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जब भी कोई बच्चा इस दुनिया में आता है, माता-पिता और घरवालों के मन में सबसे पहले यही ख्याल आता है कि बच्चा किस पर गया होगा या वह कितना लंबा होगा और आपके मन में भी ऐसे कई सवालों होंगे। आपका बच्चा दिखने में किसके जैसा है यह तो जन्म के बाद बच्चे को देखते ही आपको पता चल जाएगा, लेकिन हाँ हम आपकी यह जानने में जरूर मदद कर सकते हैं कि उसकी लंबाई किसके जैसी होगी। जी हाँ आप यह सुनकर हैरान न हों! आपके बच्चे की लंबाई से जुड़ी सारी जानकारी के लिए लेख को पूरा पढ़ें।
क्या आपके मन में भी विचार आ रहा है कि आपका बच्चा बड़ा होकर कितना लंबा होगा? असल में, यह ठीक-ठीक बताना संभव नहीं है कि बड़े होने पर बच्चे की कितनी लंबाई होगी, क्योंकि बच्चे अपनी किशोरावस्था तक बढ़ते रहते हैं। इसके अलावा, कई अन्य कारक भी होते हैं जो बच्चे की लंबाई को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे कि अनुवांशिकता, आहार, बीमारियां या उसके विकास का तरीका। हालांकि, एक खास तरह के एक्स-रे से बच्चे की हड्डियों की उम्र का पता लगाकर उसकी संभावित लंबाई का अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन फिर भी, बच्चे की सही लंबाई उन कारकों पर निर्भर करती है जो ऊपर बताए गए हैं।
ऐसे कुछ कारक मौजूद हैं जो आपके बच्चे की लंबाई को प्रभावित कर सकते हैं:
अगर बच्चे के शरीर में हार्मोन का असंतुलन होता है, तो उसका विकास धीमा हो सकता है।
गलत आहार और पोषण की कमी बच्चे की लंबाई को प्रभावित कर सकती है। अगर आप चाहती हैं कि आपके बच्चे की लंबाई अच्छी हो, तो उसके खानपान और पोषण पर ध्यान देना जरूरी है।
अगर बच्चे को कोई पुरानी बीमारी है, जैसे गंभीर गठिया, सीलिएक डिजीज आदि, तो इससे उसकी लंबाई और विकास प्रभावित हो सकता है।
कुछ अनुवांशिक गड़बड़ियां जैसे डाउन सिंड्रोम, टर्नर सिंड्रोम या नूनन सिंड्रोम होने पर बच्चा अपनी आदर्श लंबाई हासिल नहीं कर पाता है।
अगर बच्चा कुछ खास दवाएं, जैसे अस्थमा की दवा या कॉर्टिकोस्टेरॉइड ले रहा है, तो इससे उसकी सही बढ़त पर असर पड़ता है।
कभी-कभी ऊपर बताए गए कारणों के अलावा, कुछ अन्य कारण भी बच्चे की लंबाई पर असर डाल सकते हैं, जैसे जलवायु, व्यायाम की कमी, प्रदूषण, नींद से जुड़ी आदतें आदि।
अगर आप जानना चाहती हैं कि आपका बच्चा कितना लंबा होगा, तो इसके लिए कुछ तरीके हैं:
आप माता-पिता की लंबाई के आधार पर गणितीय तरीके से बच्चे की लंबाई का अनुमान लगा सकती हैं:
इस विधि में माता-पिता की लंबाई को इंच में जोड़ें और फिर 2 से भाग करें। अगर लड़की का अनुमान लगाना है, तो 2.5 इंच घटाएं और लड़के के लिए 2.5 इंच बढ़ा दें।
यह लंबाई का अनुमान लगाने का एक आसान तरीका है। अगर लड़का है, तो उसकी उम्र 2 साल में लंबाई को दोगुना करें और अगर लड़की है, तो 1.5 साल में उसकी लंबाई को दोगुना करें।
अपने बच्चे को नियमित चेकअप के लिए ले जाने से यह जानने में मदद मिलती है कि उसका विकास और लंबाई कैसे बढ़ रही है और अगर वृद्धि में कोई देरी है, तो उसे समय पर समझकर सुधारा जा सकता है।
कभी-कभी कुछ दवाएं, जैसे कॉर्टिकोस्टेरॉइड, बच्चे की वृद्धि को प्रभावित कर सकती हैं। यदि बच्चे को हाइपोथायरायडिज्म, आर्थराइटिस या ऐसी कोई बीमारी है, तो इससे भी उसके विकास पर असर पड़ सकता है।
आमतौर पर एक संतुलित आहार लेने वाले बच्चे का विकास बेहतर तरीके से होता है, जबकि कुपोषित बच्चे की वृद्धि प्रभावित होती है।
जैसे-जैसे बच्चे युवावस्था की तरफ बढ़ते हैं, उनके शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं। उनमें से सबसे बड़ा बदलाव लंबाई का बढ़ना है। लड़कियां आमतौर पर 8 से 13 साल की उम्र के बीच किशोरवस्था में कदम रखती हैं, इसलिए उनकी लंबाई भी जल्दी बढ़ने लगती है। लेकिन 16 साल के आसपास उनकी लंबाई बढ़नी बंद हो जाती है। वहीं लड़कों का शरीर थोड़ा देर से युवावस्था की ओर बढ़ता है, यानी 9 से 14 साल के बीच। उनकी लंबाई बढ़ने की प्रक्रिया भी लंबे समय तक चलती है और इसलिए उनकी लंबाई करीब 18 साल तक बढ़ती रहती है।
अपने बच्चे की लंबाई बढ़ाने के लिए कुछ प्राकृतिक तरीके अपनाए जा सकते हैं, जैसे:
बच्चे की लंबाई के लिए सही पोषण बहुत जरूरी है। उसके खाने में सभी जरूरी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन और मिनरल होने चाहिए।
अगर शरीर में पानी की कमी होगी, तो इससे मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ता है और बच्चे की लंबाई बढ़ने की प्रक्रिया भी धीमी हो सकती है। इसलिए बच्चे को भरपूर पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें।
कुछ चीजें जैसे स्टेरॉयड, कैफीन युक्त पेय, शराब या धूम्रपान बच्चों की लंबाई पर बुरा असर डालते हैं। इन चीजों से बच्चे को दूर रखें।
अच्छी रोग प्रतिरोधक शक्ति से बच्चे का शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है। इसके लिए उसे पोषण से भरपूर खाना खिलाएं, जिससे उसकी इम्यूनिटी मजबूत हो सके।
सीधी और सही मुद्रा बच्चे की मांसपेशियों को रिलैक्स रखती है और शरीर को सही तरह से बढ़ने में मदद करती है। बच्चे को झुककर चलने या बैठने से रोकें।
बच्चे को नियमित रूप से व्यायाम जैसे तैराकी, दौड़ना, साइकिलिंग आदि में करने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे उसकी लंबाई बढ़ने की प्रक्रिया तेज होती है।
रात में सोते समय शरीर में विकास संबंधी हार्मोन सक्रिय होते हैं, जो बच्चे की सही विकास के लिए जरूरी हैं। इसलिए बच्चे को रोजाना पूरी और अच्छी नींद लेने दें।
प्रोटीन शरीर के विकास के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए बच्चे की डाइट में अंडे, दाल, दूध और पनीर जैसी प्रोटीन से भरपूर चीजें शामिल करें ताकि उसका विकास अच्छी तरह हो सके।
बच्चे की लंबाई बढ़ाने के लिए कुछ प्रभावी व्यायाम होते हैं, जो लंबाई बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं:
तैरने से शरीर की रीढ़ की हड्डी और अन्य मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं, जिससे लंबाई बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
बास्केटबॉल खेलने में काफी स्ट्रेचिंग और जंपिंग होती है, जो रीढ़ की लंबाई बढ़ाने में मदद करती है और बच्चे की लंबाई बढ़ाने में फायदेमंद होती है।
लटकने से रीढ़ की हड्डियां सीधी होती हैं और लंबी भी होती हैं, जिससे बच्चा सही मुद्रा के साथ अच्छी लंबाई पा सकता है।
स्ट्रेचिंग से शरीर की मुद्रा सही होती है और रीढ़ की हड्डी लंबी होती है, जिससे लंबाई बढ़ाने में मदद मिलती है।
योग के कई आसन पूरे शरीर को स्ट्रेच करते हैं, जिससे मांसपेशियां और रीढ़ मजबूत और लचीली होती हैं। यह लंबाई बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।
आपके बच्चे को बेहतर तरीके से बढ़ने में मदद करने के लिए कुछ खाने की चीजों के बारे में यहां बताया गया है:
ताजे फल और सब्जियां बच्चे की लंबाई को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाने में बहुत फायदेमंद होते हैं।
यह जड़ी-बूटी शरीर में विकास के हार्मोन (एचजीएच) को बढ़ाने के साथ-साथ हड्डियों को मजबूत करने में भी मदद करती है, जिससे बच्चे की लंबाई बेहतर हो सकती है।
मेवों में अमीनो एसिड, मिनरल्स, प्रोटीन और विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर के ऊतकों की मरम्मत और लंबाई बढ़ाने में मदद करते हैं।
दही में मिनरल और विटामिन की अच्छी मात्रा होती है, जो बच्चे के विकास के लिए बहुत फायदेमंद है।
प्रोटीन से भरपूर सोया, टिश्यू और हड्डियों के सही विकास के लिए बेहतरीन स्रोत है और बच्चे की लंबाई बढ़ाने में मदद करता है।
साबुत अनाज में कई जरूरी पोषक तत्व और फाइबर होते हैं, जो बच्चे की लंबाई को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं।
अंडे प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं और सही विकास में मदद करते हैं।
कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर दूध, बच्चे के दिमाग और शारीरिक विकास के लिए जरूरी है।
चिकन मांसपेशियों और हड्डियों के स्वस्थ विकास के लिए बेहतरीन होता है, जिससे बच्चे की लंबाई भी सही से बढ़ती है।
बच्चे की लंबाई बढ़ने में देरी होने पर माता-पिता को चिंता हो सकती है। अगर आपका बच्चा उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ रहा है या ग्रोथ चार्ट में धीरे-धीरे बढ़ रहा है, तो इसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं:
अपने बच्चे की देखभाल करते समय इन टिप्स को ध्यान में रखें:
आप अपने बच्चे की लंबाई का अनुमान लगाने के लिए ऊपर दिए गए तरीकों का उपयोग कर सकती हैं, लेकिन अगर आप जानना चाहती हैं कि अपने बच्चे को सही लंबाई पाने में कैसे मदद करें, तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना बिल्कुल न भूलें।
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