In this Article
बच्चे के पहले वर्ष के सफर में उसका विकास व उसकी गतिविधियां लगातार बढ़ती हैं जिसके कारण यह वर्ष आपके और आपके बच्चे के लिए अधिक महत्वपूर्ण है। आज उस समय की कल्पना करना भी मुश्किल है जब आप गर्भावस्था के अंतिम चरण में थी। बच्चे के जीवन का यह पहला वर्ष खुशियां और उत्सुकता के साथ उसके ‘न सोने’ व ‘भोजन न करने’ की चिंताओं को भी लेकर आता है। इस अवधि में बच्चे के विकास के साथ-साथ उसकी भावनाएं व्यक्त करने के तरीकों में भी परिवर्तन आता है। इन बदलावों में जहाँ उसकी हँसी की किलकारियों से घर झूम उठता है और वहीं उसका रोना आपके साथ-साथ पूरे परिवार को परेशान कर सकता है। इन सभी परिवर्तनों व चुनौतियों के साथ आपका और आपके बच्चे का पहला वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण हुआ है।इस वर्ष में जहाँ पहले आप अपने बच्चे को एक जगह शांति से दूध पिला लिया करती थी वहीं अब उसे भोजन खिलाने के लिए आपको उसके पीछे-पीछे दौड़ना पड़ता है। 51 सप्ताह के बच्चे को आप अपने पूरे घर में चलते, दौड़ते व घुटनों के बल चलते हुए और उसकी मासपेशियां विकसित होते हुए देखेंगी।
51 सप्ताह की आयु में आपका बच्चा ठीक से खड़ा होने के साथ-साथ चल भी सकता है। इस आयु में कुछ बच्चे सीढ़ियां चढ़ व उतर सकते हैं। बच्चे की बढ़ती आयु के साथ जब वह खुद को संतुलित करना सीख जाएगा तब वह बिना डगमगाए खड़े होने व चलने में सक्षम होगा और बिना सहारे के नीचे झुकने व सरलता से कुछ भी उठा सकेगा। यदि आपके बच्चे ने अब तक चलना शुरू नहीं किया है तो चिंता न करें वह बहुत जल्द ही चलने लगेगा। 51 सप्ताह की उम्र में बच्चा भोजन करने में अत्यधिक नखरे करना शुरू कर देगा। कभी वह भोजन में सिर्फ मटर खा सकता है तो कभी उसे केला और स्नैक्स चाहिए। किन्तु उसके भोजन न करने के कारण आप चाहे जितना भी चिंतित हो जाएं पर बच्चे को आपके अनुसार भोजन करने के लिए मजबूर न करें। हो सकता है आपका बच्चा पहले दिन ज्यादा भोजन न करे और दूसरे दिन वह पर्याप्त भोजन कर ले। यदि आपका बच्चा एक दिन सिर्फ फल ही खाता है तो अगले दिन उसे पोषण से परिपूर्ण शाकाहारी आहार और सब्जियां खिलाएं। इस दौरान बच्चे के इधर-उधर दौड़ने से उसकी शारीरिक कैलोरी खत्म होती है और उसका वजन भी कम हो सकता है। यह पूरी तरह से सामान्य है इसलिए उसे स्वस्थ भोजन खिलाते रहें और उसे अपनी गति से बढ़ने दें।
51 सप्ताह के बच्चे के कुछ विकासात्मक पड़ावों में आप नजर रख सकती हैं, आइए जानें;
1 वर्ष की आयु में आप अपने बच्चे को बोतल में दूध देना या फार्मूला दूध देना बंद कर सकती हैं। इस दौरान बच्चे से सोते समय बोतल का दूध छुड़वा पाना अधिक कठिन हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चे को बोतल से दूध पीने में अत्यधिक सुविधा व आराम मिलता है। अब उसकी इस निर्भरता को कैसे हटाएं? बोतल में भरा हुआ दूध कोई समस्या नहीं है, आप बोतल में फार्मूला दूध के बजाय गाय का दूध भर के बच्चे को पिला सकती हैं। लेकिन यदि आपका बच्चा मुंह में बोतल लेकर सोता है तो उसके दाँतों में सड़न हो सकती है और साथ ही उसमें बोतल के प्रति निर्भरता बढ़ सकती है इसलिए बोतल से दूध पीते समय बच्चे को न लिटाएं। बच्चे के मुंह में शेष दूध उसके दाँतों में सड़न पैदा कर सकता है इसलिए दूध पिलाने के बाद व सोने से पहले बच्चे का मुंह धुलवाएं या पानी से साफ करें। बच्चे की इस आयु में आपको उसे बोतल की जगह कप में दूध पिलाना चाहिए इसलिए आप धीरे-धीरे दूध कम करके बच्चे को बोतल से सिर्फ पानी पिलाना शुरू करें। कुछ समय के लिए अपने बच्चे को सोते समय बोतल से सिर्फ पानी पिलाएं और कुछ समय बाद से आप उसे कप में पानी भी पिलाने का प्रयास कर सकती हैं। 51 सप्ताह की उम्र में बच्चे को पर्याप्त पानी, दूध व आहार में फल दें और 2 वर्ष की आयु तक उसे फुल क्रीम दूध ही पिलाएं।
51 सप्ताह की आयु में बच्चा अत्यधिक फुर्तीला होता है व पूरे घर में घूमता रहता है और इसी कारण से बच्चे की नींद में बाधा आती है। आपका बच्चा रात में सोते से जागकर बिस्तर पकड़ कर खड़ा हो सकता है या यदि आपका बच्चा आपके साथ ही सोता है तो वह बिस्तर के सिरहाने या आपके चारों ओर घुटनों के बल घूमता रहता होगा। यदि आप अपने बच्चे को कसकर पकड़ लें तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता, वह खुद को आपसे छुड़ाने का प्रयास करेगा और किसी तरह से खड़ा हो जाएगा। बच्चे को दोबारा सुलाने के लिए आपको सामान्य तरीकों का उपयोग करने की आवश्यकता पड़ सकती है, जैसे थपकी देना, गोदी में झुलाना या लोरी सुनाना। जब आपका बच्चा दिन के दौरान सही से चलने लगता है तो रात में उसकी नींद कम टूटेगी और वह अपनी नींद के इस नए पैटर्न का अनुसरण करने लगेगा। दाँत निकलने की प्रक्रिया के दौरान आपके बच्चे को दूसरे वर्ष की आयु तक अत्यधिक दर्द हो सकता है क्योंकि उसके ऊपरी दाँत और दाढ़ निकलनी शुरू हो जाती है।
अपने 51 सप्ताह के बच्चे की देखभाल निम्नलिखित तरीकों से करने का प्रयास करें।
1 वर्ष की आयु के आस-पास डॉक्टर आपके बच्चे की निम्नलिखित जांच व टीके लगवाने की सलाह दे सकते हैं।
डॉक्टर आपके बच्चे के शारीरिक विकास को जांचने के लिए उसकी लंबाई, वजन और सिर की परिधि को मापेंगे। डॉक्टर आपके बच्चे के मानसिक विकास और नियमित नींद को जांचने के लिए उससे बात करेंगे, उसकी नींद की दिनचर्या और चलने की आदतों के बारे में पूछ सकते हैं।
डॉक्टर आपके बच्चे को हेपेटाइटिस बी, डी.टीए.पी. (डी. टैप.), पोलियो, हिब और हेपेटाइटिस ए दिए जाने के बाद अब उनके बूस्टर और साथ ही एम.एम.आर. और चेचक की पहली खुराक देने की सलाह देते हैं।
आप अपने 51 सप्ताह के बच्चे के साथ निम्नलिखित खेलों को खेल सकती हैं;
यदि आपके बच्चे के विकास में निम्नलिखित लक्षण भी दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से बात करें;
अगर आपका बच्चा 12 महीने का हो जाने के बाद भी नहीं चल रहा है, तो चिंतित न हों। क्योंकि कुछ बच्चों के चलने की शुरुआत 24 महीने आयु में भी होती है। तब तक बच्चे को बिना रुके चलने का प्रयास करने के लिए कोई सुरक्षित जगह दें।
यहाँ भी पढ़े:
50 सप्ताह का बच्चा – विकास, पड़ाव और देखभाल
1 साल के बच्चे के लिए 15 स्वादिष्ट भारतीय व्यंजन विधियाँ
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…