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हजारों विकल्प और अनेक सलाह लेते हुए मातृत्व का शुरुआती चरण बिलकुल भी आसान नहीं होता है। एक माँ के लिए आधी रात को जागना, बेबी का डायपर बदलना, उसे हेल्दी खाना देना एक मुश्किल काम हो सकता है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है उसकी आवश्यकताएं बढ़ती जाती हैं। इसमें सबसे ऊपर होती है उसकी आहार संबंधी जरूरतें।
माँ के रूप में सभी चुनौतियों का सामना करते हुए आपको और आपके बेबी को खुश और संतुष्ट रखने के लिए इस लेख में बच्चे के भोजन व पोषण के संबंध में विभिन्न जानकारी, सुझाव और खाना बनाने की रेसिपीज दी गई हैं।
यद्यपि, आपका बच्चा आपके द्वारा खाई जाने वाली हर चीज का सेवन नहीं कर पाएगा, लेकिन नए भोजन और स्वाद को चखने की शुरुआत से उसके टेस्ट बड्स उत्तेजित होंगी। जबकि अधिकांश नए माता-पिता के लिए यह पता करना कि उनके बच्चे को क्या देना चाहिए और कितना देना चाहिए, परेशानी में डालने वाला हो सकता है, लेकिन यह जान लेना जरूरी है कि ऐसा कोई निश्चित नियम नहीं है जिसका आपको पालन करने की आवश्यकता है। भोजन को लेकर बेवजह टेंशन न लें और इसे यथासंभव न्यूट्रीशस और नेचुरल रखने का विचार रखें।
जैसा कि आपके बच्चे के लिए यह अनुभव नया है, वह भोजन के छोटे टुकड़े कुतरकर खाएगा और यदि उसे स्वाद पसंद नहीं आया, तो इसे बाहर थूक देगा। खयाल रहे, बच्चों का पेट एक व्यक्ति की मुट्ठी के आकार का होता है और उसे भरने के लिए ज्यादा भोजन की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा, क्योंकि उनके टेस्ट बड्स अभी भी विकसित हो रहे हैं इसलिए हो सकता है कि वह उन सभी प्रकार के भोजन को पसंद न करे जो आप उन्हें दे रही हैं। कुछ बच्चे सब्जियां पसंद कर सकते हैं, कुछ फलों को पसंद कर सकते हैं और कुछ बच्चे यह भी तय करते हैं कि उन्हें किस तरह या शेप का खाना पसंद है, यह भोजन – प्यूरी के रूप में, मैश किया हुआ या फिर छोटे टुकड़ों में भी हो सकता है। बच्चे की पसंद को समझने के लिए इस चरण में प्रयोग करते रहना महत्वपूर्ण है।
हालांकि यह न भूलें कि आपके बच्चे को फॉर्मूला दूध या माँ के दूध से आवश्यक सभी पोषक तत्व मिल रहे हैं। यह सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा दूध पीने के अलावा दिन में तीन बार भोजन करता है।
आपका बच्चा साहसी है या नए प्रकार के भोजन की शुरुआत पर नखरे भी कर सकता है, इसलिए उसके लिए सबसे अच्छा और स्वादिष्ट भोजन चुनें।
9 महीने के बच्चे के लिए आप कुछ इस तरह का आहार शुरू कर सकती हैं, जैसे:
बेरी, जैसे ब्लू बेरी, करौंदा, तरबूज, खजूर और अंजीर, चेरी, ¼ हिस्से में कटे हुए खट्टे फल 9 माह के बच्चे को भी दिए जा सकते हैं। हमेशा सुनिश्चित करें कि फल आपके बच्चे को देने से पहले पूरी तरह से पकाया हुआ, प्यूरी के रूप में या अच्छी तरह से मसला गया हो।
ब्रोकोली, शतावरी, आलू, बैंगन, फूलगोभी, मसले हुए आलू, प्याज, चुकंदर, वो सभी सब्जियां जो पकाई और मैश की जा सकती हैं, आपके बच्चे के लिए अत्यधिक पौष्टिक और बेहतरीन हैं।
अंडे, चिकन और मछली जो अच्छी तरह से साफ करके पकाए गए हों, आपके बच्चे को खिलाए जा सकते हैं। शिशु को किसी भी प्रकार का कच्चा मांस या आधे पके अंडे न दें।
आपके बच्चे का पाचन तंत्र अभी भी विकसित हो रहा है इसलिए सुनिश्चित करें कि उसे भरपूर पानी मिले। प्रोसेस्ड जूस के बजाय घर पर प्राकृतिक जूस (बिना चीनी का) बनाने की कोशिश करें।
क्रीम चीज़, पनीर, दही, घी, बटर आपके बच्चे को थोड़ी मात्रा में दिया जा सकता है।
पका हुआ क्विनोआ, बाजरा, गेहूँ का पास्ता (नर्म किया हुआ), चावल और दलिया आपके बच्चे को देने के लिए स्वादिष्ट विकल्प हैं।
टोस्ट, रोटी (चपाती) या पराठे के छोटे टुकड़े, क्रैकर्स (पतले करारे बिस्कुट) आपके बच्चे में अनाज के ऑप्शन के रूप में दिए जा सकते हैं।
पकाई और मैश की हुई मसूर की दाल, सेम, फलियों से बना सूप बच्चे के लिए स्वादिष्ट और पौष्टिक आहार है ।
जैसे-जैसे आपके बेबी की स्वाद लेने की क्षमता बढ़ती है, उसके लिए भोजन बनाते समय हींग, लौंग, धनिया, सरसों, सौंफ, मेथी, जायफल, करी पत्ता, दालचीनी, इलायची, तेजपत्ता, हल्दी, लहसुन का थोड़ी मात्रा में उपयोग करना शुरू कर दें।
सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे का भोजन पर्याप्त रुप से नर्म है और इससे गले में अटकने या श्वसन मार्ग में अवरोध जैसी स्थिति न बने। भोजन और अन्य समय में आप अपने बच्चे को खाने के लिए क्या दे सकती हैं, इसकी विस्तृत जानकारी इस प्रकार है।
दिन | सुबह का नाश्ता करीब 8-9 बजे | दिन में 11 बजे करीब | दोपहर का खाना | शाम का नाश्ता | रात का खाना |
सोमवार | स्टीम डोसा | वेज सूप | सादा पोंगल | एप्पल फिंगर्स(सेब के लंबे आकार में कटे टुकड़े) | घर का बना सेरेलैक |
मंगलवार | खीर (सूजी) | उबला हुआ अंडा | गाजर डालकर बनाई गई खिचड़ी | अंगूर | सादी खिचड़ी |
बुधवार | नर्म, फूली हुई इडली | मसला हुआ नाशपाती | रोटी के छोटे टुकड़ों के साथ पनीर | पपीता | गेहूँ और बादाम का दलिया |
गुरूवार | ओट्स का पैनकेक | ब्रेडस्टिक्स | घी के साथ सादा चावल | चीकू की प्यूरी | रागी का दलिया |
शुक्रवार | चावल से बना सीरियल | रवा में बनाए हुए लंबे व छोटे कटे कद्दू के टुकड़े | जीरा राइस | लंबे व छोटे कटे गाजर | ओट्स और सेब का दलिया |
शनिवार | गेहूँ की खीर | दही | वेज खिचड़ी | फ्रोजन बनाना | चिकन सूप |
रविवार | मसले हुए केले का पैनकेक | ब्लू बेरी / चेरी | टमाटर डालकर बनाई गई खिचड़ी / वेज पुलाव | लंबे कटे हुए उबले शकरकंद | ब्राउन राइस सीरियल |
पहले बच्चे को थोड़ी मात्रा में खिलाएं और फिर उसके स्वाद और भूख के आधार पर इस मात्रा को बढ़ाते रहें। बच्चे को कभी भी खाना खत्म करने के लिए जबरदस्ती न करें।
बच्चे को स्वच्छ और ताजा भोजन देना महत्वपूर्ण है। सतर्क रहकर गौर करें कि किस तरह का बना खाना आपके बच्चे को पसंद है ताकि आप अगली बार के भोजन में वही चीजें ज्यादा मात्रा में शामिल कर सकें। अब जब बच्चा आपके साथ परिवार के भोजन में खुशी से शामिल हो सकता है, तब ऐसे कुछ खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें उससे दूर रखें।
इसमें बैक्टीरिया होते हैं जो आंतों को नुकसान पहुँचाकर ‘इन्फेंट बॉटुलिज्म’ नामक एक दुर्लभ रोग की ओर ले जाते हैं और आपके बच्चे में गंभीर बीमारी का कारण बन सकते है। यह बच्चे के उभरते हुए दांतों के लिए भी नुकसानदेह हो सकता है।
शार्क, स्वोर्डफिश या मार्लिन जैसी मछलियां उच्च पारायुक्त होती हैं जो बच्चे के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं। इसके अलावा, फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए शेलफिश (सीपदार मछली/कस्तूरा) न दें।
अपने बच्चे को पाँच साल की उम्र तक साबुत बादाम, काजू, अखरोट इत्यादी जैसे कठोर व साबुत नट्स न दें, क्योंकि यह उसके गले में फंस सकते हैं।
बच्चे के तैयार हो रहे दांतों के लिए मीठा खाना नुकसानदायक हो सकता है, इनमें आइसक्रीम, बिस्कुट और मिठाई शामिल हैं।
बच्चे के भोजन में नमक न मिलाएं क्योंकि उसके गुर्दे इसके लिए अभी तैयार नहीं हैं और उन्हें नुकसान हो सकता है। नमकीन, चिप्स जैसे खाद्य पदार्थों से दूर रहें, शिशुओं को दिन में 1 ग्राम से भी कम नमक दिया जाना चाहिए।
कुछ शिशु खट्टे फलों के कारण अम्लता (एसिडिटी) से पीड़ित हो सकते हैं। हालांकि, गाढे गूदे या भरते की तरह तैयार खाद्य पदार्थ (प्यूरी) में नींबू की कुछ बूंदे डाल सकती हैं।
यह संवेदनशील खाद्य पदार्थ है और आपके बच्चे में एलर्जी का कारण बन सकता है। इसका सेवन आमतौर पर 1 साल बाद शुरू किया जाता है।
गाय या भैंस का दूध पेट की गड़बड़ी का कारण बन सकता है और इसे कभी भी माँ का दूध पिलाने के दौरान नहीं देना चाहिए। यह शिशु के विकास में महत्वपूर्ण, लौह-तत्वों को शरीर में अवशोषित होने में भी बाधा डाल सकता है ।
नौ महीने के बच्चे आमतौर पर फिंगर फूड और स्नैक्स के लिए तैयार होते हैं। उनके पास एक ऐसा गुण है जिसे “पिन्सर ग्रास्प” कहा जाता है और इससे वे अपने अंगूठे और उंगलियों से छोटी वस्तुओं को उठा सकते हैं। अगर आपके शिशु ने बिना किसी सहारे के अपनी उंगलियों से छोटी-छोटी वस्तुओं को उठाना शुरू कर दिया है और वह भोजन के छोटे-छोटे टुकड़ों को पकड़ सकता है व अच्छी तरह से चबा भी सकता है, इसका मतलब यह है कि अब 9 महीने के बच्चे को फिंगर फूड देने का समय आ गया है।
आप बच्चे को फिंगर-फ़ूड के रूप में पकाया हुआ गाजर, सेब, नाशपाती, ककड़ी, पनीर दे सकती हैं, जिसे बच्चे अपने दांतों से अच्छी तरह चबा सकते हैं। बच्चे को इसे पकड़ने में आसान बनाने और खाने के लिए इन खाद्य पदार्थों को छोटे, लंबे आकार में काट लें। जब भी आपका बच्चा फिंगर फूड खा रहा हो तो सावधान रहें और उन्हें कभी भी अकेला न छोड़ें।
यदि आपके बच्चे ने अभी भी अपनी उंगलियों से चीजें उठानी शुरु नहीं की हैं, तो फिंगर फूड की शुरुआत करने से पहले एक या दो महीने तक प्रतीक्षा करें।
आप अपने 9 महीने के बच्चे के लिए भोजन के समय के बीच स्नैक्स शामिल कर सकती हैं। नियमित अंतराल पर थोड़ी मात्रा में भोजन देने से भविष्य में माँ का दूध छुड़ाने में आसानी हो सकती है। इस बात का ध्यान रखें कि इससे स्तनपान पर कोई प्रभाव न पड़े।
घर पर ही अपने बच्चे के लिए भोजन बनाने की कुछ विधियां, यहाँ पर दी गई हैं।
एक आसान और सरल विधि जो बीटा-कैरोटीन, पोटेशियम और लौह तत्व से भरपूर है।
सामग्री
विधि
कद्दू को काटकर, छील लें और सभी बीजों को बाहर निकाल दें। फिर इसे ब्लेंडर या फूड प्रोसेसर में डालकर जितना गाढ़ा बनाना हो उसके हिसाब से पानी या उबली हुई सब्जियों का छना पानी मिलाएं और ब्लेंड कर लें।
एक बार जब प्यूरी बन जाए, तो कुकर में 10-15 मिनट के लिए पकाएं (लगभग 1 या 2 सीटी)।
पौष्टिक तत्वों से भरपूर और सॉलिड फूड जो दोपहर या रात के खाने के लिए काफी अच्छा हो सकता है।
सामग्री
विधि
एक कटोरे में केले को मसल लें। पानी के साथ एक अलग बर्तन में (10-12 मिनट) बिना तेल के 3 बड़े चम्मच क्विनोआ पकाएं। दही के साथ केले में पका हुआ क्विनोआ डालें और पूरी सामग्री को अच्छी तरह मिलाएं।
आप स्वाद के लिए दालचीनी पाउडर (एक चुटकी) भी मिला सकती हैं और फिर ठंडा ही खिलाएं।
आपके बच्चे के लिए एक भारतीय बुनियादी खाद्य पदार्थ, जब आप पहली बार उसके लिए चावल के साथ सब्जी मिलाकर बना रही हों।
सामग्री
विधि
दाल और चावल को साफ करें और लगभग तीस मिनट के लिए दोनों पदार्थों को पानी में भिगो कर रखें। प्रेशर कुकर में घी गर्म करके, जीरा डालें और पकने दें। फिर उसमें दाल, चावल और सब्जियां डालें। सभी को चुटकी भर नमक डालकर हल्का तल लें। अंत में कुकर में पानी डालकर 3-4 सीटी आने तक पकाएं या जब तक सब कुछ अच्छी तरह से पक न जाए।
चम्मच से खिचड़ी को हल्का मसलें। ऊपर से इसमें थोड़ा घी डालकर खिलाएं।
9 महीने के बच्चे के लिए आटे का हलवा या दलिया, एक अच्छा विकल्प है।
सामग्री
विधि
एक कड़ाही/बरतन में घी गर्म करें। बरतन में आटे को भूनते समय लगातार चलाते रहें, इससे वह जलेगा नहीं । एक बार जब आटा थोड़ा सा भुन जाए और अच्छी सुगंध देने लगे, तो उसमें गर्म पानी डालें। गांठ से बचने के लिए हिलाते रहें। इसे अपनी इच्छा अनुसार गाढ़ा बनाएं और अंत में आंच बंद कर दें। आपका बच्चा घी की चिकनाहट को पसंद करेगा।
एक बार जब हलवा थोड़ा ठंडा हो जाए, तो इसका गाढ़ापन बनाए रखने के लिए हलवे में थोड़ा दूध और कोई विशिष्ट स्वाद भी डालें। आप मिठास के लिए केले या सेब की प्यूरी मिला सकती हैं
9 महीने के बच्चे के लिए हाथ में पकड़कर खाया जाने वाला यह फिंगर फूड देर सुबह या शाम के नाश्ते के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है।
सामग्री
विधि
किसी भी या सभी सब्जियों को लंबे स्लाइस में काट लें, जिसे आपका बच्चा अपनी उंगलियों में पकड़ सकता है। उन्हें 5-7 मिनट के लिए प्रेशर कुकर में भाप में पकाएं और थोड़ा ठंडा करके एं।
यह पैनकेक बहुत सरलता से बनते हैं और खाने में भी अत्यधिक स्वादिष्ट होते हैं।
सामग्री
विधि
एक कटोरे में केले को मैश करें और उसमें दूध मिलाकर ओट्स डालें। मिश्रण को तब तक मिलाएं जब तक वह ब्लेंड न हो जाए। पैन गर्म करें और 1-2 बूंद तेल डालकर लगभग 3-4 बड़े चम्मच मिश्रण डाल दें और एक तरफ से पकने दें। 30 सेकंड से 1 मिनट के बाद या जब तक वह हल्का भूरा न हो जाए तब तक उसे पलटें और पकाएं। अंत में फिर खिलाएं।
खासकर सर्दियों और बरसात में यह एक बेहतरीन व्यंजन है और आपके बच्चे के लिए बहुत सरलता से पकाया भी जा सकता है।
सामग्री
विधि
कुकर में 2 कप पानी डालकर सभी सब्जियों को 3 सीटी आने तक पका लें। फिर इसे ठंडा होने दें और इसे मुलायम प्यूरी के रूप में ब्लेंड कर लें। प्यूरी को दोबारा से गर्म करें और आवश्यकता पड़ने पर थोड़ा सा पानी भी मिला लें और साथ ही इसमें काली मिर्च और जीरा पाउडर डालें, अंत में खिलाएं।
समय बहुत जल्दी बीतता है और जल्द ही आपका नौ महीने का बच्चा चलने और दौड़ने लगेगा। इस समय का अधिक से अधिक उपयोग करके स्वास्थ्यप्रद भोजन की आदतों से बच्चे का परिचय कराएं और इससे उसके बचपन की मजबूत नींव बनाएं।
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