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जब आपका बच्चा थोड़ा बड़ा होने लगता है तो आप उसे ठोस आहार देने के बारे सोचने लगती हैं। स्वाभाविक है कि आप बच्चे को हमेशा स्तनपान तो नहीं करा सकतीं इसलिए उसे खिलाने के लिए तरह-तरह के खाद्य पदार्थों के बारे में आपको पता होना चाहिए। ठोस आहार की शुरुआत करते हुए अपने शिशु को किन खाद्य पदार्थों से परिचय कराना चाहिए इससे जुड़ी सभी जानकरी आपको इस लेख में मिल जाएगी।
ठोस खाद्य पदार्थों की शुरूआत करने का सही समय काफी हद तक आपके बच्चे के विकास की गति पर निर्भर करता है। हालांकि, जब बच्चे 4-6 महीने के होते हैं, तब उन्हें ठोस आहार देने का सही समय माना जाता है । बच्चे को ठोस आहार देने की जल्दी उनकी आंतों को नुकसान पहुँचा सकती है, क्योंकि अभी वो ठीक तरह से विकसित नहीं हुई होती हैं। यदि आप इसे देने में बहुत लंबे समय तक प्रतीक्षा करती हैं, तो हो सकता है कि आपका बच्चा ठोस आहार दिए जाने पर, इसे खाने से इंकार कर दे क्योंकि उसे स्तनपान करने की आदत लग चुकी होती है।
अपने बच्चे का निरीक्षण करना अद्भुत होता है और ऐसा करते समय आप जरूर कुछ संकेतों को देखेंगी:
आसानी से पचने वाली चीजों से शुरुआत करना आपके बच्चे के पाचन तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसका पाचन तंत्र अभी भी विकास कर रहा है।बच्चों को खाना देने के लिए इन खाद्य पदार्थों को ध्यान में रखें:
बच्चे के खाने की शुरुआत करने के लिए सेब एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि बच्चों को इसका मीठा और खट्टा स्वाद पसंद आता है। भरपूर फाइबर और कम वसा वाला यह फल बच्चे के लिए एक स्वस्थ खाद्य पदार्थ है। जब आप शिशु को सेब दें तो ख्याल रखें कि इसे बिना छिलके के एक गाढ़े गूदे यानि प्यूरी के रूप में दें।
कई शिशु इसको काफी पसंद करते हैं, इसलिए सुनिश्चित कर लें कि चुकंदर को इतना उबाला गया हो कि वह उनके मुँह में आराम से घुल जाए। चुकंदर में उच्च मात्रा में पोषक तत्व होते हैं, क्योंकि यह फोलिक एसिड का एक समृद्ध स्रोत है जो मस्तिष्क के विकास में मदद करता है।
नाशपाती आपके बच्चे के पाचन तंत्र के लिए अच्छा होता है। इसमें फास्फोरस और कैल्शियम की भी अच्छी मात्रा होती है जो हड्डी के निर्माण की प्रक्रिया में सहायता करते हैं। इन्हें बीज और छिलका निकाल कर बच्चे को प्यूरी के रूप में दें ।
मछली और चिकन आपके बच्चे को देने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि यह प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत है और साथ ही यह बच्चों में खून की कमी को दूर करता है। मछली देते वक्त उसके कांटों को अच्छी तरह से निकाल दें अन्यथा यह उसके गले को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
7-8 माह की उम्र के शिशुओं को दही दिया जा सकता है। कई बाल रोग विशेषज्ञ इसकी नर्म प्रकृति के कारण इसे पहले भोजन के रूप में परिचित कराने की सलाह देते हैं। यह कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्रोत होता है और आपके बच्चे के पाचन तंत्र को बेहतर करने में मदद करता है।
इसका मीठा स्वाद और नरम प्रकृति इसे शिशु को दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों में सर्वप्रथम बनाते हैं। इसमें उपस्थित उच्च विटामिन ‘बी’ तत्व मस्तिष्क के संचालन को ठीक रखता है ।
बच्चे को पहले आहार के लिए शकरकंद देना एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इसका नरम मिठास वाला गूदा शिशुओं द्वारा पसंद किया जाता है। इसमें बीटा-कैरोटीन भी शामिल है जो उनकी दृष्टि में सुधार और इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है।
बच्चे पर दबाव डालकर उसे कोई भी चीज खाने को न दें। आप अलग-अलग खाने की चीजें बच्चे को देकर उनकी पसंद का अंदाजा लगा सकती हैं।
एक बच्चा कितना खाएगा यह उसकी भूख और स्वभाव पर निर्भर करता है। यदि वह अपना सिर घुमा लेता है या रोना शुरू कर देता है, तो उसे और अधिक न खिलाएं।
अपने बच्चे को ठोस आहार देने के लिए उन खाद्य पदार्थों को पहले देने से बचें जिनसे उसे एलर्जी होने का खतरा अधिक हो। जब शिशु थोड़ा बड़ा हो जाए, जैसे 8 माह तक का, तो थोड़ी मात्रा में अंडे, शेलफिश और मूंगफली आदि जैसी चीजों को उसके भोजन में शामिल करके एक बार दिया जा सकता है। यह जानने के लिए कि आपके बच्चे को किसी खाद्य पदार्थ से कोई एलर्जी तो नहीं हो रही है इसके लिए उसे सुबह खाना खिलाने के बाद एलर्जी के संकेतों की जांच करें।
शिशुओं में आदतें तेजी से विकसित होती हैं और उनके स्तनपान / फॉर्मूला दूध को एक चरणबद्ध तरीके से छुड़ाने की आवश्यकता होती है। शुरुआती कुछ सप्ताह मुश्किल साबित होते हैं क्योंकि शिशु प्रतिरोधी हो सकते हैं। हालांकि, थोड़े से धैर्य और निरंतरता के साथ आपका बच्चा कुछ ही समय में ठोस आहार खाने लगेगा।
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