आपकी 8 आम गलतियां जिनसे शिशु का दम घुट सकता है और इनसे बचने के तरीके

आपकी 8 आम गलतियां जिनसे शिशु का दम घुट सकता है और इनसे बचने के तरीके

क्या आप अपने बच्चे को टेस्टी सॉलिड फूड खिलाने की शुरुआत कर रही हैं? क्या आप सुरक्षा के कुछ ऐसे टिप्स ढूंढ रही हैं, जिन्हें फॉलो करके अपने बेबी को अलग-अलग तरह के ठोस आहार खिलाने के क्रम में दम घुटने से बचा सकें? अगर हाँ, तो आपको अपने बच्चे को ठोस आहार खिलाते समय, कुछ सुरक्षात्मक तरीकों को सीखना चाहिए और उन्हें फॉलो करना चाहिए। आप अपने बच्चे के गले में ठोस आहार अटकने से कैसे बच सकती हैं, यह जानने के लिए आगे पढ़ें। 

आपसे होने वाली ऐसी कुछ गलतियां जिनसे शिशु का दम घुट सकता है

1. 6 महीने की उम्र से पहले ठोस आहार देना

जहाँ आप चाहें, तो बच्चे को प्यूरी देने की जल्द शुरुआत कर सकती हैं, वहीं, ज्यादातर एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं, कि आपको शिशु को सॉलिड फूड देने की शुरुआत 6 महीने की उम्र के बाद ही करनी चाहिए। क्योंकि इस उम्र में बच्चा ठोस आहार को सुरक्षित रूप से चबा सकता है और निगल सकता है। 

2. खाने के बड़े टुकड़े देना

बच्चे के गले में खाना न अटके, इसके लिए इस बात पर ध्यान देना जरूरी है, कि आप उसे केवल बारीक टुकड़ों में कटे हुए ठोस आहार ही खाने को दें। शुरुआत में मुलायम खाने के बारीक कटे छोटे टुकड़े ही दें, जिसे बच्चा आराम से निगल सके। जब बच्चे को खाने के छोटे मुलायम टुकड़े खाने की आदत हो जाए, तब धीरे-धीरे आगे बढ़ें और उसे बड़े टुकड़े खाने को दें। 

3. खाने के दौरान बच्चे को अकेला छोड़ना

अगर आप अपने छोटे से भूखे बच्चे को उम्र के अनुसार सही खाना भी खिला रही हैं, तो भी उसके गले में खाना अटक कर कभी भी दुर्घटना हो सकती है। इसलिए जब बच्चा खाना या स्नैक्स खा रहा हो, तो हमेशा उसके साथ रहें। 

4. बच्चे को अपने खाने में से छोटे टुकड़े खिलाना

आपको अपने खाने में से छोटे निवाले बच्चे को खिलाने की इच्छा होती होगी, लेकिन आपको उसे ऐसा खाना खिलाने से बचना चाहिए, जो कि उसके गले में अटक सकता हो। भूखे बच्चे को नट्स, ड्राई फ्रूट्स, चीज, सख्त कैंडी, कांटे वाली मछली, हॉट डॉग, साबुत अंगूर, बेक्ड नगेट और ऐसा कोई भी खाना देने से बचें, जिन्हें चबाना और निगलना बच्चे के लिए मुश्किल होता है। साथ ही खाने के बड़े टुकड़े देने से भी बचें, क्योंकि यह बच्चे के गले में अटक सकता है। 

5. बच्चे को लिटा कर खाना खिलाना

खाना खिलाते समय, बच्चे को उसके हाई चेयर पर सीधा बिठाएं। जब वह अपनी कुर्सी पर या नीचे बैठा हो, केवल तब ही उसे खाने को दें। जब बच्चा रेंग रहा हो या आसपास घूम रहा हो, तब उसे कोई भी ठोस आहार खाने को न दें। क्योंकि चलने फिरने के दौरान बच्चे को खाना खिलाना सुरक्षित नहीं होता है। 

6. खाना खिलाने में जल्दबाजी करना

खानपान की सही आदतें अपनाएं और बच्चे को ठोस आहार के छोटे-छोटे निवाले एक के बाद एक खिलाएं। एक बार में अधिक खाना उसके मुँह में न डालें। बच्चे को ठोस आहार का एक निवाला अच्छी तरह से चबाने और निगलने के लिए समय दें और उसके बाद अगला निवाला उसके मुँह में डालें। इससे खाना खाने की प्रक्रिया सुरक्षित रहेगी और खाना अटक कर दम घुटने से बचाव भी होगा। 

7. खाने के दौरान बच्चे को रेंगने या दौड़ने देना

जब बच्चे के मुँह में खाना हो, तब उसे रेंगने या दौड़ने से रोकें। अगर बच्चा खाते हुए दौड़ता है, तो इससे उसके गिरने की संभावना होती है और इससे खाना गले में अटक सकता है। साथ ही खाने के दौरान, बच्चे को हंसने और तेज सांसें लेने से भी रोकें। इससे भी खाना अटक कर दम घुटने से बचाव होगा। 

8. बिना चबाए बच्चे को खाना निगलने देना

खाने को अच्छी तरह से चबाने के बाद ही बच्चा ठोस आहार को सुरक्षित रूप से निगल सकता है। इसलिए खाना निगलने से पहले, उसे अच्छी तरह चबाने के लिए प्रेरित करें। उसे दिखाएं, कि खाने को किस तरह से चबाते हैं और बच्चे को निचले जबड़े को घुमाते हुए खाना चबाकर आपकी नकल करने दें। 

इस तरह से सुरक्षा के कुछ मापदंडों को अपनाकर खाना खाने की प्रक्रिया को सुरक्षित रखा जा सकता है और गले में खाना अटक कर दम घुटने से बचाव भी हो सकता है।