शिशु

6 महीने के शिशु के लिए वैक्सीनेशन की लिस्ट

बच्चा कब 6 महीने का हो जाएगा आपको पता भी नहीं चलेगा, हाँ यह सच है। बच्चों का विकास बहुत तेजी से होता है और वे रोजाना कुछ नया सीखते हैं। बच्चों को हेल्दी व सुरक्षित रखने के लिए उनके वैक्सीन शेड्यूल को बनाए रखना बहुत जरूरी है। तो इस उम्र में बच्चे को कौन सी वैक्सीन लगाने की जरूरत है? 

अब तक बच्चे को कई इंजेक्शन लग चुके होंगे। हर इंजेक्शन किसी विशेष बीमारी से सुरक्षित रहने के लिए लगाया जाता है। इसलिए बच्चे की इम्युनिटी मजबूत करने के लिए पूरे शेड्यूल को बनाए रखना जरूरी है। 

6 महीने के बच्चे को कौन सी वैक्सीन लगानी चाहिए, आइए जानें;

1. डीटीएपी

यह डिप्थीरिया, टिटनेस और पर्टुसिस का अगला डोज है – यह समस्याएं बच्चों में आम तो हैं पर खतरनाक भी हैं। बच्चे को पहले भी यह इंजेक्शन लगाया जा चुका है और इसका अगला इंजेक्शन 15 से 18 महीने के बीच में लगाया जाएगा। 

2. हेपेटाइटिस बी

इस वैक्सीन से बच्चे में लिवर की समस्याओं से संबंधित इम्युनिटी मजबूत रहती है जिससे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। यह इस वैक्सीन का तीसरा और अंतिम डोज है। 

3. पीसीवी (न्यूमोकोकल कोंजूगेट वैक्सीन)

यदि आप न्यूमोकोकल कोंजूगेट वैक्सीन चुनती हैं तो आपको अन्य शेड्यूल का भी पालन करना चाहिए। यह एक महंगी वैक्सीन है और पेडिअट्रिशन अक्सर इसे एक ऑप्शन के रूप में प्रिस्क्राइब करते हैं। यह वैक्सीन निमोनिया और मेनिन्जाइटिस से बचाव करती है। इसका अगला इंजेक्शन 12 से 15 महीने के बीच में लगाया जाएगा। 

4. एचआईबी

हेमोफाइलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी का इंजेक्शन बच्चे को गंभीर समस्याओं के लक्षणों से बचाव करता है जिससे मेनिन्जाइटिस और निमोनिया होने की संभावना है। इस वैक्सीन का डोज 12 से 15 महीने के बीच में लगाया जाता है और यह इस वैक्सीन का तीसरा और अंतिम डोज है।

5. पोलियो

यह पोलियो की शेड्यूल्ड वैक्सीन है जो बच्चे को अपंग होने से बचाता है। आप बच्चे को इसका अगला डोज 4 से 6 साल के बीच में लगवा सकती हैं। 

6. रोटावायरस

यह वैक्सीन रोटावायरस से, जिसकी वजह से बच्चे को डायरिया, उल्टी और गंभीर रूप से डिहाइड्रेशन हो सकता है, बचाव करती है। यह वैक्सीन बच्चे के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि इस उम्र में बच्चों को अक्सर डायरिया हो सकता है। इस समय वैक्सीन का तीसरा और आखिरी डोज होगा। 

7. इन्फ्लुएंजा/फ्लू

6 महीने और उससे बड़े बच्चों को यह वैक्सीन साल में एक बार लगाई जाती है। इस वैक्सीन से फ्लू और एच1 एन1 या स्वाइन फ्लू से सुरक्षित रहने में मदद मिलती है। 

बच्चों के लिए 6 महीने की उम्र काफी महत्वपूर्ण होती है। अब तक वह कई माइलस्टोन पूरे कर चुका होगा और उसका लगातार विकास हो रहा होगा। इस सफर में बच्चे को सुरक्षित रहने में मदद के लिए आप उसे नियमित इंजेक्शन लगवाती रहें। 

यह भी पढ़ें:

बच्चों के लिए पेनलेस वैक्सीनेशन
बच्चों को वैक्सीन लगाने के बाद बुखार आना
क्या खांसी या जुकाम की स्थिति में शिशुओं को वैक्सीन दी जा सकती है?

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

भूकंप पर निबंध (Essay On Earthquake In Hindi)

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसमें धरती अचानक से हिलने लगती है। यह तब होता…

1 week ago

Raising Left-Handed Child in Right-Handed World – दाएं हाथ वाली दुनिया में बाएं हाथ वाला बच्चा बड़ा करना

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू उभरने लगते हैं। या…

1 week ago

माता पिता पर कविता l Poems For Parents In Hindi

भगवान के अलावा हमारे जीवन में किसी दूसरे वयक्ति को अगर सबसे ऊंचा दर्जा मिला…

2 weeks ago

पत्नी के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Wife In Hindi

शादी के बाद प्यार बनाए रखना किसी भी रिश्ते की सबसे खूबसूरत बात होती है।…

2 weeks ago

पति के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Husband In Hindi

शादी के बाद रिश्तों में प्यार और अपनापन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। पति-पत्नी…

2 weeks ago

करण नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Karan Name Meaning In Hindi

ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…

2 weeks ago