशु आपकी आवाज़ को पहचानने में सक्षम होगा और कूँ–कूँ करके या स्वर शोर के माध्यम से अपने चारों ओर की ध्वनियों का जवाब देना शुरू कर देगा।
आँखों से वस्तुओं पर निगाह रखता है – आपका शिशु अपनी दृष्टि के क्षेत्र से बाहर जाने वाली वस्तुओं को देखने के लिए सिर घुमाएगा। वह आपकी गतिविधियों का अनुसरण करने में सक्षम होगा और दूर से भी यह देख पाएगा कि आप कहाँ जा रही हैं।
पड़ोसियों और अजनबियों को देखकर हँसना – यदि आपका बच्चा किसी अजनबी को जानता है या किसी नए दोस्त से अक्सर मिलता है, तो वह अपनी “मुस्कान” दिखाएगा और उनसे मिलने पर खुशी व्यक्त करेगा। यह केवल तब होता है जब वह नए चेहरों को देखकर खुद को उनसे परिचित कर लेता है।
इशारे करना – रोना एकमात्र तरीका नहीं है, जिससे आपका बच्चा इस उम्र में संवाद करता है। वह आपकी नकल करेगा और बातचीत और प्रतिक्रियाओं के लिए इशारे करेगा।
कम रोना – रोने की बात करें तो, आपका बच्चा दिन भर में 1 घंटे से अधिक नहीं रोएगा।
ज़्यादा आवाज़ें – आपका बच्चा आपके साथ संवाद करने के लिए ‘ऊह आह’ और स्वर संकेतन और कूँ–कूँ की आवाज़े निकाल कर बड़बड़ाने का प्रयास करेगा। वह आपके चेहरे के भावों, इशारों को देखेगा और उनके अनुसार अलग–अलग ध्वनियों और स्वरों से प्रतिक्रिया देगा।
प्रतिक्रिया नहीं देता – यदि आपका बच्चा आपके चेहरे को देखकर और जब अन्य लोग उसका अभिवादन करते हैं, तब अभिव्यक्तिहीन रहता है, तो यह विकास में गंभीर देरी का संकेत है।
प्रलाप नहीं करता – यदि आपका बच्चा आवाज़ या प्रलाप नहीं करता है, तो यह एक सावधान हो जाने का संकेत है।
सिर हिलाता है – यदि आपका बच्चा अपना सिर हिलाता है और अपने दम पर उसे स्थिर नहीं कर पाता, तो यह चिंता की बात है।
वस्तुओं को पकड़ नहीं सकता – अगर आपका बच्चा खिलौनों के साथ खेलने के प्रति रुचि की कमी दिखाता है, आस–पास की वस्तुओं को पकड़ने में असमर्थ है या खिलौने मुँह में नहीं डालता, तो यह एक स्पष्ट संकेत है।
यहाँ पर आपके शिशु को जल्द से जल्द पड़ाव हासिल करने में मदद करने के तरीके दिए गए हैं:
टमी टाइम गेम्स – अपने बच्चे के साथ खेल खेलें, जो उसकी गर्दन की मांसपेशियों की गति को प्रोत्साहित करता है। पेट के बल लेटाने का मतलब है शिशु का तेज़ी से रेंगते हुए बढ़ना है।
अपने बच्चे से बात करें – अपने बच्चे से कुछ भी बोलें या कहें, चाहे उसे समझ में न आए बात करें कि आपका दिन कैसा रहा या रात के खाने में क्या है। इस तरह उसकी सुनने की शक्ति और शब्दावली कौशल में सुधार होगा।
शब्दों के साथ इशारों को शामिल करें – यदि आप बोलते हुए कुछ क्रिया करती हैं तो आपका शिशु तेजी से जुड़ाव बनाएगा। नियमित रूप से किसी कार्य को बोलना के साथ उसे करना शिशु को सुनने और शब्दकोश को बढ़ाने में मदद करेगा।
खिलौने से खेलना – चलती वस्तुओं को देखने की कला में अपने शिशु को प्रशिक्षित करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है ट्रेन ट्रैक सेट । एक खिलौने वाली कार लें और उसे एक तार से बांधे, चारों ओर घुमाएं और बच्चे को उसे पकड़ने के लिए प्रेरित करें।
आवश्यक पड़ाव प्राप्त करने के लिए कोई जादुई फ़ार्मूला नहीं है। बस अभ्यास करती रहें, अपने शिशु के साथ सौम्य रहें और वह आपकी अपेक्षा से पहले ही वहाँ तक पहुँच जाएगा।
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