शिशु

शिशु को पोलियो वैक्सीन लगवाने ले जाते समय मत भूलें ये बातें

बहुत साल पहले भारत में कमजोर कर देने वाली बीमारियों ने कई बच्चों को प्रभावित किया है। यह वायरस नर्वस सिस्टम पर प्रभाव डालता है जिसकी वजह से अपंग की समस्या होती है। इस समस्या का कोई भी इलाज नहीं है जिसे पोलियो कहा जाता है। आज भारत में पोलियो की बीमारी खत्म हो गई है और बच्चों के लिए इसका खतरा कम हो गया है। अब बच्चे पोलियो-रहित दुनिया में रहते हैं जो पब्लिक हेल्थ के लिए एक बड़ी सफलता है। हालांकि इससे संबंधित एक बात हमें कभी नहीं भूलनी चाहिए।

5 साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो की डोज देना बहुत जरूरी है। हाँ, यह समस्या भारत से खत्म हो चुकी है पर इसका यह मतलब नहीं है कि बच्चों को इससे सुरक्षा की जरूरत नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दुनिया के कई देशों में पोलियो की समस्या अब भी होती है। बच्चे को पर्याप्त रूप से सुरक्षा न देने पर उन्हें यह इन्फेक्शन हो सकता है। 

ADVERTISEMENTS

बच्चे को पोलियो ड्रॉप लगवाने के लिए ले जाते समय निम्नलिखित टिप्स पर ध्यान जरूर दें। पोलियो ड्रॉप्स को प्रभावी बनाने और बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए इन टिप्स पर ध्यान दें; 

1. यदि बच्चे को डायरिया है तो डोज अभी पोस्टपोन्ड करें

बच्चों में डायरिया होना बहुत आम है और यदि समय पर इसका ट्रीटमेंट किया जाए तो यह ज्यादा गंभीर नहीं होता है। हालांकि यह पोलियो की वैक्सीन और उसके प्रभावों पर हस्तक्षेप करता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब बच्चे को डायरिया हो तो इससे बच्चे की आंतों की गतिशीलता बढ़ जाती है। इसका यह मतलब है कि वैक्सीन लगाने के तुरंत बाद उसे उल्टी हो सकती है। जब तक पोलियो की दवा आंतों में रहती है तब तक इसके प्रभाव दिखाई नहीं देते हैं। 

ADVERTISEMENTS

यदि बच्चे को डायरिया है तो आप लूज मोशन की होम रेमेडीज से इस समस्या को ठीक करने में मदद करें और फिर ठीक होने की बाद उसे दूसरा डोज लगवाएं। 

2. एस्पिरेशन के जोखिम से सावधान रहें

आंध्र प्रदेश में एस्पिरेशन के कारण एक बच्चे की मृत्यु हुई है। यह पोलियो की वैक्सीन लगाने के तुरंत बाद हुआ था। एस्पिरेशन तब होता है जब बच्चे के लंग्स या हवा की नली में अचानक से कुछ चला जाता है। इस घटना की वजह से कई लोग इस वैक्सीन से सुरक्षा के लिए चिंतित होने लगे थे। हालांकि डॉक्टरों ने ये पुष्टि की है कि बच्चे की मृत्यु एस्पिरेशन की वजह से हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि यह समस्या सफर के स्ट्रेस, डिहाइड्रेशन और तुरंत ब्रेस्टफेडिंग कराने से बढ़ गई थी। 

ADVERTISEMENTS

बच्चे को वैक्सीन लगाने के लिए ले जाने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि बाहर ज्यादा गर्मी न हो या बच्चा डिहाइड्रेटेड न हो और उसे तुरंत ब्रेस्टफीड न कराएं।  

3. यदि बच्चे को तेज  बुखार है तो उसे यह डोज न दें

यदि बच्चे को बुखार है तो जब तक बच्चे का बुखार ठीक न हो जाए आप बुखार कम होने तक उसे पोलियो की डोज न दें। यदि बच्चे को 101 डिग्री या इससे ज्यादा बुखार है तो आप यह जरूर करें। यह जरूरी इसलिए है क्योंकि कुछ वैक्सीन लगाने से इसके साइड-इफेक्ट के रूप में बुखार आ सकता है। इसलिए यदि बच्चा पहले से ही बीमार है तो बुखार के कारण को डायग्नोज करने में कठिनाई हो सकती है।  

ADVERTISEMENTS

यदि बच्चे को तेज बुखार है तो पहले आप होम रेमेडीज से उसकी इस समस्या को ठीक करें और उसके बाद की डोज शेड्यूल करें। 

4. पोलियो की समस्या अब खत्म हो चुकी है, यह सोच कर आप डोज स्किप न करें

यद्यपि यह अजीब है पर इस वैक्सीन के भी कुछ साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं। चिंताजनक बात यह है कि बच्चे के लिए यह वैक्सीन हानिकारक कैसे हो सकती है। सोशल मीडिया पर पेरेंट्स के लिए एंटी-वैक्सीनेशन का एक वॉर्निंग पोस्ट है जिसमें बताया गया है कि पोलियो की वैक्सीन से बच्चों को साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। इसके अलावा चूंकि यह समस्या भारत से खत्म हो चुकी है तो बच्चों को यह वैक्सीन क्यों लगवाएं? पर वास्तव में इस वैक्सीन की वजह से ही पोलियो की समस्या भारत से खत्म हो चुकी है। पर पेरेंट्स होने के नाते यदि आप फरवरी में बच्चे को इसकी वैक्सीन नहीं लगवाती है तो भारत में यह रोग लौटकर आ सकता है। 

ADVERTISEMENTS

यह सोच कर पोलियो की ड्रॉप स्किप न करें कि बच्चे को बहुत सारी वैक्सीन लग चुकी हैं या यह रोग भारत से खत्म हो चुका है। बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए वैक्सीन बहुत जरूरी है। 

इस बात का ध्यान रखें कि पोलियो कभी भी ठीक नहीं हो सकता है। इसका सिर्फ कई बार वैक्सीनेशन से बचाव किया जा सकता है। बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए आप इसके बारे में पूरी जानकारी लें और किसी भी मिथ पर यकीन न करें। इससे संबंधित जानकारी के लिए आप सिर्फ डॉक्टर पर विश्वास रखें। शुरुआती दिनों में पोलियो बच्चों के लिए एक खतरा है और यह सिर्फ हम पर निर्भर करता है कि इस समस्या को कैसे खत्म किया जा सकता है। 

ADVERTISEMENTS

यह भी पढ़ें:

बच्चों के लिए हेपेटाइटिस-बी वैक्सीन
बच्चों के लिए चिकन पॉक्स (वेरिसेला) वैक्सीन
बच्चों के लिए न्यूमोकोकल टीकाकरण – पूरी जानकारी

ADVERTISEMENTS

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

प्रिय शिक्षक पर निबंध (Essay On Favourite Teacher In Hindi)

शिक्षक हमारे जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वह केवल किताबों से ज्ञान नहीं…

3 weeks ago

मेरा देश पर निबंध (Essay On My Country For Classes 1, 2 And 3 In Hindi)

मेरा देश भारत बहुत सुंदर और प्यारा है। मेरे देश का इतिहास बहुत पुराना है…

3 weeks ago

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Essay On The Importance Of Education In Hindi)

शिक्षा यानी ज्ञान अर्जित करने और दिमाग को सोचने व तर्क लगाकर समस्याओं को हल…

3 weeks ago

अच्छी आदतों पर निबंध (Essay On Good Habits in Hindi)

छोटे बच्चों के लिए निबंध लिखना एक बहुत उपयोगी काम है। इससे बच्चों में सोचने…

3 weeks ago

कक्षा 1 के बच्चों के लिए मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (My Best Friend Essay For Class 1 in Hindi)

बच्चों के लिए निबंध लिखना बहुत उपयोगी होता है क्योंकि इससे वे अपने विचारों को…

3 weeks ago

मेरा प्रिय खेल पर निबंध (Essay On My Favourite Game In Hindi)

खेल हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। ये न सिर्फ मनोरंजन का साधन…

3 weeks ago