शिशु

30 सप्ताह का बच्चा – विकास, पड़ाव और देखभाल

आपका बच्चा अब 30 सप्ताह का हो गया है। बच्चे का विकास केवल शारीरिक रूप से ही नहीं हो रहा है, बल्कि बौद्धिक रूप से भी उतनी तेजी से हो रहा है। आपका बच्चा उन लोगों के साथ रहना पसंद करता है जो हर रोज उसके आसपास होते हैं। इस समय बच्चे की मोटर स्किल्स तेज गति से विकसित हो रही है और अब वह लोगों के साथ ज्यादा घुलने-मिलने लगा है । निम्नलिखित लेख में, हम चर्चा करेंगे कि आपके 30 सप्ताह के बच्चे में किस प्रकार से बदलाव होने वाले हैं और एक माता-पिता के रूप में आप बच्चे के बेहतर विकास के लिए क्या कर सकती हैं।

30 सप्ताह के बच्चे का विकास

30 सप्ताह में आप देख सकती हैं कि आपके बच्चे की संज्ञानात्मक क्षमता और याद्दाश्त अब बेहतर हो गई है। वह अनुमान लगा सकता है कि अब आगे क्या होने वाला है। यदि आप एक बिस्कुट के डब्बे का ढक्कन खोल रही हैं तो वह जानता है कि उसे अंदर रखा बिस्कुट उसे दिया जाने वाला है। वह प्रतीक्षा कर सकता है कि कब उसके पिता शाम को घर लौटेंगे। वह अब स्पर्श, भाव, सुनना और गंध का अहसास करना आदि सभी संवेदी कौशल अपने अंदर विकसित कर चुका है। इसके अलावा ऐसे बहुत सारे विकासात्मक उपलब्धियां हैं जिसे उसने प्राप्त किया है । जैसे उसके आस-पास क्या हो रहा है, वह यह जानने के लिए उत्सुक होगा । बच्चे की मोटर स्किल्स में लगातार सुधार हो रही है, इसलिए आप देखेंगी कि वो चीजों को गिरा कर, हिला कर, फेक कर उन्हें समझने की कोशिश करता है । हो सकता है कि इस समय तक वह अपनी अंगुलियों का इस्तेमाल करते हुए खुद से भोजन करना भी सीख गया हो। 30 सप्ताह के शिशु में होने वाले बेहतर विकास के कारण अब उनकी पकड़ने की क्षमता में और अधिक सुधार होगा, जो उनके बड़े होने के साथ-साथ और भी बेहतर होती जाएगी। लेकिन आप अभी भी यह नहीं जान पाएंगी कि वह बाएं हाथ वाला है या दाएं हाथ वाला। यह जानना इसलिए मुश्किल होता है क्योंकि अधिकांश बच्चे जन्म के बाद से लेकर एक वर्ष तक अपने दोनों हाथों का उपयोग करते हैं ।

30 सप्ताह के शिशु की विकासात्मक उपलब्धियां

यहाँ कुछ आवश्यक पड़ाव हैं जो आपके बच्चे को 30 सप्ताह तक प्राप्त करना चाहिए।

  • आपका बच्चा इस उम्र तक आयाम व आकार (डायमेंशन) को समझने लगता है और इस प्रकार आप उसे अपने खिलौनों को आकार के हिसाब से रखता हुए देखेंगी ।
  • इस समय तक आपके बच्चे की मांसपेशियां काफी मजबूत हो जाती हैं; इसलिए अब वह आराम से एक जगह से दूसरी जगह रेंगते हुए पहुँच जाता है और बैठते समय अपनी पीठ को भी मोड़ सकता है।
  • आपके बच्चे को भावनाओं की बेहतर समझ होने लगेगी। वह हँसेगा, रोएगा और अन्य भावनाओं को भी प्रदर्शित करेगा जैसे उसके आसपास के लोग करते हैं।
  • बच्चा विभिन्न ध्वनियों को सुनकर उसकी नकल करेगा। यहाँ तक कि वह आपको देखकर आपकी भी नकल करने की कोशिश कर सकता है। आप उसे इस समय हाथ मिलाने और ऐसे कई छोटे चीजें सिखा सकती हैं।

ये कुछ प्रमुख पड़ाव हैं जिन्हें आप अपने बच्चे में इस दौरान देख सकती हैं। हालांकि, हर बच्चा अलग होता है और अलग-अलग समय पर अलग-अलग उपलब्धियां हासिल करता है, इसलिए अपने बच्चे की तुलना दूसरों से न करें।

आहार

आपका शिशु अंदाजन आठ महीने का हो गया है। इस समय तक उसने कई तरह के ठोस खाद्य पदार्थों को भी खाना शुरू कर दिया होगा। अब आपको उसे वह सब चीजें खिलानी शुरू कर देनी चाहिए, जो आपके परिवार के बाकि लोग खाते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि आपको लगे कि आपके बच्चे को किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी हो सकती है, पर आप उस खाद्य को भी अपने बच्चे को दें, अगर अभी तक उससे एलर्जी नहीं हुई है। आप बच्चे को कच्चा अंडा कभी न दें। इस समय बच्चे को भोजन देने हेतु आपको यह भी सलाह दी जाती है कि बच्चे को एक साथ कई तरह के खाद्य पदार्थों से परिचित न करवाएं । एक एक करके सभी भोजन को देना शुरू करें, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आपका शिशु उस खाने को लेकर किस तरह की प्रतिक्रिया देता है। आप चाहें तो उसे ठोस आहार खिलाने के साथ-साथ स्तनपान कराना भी जारी रख सकती हैं। कुछ शिशुओं में लैक्टोज की असहिष्णुता विकसित हो सकती है, ऐसी परिस्थितियों में उनके लिए सोया दूध का उपयोग किया जा सकता है। आपके बच्चे की इम्युनिटी सिस्टम विकसित हो रही है, इसलिए अधिक मात्रा में भोजन देने से उनमें अपच जैसे परेशानी होने का खतरा कम हो जाता है। हालांकि, यदि आप किसी भी खाद्य पदार्थ को देने से बच्चे में एलर्जी के संकेत देखती हैं, तो अपने बच्चे को ऐसी खाद्य सामग्री देने से बचें और तुरंत बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं।

नींद

30 हफ्तों से लगातार आपका बच्चा अपने विकासात्मक पड़ाव को एक-एक कर के पार करने में व्यस्त है, यह एक मुख्य कारण है जिससे आप उनके सोने में एक अनिश्चितता पाएंगी, जो इस उम्र के बच्चों में होना बहुत सामान्य है। आपका बच्चा दिन में दो से तीन बार कुछ घंटों की छोटी-छोटी नींद ले सकता है। इस उम्र में बच्चे को अकेले सोना पसंद नहीं होता, इसलिए आप उन्हें अपने साथ ही सुलाएं । यह व्यवहार परिवर्तन उनमें आपसे दूर होने के डर से भी उत्पन्न हो सकता है। ऐसे हालातों में कुछ डॉक्टर आपको बच्चे के साथ ही सोने की सलाह दे सकते हैं, क्योंकि यह माँ और बच्चे दोनों को एक शांतिपूर्ण नींद लेने में मदद करेगा। यह भी देखा गया है, कि इस उम्र के आसपास बच्चे दिन के भोजन करना कम कर देते हैं, लेकिन रात में अधिक भोजन की मांग करते हैं। वैसे तो अब 30 सप्ताह की शिशु की नींद बहुत कम बाधित होती है, लेकिन, इसके बावजूद भी वह जल्द ही अच्छी तरह अपनी नींद लेना शुरू कर देगा ।

30 सप्ताह के बच्चे की देखभाल के टिप्स

यहाँ कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिनका पालन करके आप अपने बच्चे को बेहतर तरीके से उसके विकासात्मक पड़ाव को पार करने में मदद कर सकती हैं:

  • अपने बच्चे के लिए राइम्स और गाने गाएं । इसके अलावा उन्हें कहानियां भी पढ़कर सुनाएं । यह बच्चे के सुनने के कौशल को विकसित करने में मदद करता है और उसकी याद्दाश्त को भी तेज करता है।
  • इस उम्र में आपका बच्चा हर चीज की नकल करने की कोशिश करता है और जो कुछ भी वह लोगों को करते देखता है उनकी नकल करने की कोशिश करता है। आप उसके लिए मिनी-मी खिलौने खरीद सकती हैं।
  • आपके बच्चे को इस समय आपसे दूर रहने से संबंधित चिंता (सेपरेशन इशूज) हो सकती है। आप उसका यह डर दूर करने के लिए लुका-छिपी जैसे खेल खेल सकती हैं । आप ऐसा करते हुए छुप जाएं और अचानक बच्चे के सामने आ जाएं, इससे उन्हें यह विश्वास होने लगेगा कि आप उन्हें छोड़ कर कहीं नहीं जाएंगी।
  • बच्चे के मोटर स्किल्स और सोचने के कौशल को विकसित करने के लिए आपको बच्चे विभिन्न रंगों, पैटर्न और आकृतियों के खिलौने बच्चे के लिए खरीदने चाहिए।
  • आप बच्चे की विकसित मांसपेशियों के बेहतर संचलन में उनकी मदद कर सकती हैं। हालांकि, आपको बच्चे की बहुत मदद करने से भी बचना चाहिए, क्योंकि उन्हें चीजों को खुद से ही सीखने की जरूरत है। आप बच्चे को उनके हाथों और पैरों का सहारा लेते हुए खुद खड़ा होने दे, बस आप उनपर नजर बनाए रखें ताकि उन्हें चोट न लगे।

जाँच और टीकाकरण

जब आप अपने बच्चे को उसके 30 सप्ताह के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए ले जाएंगी, तो आपका डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षण करना को कह सकता है:

  • दिल और फेफड़े की जाँच – किसी भी असामान्य धड़कन या साँस लेने की परेशानी को देखने के लिए डॉक्टर दिल और फेफड़े की जाँच कर सकते हैं।
  • आँखों की जाँच – आँखों से जुड़ी किसी भी समस्या की जैसे कि अवरुद्ध आँसू वाहिनी (ब्लॉक्ड टियर डक्ट) आदि की जाँच की जाएगी ।
  • मुँह की जाँच – डॉक्टर बच्चे नए दाँत निकलने या छालों के संकेतों की जाँच कर सकते है ।
  • कान की जाँच – बच्चा ध्वनियों प्रति कैसे जवाब दे रहा है या फिर संक्रमण की जाँच कर सकते हैं।
  • सिर की जाँच – फॉन्टनेल या सिर के नरम स्थान (तालू) की जाँच कर सकते है।
  • शरीर की जाँच – किसी भी चकत्ते या संक्रमण के दिखाई देने पर, या विभिन्न मांसपेशियों की गतिविधियों की जाँच कर सकते है।

आपके बच्चे को निम्नलिखित टीके लगाए जा सकते हैं:

  • डी.टी.एपी
  • हेपेटाइटिस बी
  • एच.आई.बी
  • रोटावायरस
  • फ्लू

आप डॉक्टर से अपने बच्चे के टीकाकरण से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त कर सकती हैं।

खेल और गतिविधियां

आप अपने बच्चे के बेहतर संज्ञानात्मक, मोटर स्किल्स, सुनने और बातचीत करने के कौशल को बेहतर रूप से विकसित करने में मदद कर सकती हैं। इसके लिए आप बच्चे को विभिन्न खेलों और विभिन्न गतिविधियों में व्यस्त करने की कोशिश कर सकती हैं। आपका शिशु उन गतिविधियों में शामिल होना पसंद करता है जिनमें ध्वनियां, गीत और बातचीत करना शामिल होता है। यदि आप गाते या गुनगुनाते हुए एक पल के लिए रुकते हैं, तो आपका बच्चा उत्सुकता से आपकी ओर देखने लगता है कि अब आगे क्या होने वाला है। बच्चे के साथ खेले जाने वाले कुछ खेल और गतिविधियां निम्नलिखित हैं, जिससे आप अपने बच्चे को व्यस्त रख सकती हैं:

बेहतर संज्ञानात्मक विकास के लिए:

  • आप अपने बच्चे को विभिन्न ध्वनि निकालने वाले खिलौने जैसे घंटी, जाइलोफोन, रैटल आदि दे सकती हैं।
  • आप बच्चे को अलग-अलग बनावट के खिलौने दे सकती हैं।
  • आप एक खिलौने के डिब्बे में विभिन्न आकार, रंग और तरह तरह की बनावट वाली वस्तुओं को एक साथ रख सकती हैं।

मोटर स्किल्स विकसित करने के लिए:

  • आप अपने बच्चे के साथ कैच-कैच खेल सकती हैं।
  • उसे दोनों हाथों में एक-एक वस्तु पकड़ाने में मदद करें।
  • उसे विभिन्न वस्तुओं को फेंकने, छोड़ने या पटकने दें।
  • अपने बच्चे को कुछ खिलौने दें ताकि वह इसे पकड़ने के लिए अपनी अंगुलियों का इस्तेमाल करें।

चिकित्सक से परामर्श कब करें

आमतौर पर 30 सप्ताह का बच्चा उपर्युक्त सभी विशेष उपलब्धियां हासिल कर लेता है। हालांकि, कुछ शिशुओं को ये उपलब्धियां 30 सप्ताह के बाद भी प्राप्त हो सकती हैं और यह बहुत सामान्य है, क्योंकि हर बच्चा अलग होता है और उनमें होने वाला विकास भी अलग होता है । लेकिन, अगर आपको बच्चे में निम्नलिखित कोई लक्षण नजर नहीं आते है, तो यह सलाह दी जाती है, कि आप जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से परामर्श करें:

  • आपका शिशु सहारे के साथ भी नहीं बैठ पाता है।
  • बच्चा पेट के बल लेटने पर आगे बढ़ने या घुसकने में असमर्थ है।
  • आपके बच्चे को किसी चीज को अपने मुँह के करीब लाने में कठिनाई होती है।
  • आपका शिशु आस-पास की चीजों को पकड़ने की कोशिश नहीं करता है।
  • आपका शिशु किसी भी दिशा में पलटने में असमर्थ होता है।
  • आपका शिशु परिचित लोगों के प्रति कोई भावना या भाव प्रदर्शित नहीं करता है।
  • आपके शिशु की मांसपेशियां बहुत कठोर और तंग होती हैं, और वह को संतुलित नहीं कर पाता रहता है।
  • आपका बच्चा सामान्य आवाजें नहीं निकालता है।
  • आपका बच्चा न तो चिल्लाता है, और न ही हँसता है।
  • आपका बच्चा थका हुआ, उदासीन दिखाई देता है ।

यदि आप अपने बच्चे में उपरोक्त किसी भी लक्षण को पाती हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर की सहायता लें, क्योंकि आपके बच्चे को विकास संबंधी समस्याएं होने की संभावना हैं। समय पर बच्चे का इलाज करके इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

समर नक़वी

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

1 day ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

1 day ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

1 day ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago