शिशु

6 सप्ताह का बच्चा – विकास, पड़ाव और देखभाल

एक माँ होने का अहसास बेहद खूबसूरत होता है, लेकिन यह उतना ही चुनौतियों से भी भरा होता है । आपको हर वक्त अपना सारा ध्यान अपने बच्चे की ओर ही केंद्रित करने की जरुरत पड़ती है। जैसे-जैसे आपका बच्चा विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने लगता है, वैसे-वैसे आपको अपने बच्चे के प्रति और सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है । अब आपका बच्चा 6 सप्ताह हो गया है और पहले की तुलना में उसमें बहुत सारे बदलाव भी आए हैं, अपने 6 सप्ताह के बच्चे में होने वाले सभी बदलाव को जानने के लिए यह लेख पढ़ें ।

6 सप्ताह के शिशु का विकास

आपके 6 सप्ताह के शिशु का तेजी से होता हुआ विकास अब आपको और स्पष्ट रूप से नजर आने लगेगा । वह आपको अन्य लोगों से अलग पहचानने में सक्षम होगा और आपके चेहरे की झलक पाने पर या आपकी आवाज सुनने पर आपको पहचान जाएगा । आपका बच्चा आपको अपने आसपास देखकर मुस्कुराएगा और सुरक्षित महसूस करेगा । यदि वह अपने 6 सप्ताह में इस प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं देता है तो आने वाले कुछ हफ्तों में वह ऐसा करना शुरू कर देगा। आपका बच्चा आपके साथ अधिक समय बिताना पसंद करेगा और जब आपके उसके पास होंगी तो तरह तरह की आवाजें निकालकर आपसे बातें करने की कोशिश करेगा ।

6 सप्ताह के शिशु की विकासात्मक उपलब्धियां

इस चरण में अपने बच्चे की पूरी जाँच कराना बहुत जरूरी है। पिछले सप्ताह के मुकाबले आपके बच्चे के 6 सप्ताह का होने तक उसमें जबरदस्त वृद्धि और विकास हुआ होगा, यदि आप बच्चे के वजन की जाँच करेंगी तो देखेंगी की उसका वजन पिछली बार से लगभग आधा से एक किलोग्राम तक बढ़ा होग। आपके चिकित्सक यह जाँच करेंगे कि आपके बच्चे का वजन ठीक तरह से और सही मात्रा में बढ़ रहा है या नहीं । शरीर के सभी महत्वपूर्ण जोड़ जैसे पैर, कूल्हे, रीढ़ की हड्डी की जाँच की जाएगी इसके आलावा डॉक्टर बच्चे के दिल की धड़कन की भी जाँच करेंगे। आपके चिकित्सक आपके बच्चे के दैनिक कार्यक्रम से जुड़े कुछ सवाल पूछ सकते हैं और बच्चे में होने वाली विभिन्न समस्याओं को आप किस प्रकार संभालती हैं यह पूछ सकते हैं। इसी के साथ यह भी जरूरी है कि आप एक माँ होने के नाते खुद की भी जाँच करवाएं ।

यह चरण महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि अब तक आपके बच्चे की सुनने की क्षमता पहले से काफी विकसित हो गई होगी। वह पहले की तुलना में बहुत अधिक ध्वनियों को महसूस कर सकेगा और विभिन्न स्वरों के बीच की बारीकियों को भी समझ सकेगा। आप अपने बच्चे के लिए कुछ हल्के और खुशनुमा संगीत भी बजा सकती हैं, तेज आवाज से बच्चे के कानों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है इसलिए हलके संगीत बजाने की सलाह दी जाती है । आप चाहे तो खुद भी अपने बच्चे के लिए इस संगीत को गुनगुना सकती हैं और आप देखेंगी कि वह आपकी सुनते ही उस पर अपनी प्रतिक्रिया देने की कोशिश करेगा ।

हम जानते है कि आपकी खुशी का कोई ठिकाना नही होगा, जब अपने बच्चे के चेहरे पर मुस्कुराहट देखेंगी, अब  आपका बच्चा अपने अन्य भाव को भी आपके सामने अभिव्यक्त करने लगेगा। इस समय आपके बच्चे के चेहरे पर प्यारे और मन को प्रफुल्लित कर देने वाले भाव होते हैं। वह अपने होंठ फड़फड़ाने की कोशिश करेगा, आपको आश्चर्य के भाव के साथ देखेगा, या अपनी भौंह को उठाएगा, अपने बच्चे के साथ बिताए गए यह सभी पल आपके लिए यादगार और बेहद महत्वपूर्ण होंगे।

स्तनपान

इस चरण में, एक 6 सप्ताह के बच्चे के स्तनपान को लेकर कुछ खास बदलाव नहीं होता है। पहले के मुकाबले अब वह हो सकता दूध की उतनी ज्यादा मांग न करे जिसके कारण बच्चे को स्तनपान कराने का यह सत्र पूरे दिनभर चले। आपके बच्चे को शायद यह अहसास हो जाए कि वह एक ज्यादा स्तन से दूध ग्रहण कर सकता और स्तनपान कराते समय वह एक तरह से हट कर दूसरी ओर से दूध पीना चाहेगा । यदि उसकी भूख बढ़ गई है, तो वह सामान्य से अधिक दूध की मांग करेगा है और दूसरे स्तन की ओर से दूध पीकर अपनी भूख को शांत करेगा।

बोतल से दूध पीने वाले बच्चे के लिए, आप देखेंगी कि बच्चे के लाया गया फार्मूला दूध जल्दी खतम हो जाता है, क्योंकि भोजन के लिए अब आपके बच्चे की मांग बढ़ गई है। हो सकता कभीकभी आपका बच्चा पैक पर बताई गई मात्रा कम या ज्यादा दूध की मांग करे। यह तब तक चिंता का विषय नहीं है जब तक आपका बच्चा ठीक से विकास कर रहा हो ।

नींद

इस दौरान बच्चे की नींद की मात्रा में भी आपको बदलाव देखने को मिलेगा। 6 सप्ताह के बच्चे के सोने का पैटर्न पहले की तुलना में व्यापक रूप से बदल जाएगा। पहले, जैसे वह लंबे समय तक सोया रहता था, हो सकता है अब वैसा न हो, आपका बच्चा हर आधे घंटे के भीतर जाग सकता है। ऐसा बच्चे को भूख लगने के कारण भी हो सकता है । हालांकि यह स्वाभाविक है आप उसे दोबारा थपकी देकर भी सुला सकती हैं, उन्हें दोबारा सुलाना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि बच्चे को प्रतिदिन कुछ निश्चित घंटे की नींद लेना उसकी बेहतर सेहत के लिए महत्वपूर्ण है।

स्तनपान कराने के बाद उन्हें बाहों में लेकर सुलाने से उन्हें इसकी आदत पड़ जाएगी और वह फिर इसके बिना नहीं सोएंगे, इसलिए स्तनपान कराने के बाद तुरंत बाद बच्चे को उसके बिस्तर पर लेटा दें और उन्हें खुद से सोने की आदत पड़ने दें ।

व्यवहार

चूंकि, 6 सप्ताह के दौरान आपके बच्चे में काफी विकास होता है, तो जाहिर है अब उसका शरीर भी पहले से थोड़ा बड़ा हो जाएगा और हो सकता है कि आपको उसके लिए नए कपड़े भी लेने की जरूरत पड़े । जैसा की पहले भी बताया गया है कि हर बच्चे का विकास अलग अलग गति से होता है दूसरों की अपेक्षा में ज्यादा या कम वजन हो सकता है, इसलिए अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चों से न करें। जब तक बच्चे का ठीक मात्रा में वजन बढ़ रहा है तब तक आपको कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है ।

यदि आपका बच्चा आपकी ओर देखकर मुस्कुराता है तो, इसका मतलब है कि वह अब आपको पहचानने लगा है। बच्चे की एक मुस्कुराहट आप दोनों के बीच के बंधन के बारे में बहुत कुछ कहता है और आप दोनों के बीच के बंधन को मजबूत बनाने में मदद करता है।

रोना

इस समय आपका बच्चा ज्यादा देर तक जागेगा और पर्याप्त नींद न पूरी होने के कारण वह रो सकता है। यदि आपके 6 सप्ताह के बच्चे के सोने का शेड्यूल बाधित हो जाता है, तो उन्हें दोबारा सोने में परेशानी हो सकती है, जिससे वे चिड़चिड़ा जाते हैं और परेशान रहते हैं।

कई बार उन्हें खिलौने और लोगों से भी परेशानी होने लगती है या फिर लंबे समय तक अकेले रहने के कारण वे निराश हो जाते हैं और रोने लगते हैं । ऐसे समय में उन्हें खिलाने या उनके साथ खेलने का प्रयास उन्हें शांत करने के लिए उपयोगी नहीं है । आप अपने बच्चे को अपनी बाहों में लेकर उसे घुमाएं या फिर उनसे बातें करें ताकि उसका ध्यान भटक जाए और वो जल्दी शांत होकर रोना बंद कर दे।

कई बार बच्चे तेज भूख लगने या फिर किसी प्रकार का कोई दर्द होने कारण भी रोना चालू कर सकते हैं। आपके बच्चे के रोने के पीछे के कारण को जानने आपके लिए काफी चुनौती भरा हो सकता है।

6 सप्ताह के बच्चे की देखभाल के टिप्स

  • अपने बच्चे को उचित रूप से स्तनपान कराए जाने पर स्तन के दूध का उत्पादन कम हो सकता है और बोतल से दूध पिलाए जाने पर इसकी मांग बढ़ सकती है।
  • इस बात का ख्याल रखें कि बच्चा अपनी पर्याप्त नींद लें, यदि वह बार बार जाग जाता है तो उसे थपकी देकर वापस सुलाएं ।
  • जब तक आपका बच्चा लंबे समय तक लगातार नहीं रोता है, तब  तक आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, आप उसे अपनी गोद में उठा कर बच्चे को  शांत करा सकती है।
  • हर समय साफ सफाई बनाकर रखे।
  • बच्चे के सुनने की शक्ति बढ़ाने के लिए थोड़ी देर के लिए हल्का संगीत बजाएं और अपने बच्चे को इसका आनन्द लेने दें।

जाँच और टीकाकरण

6 सप्ताह में आपके बच्चे को दो प्रमुख टीके लगाए जाते  हैं। पहला ट्रिपल वैक्सीन डी.पी.टी. या डिप्थेरिया, पर्टुसिस और टेटनस का टीका लगाया जाता है। यह टीकाकरण श्वसन प्रणाली की कई बीमारियों को होने से रोकने में सहायक होता है, जिसमें काली खाँसी भी शामिल है। इस चरण में  बच्चे को टिटनेस का पहला टीका भी दिया जाता है।

दूसरा टीका आई.पी.वी जो पोलियो वैक्सीन होता है। दोनों टीकों को लगाने के बाद बच्चे को हल्का बुखार आ सकता है और जहाँ टीका लगाया गया हैं, उस क्षेत्र में दर्द और सूजन हो सकती है।

खेल और गतिविधियां

आपका बच्चा अभी भी बहुत छोटा है और इसलिए वह अपने आप को शब्दों की मदद से अभिव्यक्त नहीं कर सकता है। हालांकि, इस समय तक उनकी दृष्टि में भी काफी सुधार आने लगेगा और पहले से ज्यादा बेहतर तरीके से चीजों को याद रख सकेगा इसके अलावा वह एक तरह की आवाजें निकालने का प्रयास करना शुरू कर देगा। आप अपने बच्चे को विभिन्न चित्रों और रंगों से परिचित कराने का प्रयास कर सकती हैं, आप चाहे तो अखबार या पुराने डिब्बों पर बने चित्र या फिर कॉमिक्स किताब का प्रयोग कर सकती हैं और इन पर चित्रों और रंगों को जोर जोर से बच्चे को बोल कर बताएं । ‘नीला’ या ‘पीला’ जैसे सरल शब्दों को बच्चे के सामने बोलकर देखे की क्या वह आपकी तरह आवाज निकालने की कोशिश कर रहा है या नहीं । आप बच्चे के पालने के ऊपर जानवरों के छोटेछोटे खिलौने भी लटका सकती हैं।

आप अपने बच्चे को थोड़ी देर के लिए पेट के बल लिटा सकती हैं क्योंकि अब वह सामान्य से थोड़ी ज्यादा देर तक पेट के बल लेटने में सक्षम हैं। आप बच्चे की नीचे एक चादर बिछा दें और जब बाहों का प्रयोग करके आगे बढ़ने ।

चिकित्सक से कब परामर्श करें

यदि 6 सप्ताह के बच्चे को लगातार रोता हुए या परेशान देखती हैं तो, हो सकता है कि वह किसी बीमारी से पीड़ित हो। उसका तापमान जाचें। यदि यह 100.5 या इससे अधिक होता है, तो अपने डॉक्टर को इसके बारे में बताएं। अपने बच्चे को खुद से कोई दवा देने की कोशिश न करें, क्योंकि यह काफी जोखिम भरा हो सकता है। इसके साथ, यदि आपके बच्चे की भूख काफी कम हो गई है और वह स्तनपान ठीक से नहीं कर रहा है और आमतौर पर दुखी और सुस्त रहता है, तो यह किसी भी गंभीर स्थिति की ओर इशारा हो सकता है इसलिए तुरंत अपने डॉक्टर इसकी जाँच करवाएं ।

अपने बच्चे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं,  आपको लगभग डेढ़ महीने बीत चुके हैं और दिनप्रतिदिन यह रिश्ता और मजबूत होने लगा है। जैसेजैसे आपका बच्चा बड़ा होने लगेगा उसके शेड्यूल में स्थिरता आने लगेगी और इस प्रकार आपको अपने लिए भी थोड़ा समय मिलने लगेगा, यदि आप अपना ख्याल पूर्ण रूप से रखेगी तभी आप अपने बच्चे का भी बेहतर तरीके से ख्याल रख पाएंगी जो आपके और बच्चे  दोनों के लिए जरूरी है ।

समर नक़वी

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