शिशु

बच्चे के दाँतों को ब्रश करना कैसे शुरू करें

आपके नन्हे-मुन्ने के मोती जैसे सफेद छोटे-छोटे दाँत जल्द ही निकल आएंगे जो उसकी मुस्कान को और अधिक प्यारी बना देंगे। यह सुनिश्चित करना आपका काम है कि भविष्य में किसी भी तरह की गंभीर दंत समस्याओं से बचाने के लिए शुरुआत से ही शिशु के दाँतों की साफ-सफाई और सुरक्षा करें। कम उम्र से ही दैनिक रूप से दाँतों की सफाई का नियम बनाने से आपके बच्चे को इसकी आदत हो जाएगी और यह उसे और उसके दाँतों को स्वस्थ रखने में मदद करेगी । इससे दाँतों में सड़न नहीं होगी और शिशु के पोषण और बोलने संबंधी विकास में भी कोई समस्या नहीं आएगी । जानिए, अपने बच्चे के दाँतों को ब्रश करने की शुरुआत कैसे करनी चाहिए।

बच्चे के दाँतों के लिए ब्रश कब शुरू करें

अपने बच्चे के दाँतों को ब्रश करना या साफ करना शुरू करने का सबसे अच्छा समय तब होता हैं जब उसका पहला दाँत निकलता है। यह समय तीन माह से नौ माह के बीच कभी भी हो सकता है। प्रत्येक शिशु के दाँत निकलने की आयु अलग होती है, कुछ शिशुओं के दाँत एक वर्ष के बाद भी नहीं निकलते।

बच्चे के दाँतों को ब्रश करने के लिए आवश्यक चीजें

अपने बच्चे के दाँतों को ब्रश करने के लिए आपको एक छोटे टूथब्रश और फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट की आवश्यकता होगी। यदि बच्चा बहुत छोटा है, तो आप एक साफ नम कपड़े, अपनी उंगली या एक गॉज़ पैड की मदद से उसके दाँतों की सफाई कर सकती हैं। याद रखें कि यह काम धीरे-धीरे करें ताकि उसे कोई परेशानी न हो । यदि आप एक बेबी टूथब्रश का उपयोग कर रही हैं, तो सुनिश्चित करें कि इसका सिरा छोटा, ब्रिसल्स मुलायम और हैंडल चौड़ा हो। बच्चे के लिए केवल चावल के एक दाने जितनी ही टूथपेस्ट की मात्रा का उपयोग करें।

बच्चे के दाँतों को ब्रश करने का तरीका

बच्चे के दाँतों को आरामदायक तरीके से ब्रश करने के लिए आप इसे हल्के हाथों से करें। यहाँ बच्चे के दाँत ब्रश करने का एक बेहतरीन तरीका बताया गया है।

  1. ऐसी जगह पर बैठें जहाँ भरपूर रोशनी हो। अपने बच्चे के सिर को अपनी गोद में रखें।
  2. अपने बच्चे के टूथब्रश यागॉज़ पैड पर जरा सा टूथपेस्ट लें। याद रखें, बच्चे के लिए टूथपेस्ट की चावल के एक दाने जितनी मात्रा भी बहुत होती है।
  3. धीरे से इसे अपने बच्चे के मुँह के पास ले जाएं और हल्के हाथों से प्रत्येक दाँत को ब्रश करें। आपको प्रत्येक दाँत के आगे और पीछे के हिस्से को कोमलता से और चारों ओर ब्रश घुमाते हुए सफाई करनी होगी। दिन में दो बार ऐसा करने की आवश्यकता होगी ।
  4. उसकी जीभ को भी टूथब्रश से साफ करें। यह जीवाणुओं को जमा होने से रोकेगा और सांस की दुर्गंध से बचाएगा।
  5. भले टूथपेस्ट की मात्रा कम हो लेकिन बच्चे को पानी से कुल्ला करवाने का प्रयास करें और टूथब्रश को पानी से साफ करके सूखने रख दें।

अगर बच्चे को दाँत साफ करना पसंद न हो तो क्या करें

शिशुओं के मसूड़े संवेदनशील होते हैं और अगर उनके दाँत निकल रहे हैं तो उनमें दर्द भी हो सकता है । इसलिए, यह संभावना है कि आपका बच्चा दाँत ब्रश करने की पूरी प्रक्रिया का विरोध करेगा। यदि शिशु दाँतों को साफ करने के लिए बहुत इच्छुक नहीं है तो आप निम्नलिखित युक्तियों/सुझावों का प्रयोग कर सकती हैं:

  • कोमलता से व्यवहार करें: शिशुओं के मसूड़े संवेदनशील होते हैं। यदि आपका बच्चा विशेष रूप से टूथब्रश को पसंद नहीं करता है, तो आप नरम वॉशक्लॉथ या गॉज़ पैड इस्तेमाल कर सकती हैं।
  • ध्यान भंग करें: शिशुओं का ध्यान एक चीज पर केंद्रित होने की आवश्यकता होती हैं। इसलिए थोड़ा गाने गाकर या कहानी सुनाकर उसका ध्यान भंग करके ब्रश करने की कोशिश करें ।
  • बच्चे के साथ ब्रश करें: आप ब्रश करने की प्रक्रिया को शिशु के लिए एक खेल की तरह कर सकती हैं। उसे दिखाएं कि आप अपने दाँतों को कैसे ब्रश करती हैं और फिर उसे कोशिश करने के लिए कहें और आपको उसके दाँत ब्रश करने दें।
  • उसकी उत्सुकता को शांत करें: शिशुओं को नई चीजों के साथ खेलना पसंद होता है। अपने बच्चे को दाँत साफ करने के दौरान आसपास के माहौल और टूथब्रश का आनंद लेने के लिए पर्याप्त समय दें।

बच्चे को दिन में कितनी बार ब्रश करवाना चाहिए

आप अपने बच्चे के दाँतों को दिन में दो बार ब्रश करवाने की आदत डालें । एक बार सुबह उठने के बाद और दूसरी बार रात को सोने से पहले।

क्या एक नवजात शिशु के मसूड़ों को ब्रश किया जा सकता है

जब कि स्तनपान के बाद अपने बच्चे के मसूड़ों की सफाई करने से बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकने में मदद मिल सकती है, लेकिन बेहतर यह होगा कि आप इसके लिए टूथब्रश का उपयोग न करें। इसके बजाय आप एक नरम और साफ गीले कपड़े का उपयोग कर सकती हैं। सिलिकॉन या रबर फिंगर ब्रश भी बाज़ार में मिलते हैं जो आपके बच्चे के संवेदनशील मसूड़ों के लिए नरम होते हैं। मसूड़ों को साफ करने के लिए आपको टूथपेस्ट की आवश्यकता नहीं होती। आप शिशु के दाँत निकलने से पहले ही उसके मसूड़ों की सफाई करना शुरू कर सकती हैं।

यदि बच्चे के दाँतों में ब्रश करवाते समय रक्तस्राव हो तो क्या करें

यदि आप अपने बच्चे के दाँतों को ब्रश करवाते समय रक्तस्राव देखती हैं, तो यह संक्रमण का संकेत हो सकता है। मसूड़ों में सूजन और जलन जैसे किसी भी अन्य लक्षण की जांच करें। यह संभव है कि नियमित रूप से ब्रश करने और दाँतों की देखभाल करने से यह समस्या कम हो जाए। हालांकि, अगर ऐसा नहीं होता है तो बच्चे को तुरंत डेंटिस्ट के पास ले जाएं ।

क्या हर स्तनपान के बाद बच्चे को ब्रश कराना आवश्यक है

नहीं। हर बार स्तनपान कराने पर उसके दाँतों को ब्रश करने की आवश्यकता नहीं होती। नाश्ते के बाद और रात को सोने से पहले दिन में दो बार ब्रश करवाना पर्याप्त है। हालांकि, आप बैक्टीरिया को पनपने से रोकने के लिए स्तनपान के बाद बच्चे के मसूड़ों को गीले व मुलायम कपड़े से पोंछ सकती हैं।

क्या नारियल तेल से बच्चे के दाँत साफ किए जा सकते हैं

बच्चे के दाँतों के लिए उसके डेंटिस्ट द्वारा सुझाए गए टूथपेस्ट या किसी स्टैंडर्ड फ्लोराइडयुक्त टूथपेस्ट का उपयोग करना सबसे अच्छा होता है। इस बात का कोई वैध प्रमाण नहीं है जो यह साबित करता हो कि नारियल का तेल दाँतों के लिए अच्छा होता है।

बच्चों को कैविटीज और दंत क्षय का भी खतरा हो सकता है। किसी बच्चे के दाँतों को ठीक तरह से साफ करने के तरीके को जानने से आपको भविष्य में दाँत की किसी भी गंभीर जटिलता से बचाव में मदद मिल सकती है। यह सबसे बेहतर है कि आप शिशु के दाँतों को साफ करने में तब तक उसकी सहायता करें जब तक कि वह छह या सात साल का न हो जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह इसे सही तरीके से कर रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर दूध के दाँतों में कैविटीज और सड़न हो जाए, या मसूड़े किसी संक्रमण से प्रभावित हों, तो यह बाद में स्थाई दाँतों को प्रभावित कर सकते हैं। शुरुआत से ही अपने बच्चे के दाँतों में ब्रश कराना इन समस्याओं को रोक सकता है।

श्रेयसी चाफेकर

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

3 days ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

3 days ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

3 days ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

5 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

5 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

5 days ago