शिशु

31 सप्ताह का बच्चा – विकास, पड़ाव और देखभाल

माता-पिता के लिए अपने बच्चे को बढ़ते हुए देखने से ज्यादा भला खूबसूरत और क्या हो सकता है। एक नवजात शिशु से लेकर 31 सप्ताह के होने तक बच्चे के लिए उसका हर पड़ाव महत्वपूर्ण होता है। बच्चे की हर गतिविधि पर फिर चाहे वह उसका घुटनों के बल चलना हो, या किसी बात पर हँसना हो, आप उनकी यह सारी हरकतें देखकर खुद को उन्हें लाड-प्यार करने से रोक नहीं पाएंगी।

आज के युग में माता-पिता होना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन साथ ही विभिन्न संसाधनों के साथ आप अपने बच्चे को स्वस्थ रूप से बढ़ने और विकसित होने में मदद कर सकती हैं।

31 सप्ताह के बच्चे का विकास

आपका शिशु देखते ही देखते 31 सप्ताह का हो गया है। बच्चे जन्म से लेकर अब तक की तुलना में उसमें बहुत तेजी से विकास हुआ है जो बच्चे में खुद भी देख सकेंगी। इस समय तक बच्चा प्यूरी के रुप में ठोस भोजन खाना व अलग-अलग आवाजें निकालना शुरू कर देता है, इसके अलावा वह घुटनों के बल चलने लगता है और ऐसी अन्य कई सारी गतिविधियां हैं जिन्हे करने के लिए वह उत्साहित हो जायेंगे।

अपने बच्चे को खेलते हुए देखना अपने आप में एक ख़ुशी है, तो क्यों न हम इस पल को सहेज लें! आप अपने बच्चे की तस्वीर ले सकती हैं या वीडियो बना सकती हैं। आप उनके कॉग्निटिव यानि संज्ञानात्मक विकास पर ध्यान दें तथा उनके आहार का भी खयाल रखें।

31 सप्ताह का बच्चा संज्ञानात्मक, भावनात्मक व शारीरिक रूप से अपने सभी विकास के पड़ाव को तेजी से पार कर रहा है। आपके लिए हर दिन नया होगा, क्योंकि आपका बच्चा अपनी गति से हर रोज एक नया पड़ाव पार कर रहा है।

31 सप्ताह पुराने बच्चे के मील के पत्थर

इस उम्र तक, आपका बच्चा निम्नलिखित पड़ाव को पार करने में सक्षम होना चाहिए:

१. बिना सहारे के बैठना

२. अक्सर मुस्कुराना या फिर किसी भी नई चीजों को देखकर मुस्कुराना

३. लुका-छिपी खेलना

४. अंगुलियों के सहारे वस्तुओं को उठाना और जोर से पकड़े रखना

५. विभिन्न चीजों को इंगित करने के लिए तरह-तरह की आवाजें करना

६. घुटनों के बल चलना या खुद से आगे बढ़ने में सक्षम होना

७. ध्वनियों का अनुकरण करना

आहार

चाहे आप एक वर्किंग माँ हो या नहीं लेकिन बच्चे के खाने के शेड्यूल को तय करना बहुत जरूरी है। आप इस बात को लेकर दुविधा में पड़ सकती हैं कि आपको ब्रेस्ट पम्पिंग करना शुरू करना चाहिए या नहीं और कब ठोस आहार देना चाहिए। माँ के दूध से बच्चे को सभी पोषक तत्व प्राप्त होते हैं खासकर एक वर्ष तक के बच्चे को। तो अगर आप अपने बच्चे को 12 महीने तक स्तनपान कराने के बारे में सोच रही हैं, तो इस बात का खास ध्यान रखें कि इसके लिए बच्चे का एक शेड्यूल निर्धारित करें।

यह याद रखना महत्वपूर्ण हैं कि जब आप आपने बच्चे को ठोस भोजन से परिचित करा रही हों, तो यह केवल माँ के दूध के सप्लीमेंट के रूप में ही होना चाहिए और इसे 2 साल तक नहीं बदलना चाहिए। यदि आप नौकरी करती हैं, तो स्तनपान कराना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। इसके लिए एक सारणी तैयार करें ताकि आपके 31 सप्ताह के बच्चे को ठीक से सभी पोषण मिल सके।

यदि आपने अपने बच्चे को फार्मूला दूध देना भी शुरु किया है, तो आप एक सारणी बनाकर यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि आप उसे स्तन का दूध, फॉर्मूला दूध और ठोस खाद्य पदार्थ, सब कुछ दे सकें। आप तब तक बच्चे को स्तनपान कराती रहें जब तक वह इसके बंद करने का संकेत न देने लगे।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप बच्चे को किस तरीके से भोजन दे रही हैं, लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण हैं कि हमेशा ठोस आहार देने से पहले बच्चे को दूध देने की कोशिश करें खासकर माँ का दूध, ताकि बच्चे को पूर्ण पोषण मिल सके।

नींद

आपके 31 सप्ताह के शिशु की नींद आने वाले महीनों में एक महत्वपूर्ण मोड़ लेगी। आपके बच्चे में अब उसकी पसंद और नापसंद विकसित होना शुरू हो गई है और यह भावना उनमें लगातार मजबूत होती रहेगी।

बच्चे में इस समय होने वाले मुख्य विकास में उनके दाँतों का निकलना शामिल है, जिसके कारण उनकी नींद प्रभावित हो सकती है। क्योंकि यह समय बच्चे के एक चुनौतीपूर्ण चरण में आता है और कारण वह बहुत थका हुआ महसूस कर सकते हैं। आपके बच्चे को रात में सोने में परेशानी हो सकती हैं, उसकी व्याकुलता कम करना बहुत जरूरी है, ताकि वह अच्छी और गहरी नींद ले सके। आमतौर पर, यदि आपका बच्चा किसी परेशानी या हलचल के कारण जाग गया है, तो उसे सुलाने के लिए स्तनपान कराएं।

31 सप्ताह के बच्चे की देखभाल के टिप्स

आप भले ही कितना थका हुआ महसूस कर रही हों, लेकिन जब आप बच्चे को इन तमाम गतिविधियों को करते हुए देखेंगी तो एक अलग ही खुशी का अनुभव करेंगी। 31 सप्ताह के शिशु में होने वाले विकास आपको चकित कर देंगे और बच्चे की इन मनोरंजक गतिविधियों को देखने में आपको बहुत आनंद आएगा।

अपने बच्चे को स्वस्थ और खुश रखने के लिए, आप नीचे बताए गए सुझाव के अनुसार अमल कर सकती हैं :

  1. अपने बच्चे को हर तरह की सब्जियां और फल विभिन्न रूप से दें, आप शुरुआत मैश किए हुए आलू से कर सकती हैं या फिर फिंगर फूड्स के साथ।
  2. सोने के लिए एक दिनचर्या बनाना शुरू करें जिससे उनकी आराम से सोने की आदत पड़ सके।
  3. बच्चे की जिज्ञासा को प्रोत्साहित करें।
  4. अपने और बच्चे के बीच का रिश्ता और मजबूत करने के लिए आपको जब भी समय मिले, तो बच्चे साथ खेलें।
  5. इस बात का ध्यान रखें की स्तनपान कराने के अलावा आप बच्चे को संतुलित मात्रा में ठोस आहार भी दें ।
  6. उनकी संज्ञानात्मक क्षमताओं को विकसित करने के लिए उन्हें विभिन्न प्रकार के खिलौने देना शुरू करें।
  7. बच्चे को अगर किसी प्रकार की कोई परेशानी हो रही हो, तो थोड़ा धैर्य रखें और यह समझने की कोशिश करें कि ऐसा क्यों हो रहा है।
  8. घर में एक सकारात्मक वातावरण बनाएं, ताकि बच्चे पर अच्छे से ध्यान दिया जा सके।
  9. अपने 31 सप्ताह के बच्चे के साथ मिलकर हँसे और मुस्कुराएं ।
  10. बच्चे की जरूरत का कुछ सामान हमेशा एक बैग में तैयार रखें जैसे उसके कुछ खिलौने, अतिरिक्त डायपर, दूध की बोतल, टिशु पेपर आदि।
  11. अपने बच्चे में नजर आने वाली प्रतिभा के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें ताकि उनका व्यक्तित्व और अच्छे से निखरकर सामने आ सके।
  12. अपने बच्चे की देखभाल करना जितना महत्वपूर्ण हैं, उतना ही खुद की देखभाल करना भी जरूरी है, इसलिए जब आपका बच्चा सोता है आप भी उसके थोड़ा आराम कर लें ।
  13. माता-पिता होने के नाते थोड़े-थोड़े अंतराल पर आप दोनों बारी बारी से बच्चे की देखभाल करें।एक-दूसरे की मदद करने से आप दोनों के बच्चे की देखभाल करना आसान हो जाएगा ।

जाँच और टीकाकरण

अपने बच्चे का टीकाकरण कराना, उन्हें गंभीर बीमारियों (जो जानलेवा भी हो सकती हैं) से बचाने का सबसे अच्छा तरीका हैं। अपने बाल रोग विशेषज्ञ के साथ परामर्श करें और सुनिश्चित करें कि आपने 31 सप्ताह के बच्चे की सभी जाँच और टीके ठीक से करा लिए हो। आपके बच्चे को हेपेटाइटिस बी (3 टीका) डी.टी.ए.पी (6 टीका), एच.आइ.बी, पोलियो, रोटावायरस, खसरा, मम्प्स और रूबेला के टीके लगने होंगे।आपका चिकित्सक आपके बच्चे के लिए हेपेटाइटिस ए, एच.पी.वी, वैरिसेला, न्यूमोकोकल और मेनिंगोकोकल की टीका का सुझाव भी दे सकता है। कुछ टीका आपके बच्चे को खतरनाक वायरस से बचाने में मदद करते हैं। पहली और सबसे महत्वपूर्ण टीका हेपेटाइटिस बी का होता है, यह हेपेटाइटिस बी वायरस से बचाता है, जो यकृत को नुकसान पहुँचा सकता है।

जब भी आप चिकित्सक के पास जाते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आप अपने बच्चे के विकास की जाँच जरूर करवाएं और पूरे शरीर की अच्छे से जाँच करवाएं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपके बच्चे का विकास सही दिशा में हो रहा है।

खेल और गतिविधियां

अपने बच्चे के साथ ज्यादा समय बिताना उनके साथ खेलना आपके के रिश्ते को और मजबूत करता है। चूंकि इस उम्र में शिशु अपने आस-पास के वातावरण पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर देते हैं और उसकी जिज्ञासा हर चीज को लेकर बढ़ जाती है, इसलिए बच्चाों का मनोरंजन करने के लिए आप उन्हें अलग-अलग चीजों से परिचित कराना शुरू कीजिए।

आप बच्चे के साथ लुका-छिपी जैसे आसान खेल घर में खेल सकती हैं, इसमें उन्हें किसी खिलौने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और इसे खेलने में उन्हें बहुत मजा भी आएगा। इसके अलावा, आप एक डोरी से बंधा खिलौना भी ले सकते हैं और अपने बच्चे से डोरी का पीछा करते हुए खिलौने को पकड़ने के लिए कह सकती हैं। आपका बच्चा खिलौना पकड़ने के लिए घुटनों के बल चलेगा जिससे उसकी चलने की गति में सुधार होगा और उसकी मांशपेशियां विकसित होंगी।

आप उन्हें ताली बजाने जैसा सरल खेल खेलना भी सिखा सकती हैं । आप बच्चे के सामने ताली बजाएं और आप देखेंगी कि बच्चा आपकी नकल करते हुए खुद भी ताली बजाएगा। आप उन्हें कुछ बच्चों की कविताएं गा कर सुना सकती हैं, इस चरण में बच्चा ध्वनियों को पहचानने लगता है और उनसे मेल-जोल बनाना शुरू कर देता है। आप बच्चे का खिलौना छिपा कर उन्हें इसे खोजने के लिए प्रोत्साहित करें। आप इसे किसी आसान जगह या अपने कंबल के नीचे छिपा सकती हैं, ताकि उसे पाने के बाद आपका बच्चा खुश हो जाए।

चिकित्सक से परामर्श कब करें

सतर्क रहना और अपने बच्चे के विकास पर नजर बनाए रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर आप अपने चिकित्सक से संपर्क कर सकें। यदि आपका शिशु दाँत निकलने की प्रक्रिया की वजह से बहुत अधिक दर्द में है और कई दिनों से सो नहीं पा रहा है, तो आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। यदि आपके शिशु की आँखें लाल होने के साथ पानी से भरी हों, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें। यदि दस्त, तेज बुखार या किसी भी शारीरिक रूप से असामान्य लक्षण के कारण आपके बच्चे की नियमित शैली बाधित होती है, तो ऐसी हालातों में आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। यदि आपके बच्चे के शौच में रक्त आ रहा है, तो निश्चित रुप से चिकित्सक से मिलें। अगर आपके शिशु के सीने में अंदर की तरफ खिंचाव हो रही, नथुने फूल गए हैं या उनमें जलन हो रही, साँस लेने में तेज आवाज हो रही हो या भारीपन महसूस हो रहा हो, तो उसे श्वास संबंधी तकलीफ हो सकती है। यदि आपके बच्चे के होंठ और मुँह सूख गए हैं, तो इसकी वजह पानी की कमी हो सकती हैं। बताए गए इन सभी संकेतों के पाए जाने पर आप अपने चिकित्सक से जरूर परामर्श करें ।

सुनिश्चित करें कि आप बच्चे का टीकाकरण ठीक से करवाने के लिए अपने बाल रोग विशेषज्ञ के पास नियमित रूप से जाएं। अपने बच्चे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं, क्योंकि यह पल कब बीत जाएंगे आपको पता भी नहीं चलेगा। इसलिए जितना हो सके बच्चे की ज्यादा ज्यादा देखभाल करें और उन्हें स्वस्थ रूप से बड़ा करने का प्रयास करें।

समर नक़वी

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