शिशु

37 सप्ताह का बच्चा – विकास, पड़ाव और देखभाल

बच्चे बड़ी तेजी से बढ़ते हैं, वह कब बड़े हो जाते हैं पता ही नहीं चलता है ! अब जब कि आपका बच्चा एक साल का होने ही वाला है, तो क्या आपको पता है कि उसका विकास सामान्य रूप से हो रहा है? क्या आपका बच्चा अपने विकास के सभी महत्वपूर्ण पड़ाव को पूर्ण रूप से हासिल कर रहा है? यह जानने के लिए आगे लेख पढ़ें और जाने कि आपको बच्चे के बेहतर विकास के लिए क्या करना चाहिए।

37 सप्ताह के शिशु का विकास

बच्चा अपने पहले वर्ष के दौरान बड़ी तेजी से विकास करता है और इस आयु में लड़कों का वजन लगभग 19 पाउंड और लड़कियों का वजन 18 पाउंड होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 37 सप्ताह के लड़के लगभग 28 इंच लंबे होते हैं और लकड़ी की लंबाई लगभग 27 इंच होती है। औसतन, बच्चे अपने जन्म के नौवें महीने में लगभग 3 से 5 ग्राम वजन और लगभग 0.5 इंच की लंबाई तक बढ़ सकती है। प्रत्येक बच्चा अपने गति से बढ़ता है और यदि आपका बच्चा इन मापदंडों के करीब है, तो वह ठीक से प्रगती कर रहा हैं।

37 सप्ताह के शिशु की विकासात्मक उपलब्धियां

आप अपने 37 सप्ताह के शिशु में किस प्रकार के विकास देख सकती हैं, आइए जानते हैं। 

  • बच्चा अब परिचित ध्वनियों को पहचानने और समझने में सक्षम हो जाता है।
  • वह अब वस्तु स्थायित्व के बारे में समझ सकता है, जिसका मतलब हैं कि वह किसी खिलौने या वस्तु को ध्यान में रखता है और उसे ढूँढने की कोशिश करता है।
  • वह उन लोगों को पहचान सकता हैं जिन्हें वह नियमित रूप से देखता है।
  • उसकी दृष्टि में सुधार होता है और अब वह दूर से भी चीजों को देखने में सक्षम होता है।
  • वह इस उम्र में रेंगकर चलना शुरू कर देता है। हालांकि, कुछ बच्चों को रेंगकर चलने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है या हो सकता है वे रेंगकर बिल्कुल भी नहीं चले। लेकिन कुछ बच्चे इस उम्र में चलना भी शुरू कर देते है।
  • वह इस उम्र में कुर्सी, सोफा, या किसी अन्य चीज के सहारे अपने दम पर खड़ा होने में सक्षम हो सकता है।
  • वह अपनी अंगुलियों की पकड़ को अब मजबूत कर सकता है, जिसका मतलब हैं कि वह चीजों को पकड़ने के लिए अपनी तर्जनी अंगुली और अंगूठे का उपयोग करना शुरू कर देगा। यह पकड़ महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह आपके बच्चे को उसके खिलौने को पकड़ने और चीजों को खाने में उसकी मदद करेगा।
  • वह अब लंबे समय तक बैठ सकता है।
  • अब वह दादा, मामा, पापा आदि जैसे शब्द कहने लगेगा।

आहार

इस समय आप अपने बच्चे के भोजन के सारणी और आदतों में एक बड़ा बदलाव देख सकती हैं। इस उम्र में वह अधिक स्वतंत्र महसूस करते हैं और अपनी दूध की बोतल या पीने वाले कप को खुद ही पकड़ना चाहते हैं। औसतन, आपके बच्चे को एक दिन में लगभग 700 से 900 कैलोरी की आवश्यकता होती है और इनमें से आधी कैलोरी उसे स्तनपान से प्राप्त होनी चाहिए, जिसका मतलब है कि आपके बच्चे को दैनिक आधार पर लगभग 700 मिलीलीटर दूध की आवश्यकता होती है। यह आपके बच्चे के लिए बोतल छोड़ सिपर कप को अपनाने के लिए बिल्कुल सही समय हैं। हालांकि, शिशुओं के लिए प्रतिरोध दिखाना सामान्य है, आप उसे एक प्याले में पानी देने से शुरूआत कर सकती हैं और धीरे-धीरे इसे दूध से बदल दें। इसके अलावा, आप बच्चे को ठोस आहार भी देना शुरू कर सकती हैं और साथ ही माँ का दूध या फॉर्मूला दूध भी देना जारी रखें। उसे एक दिन में तीन मुख्य भोजन और दो नाश्ते देने चाहिए। आप उसे कई तरह के खाद्य पदार्थ देना शुरू कर सकती हैं जैसे शकरकंद, केला, सेब, एवोकैडो, टोफू आदि। यह निर्धारित करने के लिए कि आपका बच्चा अच्छी तरह से खा रहा है या पी रहा है, उसके मलत्याग पर नजर रखें । इसके अलावा, यह भी ध्यान रखें कि बच्चे को अच्छे से पोषण मिल रहा है और उसका वजन ठीक से बढ़ रहा है की नहीं ।

नींद

बच्चे के सोने का तरीका माता-पिता को सबसे ज्यादा परेशान करता है। अच्छी बात यह है कि इस उम्र में आपका शिशु दिन में 14 से 15 घंटे सो सकता है। इसे दो भागों में बांटा गया है, लगभग 10 से 12 घंटे की रात की नींद और दिन की एक या दो झपकियां, प्रत्येक झपकी 1 से 2 घंटे की होती है । यह देखा गया है कि इस उम्र में अधिकांश बच्चे (लगभग 70%) रात में 8 से 12 घंटे तक निर्बाध रूप से सोते हैं। यदि वह विकास में अत्यधिक वृद्धि के कारण अस्वस्थ हैं या दाँत निकलने की वजह से पीड़ित हैं, तो उनकी नींद में खलल पड़ सकता है। हालांकि, अगर आपका बच्चा रात में सो नहीं रहा है या आपको परेशान कर रहा है, तो आप उसे नींद की ट्रेनिंग दे सकती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस उम्र में आपका शिशु नींद की ट्रेनिंग लेने के लिए बिल्कुल तैयार हो सकता है।आप उसके लिए एक नींद की दिनचर्या बना सकती हैं जैसे मालिश करना, स्नान कराना, लोरी गाना आदि अपने बच्चे को यह संकेत देने के लिए कि यह सोने का समय है। यदि बच्चा रात में जाग जाता है तो यह सामान्य है वह जल्द ही पूरी नींद लेकर सोने लगेगा ।

37 सप्ताह के बच्चे की देखभाल के टिप्स

यहाँ कुछ टिप्स दी गई हैं जिनका पालन करके आप अपने 37 सप्ताह के बच्चे की देखभाल कर सकती हैं।

  • फ्लोराइड टूथपेस्ट का उपयोग करके अपने बच्चे के दाँतों को ब्रश करें। आप उसे थूकना भी सिखा सकती हैं।
  • आप अपने बच्चे के लिए एक कार सीट खरीद सकती हैं। खरीदते समय परिवर्तनीय सीट का चयन करना एक अच्छा विचार है ताकि इसे बाद में उपयोग किया जा सके।
  • आप अपने घर को बच्चे के अनुकूल व्यवस्थित करें यानि बेबीप्रूफ बनाएं, क्योंकि आपका बच्चा अब भागने लगा है इसलिए उसे चोट लगने का खतरा हो सकता है ।
  • छोटी वस्तुओं को उनकी पहुँच से दूर रखें क्योंकि बच्चे हाथ में आने वाली हर चीज को अपने मुँह में डालने की कोशिश करते हैं।
  • सभी प्रकार की दवाओं को उनकी पहुँच से बाहर रखें।
  • यदि आपके घर में सीढ़ियां हैं, तो एक दरवाजा लगाकर उस क्षेत्र को भी सुरक्षित करें।
  • आप अपने बच्चे को उसके मोटर स्किल, संचार, संज्ञानात्मक और अन्य कौशल को बढ़ाने वाली गतिविधियों में उसे शामिल करें।

जाँच और टीकाकरण

एक स्वस्थ बच्चा हमेशा खुश रहता है और यही कारण है कि आपको अपने बच्चे के बालरोग विशेषज्ञ के साथ मुलाकात करते रहना चाहिए। आपका डॉक्टर बच्चे के वजन और लंबाई की जाँच कर सकते हैं और यह जानने के लिए कि बाकि के सभी विकास ठीक से हो रहे हैं, वह इसके लिए शारीरिक जाँच करेंगे। यहाँ कुछ परीक्षण और टीकाकरण दिए गए हैं, जिनके बारे में आपका डॉक्टर परामर्श दे सकते हैं:

1. रक्त परीक्षण

आपका चिकित्सक आपके बच्चे में एनीमिया के किसी भी लक्षण को स्थापित करने के लिए रक्त परीक्षण का सुझाव दे सकता हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस उम्र के आसपास खून की कमी होना बहुत आम हैं क्योंकि माँ के दूध में आयरन की कमी होती हैं और इस प्रकार इस आवश्यकता की भरपाई के लिए बच्चे को भोजन के अन्य स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है। यदि आपका बच्चा हड़बड़ाहट में भोजन करता है, तो उसके रक्त में आयरन के स्तर के कम होने की संभावना हो सकती है। इसके अलावा, सीसा विषाक्तता के किसी भी लक्षण की जाँच करने के लिए ये परीक्षण किए जा सकते हैं।

2. टीकाकरण

यदि आपके बच्चे को 6 महीने में हेपेटाइटिस बी का तीसरा टीका लगाया जा चुका है, तो यह टीके को लगाने का सही समय हो सकता हैं।

खेल और गतिविधियां

यहाँ कुछ खेल और गतिविधियां दी गई हैं जो आपके बच्चे को व्यस्त रखेंगी और उसे अपने कौशल को विकसित करने में मदद करेंगी:

  • आप एक कंबल के नीचे या अपने पीछे अवाज निकालने वाला कोई खिलौना छिपा सकती हैं और अपने बच्चे को उसे ढूँढने के लिए कहें। इससे उसके अंदर चीजों के प्रति स्थायित्व पैदा होती है।
  • आप अपने बच्चे के साथ लुका-छिपी खेल सकती हैं। पर्दे या दरवाजे के पीछे छिप जाएं और अपने बच्चे को आपको ढूँढने दें।
  • विभिन्न आकृतियों, आकारों और बनावट के खिलौनों से भरा बॉक्स उन्हें खेलने के लिए दें और उसे बॉक्स में मौजूद सामग्री का पता लगाने दें।
  • एक बड़ी गेंद लें, इसे अपने बच्चे की ओर लुढ़काएं और अपने बच्चे को इसे वापस आपकी ओर फेंकने के लिए कहें।

चिकित्सक से परामर्श कब करें

यहाँ बच्चों में पाए जाने वाले कुछ मामलें हैं जो माता-पिता को चिंतित कर सकते हैं और बच्चे को डॉक्टर के परामर्श की आवश्यकता हो सकती हैं:

  • यदि बच्चा किसी चीज का उपयोग करने और बैठने में असमर्थ है।
  • यदि वह अपने पैरों दबाव या वजन नहीं डाल पाता है जब आप उसे खड़ा करती हैं।
  • अगर वह पापा, दादा, मामा इत्यादि शब्द नहीं बोलता है।
  • यदि वह उसके नाम को पुकारने पर कोई प्रतिक्रिया या जवाब नहीं देता है ।
  • यदि वह परिचित वस्तुओं या लोगों को नहीं पहचानता है।
  • यदि वह किसी वस्तु को पकड़ नहीं पा रहा है।

यदि इस तरह के विकास में कोई देरी देखी जाती हैं, तो आप बच्चे को डॉक्टर को दिखाएं ।

इस समय बच्चे हर चीज को लेकर बहुत जिज्ञासु हो जाते हैं इसलिए कहीं उन्हें चोट न लग जाए, उन पर नजर बनाएं रखें और उन्हें चीजों की खोज करने दें । 

समर नक़वी

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