In this Article
कई दंपति चाहते हैं कि उनके भी बच्चे हों लेकिन सिर्फ एक उचित योजना और दोनों की स्वीकृति के साथ। यदि बिना स्वीकृति के महिलाएं गर्भवती भी हो जाती हैं तो वे गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करके गर्भपात करना ठीक समझती हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य पर गर्भनिरोधक गोलियों का प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है इसलिए इसकी सलाह बहुत कम दी जाती है। अच्छी बात यह है कि गर्भावस्था को रोकने के लिए कई घरेलू उपचार मौजूद हैं, असुरक्षित संभोग के बाद आप अनचाही गर्भावस्था को रोकने के लिए इन उपायों का उपयोग कर सकती हैं। बेशक, इन सभी तरीकों में से कोई भी 100% प्रभावी नहीं है, यह सभी उपाय एक निवारक के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। इसलिए, सुरक्षित संभोग करना ही गर्भवस्था को रोकने का एक बेहतर उपाय है! इस लेख में दिए हुए निम्नलिखित कुछ तरीकों से आप अपनी अनचाही गर्भावस्था को रोकने का प्रयास कर सकती हैं और साथ ही तनाव-मुक्त जीवन का आनंद लें।
गर्भावस्था को रोकने के लिए कई सुरक्षित तरीके हैं और इनसे स्वास्थ्य हानि भी नहीं होगी, आइए जानते हैं;
असुरक्षित संभोग के बाद अवांछित गर्भावस्था की संभावना को कम करने के लिए आप अगले 3-4 दिनों तक एक दिन में लगभग दो बार पपीते का सेवन करें। यह एक प्रभावी गर्भ निरोधक उपाय है और यह फल पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या को कम कर सकता है। पपीते का सेवन को बंद करने पर शुक्राणुओं की संख्या पुन: सामान्य हो जाती है।
अदरक माहवारी को प्रेरित करता है जिससे अनचाही गर्भावस्था की संभावना को रोकने में मदद मिलती है। अदरक को किसकर कर, पानी में उबाल लें और उबलने के बाद छान लें।अदरक के तेज स्वाद के साथ बने इस मिश्रण को प्रतिदिन 2 बार पिएं।
खुबानी एक फल है जिसे एप्रीकॉट भी कहा जाता है। यह प्राकृतिक तरीके से भ्रूण के आरोपण को रोकने में भी सक्षम है। एक कप पानी में 100 ग्राम सूखी हुई खुबानी और 2 बड़े चम्मच शहद मिलाएं। मिश्रण को लगभग 20 मिनट तक उबालें और फिर इसे पी लें। आप अपनी माहवारी शुरू होने से पहले और संभोग के एक दिन बाद से 5-10 खुबानी भी खा सकती हैं।
अंजीर सबसे बेहतरीन गर्भ निरोधक तरीकों में से एक है और इससे रक्त प्रवाह में भी सुधार आता है। असुरक्षित संभोग के बाद आप 2-3 अंजीर का सेवन कर सकती हैं। किंतु खयाल रहे, अधिक मात्रा में अंजीर खाने से पेट खराब हो सकता है।
दालचीनी गर्भाशय को उत्तेजित करने और गर्भपात का कारण माना जाता है। हालांकि, यह तुरंत काम नहीं करता है इसलिए आप इसका सेवन नियमित रूप से लंबे समय तक कर सकती हैं। एक गर्भ निरोधक उपाय के रूप में दालचीनी का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से चर्चा करने की सलाह दी जाती है।
आप गर्भनिरोधक के लिए हपुषा जामुन जिसे जुनिपर बेरी भी कहते हैं का सेवन कर सकती हैं, असुरक्षित संभोग के बाद लगातार 3 दिनों तक इसका सेवन करने से गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है।
विटामिन ‘सी’ का अत्यधिक सेवन करने से भी गर्भपात की संभावना होती है। यह प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को प्रभावित करके गर्भाधान को रोकने में सक्षम है। असुरक्षित संभोग के बाद लगभग 2-3 दिनों तक एक दिन में दो बार 1500 मिलीग्राम विटामिन ‘सी’ की गोलियों का सेवन करें। खयाल रखें, अत्यधिक विटामिन ‘सी’ का सेवन करने से शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, यदि आप एंटी-कोआगुलेंट दवा लेती हैं या सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित हैं तो विटामिन ‘सी’ का सेवन न करें।
पानी में थोड़ी सी हींग मिलाकर हर महीने पिएं, यह मिश्रण गर्भाधान को रोककर अवांछित गर्भावस्था की संभावना को खत्म करने में सक्षम है।
गर्भावस्था को रोकने के लिए अजमोद जिसे पार्सले भी कहा जाता है एक प्रभावी घरेलू उपाय है। शरीर पर अजमोद का प्रभाव बहुत हल्का पड़ता है जिसका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है। सही परिणामों के लिए आप अजमोद को पानी में उबालकर नियमित रूप से ले सकती हैं।
गर्भावस्था से बचने के लिए ‘नीम’ भारतीय घरेलू उपचारों में से एक है जो पत्तियों, इसके अर्क और तेल के रूप में भी उपलब्ध है। अगर गर्भाशय में नीम के तेल का इंजेक्शन लगाया जाए तो यह 30 सेकंड के भीतर शुक्राणुओं को मार देता है, जबकि नीम की गोलियां पुरुषों में अस्थायी बांझपन को बढ़ावा देती हैं।
अनानास के गुण भ्रूण के आरोपण को रोक सकते हैं और गर्भावस्था से बचा सकते हैं। असुरक्षित संभोग के बाद 2-3 दिनों तक प्रतिदिन एक कच्चा अनानास खाएं।
कुट्टू में रुटिन होता है जो आरोपण को रोकता है। आप अवांछित गर्भावस्था को रोकने के लिए प्रतिदिन 500 ग्राम कुट्टू का सेवन कर सकती हैं। यह असुरक्षित संभोग से पहले और बाद में प्रभावी तरह से काम करता है। कुट्टू के बारे सबसे अच्छी बात यह है कि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
यदि अनचाही गर्भावस्था को रोकने का कोई प्राकृतिक उपाय नजर नहीं आता, तो नियमित रूप से दिन में दो बार रतालू खाने का प्रयास करें। इसे गर्भ निरोधक के रूप में कार्य करने में 1-2 महीने लगते हैं इसलिए किसी भी दिन इसका सेवन करना न भूलें।
शलजम संभोग के एक सप्ताह बाद तक भी गर्भधारण को रोकने में सक्षम है। शलजम को सुखाकर पीस लें और इसे आधा कप ठंडे पानी में मिलाकर पिएं। असुरक्षित संभोग के बाद लगभग एक सप्ताह तक इसका सेवन करें।
अनचाहे गर्भधारण से बचने के लिए कुछ ऐसे तरीके हैं जिनका प्रयोग संभोग के दौरान किया जा सकता है, वे इस प्रकार हैं;
यदि आपके पास पहले से ही किसी प्रकार का सुरक्षित उपाय है, तो यह तरीका सावधानी का एक और उपाय प्रदान करता है। सुरक्षित संभोग प्राय: एक महिला के मासिक धर्म के 8वें और 20वें दिन के बीच अंडोत्सर्ग न होने के कारण यह अवधि सुरक्षित होती है। हालांकि इस दौरान भी अनचाही गर्भावस्था का खतरा बना ही रहता है, लेकिन आप इसे सुरक्षा के अन्य तरीके के रूप में आजमा सकती हैं।
प्रत्याहार विधि यानि पुल-आउट मेथड का प्रयोग करके देखें, ऐसा करने से पुरुष के शुक्राणु का स्खलन महिला के अंदर नहीं होता है और इससे डिंब निषेचित होने से बच जाता है। हालांकि, इस तरीके को अपनाने में भी खतरा हो सकता है क्योंकि शुक्राणु किसी तरह योनि में प्रवेश कर सकते हैं जिससे गर्भावस्था की संभावना बढ़ सकती है। इस तरीके को किसी अन्य गर्भनिरोधक उपाय के साथ ही करना बेहतर विकल्प है।
माहवारी समाप्त होने के बाद आप अपने शरीर के बेसल तापमान पर नजर रखना शुरू कर दें। ओव्यूलेशन के दौरान अक्सर तापमान बढ़ने लगता है और ओव्यूलेशन के दिन यह उच्च स्तर पर होता है। यदि आप इस अवधि में संभोग नहीं करती हैं तो आप अनचाही गर्भावस्था से भी बच सकती हैं।
ओव्यूलेशन के दिन नजदीक आने पर महिला के शरीर से एक पारदर्शी, जेली जैसा पदार्थ स्रावित होता है। इस अवधि के दौरान संभोग न करने से गर्भावस्था को रोका जा सकता है।
गर्भावस्था से बचने के लिए उपरोक्त घरेलू उपचारों का उपयोग करते समय आप कुछ बातों पर ध्यान दें;
जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है कि अनचाही गर्भावस्था को रोकने के लिए घरेलू उपचार उतने कारगर नहीं है जितने गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम या अन्य गर्भ निरोधक उपकरण। उपरोक्त तरीकों में से किसी एक तरीके को भी अपनाते समय सुरक्षित संभोग करना हमेशा सबसे अच्छा विकल्प है। कुछ भी आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें, ताकि आपको पूरी जानकारी हो कि अनचाही गर्भावस्था को कैसे रोका जा सकता है।
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…