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सभी मांएं अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराना चाहती हैं और ऐसे खूबसूरत जीवन बदल देने वाले एक्सपीरियंस को जीना चाहती हैं। लेकिन यह सफर आसान नहीं होता है इसलिए इस सफर की शुरुआत गलत लैचिंग, असुविधाजनक पोजीशन या एक बच्चे द्वारा एक ही निप्पल से दूध पीने जैसी दिक्कतें नहीं होनी चाहिए। नहीं तो आगे चलकर बच्चा एक साइड से ही दूध पीने लगता है, इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आगे पढ़ें।
कई बार माएं अपनी सुविधाओं के अनुसार बच्चे को एक साइड से ही ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं। यह आगे चलकर एक आदत बन जाती हैं और इससे बच्चा भी एक ही तरफ से फीडिंग करता है। ऐसा क्यों होता है और क्या इसकी सलाह दी जाती है? यह सब जानने के लिए यह आर्टिकल पूरा पढ़ें।
कई मांओं को दूसरे ब्रेस्ट से ज्यादा एक से दूध पिलाना ही कम्फर्टेबल लगता है। ऐसा तब होता है जब आपको बच्चे को होल्ड करने की एक पोजीशन दूसरी तरफ से ज्यादा कम्फर्टेबल लगती है। हम या तो दाएं या फिर बाएं हाथ से ही सही से काम करने में सक्षम होते हैं और इसलिए एक तरफ से ही ज्यादा आसानी से काम कर पाते हैं। इसलिए एक ब्रेस्ट से फीडिंग बहुत आम है।
अक्सर मांएं बच्चे को एक ही ब्रेस्ट से ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं इसके कई निम्नलिखित कारण हैं, आइए जानें;
कभी-कभी बच्चे को किसी एक ब्रैस्ट में लैच करने में ज्यादा आसानी होती है बजाय दूसरे, जिसमे हो सकता है एकाध बाल हो या कोई मस्सा जिससे बच्चे को लैचिंग में दिक्कत हो सकती है।
ब्रेस्ट में बहुत ज्यादा दूध बढ़ जाने से निप्पल टाइट और कड़े हो जाते हैं जिसकी वजह से बच्चे को लैचिंग करने में कठिनाई होती है और इसमें आपको भी दर्द हो सकता है।
कभी-कभी एक ब्रेस्ट में दूध का बहाव बहुत ज्यादा होता है और दूसरे में बहुत कम होता है जिसकी वजह से बच्चा सिर्फ उसी ब्रेस्ट से दूध पीता है जिसमें बहाव ज्यादा हो रहा है।
आप फीडिंग सेशन के दौरान बच्चे को एक साइड से दूसरी साइड स्विच करके दूध पिलाना भूल सकती हैं और जिससे ब्रेस्टफीडिंग नहीं की गई है उसमें दूध की आपूर्ति कम होती है।
यदि आप बच्चे को एक ही ब्रेस्ट से दूध पिलाएंगी और दूसरे ब्रेस्ट से ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराएंगी तो उसमें दूध की आपूर्ति कम होने के साथ-साथ इसका स्वाद भी अलग हो जाता है। आप दूध की आपूर्ति में सुधार करने के लिए ब्रेस्ट पंप का उपयोग भी कर सकती हैं।
यदि आपको एक ब्रेस्ट में इन्फेक्शन के साथ थोड़ा सूजन है तो सोडियम मौजूद होने की वजह से दूध का स्वाद अलग हो सकता है और इसलिए बच्चा उस ब्रेस्ट से दूध पीना बंद कर देगा।
सर्जरी का प्रभाव भी ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति पर पड़ता है जिसकी वजह से बच्चा सिर्फ उसी ब्रेस्ट से दूध पीना पसंद करता है जिसमें सर्जरी नहीं हुई है और दूध का बहाव पर्याप्त रूप से हो रहा है।
कभी-कभी बच्चा एक पोजीशन में ही ब्रेस्टफीड करने में कम्फर्टेबल होता है जिसकी वजह से वह ब्रेस्टफीडिंग के लिए एक ही ब्रेस्ट को चुनता है।
कभी-कभी आपके लिए ब्रेस्टफीडिंग की एक ही पोजीशन कम्फर्टेबल होती ही जिसकी वजह से आप बच्चे को उसी साइड से दूध पिलाती हैं।
यदि बच्चा नाक बंद, कान के इन्फेक्शन या मुंह में छाले होने के कारण बीमार है तो वह एक ब्रेस्ट से ही दूध पिएगा।
स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं, जैसे जन्म के दौरान ट्रॉमा के कारण गर्दन में जकड़न होने से बच्चे को असुविधाएं हो सकती हैं जिसकी वजह से वह एक ब्रेस्ट से दूध पिएगा।
आपके एक ब्रेस्ट का सर्जिकल ट्रीटमेंट होने से आप बच्चे को सिर्फ दूसरे ब्रेस्ट से ही दूध पिलाना चाहेंगी जिसमें सर्जिकल ट्रीटमेंट नहीं हो रहा है।
यह कैपिलरीज में चोट लगने से हो सकता है जिसकी वजह से दोनों ब्रेस्ट में मौजूद दूध का स्वाद अलग-अलग हो जाता है।
ब्लॉकेज के कारण एक ब्रेस्ट में दूध की आपूर्ति कम होती है और इसलिए बच्चा सिर्फ उसी ब्रेस्ट से दूध पीता है जिसमें दूध का बहाव ज्यादा हो।
बच्चे का सिर्फ एक ब्रेस्ट से दूध पीना संभव और नॉर्मल भी है। पर यदि आपका बच्चा 6 सप्ताह से कम का है तो दोनों ब्रेस्ट में एक समान दूध की आपूर्ति होना जरूरी है क्योंकि ब्रेस्ट में दूध की आपूर्ति और जरूरत के अनुसार की उत्पन्न होता है।
यदि एक ब्रेस्ट में दूध कम आता है तो आप उस ब्रेस्ट से दूध निकालने के लिए ब्रेस्ट पंप का उपयोग कर सकती हैं क्योंकि बच्चा उसी ब्रेस्ट से ब्रेस्टफीडिंग करेगा जिसमें दूध का बहाव ज्यादा होगा।
जिस ब्रेस्ट में दूध कम आता है उससे बच्चे को दूध पीने के लिए प्रेरित करना भी एक अच्छा तरीका है। पर यदि बच्चा बहुत ज्यादा भूखा है तो आप ऐसा न करें। बच्चे को पहले उसी ब्रेस्ट से दूध पिलाना शुरू करें जिसमें आपूर्ति हो रही है और फिर धीरे-धीरे उसे दूसरे ब्रेस्ट से ब्रेस्टफीड कराएं जिसमें दूध की आपूर्ति कम हो रही है।
हाँ, यदि आप बच्चे को एक ब्रेस्ट से दूध पिलाती हैं तो वह ब्रेस्ट एक तरफा झुका हुआ लगेगा। यह तब तक रहेगा जब तक आप बच्चे को दूध पिलाना जारी रखती हैं। पर एक बार वीनिंग होने के बाद ब्रेस्ट का साइज फिर से नॉर्मल हो जाएगा।
यदि आप देखती हैं कि बच्चा एक ब्रेस्ट से दूध नहीं पी रहा है तो आपको इसका कारण भी जानना चाहिए। चेक करें कि कहीं बच्चे को कान में इन्फेक्शन या बंद नाक की समस्या तो नहीं है। यदि ब्रेस्ट में दूध का फ्लो कभी तेज और कभी धीमा हो रहा है तो आप ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति, लैचिंग की पोजीशन चेक करें।
हाँ, यदि बच्चा एक ब्रेस्ट से ही नर्सिंग करता है तो भी उसे पर्याप्त मात्रा में दूध पीने को मिलेगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चा जिस ब्रेस्ट से ज्यादा से ज्यादा दूध पीता है उसमें दूध का फ्लो बढ़ता है। दूध की आपूर्ति बढ़ने से बच्चे का पेट भर जाता है और वह संतुष्ट रहता है। इसलिए यदि आप जरूरत के अनुसार ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं और बच्चे का पेट भरा रहता है व उसका वजन भी बढ़ रहा है तो उसे एक ब्रेस्ट से ही दूध पिलाएं।
आप निम्नलिखित तरीकों से बच्चे को दोनों ब्रेस्ट से दूध पीने के लिए प्रेरित कर सकती हैं, जैसे;
बच्चे को दोनों ब्रेस्ट से दूध पिलाने के लिए आप सब कुछ करें पर फिर भी यदि वह एक ब्रेस्ट से दूध नहीं पीता तो इसका कारण जानने के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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