शिशु

बच्चे के चेहरे से मुँहासे दूर करने के लिए 10 घरेलू उपचार

दोस्तों और परिवार के लोगों को अपने प्यारे से बच्चे की तस्वीरें दिखाने का शौक किसे नहीं है? सोशल मीडिया के द्वारा, अब अपने बच्चे की प्यारी तस्वीरें दुनिया के साथ शेयर करने का मौका कोई नहीं छोड़ना चाहता है। लेकिन, कभी-कभी बच्चों के चेहरे में अज्ञात कारणों से मुँहासे निकल आते हैं जो उनके लिए बहुत ही असुविधा जनक हो जाते हैं।

बच्चे के चेहरे पर मुँहासे होना हर माँ के लिए एक चिंता का विषय है। हालांकि, यह स्वाभाविक रूप से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कोई भी माता-पिता अपने छोटे बच्चे की त्वचा पर लाल दाग व धब्बे देखना पसंद नहीं करते हैं। और इस समय रासायन-आधारित पदार्थों को इस्तेमाल करना आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है क्योंकि उसकी त्वचा संवेदनशील होती है; इसलिए और अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। बच्चों के मुँहासे के लिए घरेलू उपचार के बारे में अधिक जानने के लिए नीचे पढ़ें।

बच्चे के मुँहासे से छुटकारा पाने के प्राकृतिक घरेलु उपाय

शिशुओं में मुँहासे पूरी एक सामान्य बात है और वे दो महीने के बाद इससे प्रभावित हो सकते हैं। आमतौर पर यह समय के साथ अपने आप ही कम हो जाता है, लेकिन यदि आप इसका घर पर ही कोई प्राकृतिक इलाज करना चाहती हैं, तो आप घरेलू उपचार का चयन कर सकती हैं। घरेलू उपचार संवेदनशील त्वचा के अच्छे होते हैं और बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुँचाते हैं। और तो और, ये सस्ते होते हैं और हमारे आसपास ही मिल जाते हैं जो उन्हें अधिक लाभप्रद बनाता है।

यहाँ बच्चे के मुँहासे के लिए 10 सबसे अच्छे प्राकृतिक उपचार बताए गए हैं जिन्हें आप आज आजमा सकती हैं।

१. एक्स्ट्रा वर्जिन नारियल का तेल

अपरिष्कृत शुद्ध नारियल का तेल या एक्स्ट्रा वर्जिन नारियल तेल आपके बच्चे की आराम और नमी पहुँचाता है। इसके बस कुछ बूँदें हल्के हाथों से प्रभावित क्षेत्र पर दिन में चार बार लगाने से मुँहासे साफ हो जाते हैं। नारियल का तेल पूरी तरह से प्राकृतिक है और रैशेस के लिए भी फायदेमंद है।

२. कॉर्नस्टार्च

कॉर्नस्टार्च बच्चे के मुँहासे के उपचार में सर्वश्रेष्ठ तरीकों में से एक है; और आप इसे अपने किचन में और अपने आस-पास के हर किराने की दुकान में पा सकती हैं। बस इसे पानी के साथ मिलाएं और प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं, कुछ ही दिनों में अंतर नजर आएगा।

3. माँ का दूध

माँ का दूध शिशु के मुँहासे और डायपर रैशेस के लिए एक श्रेष्ठ प्राकृतिक दवा की तरह है। यह आपके छोटे बच्चे को जो पोषण प्रदान करता है, वह पोषण भी अनमोल है। दूध की कुछ बूँदें लें और उसमें एक टुकड़ा रूई भिगोएं, अब मुँहासे को ठीक करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों पर धीरे से थपथपा कर लगाएं।

४. सिरका या विनेगर

सिरका त्वचा के जीवाणु को मारता है और त्वचा से अवांछित तेलों और गंदगी को सोख लेता है। सान्द्र (कॉन्सेंट्रेटेड) सिरका का इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि यह त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है। 10 भाग पानी में 1 भाग सिरका मिलाकर पतला करें। फिर मिश्रण में एक टुकड़ा रूई डुबाएं और धीरे-धीरे प्रभावित क्षेत्रों पर थपथपाकर लगाएं। बेहतर होगा यदि पहले इसे शरीर के किसी भाग पर लगाकर टेस्ट करके देख लें कि क्या वहाँ का क्षेत्र लाल होता है या सूजन होती है। अगर ऐसा है तो बच्चे को न लगाएं।

५. शहद और नींबू

शहद और नींबू स्वाभाविक रूप से त्वचा को साफ करते हैं और पोषण प्रदान करते हैं, और यहाँ तक कि नाजुक त्वचा पर बही अच्छा काम करते हैं। शहद और नींबू को समान मात्रा में मिलाएँ और इसे प्राकृतिक रूप से मुँहासों को ठीक करने के लिए प्रभावित जगह पर लगाएँ। इसे लगभग 25 मिनट तक लगाकर छोड़ दें और फिर गुनगुने पानी से धो दें।

६. आहार

यदि आप एक दूध पिलाने वाली माँ हैं और आप अपने छोटे को मुँहासे का सामना करने की असुविधा से बचाना चाहती हैं, तो ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका अपना आहार बदलना है। आप मीठा या खट्टा भोजन बंद करें और डेयरी उत्पादों के सेवन से बचें या कम कर दें। तैलीय खाद्य पदार्थों को काम कर दें और किमची, केफिर और मिसो जैसे खाद्य पदार्थों को अपने आहार में जोड़ें । खट्टे फलों के सेवन से भी बचें।

७. ऑर्गेनिक डिटर्जेंट से कपड़े धोएं

अपने बच्चे के कपड़ों को जैविक और रासायन मुक्त डिटर्जेंट से साफ करें। कभी-कभी पदार्थों से रसायन कपड़ों में रिसते हैं और मुँहासे होने का कारण बनते हैं। प्राकृतिक और रासायन मुक्त डिटर्जेंट का उपयोग करना इसे रोकने का सबसे अच्छा तरीका है।

८. चंदन का पेस्ट

चंदन का पेस्ट त्वचा पर छोटे मुँहासों के इलाज के लिए उपयुक्त है। बस चंदन के पेस्ट की एक चुटकी में सरसों का तेल अनुपात में दोगुनी मात्रा में मिलाएँ और इसे मुँहासों पर धीरे से लगाएँ। यह अपने शीतल प्रभाव और सूजन कम करने वाले गुणों के लिए जाना जाता है, अत: इस प्रकार प्राकृतिक रूप से मुँहासे का इलाज करता है।

९. ओट्स दलिया

दलिया एक अपरंपरागत, पर मुँहासे और दानों के लिए प्रभावी इलाज है। हालांकि, यह आँखों के नीचे के क्षेत्रों के लिए अनुकूल नहीं है। अगर आपके बच्चे के शरीर, हाथ या पैर पर दाने हैं, तो ओट्स सबसे अच्छा काम करेगा। 1/3  कप दलिया लें और इसे एक ब्लेंडर में डाल दें जब तक कि यह एक महीन पाउडर में न बदल जाए। इस चूर्ण को गुनगुने पानी में मिलाएँ और अपने बच्चे के बाथटब के पानी में लगभग 8-10 मिनट के लिए भिगो दें। ध्यान रहें ओट्स को शरीर पर रगड़ें नहीं, नहाने के बाद धीरे से अपने बच्चे को एक नरम तौलिए से थपथपाकर सुखाएं । ओटमील के कारण बच्चों की आँखों में जलन होती है, यही वजह है कि हम इसे चेहरे पर नहीं लगाने की सलाह देते हैं।

१०. टैल्कम पाउडर या बेबी पाउडर

टैल्कम पाउडर अपने ठंडे प्रकृति के कारण बच्चे के मुँहासे और डायपर रैशेस के इलाज के लिए लोकप्रिय है और क्योंकि यह छिद्रों को बिना बंद किए त्वचा को सूखा बनाए रखने में मदद करता है। इस बात की पुष्टि करने के लिए डबल चेक करें कि क्या पाउडर में सुखाने वाला तत्व टैल्क है या कॉर्नस्टार्च है। अपने हाथ की हथेली पर थोड़ा सा टैल्कम पाउडर छिड़कें, और हल्के हाथों से अपने बच्चे के दानों से प्रभावित चेहरे पर रगड़ें। सर्वोत्तम परिणामों के लिए अपनी उंगलियों का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा पाउडर तो मुँह में नहीं ले रहा है क्योंकि यह हानिकारक है।

ध्यान में रखने योग्य सावधानियाँ और टिप्स

यहाँ कुछ सावधानियाँ और टिप्स बताए गए हैं जो ध्यान में रखा जाना चाहिए ताकि बच्चे के मुँहासों को जल्द ठीक किया जा सके।

  • रसायन युक्त डिटर्जेंट और सफाई एजेंटों का उपयोग करने से बचें। जैविक क्लींजर और डिटर्जेंट के लिए लक्ष्य रखें जो संवेदनशील त्वचा के लिए हानिकारक नहीं हैं। घर में बनाए गए मुलायम व अल्कोहल-मुक्त सूती के बेबी वाइप्स उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
  • अपने बच्चे को जरूरत से ज्यादा कपड़े पहनाने से बचें। अधिक कपड़े गर्मी पैदा करते है और जिससे पसीना आता जो मुहाँसों को और बढ़ा सकता है।
  • अपने बच्चे को तैलीय पदार्थ नहीं दें या खुद भी जंक फूड नहीं खाएं, इससे भी मुँहासे बढ़ सकते हैं।
  • कभी भी अपने बच्चे को डॉक्टर से परामर्श किए बिना या खुद से खरीदकर कोई मलहम नहीं लगाएं, क्योंकि अभी उनकी त्वचा बेहद संवेदनशील है और कोई दुष्प्रभाव हो सकता है।
  • जब आपका बच्चा छह से आठ महीने का हो जाता है, तो मुँहासे वापस आ सकते हैं। उपरोक्त घरेलू उपचार द्वारा प्राकृतिक रूप से इसका इलाज करना सुनिश्चित करें, क्योंकि दो महीने या उससे अधिक उम्र के शिशु के लिए मुँहासे होना सामान्य माना जाता है।
  • अपने बच्चे को उसके मुँहासे से प्रभावित क्षेत्र को छूने नहीं दें। उन फुंसियों व लाल धब्बों को रगड़ना, थपथपाना, दबाना या खरोंचना नहीं है। उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए अपने बच्चे के हाथों में साफ सूती के दस्ताने पहनाएं ।
  • यदि फुंसियाँ मवाद या पस में बदल जाती हैं और इससे संक्रमण हो सकता है, तो अब सुनिश्चित करें कि किसी बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।
  • अपने बच्चे को सादे गुनगुने पानी से नहलाएं । साबुन और शैंपू के उपयोग कुछ दिनों के लिए न करें।
  • प्रत्येक भोजन के बाद अपने बच्चे के चेहरे को गुनगुने पानी में डुबोए हुए साफ कपड़े से हल्के हाथों से पोंछना न भूलें।
  • प्रभावित जगहों पर लोशन या क्रीम का उपयोग नहीं करें क्योंकि ये मुँहासों को और बढ़ा सकते हैं।
  • जब बच्चे का चेहरा साबुन से धोना हों तो एक सौम्य साबुन का चुनाव करें और उसे एक नरम कपड़े में लगाकर ही चेहरे में इस्तेमाल करें, सीधे चेहरे पर नहीं। उसे गोलाकार गति हल्के हाथों से साफ करें। त्वचा को रगड़ने से बचें।

भले ही शिशुओं में मुँहासे इस समय पूरी तरह से सामान्य है, फिर भी इसे अपने बच्चे के लिए आसान बनाने के लिए बहुत आप बहुत कुछ कर सकते हैं। मुँहासों से जल्दी राहत पाने के लिए ऊपर दिए गए घरेलू उपचारों को आजमाएं और धैर्य रखें; मुँहासे व फुंसियां बच्चे के चेहरे से धीरे-धीरे गायब होंगी।

जया कुमारी

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