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बच्चों के लिए लोमड़ी और अंगूर की कहानी एक नैतिक सीख के साथ-साथ रोचक भी है। यह कहानी एक लोमड़ी है और अंगूर की है जिसे वह लोमड़ी पेड़ में लटके देखती है। तो यहाँ भेड़िया उन अंगूरों का क्या करती है और क्या वह उन अंगूरों खा पाती है? इन सब का जवाब आपको पूरी कहानी पढ़कर मिलेगी। यहाँ बच्चों के लिए सरल भाषा में लोमड़ी और अंगूर की कहानी – अंगूर खट्टे हैं! दी हुई है जिन्हें आप अपने बच्चे को एक मनोरंजक अंदाज में सुना सकती हैं। लोमड़ी और अंगूर की कहानी एक नैतिक ज्ञान भी देती है और साथ ही यह बच्चों में बहुत लोकप्रिय भी है।
अंगूर खट्टे हैं – लोमड़ी और अंगूर की कहानी
एक दिन भरी दोपहर में एक लोमड़ी जंगल में घूम रही थी, वहाँ चलते-चलते रास्ते में उसे पेड़ से लिपटी एक बेल में अंगूर लटके हुए नजर आए। अंगूर के गुच्छे इतने स्वादिष्ट लग रहे थे कि जैसे ही उस लालची लोमड़ी ने उन अंगूरों को देखा और उसके मुंह में पानी आ गया। लोमड़ी ने सोचा यदि वह अंगूर का पूरा गुच्छा ले लेती है तो दिनभर उसे खाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। लोमड़ी स्वादिष्ट अंगूर को खाने के लिए लपकी, किंतु अंगूर बहुत ऊंचाई में लगे थे और वह उन तक नहीं पहुँच पा रही थी। लोमड़ी अंगूरों तक पहुँचने के लिए और ऊंची छलांग लगाई पर इस बार भी उसका प्रयास विफल रहा। बेचारी लोमड़ी तब हार कर एक जगह बैठ गई और थोड़ी देर बाद उसने यह सोचकर फिर से एक ऊंची छलांग लगाई कि इस बार वह इन स्वादिष्ट अंगूरों का आनंद ले लेगी किंतु इस बार भी वह असफल रही। अब क्या था कई बार प्रयास करने के बाद भी जब उस लोमड़ी को अंगूर नहीं मिले तो उसने यह कह कर अपने मन को समझा लिया कि अंगूर खट्टे हैं इन्हें खाकर कोई फायदा नहीं है। अंत में बेचारी लोमड़ी थक हार कर अपने घर वापस चली गई।
“लोमड़ी और अंगूर की कहानी – अंगूर खट्टे हैं’ से क्या शिक्षा मिलती है?
इस मनोरंजक कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जब कोई मूर्ख किसी वस्तु को प्राप्त नहीं कर पाता, तो अपनी कमजोरी छिपाने के लिए बहाना बनाता है और उस वस्तु को ही तुच्छ साबित करने की कोशिश करता है।
यह छोटी सी कहानी हमें यह भी सिखाती है कि किसी चीज को न पा सकने के बहाने बनाने के बजाय उसे पाने के लिए कड़ी मेहनत करना जरूरी।
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