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माता-पिता अपने बच्चों के बचपन की खास यादों को संजोकर रखना बहुत पसंद करते हैं। जैसे कुछ लोग अपने बच्चे के पहले कदमों के निशान या छोटे-छोटे हाथों के प्रिंट संभालकर रखते हैं, तो कुछ लोग उनके पहले बाल कटने पर बालों की लट को सुरक्षित रखते हैं। ठीक वैसे ही, कई माता-पिता अपने बच्चे के दूध के दांत भी सहेजकर रखते हैं। लेकिन आजकल के वैज्ञानिक इसके और भी फायदे बताते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, बच्चों के दूध के दांतों में स्टेम सेल्स यानी कोशिकाएं होती हैं, जिन्हें भविष्य में बच्चे की किसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
लेकिन दांतों को सुरक्षित रखने का सही तरीका जानना भी जरूरी है। जब बच्चे का दूध का दांत टूट जाए, तो सबसे पहले उसे हल्के से साफ करें, ताकि उस पर लगी गंदगी या बैक्टीरिया हट जाएं। इसके बाद आप उन दांतों को एक छोटे और साफ डिब्बे में रख सकते हैं, जो लंबे समय तक सुरक्षित रहे। आप चाहे इन्हें मेमोरी बुक में भी चिपका सकते हैं, जिससे आप जब भी मेमोरी बुक खोलेंगे आपके बच्चे के वो खास पलों की यादें ताजा हो जाएंगी।
दांत निकलना बच्चों के विकास का एक खास हिस्सा होता है। आमतौर पर बच्चे के दांत निकलने की शुरुआत दो से तीन महीने की उम्र से ही हो जाती है, लेकिन उनका पहला दांत करीब छह महीने में दिखाई देता है। बच्चे के दांत कब और कैसे निकलेंगे, अब इसका पता लगाना पहले से काफी आसान हो गया है। बेबी टीदिंग टूल की मदद से आप बस एक क्लिक में ये जान सकते हैं कि आपके बच्चे के दांत कब आने वाले हैं और उस दौरान उनकी तकलीफ को कम किया जा सकता है।
जब आपके बच्चे का पहला दांत दिखाई देगा, तो आप यकीनन बहुत खुश होंगे और जब वह टूटेगा तो आप उसे सहेजकर रखना भी चाहेंगे। बच्चे का दांत जब तक मुंह में है, तब तक उसकी अच्छे से देखभाल करने से यह सुनिश्चित होता है कि दांत टूटने के बाद भी सही हालत में रहे और सुरक्षित रखा जा सके। समय के साथ भले ही इन रखे हुए दांतों की चमक थोड़ी कम हो सकती है लेकिन दांतों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
डॉक्टर माता-पिता को सलाह देते हैं कि वे अपने बच्चे के दूध के दांत संभालकर रखें क्योंकि ये ‘स्टेम सेल बैंकिंग’ के रूप में बहुत काम आ सकता हैं। दरअसल, दूध के दांतों में स्टेम सेल्स यानी स्टेम कोशिकाएं होती हैं, जिनमें शरीर के अंगों और टिशू यानी ऊतकों की मरम्मत करने की जबरदस्त क्षमता होती है। स्टेम कोशिकाएं खुद को ठीक करने और खास ऊतकों या अंगों में बदलने की क्षमता रखती हैं।
अधिकतर डॉक्टर यही सलाह देते हैं कि बच्चे के दूध के दांतों को संभालकर रखा जाए, क्योंकि उनमें मौजूद स्टेम कोशिकाओं को भविष्य में निकालकर किसी बड़ी बीमारी, जैसे कैंसर या स्पाइनल कॉर्ड की चोट के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यहां तक कि ये स्टेम कोशिकाएं जलने या मैकुलर डिजनरेशन जैसी समस्याओं में भी नए टिशू या सेल थेरेपी के रूप में काम आ सकते हैं। इसलिए, बच्चे के दूध के दांतों को सहेजकर रखना चाहिए।
अगर आप अपने बच्चे के शुरुआती दूध के दांत स्टेम सेल रिसर्च के लिए दान करना चाहते हैं, तो इसके बारे में सही जानकारी और मार्गदर्शन के लिए किसी बाल रोग विशेषज्ञ (पीडियाट्रिक डेंटिस्ट) से संपर्क करें।
अपने बच्चे के दूध के दांत संभालकर रखने से पहले, उन्हें सही तरीके से सुरक्षित रखने का तरीका जानना भी जरूरी है। आइए जानते हैं दूध के दांतों को सुरक्षित रखने के कुछ आसान तरीके:
सबसे पहले, अपने बच्चे के दांतों को अच्छे से साबुन और पानी से साफ करें, ताकि उन पर जमी गंदगी हट जाए।
दांतों से कीटाणु को साफ करना भी जरूरी है। आप इसके लिए रबिंग अल्कोहल का इस्तेमाल कर सकते हैं। दांतों की सतह को हल्के से रबिंग अल्कोहल से ब्रश करें, इसे वे कीटाणुरहित हो जाएंगे।
दांतों को पूरी तरह से सुखाना भी बहुत जरूरी है। अगर दांत पूरी तरह से सूखे नहीं होंगे, तो उन पर बैक्टीरिया पनप सकते हैं। आप दांतों को सुखाने के लिए सूती तौलिए का इस्तेमाल कर सकते हैं। दांतों को हवा में या थोड़ी देर धूप में भी सुखाया जा सकता है।
आपको अपने बच्चे के दांतों को स्टेम सेल बैंकिंग के लिए सुरक्षित रखने के लिए एक उपयुक्त टूथ प्रिजर्व किट में रखना होगा। इस टूथ प्रिजर्व किट में एक डिब्बा होता है जिसमें स्टेराइल बैलेंस्ड साल्ट सॉल्यूशन (बीएसएस) होता है, जो दांतों को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
अगर छोटे बच्चों के माता-पिता हर समय एक इमरजेंसी टूथ प्रिजर्व किट अपने पास रखें तो यह किट उन मामलों में काम आती है जब बच्चे का दूध का दांत गलती से टूट जाता है। ऐसी स्थितियों में, आपको आधे घंटे के भीतर अपने ऑर्थोडॉन्टिस्ट से मिलना चाहिए ताकि वे बच्चे के दांत को वापस उसके सॉकेट में लगाने की कोशिश कर सकें।
अपने बच्चे के दूध के दांतों को धीरे से साफ करें और उसे सुरक्षित किट में रखें। यहां बच्चे के दांतों को सुरक्षित रखने के उपाय बताए गए हैं।
यह एक अच्छा विकल्प है अगर आप अपने बच्चे के दांत को सुरक्षित रखने के लिए अलग से एक डिब्बा खरीदना नहीं चाहते तो अगर आपके पास एक पुराना अंगूठी का डिब्बा है जो इस्तेमाल में नहीं है, तो आप उस बॉक्स में दांतों को प्रिजर्व कर सकते हैं।
आप बच्चे की हर पहली चीज को एक शैडो बॉक्स में सुरक्षित रख सकते हैं जिसमें उसके दांत भी शामिल होंगे। आप इसमें उसके पहले बाल, चूसनी, हाथ और पैरों के निशान, और रैटल भी शामिल कर सकते हैं। जिसे आप बच्चे के कमरे में सजा सकते हैं।
अपने बच्चे से जुड़ी हर चीज को माँ बाप दिल से लगाए रखना चाहते हैं और यह एक अच्छा आईडिया है बच्चे के दांतों को लॉकेट में प्रिजर्व करना। आप इसे रखने के लिए दिल के आकार का या संदूक के आकार का लॉकेट चुनें।
यह उन लोगों के लिए बिल्कुल सही है जो पुरानी चीजें इकट्ठा करना पसंद करते हैं। आप तारीख या कोई भी संदेश लिखकर एक नोट के साथ बच्चे के दांतों को पुराने स्टाइल के लकड़ी की दराजों में रख सकते हैं।
फ्लैप बुक में हर दांत के लिए स्थान होता है और एक प्लास्टिक कवर होता है। आप बच्चे के बिना दांत वाली पिक्चर के साथ उसके टूटे हुए दांत को रख सकते हैं।
वैसे तो भारत में भारत में दांतों के स्टेम सेल बैंकिंग की सुविधा देने वाली कंपनियां अभी बहुत कम हैं और इसकी लागत भी थोड़ी ज्यादा है। एक अनुमान के मुताबिक इसका शुरूआती खर्च 1 लाख रुपए है।
हाँ, आप अपने बच्चे के दांत हमेशा के लिए स्टोर करके रख सकते हैं! ऐसा इसलिए है क्योंकि दांतों को मानव शरीर की सबसे मजबूत संरचना माना जाता है।
हाँ। डीएनए प्राप्त करने के उद्देश्य से बच्चे के दूध के दांत का उपयोग किया जा सकता है।
यदि शिशु के दांतों से निकाले गए डेंटल स्टेम कोशिकाओं को सही तरीके से संरक्षित किया जाए, तो ये लगभग एक से चार सप्ताह तक सही रह सकती हैं।
अपने बच्चे के दूध के दांतों को सहेजकर रखने का महत्व केवल उनकी प्यारी यादों को संजोना नहीं है। बल्कि इन दांतों में मौजूद स्टेम सेल्स भविष्य में गंभीर बीमारियों का इलाज करने के लिए उपयोगी हो सकते हैं। इस प्रकार, इन दांतों को संभालकर रखना समझदारी होगी, जो आपके बच्चे की जिंदगी को भविष्य में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद कर सकता है।
References/Resources:
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