बच्चों की परवरिश करना बेहद कठिन होता है, और खास तौर पर उन्हें इस तरह से बड़ा करना कि वे हमेशा खुश और संतुष्ट रहें, और भी चुनौतीभरा काम होता है। माता-पिता के रूप में, आप अपने बच्चे को हर चीज बेहतर से बेहतर देना चाहते हैं और जीवन के प्रति सकारात्मक विचार रखना सिखाते हैं, लेकिन ऐसा करने का कोई एक तरीका नहीं है। अपने बच्चे को अपनी इच्छानुसार पालने के किसी एक तरीके को हमेशा जारी नहीं रख सकती हैं। बच्चे की परवरिश के दौरान यह आपका ही फैसला होता है, जो आगे यह तय करता है कि वह बड़ा होकर कैसा होगा। फिर भी कुछ ऐसे टिप्स हैं जिनका पालन करके आप अपने बच्चे की अच्छे से परवरिश करके उसे एक खुशहाल व्यक्ति के रूप में बड़ा कर सकती हैं।
अपने बच्चे को खुशहाल बनाने के लिए परवरिश के टिप्स
यह जानना जरूरी है कि बच्चा किस चीज से खुश होता है, यदि आप उसे सामान्य रूप से बढ़ते हुए देखना चाहती हैं। यहां बताया गया है कि आप कैसे जान सकेंगी कि बच्चा एक हैप्पी चाइल्ड के रूप में बड़ा हो रहा है।
1. पॉजिटिव तरीके से पालन-पोषण करें
बच्चों को आपके सपोर्ट की बहुत आवश्यकता होती है। बच्चों के लिए, माता-पिता से ही पहला नैतिक सपोर्ट मिलता है। बच्चा जो भी काम करे तो उसे यह पता होना चाहिए कि क्या गलत है क्या सही। खासतौर पर अगर आप चाहती हैं कि बच्चा कॉन्फिडेंट और खुश रहे तो आपको पॉजिटिव तरीके से बच्चे का पालन-पोषण करना जरूरी है। इसलिए जब भी वह कुछ अच्छा काम करे तो आप हमेशा उसकी तारीफ करें। लेकिन जब वह गलत हो तो उसकी गलत हरकत को बढ़ावा न दें, बल्कि उसे समझाएं। झूठी तारीफ बच्चे के मन में गलत धारणा पैदा कर सकती है, जिससे वह हर समय सिर्फ अच्छे शब्दों को ही सुनना चाहेगा, जो बाद में उसकी जिंदगी में मोटिवेशन से जुड़ी समस्या का कारण बन सकता।
2. बच्चे को धैर्य रखना सिखाएं
बच्चों को शुरू से हर चीज तुरंत हासिल करने के लिए प्रेरित किया जाता है। क्योंकि आज की दुनिया में, अब हर चीज बहुत आसानी से मिल जाती है, और किसी भी चीज को तुरंत हासिल करने की जरूरत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में अपने बच्चे को लंबे समय में होने वाले फायदे और धैर्य रखने के महत्व को समझाएं और इसका एक ही मकसद है कि बच्चे को यह समझ आ जाए कि हर चीज का अपना समय होता है। बच्चों में धैर्य की भावना विकसित करने से वह खुद अपने ही दुश्मन बनना बंद कर देंगे और कोई चीज न मिलने पर दुखी और निराश महसूस नहीं करेंगे।
3. बच्चों को अच्छे रिश्ते बनाना सिखाएं
परिवार और दोस्त हमेशा से ही अपने साथ ढेर सारी खुशियां और यादगार पल लेकर आते हैं। बच्चे आसानी से परिवार और दोस्तों के साथ घुल मिल जाते हैं। लेकिन माता-पिता को उन्हें बाकी लोगों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों के साथ भी मेलजोल बनाए रखना सिखाना चाहिए। आपका अपने बच्चे के लिए प्यार किसी शर्त के साथ नहीं होना चाहिए, क्योंकि बच्चों को बहुत सारी चीजों के लिए आप पर भरोसा करने की जरुरत होती है। वहीं दूसरों के साथ रिश्ते बनाना उन्हें अपनी पहचान दिलाता है और उन्हें सशक्त बनाता है।
4. बच्चे को दयालु बनाएं
बच्चे शुरुआती दिनों में अपनी चीजों को लेकर बहुत पजेसिव होते हैं और परिवार को छोड़कर उन्हें दूसरों की परवाह नहीं होती हैं। लेकिन समय के साथ आपके बच्चे को ये जानना जरूरी है कि उसके जीवन में उनके अलावा और भी बहुत कुछ है। दूसरों के लिए सहानुभूति और दया रख कर, एक अलग प्रकार की खुशी हासिल होती है, जो कि सिर्फ दूसरों के लिए अच्छा करने से ही मिलती है। अपने बच्चे के साथ ईमानदारी से बातचीत करें जब वह इस तरह से व्यवहार करता है जो उसने पहले किसी के अजनबी के लिए नहीं किया तो उसे अच्छा लगेगा। साथ ही उसके अंदर नैतिकता पैदा होगी जिससे उसे सही वैल्यूज का उपयोग करने और दयालु बनने में मदद मिलेगी।
5. बच्चे को आत्मनिर्भर बनाएं
कुछ माता-पिता अपने बच्चों के बारे में ज्यादा प्रोटेक्टिव होते हैं और उन्हें हेलीकॉप्टर पैरेंट भी कहा जाता है। इस तरह का बर्ताव बच्चों में चिढ़ पैदा करता है या उन्हें अपने पेरेंट्स पर अत्यधिक निर्भर बना देता है। अपने बच्चे को कुछ भी करने से रोकना आगे चलकर उनके मुश्किलें खड़ी कर सकता है, जब तक कि उसके किसी भी एक्शन का परिणाम गलत न हों, तब तक आप उसे वह काम करने से न रोकें। अगर आपका बच्चा खेलते समय गिर जाता है, तो उसे गिरने दें और कुछ देर रोने दें। वह धीरे-धीरे खुद गिरकर संभलना सीख जाएगा और फिर से खेलना शुरू कर देगा।
6. सही रूटीन सेट करें
कम उम्र में, आपके बच्चे का दिमाग हर जगह जाता है, खासतौर पर उन जगहों पर जहां उसकी जिज्ञासा को बढ़ावा मिल रहा हो। लेकिन यह अच्छी चीज नहीं है, इससे वह कंफ्यूज होता रहता है और उसका फोकस एक जगह बना नहीं रह पाता है, जिससे वह लगातार सोचता रहता है कि वह क्या कर रहा है। बच्चे के लिए सही रूटीन को सेट करें, जिससे वह जान सके कि कब उठना है, ब्रश करना है, खाना है, सोना है, पढ़ना है, खेलना है आदि। एक अच्छे रूटीन को फॉलो करने से बच्चे को काफी आत्मविश्वास महसूस होता है, क्योंकि उसने वह सब कुछ अपने समय से किया है जो उसे दिन में पूरा करना था। रूटीन को सेट करने से बच्चे अपनी पसंदीदा एक्टिविटीज को फिर से दोहरा सकते हैं और ये उनको अपनी जिंदगी में अच्छी आदतों को शामिल करने में मदद करता है।
7. इंटरेस्टिंग स्किल विकसित करने में मदद करें
ऐसा कभी कभी होता है कि आपके बच्चे को अपने जीवन में किसी विशेष चीज में गहरी दिलचस्पी होती है। जो की अलग-अलग पत्तों को इकट्ठा करने जितनी साधारण सी हो सकती है या फिर अंतरिक्ष में जाने वाले एस्ट्रोनॉट बनने जितनी मुश्किल भी हो सकती है। या फिर आपका बच्चा पियानो बजाने का शौकीन हो सकता है, नहीं तो हो सकता है कि वीडियो देखकर डांस मूव्स फॉलो करना पसंद करता हो। जो भी हो, उसे ऐसी किसी भी स्किल में आगे बढ़ाने के लिए समय दें और इसमें बेहतर होने के लिए उसको गाइड करें। हो सकता वह आगे चलकर यह स्किल फॉलो न भी करे, लेकिन उसे ये पता होना चाहिए कि वह इसे कैसे बेहतर कर सकता है। किसी भी हॉबी को फॉलो करने से आपका बच्चा न सिर्फ खुश रहेगा बल्कि और व्यस्त भी रहेगा।
8. एक साथ मस्ती भरे पल बिताएं
बच्चा आपके साथ बिताई गई सभी यादों को इकट्ठा करके रखता है। जितना हो सके अपने बच्चे के साथ फनी एक्टिविटीज में हिस्सा लेने के लिए अपना समय जरूर निकालें। यदि वह वीडियो गेम खेलना पसंद करता है, तो उसके साथ मैच खेलें और एक-दूसरे के साथ या फिर एक-दूसरे के खिलाफ भी खेलें। बच्चे के साथ समय बिताते समय उसके माता-पिता या बड़े बनकर न रहें, बल्कि उसकी तरह छोटे बन जाएं और उसके दोस्तों की तरह ही बर्ताव करें, और उस समय का मजा लें, जो आपको अपने बचपन में वापस ले जाता है। यह आप दोनों के बीच के बॉन्ड को और भी मजबूत करेगा, आप दोनों के बीच विश्वास बढ़ेगा और वह आपके सामने खुलकर रहेगा।
9. बच्चे की बात सुनें
कई बच्चे अपनी भावनाओं को अपने माता-पिता से बताते हैं। हालांकि, इन भावनाओं को ज्यादातर बचपना या नखरा समझकर अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। इसी वजह से आपके बच्चे में हीन भावना विकसित होने लगती है। बच्चे का यह जानना जरूरी है कि वह आपसे कुछ भी बात कर सकता है और आप सच में उसकी बातों को समझेंगे कि वह क्या कर रहा है और क्यों कर रहा है। उसे समय दें, भले ही इसके लिए आपको अपना काम छोड़ कर उसके पसंदीदा कार्टून एपिसोड में क्या हुआ था यह सुनना पड़े।
10. बच्चा को महसूस होने दें कि आप उसके साथ खुश हैं
यदि आप खुद ही एक दुखी व्यक्ति हैं तो कोई भी खेल, पार्टी, एक्टिविटीज काम नहीं आएंगी। बच्चे दूसरों की तुलना में यह जल्दी महसूस कर लेते हैं और सोचते है कि जिंदगी आमतौर पर ऐसा ही होती है। अगर उनके पास खुश होने के लिए कुछ होता है तो वह इसमें अपराध बोध महसूस कर सकते हैं। खुशी ऐसी चीज है जो बांटने से बढ़ती है। इसलिए यदि आप खुश हैं, तो आपका बच्चा भी आपसे खुश होगा। इसलिए खुश रहें और बच्चे को यह देखने दें कि बड़े होने पर जीवन में आने वाली कई समस्याओं के बावजूद भी हमेशा खुश रहने का कारण ढूंढ लेना चाहिए।
बच्चे को एक जिम्मेदार व्यक्ति बनाना जिसका माइंड सेट अच्छा हो, कोई आसान काम नहीं है। लेकिन अगर आप उसके सामने चीजों को लेकर सही तरह से रिएक्ट करें, बातचीत करें और थोड़ा मार्गदर्शन करें तो यह सब उसे बड़ा होकर एक खुशहाल व्यक्ति बनने में मदद करता है। पेरेंट्स होने के अलावा उसके लिए टीम के खिलाड़ी, एक दोस्त और एक ऐसा इंसान बनें जिस पर वह हमेशा भरोसा कर सकता है। इस तरह आप बच्चे की अंदर की पर्सनालिटी को एक मजबूत तरीके से विकसित करने में मदद करेंगे और उसे एक ऐसा व्यक्ति बनाएंगे जिस पर आपको बेहद गर्व हो।
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