शिशु

आपके शिशु के लिए 5 बेहतरीन सब्ज़ियों से बनी प्यूरी

बच्चे को ठोस पदार्थ खिलाना शुरू करना एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। जैसे-जैसे आपका शिशु ठोस भोजन की दुनिया में कदम रख रहा है, उसे स्वस्थ विकल्पों के साथ ठोस भोजन देने की शुरुआत करना अच्छा रहेगा । बाल रोग विशेषज्ञ भी इसे सब्ज़ियों के साथ शुरू करने की सलाह देते हैं। सही सब्ज़ियाँ चुनने की खुशी, फिर प्यार से प्यूरी बनाना और शिशु को खिलाना पूरी तरह से संतोषजनक हो सकता है।

बच्चे के लिए सब्ज़ियों की प्यूरी कैसे बनाएं?

हालांकि बाजार में विभिन्न शिशु आहार उपलब्ध हैं, फिर भी घर पर ताज़ी सब्जियों का उपयोग करके अपने बच्चे के लिए भोजन बनाना स्वास्थ्यकर है। सब्ज़ियाँ आवश्यक पोषक तत्वों से भरी होती हैं जो आपके बच्चे के विकास के लिए आवश्यक हैं। इसीलिए, उन्हें घर पर सब्जियों कि प्युरी बनाकर देना सब्ज़ियों की दुनिया से परिचित कराने का सबसे अच्छा तरीका है।

आप सब्जियों को भाप में पका सकती हैं, उबाल सकती हैं या बेक कर सकती हैं। कुछ सब्जियों के लिए बेकिंग निर्देश निम्नलिखित हैं:

  • आप शकरकंद को 40 से 45 मिनट के लिए 400 डिग्री फ़ेरनहीइट पर बेक कर सकती हैं। बेकिंग से पहले आपको शकरकंद को फॉयल से ढक देना चाहिए और उसमें छिद्र कर देना चाहिए।
  • आप ओवन को 425 डिग्री फ़ेरनहीइट पर पहले से गर्म करके आलू बेक कर सकती हैं। सुनिश्चित करें कि आपने बेकिंग ट्रे में आलू रखने से पहले उसमें छेद कर दिए हों। 45 मिनट तक बेक करें और फिर ठंडा होने पर छिलके को छील लें।

सब्जियों को भाप में पकाने के लिए आप इडली स्टीमर या किसी विशेष स्टीमर का उपयोग कर सकती हैं। यदि आपके पास स्टीमर नहीं है, तो आप सब्जियों को उबाल सकती हैं।

आइए, अब देखें कि आप अपने छोटे बच्चे के लिए पांच सर्वोत्तम, पौष्टिक और रंगीन सब्ज़ियों से प्यूरी कैसे बनाएंगी।

प्यूरी तैयार करने से पहले, सुनिश्चित करें कि आप गर्म पानी का उपयोग करके कटोरे और चम्मच को कीटाणुरहित बना लें और इसे पानी में तब तक डुबो कर रखें जब तक कि इसका उपयोग न करें।

1 . कद्दू प्यूरी की विधि

कद्दू में बीटा-कैरोटीन, प्रोटीन, आयरन और विटामिन ‘सी’ का अच्छा स्रोत होता हैं। यह एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली के निर्माण में मदद करता है। कद्दू के मीठे होने के कारण बच्चे इसका स्वाद पसंद करेंगे। जब आपका बच्चा 6 महीने का हो जाए तो आप इसे देना शुरू कर सकती हैं। कद्दू फाइबर से भरपूर होने के कारण कब्ज को होने से रोकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर होता है। कद्दू का जीवाणुरोधी गुण आंतों के कीड़े को मारने में मदद करता है।

सामग्री

  • कद्दू -1/2 कप छोटे कटे हुए टुकड़े
  • पानी – आवश्यकतानुसार

विधि

  • बहते पानी में कद्दू को अच्छी तरह से धोएं।
  • छिलके को पीलर की सहायता से छील ले।
  • बीज निकालें।
  • कद्दू को छोटे और बराबर आकार के चौकोर टुकड़ों में काट लें।
  • कटे हुए कद्दू के टुकड़ों को स्टीमर में 15 मिनट के लिए या अच्छी तरह से पकने तक भाप में पका लें। आप इसे एक कप पानी के साथ कुकर में भी पका सकती हैं।
  • पके हुए कद्दू को अच्छी तरह से मसल लें या ब्लेंडर का उपयोग करके एक चिकना पेस्ट तैयार कर लें।
  • गर्म रहते परोसें।

2 . आलू प्यूरी की विधि

आलू कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है और इसमें विटामिन ‘ए’ और ‘सी’ भी पर्याप्त मात्रा में होता है। हालांकि यह पोषक तत्वों से भरा है, लेकिन आलू से बच्चों में गैस बन सकती है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि बच्चे को 8 महीने का होने तक इंतजार करें और फिर मसलें हुए आलू या आलू की प्यूरी खिलाना शुरू करें। आलू में मौजूद फास्फोरस हड्डी के विकास में मदद करता है।

सामग्री

  • आलू -1 मध्यम आकार का
  • मक्खन – 1 छोटा चम्मच
  • स्तन का दूध / फॉर्मुला दूध / गाय का दूध – 1 बड़ा चम्मच
  • हींग – एक चुटकी
  • नमक – आवश्यकतानुसार
  • काली मिर्च पाउडर – आवश्यकतानुसार
  • पानी – आवश्यकतानुसार

विधि

बहते हुए पानी में आलू को धोएं।

आप या तो :

  • छीलने के बाद आलू को छोटे टुकड़ों में काटें या
  • आलू को छिलके के साथ टुकड़ों में काटें।

एक बर्तन में एक कप पानी के साथ आलू को उबाल लें। आप इसे पानी के साथ भाप में पका सकती हैं या प्रेशर कुकर में पका सकती हैं।

  • आलू के पक जाने के बाद, अतिरिक्त पानी को, यदि हो तो छान लें।
  • छिलके को छील लें (यदि आपने छिलके के साथ आलू उबाला है)।
  • एक बड़े कटोरे में आलू रखें, मक्खन और हींग डालें।
  • आलू को मसल लें

निम्नलिखित चीज़े डाले:

  • स्तन का दूध, फॉर्मुला दूध या गाय का दूध
  • नमक
  • काली मिर्च
  • प्यूरी बनाने के लिए आलू को अच्छी तरह मिलाएं या इसे मिक्सी या ब्लेंडर में मिलाएं।

3 . शकरकंद की प्यूरी की विधि

शकरकंद प्यूरी लोकप्रिय है क्योंकि यह नरम है, स्वाद में मीठी और इससे एलर्जी कम होती है। यह तब दिया जा सकता है जब बच्चा 6 महीने या उससे अधिक का हो। यह फाइबर से भरपूर है और कब्ज को रोकता है। यह विटामिन ‘ए’, ‘सी’, ‘ई’, कैल्शियम और आयरन से भी भरपूर है। ये पोषक तत्व अच्छी दृष्टि, स्वस्थ त्वचा और एक स्वस्थ पाचन तंत्र को बनाए रखने में मदद करते हैं।

सामग्री

  • शकरकंद – 1 मध्यम आकार का
  • मक्खन या घर का बना घी – 1 छोटा चम्मच
  • इलायची पाउडर – 1/8 चम्मच (अगर चाहें)

विधि

  • शकरकंद को बहते हुए पानी में धोएं।
  • शकरकंद को टुकड़ों में काट लें।
  • प्रेशर कुकर में 3 सीटी तक शकरकंद को पानी के साथ पकाएं। आप शकरकंद को उबाल भी सकती हैं, भाप में पका सकती हैं या बेक भी कर सकती हैं।
  • हाथ से छिलके को छील लें ।
  • पके हुए शकरकंद को एक बड़े कटोरे में रखें।
  • एक कांटे कि सहायता से उन्हें अच्छी तरह से मसल लें या फिर ब्लेंडर या मिक्सी का उपयोग करके उन्हें मिलाएं ।
  • घी गरम करें और मसले हुए शकरकंद को इलायची पाउडर (इच्छानुसार) के साथ अच्छे से मिलाएं।
  • धीमी आंच में दो मिनट तक भूनें। आप इसे आंच से हटा सकती हैं जब मिश्रण घी के साथ अच्छी तरह से मिश्रित हो गया हो।
  • आप पानी, स्तन के दूध, फार्मूला दूध या गाय के दूध को मिलाकर इसे पतलाकरसकती हैं।

4. मटर की प्यूरी की विधि

हरी मटर कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, विटामिन ‘ए’ और ‘सी’ से भरपूर होती है। मटर बच्चे की हड्डियों और मांसपेशियों की वृद्धि के लिए फायदेमंद होते हैं। आप इसे देना तब शुरू कर सकती हैं जब बच्चा 6 महीने या उससे अधिक का हो जाए। मटर का उपयोग करना अच्छा है क्योंकि यह नरम और मीठे होने के साथ हल्के होते हैं। पहले से रखे हुए मटर से ताजा मटर देना ज़्यादा बेहतर है। आप छिलके समेत वाले और फ्रीजर में रखे हुए मटर चुन सकती हैं।

सामग्री

  • हरी मटर – एक मुट्ठी
  • पानी – यदि आवश्यक हो

विधि

  • यदि आप ताजे मटर का उपयोग कर रही हैं, तो फली से मटर को निकाल लें।
  • मटर को पानी में धोएं।
  • मटर को नरम होने तक पकाने के लिए स्टीमर का उपयोग करें। आप मटर को पानी में तब तक उबाल भी सकती हैं जब तक कि वह पक न जाए।
  • मटर को अच्छी तरह से मसल लें या पके हुए हरे मटर का बारीक पेस्ट बनाने के लिए ब्लेंडर का उपयोग करें।
  • यदि आवश्यक हो, तो आप पतले छिलके को हटाने के लिए एक जाली वाली छलनी का उपयोग कर सकती हैं।
  • मिश्रण के गाढ़ेपन को इच्छानुसार ठीक करने के लिए पानी, स्तन का दूध, फॉर्मुला दूध या गाय का दूध मिलाएं।

5. गाजर चुकंदर आलू प्यूरी की विधि

चुकंदर आयरन और विटामिन ‘ए’ से भरपूर होता है। गाजर बीटा-कैरोटीन और विटामिन ‘ए’ से भरपूर हैं। यह बच्चे की आंखों की रोशनी के लिए अच्छा है और उसके शरीर को संक्रमण से बचाने में भी मदद करता है। आलू कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है। कुछ बच्चों को चुकंदर प्यूरी पसंद नहीं होती है, इसलिए आप चुकंदर, गाजर और आलू मिलाकर खिलाने की कोशिश कर सकती हैं। जब बच्चा 8 महीने के आसपास हो तो आप इस मिश्रण को देना शुरू कर सकती हैं।

सामग्री

  • गाजर – 1 मध्यम आकार का
  • चुकंदर – एक छोटे आकार के चुकंदर का 1/2 टुकड़ा
  • आलू – 1 मध्यम आकार का
  • पानी – आवश्यकतानुसार

विधि

  • सब्जियों को बहते हुए पानी मे धोएं और छिलनी इस्तेमाल करते हुए सब्जियों को छीलें।
  • उन्हें बराबर आकार के छोटे चौकोर टुकड़ों में काट लें।
  • कटी हुई सब्जियों को 15 मिनट तक भाप में पकाएं। आप इसे 2 सीटी तक एक कप पानी के साथ प्रेशर कुकर में भी पका सकती हैं।
  • सब्जियों के पक जाने के बाद, इसे ब्लेंडर में एक चिकने पेस्ट बनने तक पीसें।
  • आप पानी, स्तन का दूध, फॉर्मुला दूध या गाय का दूध मिलाकर इसके गाढ़ेपन को आवश्यकतानुसार बदल सकती हैं।

ध्यान रखने योग्य बातें

सब्जियों की प्यूरी एक स्वास्थ्यकर और पौष्टिक भोजन है। यद्यपि हमने शिशुओं के लिए सब्जियों की प्यूरी बनाने पर चर्चा की है, आप अपनी रचनात्मकता का उपयोग करते हुए, अपनी पसंद की और जो आपके बच्चे को सबसे ज्यादा पसंद हैं, उन सब्जियों को मिलाकर बच्चे के लिए मिश्रित सब्जियों की प्यूरी बना सकती हैं।

निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिन्हें आपको इन पौष्टिक सब्जियों की प्यूरी को बनाते समय ध्यान में रखना चाहिए:

  • अधिकांश पोषक तत्वों को बनाए रखने के लिए, विशेषज्ञ सब्जियों को उबालने के बजाय उन्हें भाप में पकाने की सलाह देते हैं।
  • बच्चे को ताज़ा और हल्कि गर्म प्यूरी खिलाना उचित है। प्यूरी तैयार करने के समय से 2 घंटे के भीतर बच्चे को इसे खिला दें।
  • अच्छे आलू का चयन करें, विशेष रूप से ऐसे आलू चुनें जो कटे और फटे हुए न हों। ऐसे आलू न चुनें जो अंकुरित होने लगे हों या जो जगह जगह पर नरम पड़ गए हों।
  • यद्यपि आप एक ब्लेंडर का उपयोग कर सकती हैं, आप भाप में पकी हुई सब्जियों को मैशर से मसल भी सकती हैं।
  • प्यूरी के गाढ़ेपन को कम करने के लिए, आप तैयार मिश्रण में स्तन का दूध, गाय का दूध, फॉर्मुला दूध या गर्म पानी मिला सकती हैं। दूध डालने के बाद प्यूरी को उबालें नहीं।
  • यदि शिशुओं को प्यूरी तैयार करने में उपयोग की जाने वाली किसी भी सामग्री से एलर्जी है, तो कृपया इसका उपयोग न करें।
  • बच्चे को खिलाने के लिए गरम पानी में उबले कटोरे और चम्मच का उपयोग करने की अनुशंसा की जाती है।
  • हालांकि यह अनिवार्य तो नहीं है, लेकिन ठोस पदार्थ खिलाना शुरू करने के लिए 3 दिन वाले नियम से शुरुआत करना अच्छा होगा। ठोस खाद्य पदार्थों को धीरे-धीरे खिलाना शुरू करें ताकि किसी खाद्य पदार्थों के प्रति एलर्जी का पता लगाना आसान हो सके। आप इस प्रक्रिया का पालन कर सकती हैं:
  • दिन 1- 1 बड़ा चम्मच एक दिन में एक बार
  • दिन 2 – 2 बड़े चम्मच दिन में दो बार
  • दिन 3 – 3 बड़े चम्मच दिन में दो बार

लगभग 1 बड़ा चम्मच 15 मिलीलीटर के बराबर होता है। इसलिए, तीन दिनों के बाद, आपने लगभग 90 मिलीलीटर दे दिया होगा।

  • जब आप बच्चे को एक नया भोजन देना शुरू करती हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप भोजन के प्रति बच्चे की सहनशीलता पर नज़र रख रही हों। यदि आपको कोई भी असामान्य स्थिति दिखती है, तो कृपया वो भोजन देना बंद करें और अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

आपके बच्चे के लिए स्वास्थ्यकर, पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन बना पाना थोड़ा पेचीदा हो सकता है, लेकिन यह एक खुशी भरा अनुभव भी है। आप उसे भोजन खिलाने के लिए अति उत्साही हो सकती हैं, लेकिन याद रखें कि आपका बच्चा आसानी से भोजन पचा नहीं सकता है, इसलिए अपने बच्चे को स्वाद, बनावट और रंगों की दुनिया से पहचान कराने के लिए छोटे – छोटे कदम उठाएं।

समर नक़वी

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