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अकबर और बीरबल की कहानियां हमेशा से मनोरंजक और सीख देने वाली रही हैं। उनकी कहानी सारी दुनिया बेईमान कहानी में बताया गया है कि कैसे बादशाह अकबर आंखें बंद करके अपनी प्रजा पर भरोसा करते थे। लेकिन बीरबल ने जब सच्चाई से उनकी आंखों पर से पर्दा उठाया तब उन्हें पता चला कि हर कोई ईमानदार नहीं होता है।
बादशाह अकबर और बीरबल एक-दूसरे से कई तरह के मुद्दों पर अक्सर चर्चा किया करते थे। एक दिन दोनों अपनी प्रजा के बारे में बात कर रहे थे। तभी बातों के बीच में बादशाह बीरबल से बोले की क्या तुम जानते हो कि हमारी प्रजा बहुत ईमानदार है। अकबर की बात का बीरबल ने जवाब दिया और कहा महाराज, किसी भी राज्य में हर व्यक्ति वफादार नहीं होता है। सारा संसार बेईमान है।
राजा अकबर को बीरबल की यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आई। उन्होंने बीरबल से पूछा –
“तुम ऐसा कैसे कह सकते हो?”
बीरबल ने जवाब दिया जी हाँ आलमपनाह मैं बिल्कुल सही कह रहा हूं। अगर आप चाहें, तो मैं अपनी बात को साबित कर सकता हूं। बीरबल का आत्मविश्वास देखकर राजा ने कहा –
“ठीक है! अब तुम अपनी बात को सही साबित करके दिखाओ।”
बादशाह ने अनुमति मिलने के बाद बीरबल प्रजा की बेईमानी को साबित करने के लिए अपने दिमाग में योजना बनाने लगा। उसने सोचा कि लोग सामने से अपनी बेईमानी तो नहीं दिखाएंगे, इसलिए उसके लिए कुछ अलग करना पड़ेगा।
इतना सब सोचने के बाद बीरबल ने पूरी प्रजा में इस बात का ऐलान कर दिया कि बादशाह अकबर एक बहुत विशाल भोज करवा रहे हैं। जिसके लिए बादशाह चाहते हैं कि उनकी पूरी प्रजा इस भोज में योगदान दे। आप लोगों से ज्यादा कुछ नहीं बस एक लोटा दूध चाहिए होगा, इतना प्रजा के लिए काफी है।
इसके बाद राज्य में कई जगह पर दूध के बड़े-बड़े पतीले रख दिए गए। बड़े पतीले और राज्य में इतने सारे लोगों को देखते हुए, राज्य की जनता ने शुद्ध दूध में पानी मिलाकर पतीले में डालना शुरू कर दिया। किसी-किसी ने तो चालाकी करते हुए पतीले में सिर्फ पानी ही डाला। हर कोई यही सोच रहा था कि दूसरा तो दूध डालेगा ही, यदि मैंने पानी या दूध में पानी मिलाकर डाल दिया, तो उससे क्या हो जाएगा।
आखिर शाम तक पतीले में दूध भर गया। उसके बाद बीरबल अपने साथ अकबर और कुछ रसोइयों को वहां ले गया जहां पतीले रखे गए थे। जिस भी पतीले में बादशाह अकबर ने देखा, तो उन्हें दूध की जगह सिर्फ सफेद पानी ही लगा। रसोइयों ने भी कहा कि ये दूध नहीं सिर्फ सफेद पानी है। इसमें बहुत ही कम दूध डाला गया है जिसके कारण यह सफेद दिख रहा है।
बादशाह अपनी प्रजा की इस हरकत को देखकर बहुत हैरान हुए। उन्होंने सोचा कि मैंने तो अपनी प्रजा को ईमानदार समझा था, लेकिन यहां तो बीरबल की कही हुई बात सच हो गई। उन्होंने फिर बीरबल से कहा, तुम ठीक कहते हो हर कोई ईमानदार नहीं होता है और मुझे सच्चाई पता चल गई है।
अकबर और बीरबल की कहानी सारी दुनिया बेईमान से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी किसी पर भी आंख बंद करके विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि इंसान वक्त आने पर आपको धोखा दे सकता है।
यह कहानी अकबर और बीरबल की कहानियों के अंतर्गत आती है जिसमें यही बताया गया है कि जरूरी नहीं जैसा हम दुनिया को समझते हैं वैसी दुनिया सच में भी हो। हर चीज के दो पहलू होते हैं।
सारी दुनिया बेईमान कहानी में बताया गया है कि कैसे एक राजा अपनी प्रजा को ईमानदार मानता था, लेकिन समय आने पर सभी ने साबित कर दिया हर कोई ईमानदार नहीं होता है।
हमें अपने काम के लिए कभी भी किसी पर आंख बंद करके विश्वास नहीं करना चाहिए, क्योंकि कभी-कभी अधिक विश्वास खुद को ही ले डूबता है।
सारी दुनिया बेईमान कहानी का मकसद यह बताना है कि आपको हमेशा दूसरों पर भरोसा नहीं करना चाहिए साथ ही हर किसी को ईमानदार नहीं समझना चाहिए। क्योंकि लोगों पर अधिक विश्वास करने से हमारा खुद का नुकसान होता है। जरूरी नहीं अगर आप ईमानदार हों, तो आपसे जुड़े लोग भी ईमानदार होंगे।
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