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हर दिन, जरूरी पोषक तत्वों की सही मात्रा की मौजूदगी के बारे में पढ़ते समय विटामिंस, मिनरल्स, ओमेगा-थ्री एसिड और कई अन्य आपके दिमाग में घूमने लगते हैं। इनमें से एक तत्व ऐसा है, जिसके बारे में शायद ही कोई विचार-विमर्श किया जाता है, क्योंकि आमतौर पर ऐसा माना जाता है, कि वह हमारे खानपान में प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है और इसका श्रेय नमक को जाता है। यह आयोडीन है और इसके महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आम जीवन में न केवल यह बहुत जरूरी है, बल्कि गर्भवती महिलाओं में यह एक मुख्य भूमिका निभाता है।
गर्भावस्था के दौरान आयोडीन की जरूरत, एक वयस्क के तौर पर हमारी रोज की जरूरत से बहुत अलग होती है। गर्भावस्था में वह आयोडीन ही है, जो कि थायराइड ग्लैंड को सही तरह से काम करने में मदद करता है, जो कि हमारे शरीर के कई जरूरी कार्यों के बेहतरीन परिचालन को नियंत्रित करता है, जिनमें दिल की धड़कन और तापमान भी शामिल हैं। गर्भस्थ शिशु को स्वस्थ रखने के लिए इसका परफेक्ट होना बहुत जरूरी है। साथ ही यह बच्चे के थायराइड ग्लैंड के सही विकास को भी सुनिश्चित करता है। थायराइड ग्लैंड का सही विकास न हो, तो इससे कई तरह के जन्मजात विकारों से लेकर विकास में देरी, बौनापन और मृत्यु तक भी होने का खतरा भी होता है।
आपके बच्चे के जन्म के बाद भी आपके शरीर में सही मात्रा में आयोडीन की मौजूदगी जरूरी होती है, ताकि आपके बच्चे को भी वह सही मात्रा में मिल सके। सही तरीके से और सही समय पर शरीर और दिमाग का विकास होने के लिए बच्चे को माँ के दूध के माध्यम से आयोडीन मिलना बहुत जरूरी है।
आज के समय में, आयोडीन युक्त नमक के इतनी आसानी से मिलने का एक कारण है। आयोडीन की कमी को बहुत ही सौम्य रूप में ही सही, लेकिन बच्चे के खराब मानसिक विकास से जुड़ा हुआ पाया गया है। कई स्टडीज में पता चला है, कि जिन बच्चों में आयोडीन की कमी होती है या जिन बच्चों की माँओं में आयोडीन की कमी होती है, उन बच्चों में पढ़ने की काबिलियत कम होती है या बातचीत करने के दौरान कमजोर आईक्यू पाया जाता है। थायराइड ग्लैंड दिमाग के विकास से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है और थायराइड हॉर्मोन का लगातार उत्पादन बिना किसी बाधा के केवल तब ही हो सकता है, जब शरीर में आयोडीन की मौजूदगी उचित मात्रा में हो।
प्रेगनेंसी के दौरान आयोडीन की जरूरत, उन महिलाओं से बहुत अलग होती है, जो ब्रेस्टफीडिंग करा रही होती हैं या गर्भवती नहीं होती हैं। आमतौर पर जो महिला गर्भवती नहीं है, उसे नियमित रूप से लगभग 150 माइक्रोग्राम आयोडीन की जरूरत होती है, वहीं इसकी तुलना में स्तनपान कराने वाली माँओं को लगभग 290 माइक्रोग्राम की भारी मात्रा की जरूरत होती है। एक गर्भवती महिला को नियमित रूप से कम से कम 220 माइक्रोग्राम आयोडीन की जरूरत होती है। इसकी जरूरत हर दिन नहीं होती, लेकिन पूरे सप्ताह इसके सेवन की औसत मात्रा इतनी होनी चाहिए।
ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं, जिनमें आयोडीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इनका इस्तेमाल करके गर्भावस्था के दौरान महिलाएं बिना ज्यादा चिंता किए आयोडीन के सही स्तर को मेंटेन रख सकती हैं।
डेयरी प्रोडक्ट, सब्जियां और सीफूड में आयोडीन अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो कि इस बात पर निर्भर करता है, कि उसके आसपास पानी और मिट्टी में कितना आयोडीन मौजूद है। कभी-कभी सीफूड में स्वस्थ मानी जाने वाली मात्रा से भी अत्यधिक मात्रा में आयोडीन हो सकता है। कई महिलाएं सीवीड खाने पर ज्यादा जोर देती हैं, क्योंकि इसमें आयोडीन अधिक मात्रा में होता है, पर इसे कम मात्रा में लेना चाहिए ताकि आयोडीन के ओवरडोज से बचा जा सके।
चूंकि, प्रेगनेंसी के दौरान आयोडीन के अच्छे लेवल को मेंटेन करना इतना जरूरी है, तो इसे पाने के लिए गर्भवती महिला अगर चाहे तो इसके सप्लीमेंट्स ले सकती है, लेकिन आमतौर पर इसकी जरूरत नहीं होती है।
हाँ, अगर आप गर्भवती हैं, तो प्रीनेटल विटामिन और दूसरे सप्लीमेंट लेना जरूरी है और विशेषकर तब जब आप यह नोटिस कर रही हैं, कि आपकी आयोडीन की जरूरत पूरी नहीं हो रही है। क्योंकि, आमतौर पर आयोडीन की कमी दूसरी खाने-पीने की चीजों से मिल जाती है। आयोडीन युक्त नमक इसका सबसे पहला और सबसे बेहतरीन स्रोत है, जो कि आज के समय में हर घर में निश्चित रूप से मौजूद होता है। अधिकतर कमर्शियल ब्रांड के नमक में आयोडीन की सही मात्रा मौजूद होती है।
अगर आप सेहत के विभिन्न कारणों से नमक के सेवन को सीमित कर रही हैं, तो आपको दूसरे सोर्स से आयोडीन की सही मात्रा की जांच करने की और स्थिति के अनुसार उसमें संतुलन बनाने की जरूरत है।
जिस तरह कोई भी पोषक तत्व केवल तब तक ही पोषक रहता है, जब तक उसे सही मात्रा में लिया जाए, उसी तरह आयोडीन भी तब तक ही पोषक है, जब तक उसके सेवन की मात्रा सही हो।
आमतौर पर ऐसी सलाह दी जाती है, कि आयोडीन का नियमित सेवन 1000 माइक्रोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए। नियमित रूप से बहुत ज्यादा मात्रा में आयोडीन का सेवन करने से आपमें और आपके बच्चे में हाइपोथायरायडिज्म या थायराइड कैंसर तक के होने का खतरा पैदा हो जाता है। अगर आपके किसी प्रीनेटल सप्लीमेंट में इसी मात्रा में आयोडीन मौजूद है, तो आमतौर पर उससे कोई समस्या पैदा नहीं होगी। लेकिन, अलग से आयोडीन के सप्लीमेंट लेना सही नहीं है, क्योंकि सभी सप्लीमेंट 500 माइक्रोग्राम आयोडीन से ही शुरू होते हैं।
गर्भावस्था के दौरान एक महिला में आयोडीन की कमी को पहचानने में लंबा समय लग सकता है, क्योंकि इसके लक्षण इतने बड़े नहीं होते हैं, कि इन्हें आसानी से पहचाना जा सके।
शरीर में आयोडीन के हेल्दी स्तर को बनाए रखना मुश्किल काम नहीं है। अच्छे खानपान, खाना बनाने में आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल और सही पोषक तत्वों का संतुलन आपको और आपके बच्चे को स्वस्थ रख सकता है। थायराइड से संबंधित तकलीफों के इलाज के लिए दवाएं लेने की स्थिति में, अपने डॉक्टर के संपर्क में बने रहना सबसे अधिक कारगर है।
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