शिशु

बेबी के दांत निकलने के दर्द के लिए एसेंशियल ऑयल

छोटे बच्चों के दांत निकलना एक कठिन चरण है। मां होने के नाते आप अपने शिशु की परेशानी और दर्द कम करने के लिए सब कुछ करना चाहेंगी पर क्या यह किया जा सकता है? यदि आपने बेबी को टीदिंग की तकलीफ से आराम दिलाने के लिए कई चीजों का इस्तेमाल कर लिया है पर किसी का भी प्रभाव नहीं पड़ रहा तो आपको एसेंशियल ऑयल के बारे में सोचना चाहिए। दांत निकलते समय एसेंशियल ऑयल बच्चे की बहुत सहायता करते हैं। मेडिसिन की फील्ड में एसेंशियल ऑयल का उपयोग पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है। हालांकि बच्चों के दांत निकलने पर इसका उपयोग पूरी सावधानी से करना चाहिए। 

एसेंशियल ऑयल क्या होते हैं?

दवा के विकल्प में अक्सर लोग अरोमाथेरपी करते हैं और इस थेरेपी में एसेंशियल ऑयल का उपयोग होता है। ये एसेंशियल ऑयल पौधों से एक्सट्रैक्ट किए जाते हैं। इन ऑयल में पौधे के फ्लेवर और खुशबू का एसेंस होता है जिसे एसेंशियल ऑयल कहते हैं। एसेंशियल ऑयल कोल्ड प्रेसिंग या स्टीम या पानी से डिस्टिलेशन के मैकेनिकल मेथड से बनाया जाता है। एरोमेटिक ऑयल को कैरियर ऑयल के साथ मिलाया जाता है। अरोमाथेरपी करते समय एसेंशियल ऑयल को पतला करके त्वचा पर लगाया जाता है ताकि यह अब्सॉर्ब हो सके पर इन तेलों को पीना या निगलना नहीं चाहिए। 

छोटे बच्चों के दांत के दर्द में एसेंशियल ऑयल कैसे मदद करते हैं?

एसेंशियल ऑयल छोटे बच्चों को आराम देने और दांत के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। यद्यपि इन तेलों का उपयोग दांत के दर्द के लिए सीधे नहीं किया जाता है पर यदि इनका इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए तो एसेंशियल ऑयल अलग-अलग तरह से मदद कर सकते हैं। बच्चों के दांत निकलते समय दर्द में एसेंशियल ऑयल कैसे मदद करते हैं, आइए जानें; 

  • एसेंशियल ऑयल मसूड़ों में मौजूद किसी भी इंफेक्शन या घावों को रोकने में मदद करते हैं।
  • एसेंशियल ऑयल दर्द को कम करने में मदद करते हैं और बच्चे को शांत करते हैं।
  • दांत मसूड़ों से बाहर निकलते समय होने वाले दर्द में एसेंशियल ऑयल काफी मददगार होते हैं।
  • एसेंशियल ऑयल मसूड़ों की सूजन के कारण होने वाले दर्द को कम करते हैं।

छोटे बच्चों के दांत निकलते समय एसेंशियल ऑयल का उपयोग

एसेंशियल ऑयल वास्तव में छोटे बच्चों को टीदिंग की परेशानी से राहत प्रदान करते हैं लेकिन दर्द कम करने के लिए इन ऑयल को अंतिम विकल्प माना जाता है। इस बात का खयाल रखें कि टीदिंग के लिए आप सिर्फ विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त ऑर्गेनिक सर्टिफाइड ऑयल ही लें जो शुद्ध और बिना मिलावट वाला हो। एसेंशियल ऑयल का उपयोग करने से पहले यह जान लें कि टीदिंग के लिए कौन से ऑयल अच्छे होते हैं क्योंकि ये प्रभावी तेल दर्द में तुरंत असर करते हैं। 

1. टीदिंग की जल्द शुरुआत होने पर

यदि दांत निकलने की प्रक्रिया जल्दी शुरू हो गई है, यानी जब बच्चा 4 से 7 महीने की उम्र के बीच का हो तो सिर्फ 2 एसेंशियल ऑयल का उपयोग करना चाहिए। एसेंशियल ऑयल काफी प्रभावी होते हैं और इन्हें त्वचा पर लगाते समय बेस ऑयल के साथ जरूर मिलाना चाहिए। एसेंशियल ऑयल को कभी भी सीधे त्वचा पर न लगाएं। टीदिंग बेबी के लिए उपयोग किए जा सकने वाले दो ऑयल हैं:

अ. कैमोमाइल ऑयल: कैमोमाइल ऑयल अपने सेडेटिव इफेक्ट के लिए जाना जाता है जिसके कारण यह सबसे लोकप्रिय एसेंशियल ऑयल में से एक है। यह छोटे बच्चों के लिए काफी सुरक्षित माना जाता है क्योंकि यह नॉन-टॉक्सिक भी है।

उपयोग कैसे करें: कैमोमाइल ऑयल का उपयोग करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इसकी एक या दो बूंदें पानी से भरे वेपोराइजर में डालें। आपको 5% से भी कम बेस ऑयल के साथ दोनों को साथ में डायल्यूट करना चाहिए। इस मिश्रित ऑयल से बच्चे के जॉ-लाइन के पास मालिश करने से तुरंत आराम मिलेगा।

ब. लैवेंडर ऑयल: यह ऑयल 6 महीने से कम उम्र के बच्चों के दांत निकलने के लिए उपयुक्त है। लैवेंडर ऑयल अपने नॉन-टॉक्सिक और सुखदायक गुणों के लिए जाना जाता है। यह एक प्राकृतिक सेडेटिव है और इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। यह ऑयल मांसपेशियों के दर्द से राहत देता है और बच्चे को शांत करता है।

उपयोग कैसे करें: आप लैवेंडर एसेंशियल ऑयल को कैरियर ऑयल में डायल्यूट करके बच्चे की जॉ-लाइन में मालिश करें।

2. 6 महीने से ज्यादा उम्र के बच्चे के लिए

यदि बच्चा 6 महीने से ज्यादा उम्र का है और दांत दर्द से पीड़ित है तो आप उसके लिए निम्नलिखित एसेंशियल ऑयल का उपयोग करें। इन एसेंशियल ऑयल को सीधे मसूड़ों पर लगाया जा सकता है, जाइए जानें; 

अ. अदरक का तेल: अदरक के एसेंशियल ऑयल को ठीक से पतला करना जरूरी है ताकि इससे त्वचा में जलन न हो। यह ऑयल मांसपेशियों में दर्द, गठिया और थकान को कम करने में मदद करता है।

उपयोग कैसे करें: बच्चे के मसूड़ों पर अदरक का तेल लगाने के लिए पहले इसे बेस ऑयल में मिलाएं। फिर इस मिश्रित ऑयल को बच्चे के मसूड़ों पर लगाएं। इससे दर्द में काफी आराम मिलेगा। 

ब. मार्जोरम तेल: गठिया या मांसपेशियों में दर्द को कम करने के लिए मार्जोरम ऑयल का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। हालांकि यह दांत निकलने के दौरान होने वाले दर्द से भी राहत दिला सकता है।

उपयोग कैसे करें: उपयोग करने से पहले सभी एसेंशियल ऑयल को डायल्यूट करने की आवश्यकता होती है और इसलिए मार्जोरम ऑयल को भी बेस ऑयल में मिलाया जाएगा। इस ऑयल को बेस ऑयल के साथ 0.5 प्रतिशत के रेशियो में ब्लेंड करें। इस मिश्रित ऑयल को सुरक्षित रूप से बच्चे के जॉ-लाइन पर मालिश करें।

3. 2 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे के लिए

ज्यादातर छोटे बच्चों के दांत 6 महीने की उम्र से निकलना शुरू हो जाते हैं और ये तब तक निकलते हैं जब तक बच्चा दो से ढाई साल की उम्र का न हो जाए व उसके 20 दांत न निकल जाएं। दांत निकलने के पूरे चरण में बच्चे के दांतों में दर्द रह सकता है। यहाँ पर दो प्रकार के एसेंशियल ऑयल के बारे में बताया गया है जिनका उपयोग छोटे बच्चों के दांत में दर्द के लिए किया जा सकता है, आइए जानें;

अ. लौंग का तेल: लौंग का तेल मांसपेशियों में तनाव के कारण होने वाले दर्द को कम करने में मदद करता है। इस ऑयल से छोटे बच्चों के दांत निकलने के दौरान होने वाले दर्द को भी ठीक किया जा सकता है क्योंकि यह एंटीसेप्टिक और एनाल्जेसिक भी है।

उपयोग कैसे करें: इस ऑयल का उपयोग प्रभावी ढंग से करने के लिए आप इसे बेस ऑयल में 0.25 प्रतिशत के रेशियो में डायल्यूट करें। फिर इस मिश्रित ऑयल को बच्चे की जॉ-लाइन में लगाएं। लौंग बड ऑयल काफी प्रभावी होता है इसलिए ध्यान रखें कि यह बच्चे के या किसी के मुंह में गलती से भी न जाए। इस ऑयल को बच्चे से दूर रखें ताकि वह इसे मुंह में न डाले। 

ब. कोपाइबा एसेंशियल ऑयल: कोपाइबा एसेंशियल ऑयल को दांत के दर्द से राहत दिलाने के लिए भी जाना जाता है। उपयोग करने से पहले इस तेल को बेस ऑयल में मिलाएं।

उपयोग कैसे करें: यह एक हल्का एसेंशियल ऑयल है जिसे छोटे बच्चों के लिए हर 4-5 घंटे में सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। इस ऑयल को बेस ऑयल में मिलाकर बच्चे के चेहरे, मसूड़ों और जॉ-लाइन पर मालिश करें।

एसेंशियल ऑयल का उपयोग सावधानी से करने के टिप्स

एसेंशियल ऑयल अत्यधिक कंसन्ट्रेटेड पौधों के एक्सट्रैक्ट होते हैं और इसलिए आपको यह पता होना चाहिए कि इसका उपयोग आमतौर पर करना चाहिए या नहीं। रोजाना की सुंदरता या स्वास्थ्य के लिए एसेंशियल ऑयल का उपयोग करते समय सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। याद रखें कि एसेंशियल ऑयल की सुरक्षा, दवा, सप्लीमेंट्स, स्वास्थ्य और उम्र पर भी निर्भर करती है।

एसेंशियल ऑयल का उपयोग करते समय निम्नलिखित कुछ सावधानियां जरूर बरतें, जैसे;

1. डॉक्टर से सलाह लेने के बाद एसेंशियल ऑयल का उपयोग करें

आप पहले एसेंशियल ऑयल की पूरी जानकारी लें और फिर इसका उपयोग करें। ऐसा कहा जाता है कि इसके बारे में पहले किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह लेने के बाद ही इसका उपयोग करना बेहतर है।

2. उपयोग करने से पहले एसेंशियल ऑयल से होने वाले जोखिमों को जानें

एसेंशियल ऑयल का उपयोग आंतरिक रूप से करने से पहले आपको इससे संबंधित जोखिमों को जान लेना चाहिए क्योंकि इससे होने वाले खतरे छोटे बच्चों के लिए बहुत ज्यादा सेंसिटिव हो सकते हैं। 

3. साइड इफेक्ट्स से सावधान रहें

कुछ एसेंशियल ऑयल छोटे बच्चों में एलर्जी या जलन पैदा करते हैं। इसलिए इनका उपयोग करने से पहले आपको इससे संबंधित सभी निर्देशों को बहुत अच्छी तरह से पढ़ना चाहिए और इसे टीदिंग बेबी को लगाने से पहले त्वचा पर हल्का सा पैच लगाकर एलर्जी को चेक करें।

4. उपयोग करने से पहले ऑयल को पतला करें

जैसा पहले बताया गया है कि इस ऑयल को उपयोग करने से पहले डायल्यूट करना चाहिए। दांत निकलने के लिए भी, इसे बेस ऑयल में मिलाकर पतला करें और फिर इसे बच्चे की जॉ-लाइन पर लगाएं।

5. एसेंशियल ऑयल को डिफ्यूज करने से बचें

टीदिंग बेबी के लिए डिफ्यूजिंग एसेंशियल ऑयल का उपयोग सावधानी से करना चाहिए क्योंकि यदि यह तेल बच्चे के मुंह में चला गया तो उसे अस्थमा हो सकता है।

एसेंशियल ऑयल पौधों, हर्ब्स या फूलों से निकाले जाते हैं। इनसे होने वाले उपचार और बेहतरीन गुणों के कारण आज एसेंशियल ऑयल लोकप्रिय हो गए हैं। ये ऑयल शक्तिशाली कंपाउंड होते हैं जिसकी वजह से इनका उपयोग डायल्यूट करके ही करना चाहिए और इसे पूरी सावधानी के साथ डिफ्यूज करना चाहिए।

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