शिशु

बेबी एक्टिविटीज – बच्चों के लिए मनोरंजक खेल

जन्म के बाद से ही बच्चों में शारीरिक तथा मानसिक विकास होने लगता है और साथ ही उनमें समझ भी विकसित होती है। ऐसे कई तरीके हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चे में बेहतर विकास कर सकते हैं। बच्चों को शुरूआत से ही एक्टिविटीज में व्यस्त रखना एक अच्छी बात है और एक्टिविटीज ऐसी होनी जो हो इंट्रेस्टिंग, जिससे बच्चा कुछ सीख सके और जिससे माँ-पिता और बच्चे के बीच अच्छी बॉन्डिंग भी बने। यह बहुत छोटी-छोटी चीजें हैं जिनसे आप अपने बच्चे को पूरी तरह से विकसित होने में मदद कर सकती हैं। इन एक्टिविटीज से बच्चा मूल रूप से विकसित होगा जिससे भविष्य में उसे काफी मदद मिलेगी। यदि आप अपने बच्चे में बेहतर विकास देखना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। 

0-6 महीने के बच्चे के लिए एक्टिविटीज

इस समय बच्चे के लिए यह एक्टिविटीज करने से उसके शुरूआती विकास में मदद मिलती है। यह आपके व बच्चे के बॉन्ड को मजबूत बनाता है, बच्चा शरीर को नियंत्रित करना सीखता है व आवाजों पर प्रतिक्रियाएं देता है और यह प्रोसेस बहुत लुभावना होता है। इस दौरा दिमाग को उत्तेजित करने से बच्चे में सीखने की क्षमता बढ़ती है और वह एक अच्छा ऑब्जर्वर बनता है। 6 महीने तक के बच्चे के लिए कौन सी एक्टिविटीज उपयोगी हैं, आइए जानें;

1. फेस टाइम

यह खेल बहुत आसान है और आप बच्चे को खाना खिलाते समय उसकी आंखों में देखें। इस दौरान आप अपने बच्चे के गाल या पीठ को सहलाएं। यह बच्चे के लिए एक प्रभावी एक्टिविटी है और इससे आपके व बच्चे के बीच का रिश्ता मजबूत होगा। 

2. टमी टाइम

शरुआती दिनों में आप बच्चे को टमी टाइम जरूर दें। बच्चे को पेट के बल लिटाने से वह ऊपर की ओर चारों तरफ देखता हैं जिससे उसके गर्दन की मसल्स मजबूत होती हैं। आप बच्चे को जमीन पर पेट के बल लिटाएं जिससे उसे अन्य माइलस्टोन पूरी करने में मदद मिलेगी, जैसे क्रॉलिंग, बैठना या चलना। कभी-कभी बच्चा यह नहीं करना चाहता है इसलिए शुरुआत में आप सिर्फ कुछ मिनट के लिए ही यह करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। 

3. सेंसेस को उत्तेजित करें

जितना हो सके उतना आप अपने बच्चे के सेन्सेस को व्यस्त रखें। बच्चों का आसपास की चीजें महसूस करना बहुत जरूरी है, जैसे उसकी त्वचा, नहाने का पानी, टॉयज। यहाँ तक कि आपके कडल से बच्चे में स्पर्श की समझ होगी। बच्चे गर्भ से ही सुनना शुरू कर देते हैं इसलिए बात करने, गाने और पढ़ने से बच्चे की पर्सनालिटी में विकास होता है, उसकी भाषा में विकास होता हैं और बॉन्ड बनता है। 

4. किकिंग

3 महीने की आयु होने पर आप बच्चे की मत के ऊपर रंग बिरंगे टॉयज लटका दें। इससे बच्चा टॉयज में लात मारेगा, हाथ से खेलेगा या अपने गाल लगाएगा। गाल लगाने से बच्चे की गर्दन मजबूत होगी व फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ेगी और उसने मुड़ने में आसानी होगी। तीन महीने से ज्यादा आयु के बच्चे की एक्टिविटीज में रैटल्स से खेलना, शीशे में छवि देखना और बच्चे को विभिन्न आवाजें सुनाना शामिल है। 

5. पीका-बू

यह सच में एक अद्भुत खेल है। यदि बच्चे को यह एक्टिविटी समझ आ जाती है तो आप खुद को किसी भी चीज के पीछे छिपाने व पीकाबू चिल्लाने से रोक नहीं पाएंगी ताकि बच्चा इसे एन्जॉय करे व हँसे। नवजात शिशु की दृष्टी धुंधली होती है और वे सिर्फ 8 से 12 इंच तक ही देख सकते हैं। 4 महीने का बच्चा थोड़ी दूरी तक देख सकता है और मूव करती हुई चीज पर ध्यान लगा सकता है। इसलिए यह बेहतरीन एक्टिविटी है जिससे बच्चे में मोटर स्किल्स, ऑब्जेक्ट परमानेंस और हाथ व आंखों का को-ऑर्डिनेशन ठीक होता है।  

6. फ्लाई हाई

आप अपने बच्चे को पीठ के बल लिटाकर बीच से पकड़ें। अब उसे आराम से उठाएं व हवा में झुलाएं और फन के लिए कुछ आवाजें निकालें। इससे बच्चे में शारीरिक जागरूकता बढ़ेगी और वह आस-पास की चीजों को अलग नजरिए से देखेगा। 

6-12 महीने के बच्चे के लिए एक्टिविटीज

इस समय तक बच्चे ने क्रॉल करना शुरू कर दिया होगा और बहुत जल्दी ही वह अपने पैरों पर खड़ा होने लगेगा। यह आपके लिए बहुत एक्साइटिंग समय है क्योंकि इस समय तक बच्चा बड़बड़ाने भी लगा होगा और आस-पास की चीजों को समझने लगा होगा। बच्चे को एक अच्छी एक्टिविटी में व्यस्त रखने का यह बिलकुल सही समय है जिससे उसके विकास में मदद मिलेगी। इसमें आपकी मौजूदगी, प्यार और योगदान बहुत जरूरी है ताकि बच्चे का विकास बेहतर हो सके। आप 6 से 12 महीने के बच्चे के लिए कौन सी एक्टिविटीज कर सकती हैं, आइए जानें;

1. बेबी सिट अप

यदि बच्चा 6 महीने का है और अपना सिर संभालने लगा है तो आप उसे सिट अप करना सिखाएं। बच्चे को पीठ केबल लिटाएं और उसकी बाजुओं को पकड़कर सहारा देते हुए सीधी बैठाएं। इससे बच्चे की मसल्स में ताकत आएगी और व संतुलन सीखेगा। 6 महीने के बच्चे के लिए अन्य एक्टिविटीज भी हैं, जैसे आप उसे गोदी में उछालें व गाना गाएं, चीजों का स्टैक बनाएं और उसे गिराने दें व आप बच्चे को माँ कहना सिखाएं। 

2. थ्रो टाइम

इस समय बच्चे को अपने खेलने की चीजें या भोजन आदि फेकने में मजा आता होगा और आप सोचती होंगी ऐसा क्यों है? बच्चा ऐसा इसलिए कर सकता है क्योंकि अब उसे समझ में आने लगता है कि उसके करने से चीजें हो रही हैं और इसका क्या रिएक्शन हो सकता है! इसलिए 7 महीने के बच्चे की एक्टिविटीज में आप उसे चीजों को फेकने दें। आप एक कंटेनर के लिड में छेद करें और छेद में से छोटे-छोटे खिलौने भरने में बच्चे की मदद करें। लिड खोलें और सभी टॉयज को बाहर निकालें। यह आसान एक्टिविटी बच्चे को देर तक व्यस्त रखती है। इससे बच्चे में कारण व प्रभाव समझने की क्षमता बढ़ेगी ऑब्जेक्ट मैनुपलेशन स्किल्स बढ़ेगी। 

3. शोर मचाएं

बच्चा बढ़ने के साथ ही अलग-अलग आवाजों के बारे में सीखेगा। आप बच्चे को जमीन में छोड़ दें और उसे अलग-अलग बर्तनों व चीजों से विभिन्न आवाजों का अनुभव लेने दें। आप एक बोतल में बीज या कच्चे ग्रेन्स भरकर बच्चे को खेलने के लिए दें। यह बच्चे के लिए बेहतरीन सेंसरी एक्टिविटीज हैं जिससे उसे आवाजों और मोटर स्किल्स बेहतरीन बनाने के कारणों व साइड इफेक्ट्स को सीखे में मदद मिलती है। आप रिदमिक शब्दों का भी उपयोग करें और उसे बच्चे के लिए दोहराएं। 

4. बातें करें

बच्चे के 9 महीने का होने तक आप उसे भाषा में विकास के लिए एक्टिविटीज में व्यस्त रखें। ये एक्टिविटीज बहुत आसान होती हैं जो ज्यादातर पेरेंट्स बच्चे के बढ़ने पर प्राकृतिक रूप से करते हैं। आप बच्चे से ऐसे ही बिना मतलब की बातें करें, उसे रंगीन चीजें दिखा कर नाम बताएं और बच्चे को शरीर के अंगों के बारे में भी बताएं। आपके एक्शन बच्चे में भाषा का विकास करने में मदद करेंगे। पूरे धैर्य के साथ बच्चे से बातें करना जरूरी है क्योंकि यह उसे खुद को व्यक्त करने के लिए प्रेरित करता है। 

5. पजल से खेलें

यदि आपका बच्चा 12 महीने का है तो आप उसे लकड़ियों के पजल में व्यस्त रखें और इस बात का ध्यान रखें कि पजल के टुकड़े उसके लिए थोड़े ही बड़े हों ताकि वह उन्हें पकड़ सके। इससे बच्चों में मोटर स्किल्स, हाथों व आंखों का को-ऑर्डिनेशन, समस्या सुलझाने की क्षमता और स्थान के प्रति जागरूकता होती है। बच्चे को सिखाएं कि यह उसे कैसे करना और उसे करने के लिए प्रेरित करें। आप बच्चों के लिए दिमाग के विकास के लिए अन्य कई एक्टिविटीज भी कर सकती हैं, जैसे किसी भी चीज की तरफ इशारा करके उसका नाम लेना, स्कार्फ या तौलिए से कैच खेलना। कैच-कैच खेलने से बच्चे के हाथों व आंखों में को-ऑर्डिनेशन बैठता है और वह इसे एन्जॉय भी करता है। आप खिलौनों से खेलते समय बच्चे में निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ावा दे सकते हैं। 

आप जीवन के सभी चरणों को हर संभावित तरीके से पूरा करें। आप बच्चे के साथ बिताए हुए इस समय को यादगार और मनोरंजक बनाएं। बच्चा अपनी स्पीड से चीजों को सीखता है इसलिए आप उसे हमेशा प्रेरित करें पर अपनी तेजी से माइलस्टोन पूरा करने दें। 

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