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आपका बच्चा 11 महीने 1 सप्ताह का हो चुका है! इस आयु में बच्चे की सक्रियता को देखकर आप सोचती होंगी – क्या वह कभी रुकेगा? क्योंकि इस अवधि में बच्चा बिना रुके घुटनों के बल चलता है या खड़े होकर अपने कदमों को बढ़ाने का प्रयास करता है। यही कारण है कि बच्चा रात में अब अधिक समय तक सोएगा। इस समय वह दिनभर की हुई थकान को मिटाएगा और अपनी खोई हुई ऊर्जा वापस पाएगा। यह एक अच्छी बात है, क्योंकि बेहतर नींद बच्चे के शारीरिक समन्वय में अत्यंत सहायता करती है। अपने बच्चे की दिनचर्या के अनुकूल अपनी समय-सारणी बनाना एक उत्तम विचार हो सकता है, क्योंकि आप कभी नहीं चाहेंगी कि उसकी नींद पूरी न हो।
शिशु के 49 सप्ताह की आयु में पहले जन्मदिन के आसपास, आपसे ज्यादातर एक सवाल पूछा जाता होगा – क्या उसने चलना शुरू कर दिया है? खैर, आपका बच्चा इस आयु में चलना शुरू कर भी सकता है या नहीं भी। शिशुओं के लिए चलना शुरू करने की आयु 9-18 माह के बीच है इसलिए यदि उसने अभी चलना शुरू नहीं किया है तो यह कोई बड़ी बात नहीं है, इसके लिए उसे अपना समय लेने दें। यदि उसने चलना शुरू कर भी दिया है तो वह अभी भी सीख रहा है व चलने की क्रिया के लिए अपने छोटे-छोटे पैरों को समन्वित करने का प्रयास करता है और हो सकता है कि वह शुरुआत में ठीक तरीके से चल न सके। बच्चा इधर-उधर लडखड़ाएगा, संतुलन के लिए अपने हाथ फैलाएगा। लेकिन धीरे-धीरे जैसे ही बच्चे को इसका अभ्यास होगा, वह हाथ नीचे करके चलेगा और वह चलते समय अपना संतुलन बनाने के लिए अपने शरीर के मध्य भाग का उपयोग करेगा। इस दौरान शिशु को खिलौने की गाड़ी को धक्का देकर चलना सिखाएं। इससे बच्चे के पास पकड़ने के लिए कुछ होगा और यह उसे चलते रहने के लिए और अधिक प्रोत्साहित करता है।
आपको अपने 49 सप्ताह के शिशु के निम्नलिखित पड़ावों के बारे में जानना चाहिए, वे विकासात्मक पड़ाव इस प्रकार हैं;
इस दौरान आप अपने बच्चे को बोतल से दूध पीने की आदत छुड़वाने का प्रयास कर रही होंगी। शिशु को केवल रात में या दिन में सोने से पहले ही बोतल से दूध पिलाएं। जागते समय उसे सिर्फ कप में दूध पीने की आदत डालें और इस आयु में बच्चे के लिए दूध की तुलना में ठोस खाद्य पदार्थ अधिक महत्वपूर्ण है। दूध छुड़वाने का सबसे कठिन भाग बोतल और नींद के बीच संबंध को कम करना होता है। इसे आसान बनाने के लिए बच्चे को दिन के दौरान स्तनपान करवाएं। बच्चे को दूध के विकल्प में अन्य खाद्य पदार्थ खिलाएं व धीरे-धीरे बोतल का दूध पिलाना कम करें और उसके सोते समय दूध पीने की आदत को खत्म करने का प्रयास करें। बच्चे को कप में दूध देते समय यह ध्यान रखें कि उसे प्रतिदिन 4-6 बार दूध की आवश्यकता होती है इसलिए आप दूध को अन्य दुग्ध उत्पादों के साथ भी बदल सकती हैं। सोते समय बच्चे को बोतल से दूर रखने के लिए उसे छाती से लगाकर लोरी गाकर आकर्षित करने का प्रयास करें और साथ ही कम दूध पिलाएं। जल्द ही बच्चा बोतल को छोड़कर आपकी इन गतिविधियों की ओर आकर्षित हो जाएगा। बच्चे से बोतल छुड़वाने की प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है इसलिए आपको इन नए बदलावों के साथ तालमेल बिठाने के लिए शिशु को समय देना होगा। बारह माह के आसपास बच्चे के लिए बोतल से दूध देना बंद करके और फार्म्युला दूध के स्थान पर कप में गाय का दूध देने की सलाह दी जाती है।
माँ का दूध और फार्म्युला दूध पीने वाले शिशुओं के लिए, दूध छुड़ाने की प्रक्रिया समान होती है। लक्ष्य यही है कि बच्चा स्तनपान करके सोने के बजाय किसी अन्य प्रकार के आरामदायक तरीके का सहारा लेकर सो पाए। माँ के अलावा कोई अन्य वयस्क शिशु को सुलाने का कार्य करे तो यह कार्य और भी सरल हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यदि शिशु माँ का दूध पीता है तो स्वाभाविक रूप से वह दूध पीने की इच्छा जाहिर करेगा। यदि बच्चे को कोई अन्य वयस्क (जैसे पिता, दादा या दादी) सुलाते हैं, तो वे शिशु को सुलाने के लिए छाती से लगाना, झुलाना, थपथपाना और लोरी सुनाने जैसे तरीकों का उपयोग कर सकते हैं। यदि एक माँ के रूप में आप अपने बच्चे की पुकार को नजरअंदाज नहीं कर सकती हैं तो इस प्रक्रिया के दौरान आप किसी दूसरे कमरे में रहें। सुनिश्चित करें कि 12 माह की आयु के बाद बच्चे को बोतल से दूध न पिलाएं। जैसे-जैसे शिशु छाती से लग कर और लोरी सुनते हुए सोने के नियम से परिचित होता जाएगा, वह धीरे-धीरे इन परिवर्तनों को स्वीकार करने लगेगा और उसे सोने के लिए बोतल या स्तनपान की आवश्यकता ही नहीं रहेगी। यदि बीमारी या दाँत निकलने की शुरुआत होने के कारण परिवर्तन अत्यधिक कठिन है, तो कुछ हफ्तों तक प्रतीक्षा करें और फिर से प्रयास करें।
49 सप्ताह के बच्चे की देखभाल के लिए निम्नलिखित टिप्स दिए हुए हैं, आइए जानते हैं;
डॉक्टर 1 वर्षीय बच्चे को चिकित्सीय जांच करवाने की सलाह दे सकते हैं, जैसे;
चिकित्सक शिशु की लंबाई, वजन और सिर की परिधि को मापेंगे ताकि वह आपके बच्चे के विकास का पता लगा सकें। वह आप से शिशु के बारे में कई प्रश्न भी पूछेंगे ताकि वह आपके शिशु की नींद की आदतें, दृष्टि, शारीरिक और व्यवहारिक विकास की जांच कर सकें। शिशु के रक्त में लेड की विषाक्तता के लक्षणों की जांच के लिए डॉक्टर रक्त परीक्षण भी कर सकते हैं।
49 सप्ताह के बच्चे को चेचक के टीके की पहली खुराक, एच.आई.बी. टीके की अंतिम खुराक, हेपेटाइटिस-ए टीके की पहली खुराक, खसरा, मंप्स, रूबेला टीके की पहली खुराक और न्यूमोकोकल (पी.सी.वी.) टीके की अंतिम खुराक की आवश्यकता होती है। उसे हेपेटाइटिस-बी के टीके की अंतिम खुराक और पोलियो (आई.पी.वी.) टीके की तीसरी खुराक (यदि पहले नहीं लगवाई गई है) भी लगवाने की सलाह दी जाती है।
49 सप्ताह के बच्चे के साथ आप निम्नलिखित खेल व गतिविधियों से अपना और अपने बच्चे का मनोरंजन कर सकती हैं, आइए जानते हैं;
यदि आप अपने 49 सप्ताह के बच्चे के विकास में निम्नलिखित लक्षण देखती हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें;
49 सप्ताह के बच्चे की ज्ञात शब्दावली उसकी बोली जानेवाली शब्दावली से अधिक होती है। इसलिए चिंता न करें, भले ही वह एक साल का होने पर केवल दो शब्द बोलता हो, किन्तु वह पच्चीस शब्द समझता भी होगा।
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