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अम्बिलिकल कॉर्ड माँ से बच्चे में जुड़ती है और इसी की वजह से गर्भ में बच्चे का विकास होता है। इससे बच्चे तक खून, ऑक्सीजन, न्यूट्रिएंट्स, विटामिन्स, फैट्स और प्रोटीन पहुँचते हैं। गर्भ में बच्चे के शरीर से वेस्ट पदार्थ और डीऑक्सीजनेटेड खून अम्बिलिकल कॉर्ड से ही माँ के शरीर में वापस आ जाता है। गर्भावस्था के दौरान बच्चा पूरे गर्भ में घूमता रहता है जिसके परिणामस्वरूप कॉर्ड उसके गले में लिपट जाती है। इस समस्या को न्युकल कॉर्ड कहते हैं और यह लगभग 20% – 30% गर्भवती महिलाओं में होता है। इस आर्टिकल में बच्चे के गले में अम्बिलिकल कॉर्ड लिपटने के बारे में वह सारी जानकारी दी गई है जो गर्भवती महिलाओं को जाननी चाहिए ताकि किसी भी स्ट्रेस से बचा जा सके क्योंकि गर्भावस्था के दौरान यह समस्या बहुत आम है।
गर्भनाल व्हार्टन’स जेली नामक एक मुलायम टेक्सचर में हेल्दी और सुरक्षित रहती है। गर्भाशय में घूमते समय बच्चे के गले में कॉर्ड चाहे कितनी बार भी बंध जाए पर यह जेली जैसा पदार्थ इसे गले में टाइट होने से रोकता है। बच्चे के पूरे शरीर में लिपट जाने के कारण अम्बिलिकल कॉर्ड पूरी तरह से उलझ जाती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान जब बच्चे के गले में अम्बिलिकल कॉर्ड बंधती या लिपटी रहती है तो इसे न्युकल कॉर्ड कहते हैं।
अम्बिलिकल कॉर्ड ज्यादातर बच्चे के गले में ढीली बंधती है और इससे कोई भी हानि नहीं होती है। हालांकि कभी-कभी ऐसा भी होता है कि विशेषकर डिलीवरी के समय न्युकल कॉर्ड बच्चे के गले में टाइट लिपट जाती है जिससे कॉम्प्लीकेशंस भी हो सकती हैं। इससे खून के बहाव में बाधा आती है और माँ से बच्चे तक न्यूट्रिशन व ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाता है। यह कॉम्प्लीकेशंस गंभीर हो सकती हैं, जैसे बच्चे का दम घुटन सकता है (असफिक्सिया) और उसे दिमागी लकवा मार सकता है (सेरेब्रल पाल्सी)।
जब बच्चे के गले में अम्बिलिकल कॉर्ड दो फेटों में बंधती है तो इसे डबल न्युकल कॉर्ड कहते हैं। गर्भावस्था के दौरान यह कॉम्प्लिकेशन होना दुर्लभ है और यदि यह होती भी है तो इसके परिणाम एक जैसे ही रहते हैं। कुछ दुर्लभ मामलों में डबल न्युकल कॉर्ड होने की वजह से बच्चे को हाइपोक्सिया होने का खतरा रहता है, उसमें खून का बहाव कम हो जाता है और जन्म के समय में अन्य कॉम्प्लीकेशंस भी हो सकती हैं।
आमतौर पर अम्बिलिकल कॉर्ड बहुत लंबी होती है जिससे बच्चे के गले में ढीली भी लिपट/बंध सकती है और इसके बाद भी यह काफी लंबी बच जाती है। नेचर ने इसे ऐसा इसलिए ही डिजाइन किया है कि यदि यह गले में बंध भी जाए तब भी इससे गर्भ में बच्चे को कोई समस्या न हो। गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर अक्सर महिलाओं को न्युकल कॉर्ड के बारे में नहीं बताते हैं और डिलीवरी के दौरान बच्चे के गले से कॉर्ड को निकाल लेते हैं। मेडिकल में यह प्रमाणित है कि जब तक कोई गंभीर समस्या न हो तब तक कॉम्प्लीकेशंस से बचने के लिए जन्म के दौरान कॉर्ड को छोड़ देना चाहिए।
ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिसमें कॉर्ड बच्चे के गले में कई फेटों में बंध जाती है और फिर भी वह हेल्दी रहता है। 2000 बच्चों में से सिर्फ 1 के मामले में ऐसा होता है जिसकी कॉर्ड में गांठ वास्तव में लग जाती है और इससे गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। कई मामलों में कॉर्ड हानिकारक नहीं है। बच्चे के जन्म के दौरान कॉर्ड टाइट नहीं होती है और इससे कोई खतरा भी नहीं है।
यह मेडिकल जगत में प्रमाणित है की न्युकल कॉर्ड होना बहुत आम है और हर 3 बच्चों में से एक में यह समस्या होती है। इससे प्रभावित जन्में बच्चे तब तक पूरी तरह से हेल्दी रहते हैं जब तक कॉर्ड में कोई गंभीर समस्या न हो। कई डॉक्टर अल्ट्रासाउंड में भी यह देखकर नहीं बता पाते हैं कि बच्चे में न्युकल कॉर्ड है या नहीं।
बच्चा माँ के गर्भ में घूमता रहता है। गर्भवती महिलाएं अक्सर उनके मूव्स, किक्स और बट्स को एन्जॉय करती हैं पर इन मूवमेंट्स की वजह से न्युकल कॉर्ड भी हो सकता है। इसके कई बायोलॉजिकल और मेडिकली प्रमाणित कारण हैं कि बच्चे के गले में कॉर्ड क्यों उलझ जाती है, आइए जानें;
व्हार्टन’स जेली बहुत मुलायम व जेल के जैसा पदार्थ होता है जो कॉर्ड के अंदर ब्लड वेसल को सुरक्षित रखता है। यह कॉर्ड के दबने और बच्चे के मूवमेंट की वजह से उलझने से भी सुरक्षित रखता है। यदि इस जेल की मात्रा पर्याप्त नहीं है तो इससे भी न्युकल कॉर्ड हो सकता है।
चूंकि बच्चा एमनियोटिक फ्लूइड में तैरता रहता है इसलिए कॉर्ड में गांठ लगने से बच्चे पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि यदि गर्भाशय की थैली में एमनियोटिक द्रव बहुत ज्यादा है तो इससे भी कुछ खतरे हो सकते हैं।
बच्चे की अम्बिलिकल कॉर्ड बहुत बड़ी होती है और न्युकल कॉर्ड के मामले में यह सामान्य से अधिक बड़ी हो जाती है। पर मेडिकल साइंस में अभी यह प्रमाणित होना बाकी है कि क्या अम्बिलिकल कॉर्ड की लंबाई के कारण यह बच्चे के गले में लिपट जाती है जिसकी वजह से अम्बिलिकल कॉर्ड खिंचकर अधिक बड़ी हो जाती है।
गर्भ में जुड़वां बच्चे होने की वजह से अम्बिलिकल कॉर्ड भी दो होती हैं। गर्भाशय में दो बच्चों के मूवमेंट की वजह से कॉर्ड्स का एक दूसरे से उलझना ज्यादा संभव है। इससे अधिक गंभीर खतरे नहीं हैं पर यदि जुड़वां बच्चों की एमनियोटिक सैक एक ही है तो इसकी वजह से अम्बिलिकल कॉर्ड कुछ हद तक उलझ सकती है और किसी भी बच्चे के गले में फंस सकती है।
यदि बच्चा गर्भाशय में बहुत ज्यादा मूवमेंट करता है तो इससे बच्चे के गले में न्युकल कॉर्ड उलझ सकती है। गर्भावस्था बढ़ने के साथ-साथ न्युकल कॉर्ड होने की संभावना बढ़ती है।
अब आपको न्युकल कॉर्ड` के कारण पता हैं, आइए अब इसके लक्षण भी जानते हैं।
बच्चे के गले में अम्बिलिकल कॉर्ड बंधने के कोई भी प्रमाणित संकेत नहीं हैं। हालांकि कुछ संभावित लक्षणों से न्युकल कॉर्ड का पता लगाया जा सकता है। वे कौन से लक्षण हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के 37वें सप्ताह के बाद यदि गर्भ में बच्चे का मूवमेंट कम होता है तो यह न्युकल कॉर्ड होने का गंभीर लक्षण हो सकता है।
लेबर के दौरान गर्भ में बच्चे को मॉनिटर करते समय अब्नॉर्मल हार्ट-रेट होने से न्युकल कॉर्ड होने का पता चलता है।
यदि न्युकल कॉर्ड की वजह से बच्चे को हाइपोक्सिया हुआ है या उसे रेस्पिरेटरी से संबंधित समस्याएं हैं तो इसका पता अल्ट्रासाउंड से लगाया जा सकता है। यद्यपि डायग्नोसिस करना संभव है पर इससे डॉक्टर बच्चे के जीवन से संबंधित खतरों के बारे में पता नहीं लगा सकते हैं।
अल्ट्रासाउंड की मदद से न्युकल कॉर्ड की मौजूदगी का पता लगाया जा सकता है। अल्ट्रासाउंड से यह भी पता चल सकता है कि बच्चे के गले में न्युकल कॉर्ड कितनी बार लिपटी है। हालांकि यह पिक्चर की क्वालिटी पर भी निर्भर करता है। डॉक्टर न्युकल कॉर्ड को जांचने के लिए बच्चे के गले की बार-बार जांच करते हैं।
यदि बच्चे के गले में अम्बिलिकल कॉर्ड 3 चौथाई हिस्से में लिपटी है तो इसे न्युकल कॉर्ड ही कहा जाता है। यदि कॉर्ड गले के आधे हिस्से में लिपटी हुई है तो इससे पता लगता है कि न्युकल कॉर्ड की समस्या हो सकती है।
अल्ट्रासाउंड में ग्रे पिक्चर होने की वजह से न्युकल कॉर्ड दिखने की संभावना 70% तक होती है। हालांकि कलर डॉप्लर की मदद से अल्ट्रासाउंड में न्युकल कॉर्ड को 83% से 97% तक देखा जा सकता है। इस अल्ट्रासाउंड से आपको समस्या के होने का एक अंदाजा हो जाता है पर इसमें कुछ किया नहीं जा सकता है।
अल्ट्रासाउंड में न्युकल कॉर्ड दिखने से भविष्य में कॉम्प्लीकेशंस होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इस समस्या का कोई भी ज्ञात उपचार नहीं है। लेबर के दौरान डॉक्टर सिर्फ यह चेक करते हैं कि न्युकल कॉर्ड में दबाव न पड़े या कॉम्प्लीकेशंस से बचने के लिए किसी भी सप्ताह में डिलीवरी की संभावनाएं हो सकती हैं या नहीं। कुछ मामलों में डॉक्टर महिलाओं को सी-सेक्शन करवाने की सलाह देते हैं क्योंकि न्युकल कॉर्ड की वजह से बच्चे के जन्म में कॉम्प्लीकेशंस हो सकती हैं या उसे हाइपोक्सिया भी हो सकता है।
जब लोग गर्भ में पल रहे बच्चे के गले में अम्बिलिकल कॉर्ड उलझने के बारे में सोचते हैं तो उनके दिमाग में सबसे पहले यह आता है कि इससे बच्चे की मृत्यु हो सकती है। आर्टिकल में आगे हमने इस बारे में भी चर्चा की है और न्युकल कॉर्ड से संबंधित कॉम्प्लीकेशंस/चोट लगने के बारे में जानकारी दी है।
न्युकल कॉर्ड एक ऐसा पैसेज है जिसके माध्यम से बच्चे को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन मिलती है। बच्चे के गले में अम्बिलिकल कॉर्ड लिपट जाने से उसका दम घुट सकता है। यह समस्या आमतौर पर लेबर के दौरान बच्चे के गले में कॉर्ड बंधने की वजह से होती है और इसके परिणामस्वरूप उसके मस्तिष्क तक खून नहीं पहुँचता है।
अम्बिलिकल कॉर्ड लगभग 20 इंच लंबी और 1 इंच चौड़ी होती है और यह बहुत लूज कॉइल की तरह दिखती है। इस कॉर्ड की दो वेन्स होती हैं जो बच्चे के शरीर में खून के साथ ऑक्सीजन और भरपूर मात्रा में न्यूट्रिशन पहुँचाते हैं और दो आर्टरीज होती हैं जिसके माध्यम से डीऑक्सीजनेटेड और न्यूट्रिएंट-रहित खून बच्चे से माँ के शरीर में वापस जाता है। अम्बिलिकल कॉर्ड में अक्सर दो वेन्स और दो आर्टरीज होती हैं। यदि कॉर्ड में खिंचाव आने से या दबने के कारण इसमें गांठ लग जाती है तो बच्चे में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो सकती है जिसकी वजह उसे से ऐसफिक्शियेशन होता है।
न्युकल कॉर्ड दो तरीके से हो सकती है, आइए जानें;
आमतौर पर कहा जाता है कि न्युकल कॉर्ड्स कभी भी उलझ और सुलझ सकती है। यद्यपि यह कहना निश्चित नहीं है कि इससे कोई गंभीर समस्या होती है पर कई मामलों में इसकी वजह से नीचे बताई हुई कॉम्प्लीकेशंस जरूर हो सकती हैं। जानने के लिए आगे पढ़ें।
बच्चे के गले में अम्बिलिकल कॉर्ड बंधने से निम्नलिखित कॉम्प्लीकेशंस हो सकती हैं और प्रभाव पड़ सकते हैं, आइए जानें;
गर्भ में बच्चे के गले में अम्बिलिकल कॉर्ड लिपट जाती है जिससे उसका मस्तिष्क डैमेज हो सकता है। यह समस्या बच्चे के जन्म के आसपास या दौरान उसके मस्तिष्क में खून का प्रवाह न होने और ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से होती है। इसके परिणामस्वरूप बच्चे के सेल्स नष्ट होने की वजह से उसका मस्तिष्क डैमेज हो जाता है जिसकी वजह से बच्चा विकलांग भी हो सकता है, जैसे बच्चे को सेरेब्रल पाल्सी, दौरे आना, विकास और सीखने में अक्षमता हो सकती है।
इस समस्या में गर्भाशय का विकास अब्नॉर्मल होने की वजह से बच्चा सामान्य से अधिक छोटा होता है। आई.यू.जी.आर. से ग्रसित बच्चों को न्युकल कॉर्ड या एस्फिक्सिया की समस्या हो सकती है या उसका जन्म प्रीमैच्योर होता है।
इस समस्या में बच्चा मिकोनियम (पॉटी) और एमनियोटिक फ्लूइड निगल लेता है और यह बच्चे के लंग्स तक भी जा सकता है जिससे बच्चे को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
यह जानकारी थोड़ी कठिन हो सकती है और यदि न्युकल कॉर्ड को ठीक करने के तरीके हैं तो आपको इस बारे में जरूर सोचना चाहिए। इसे कैसे किया जा सकता है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
गर्भाशय में बच्चा लगातार घूमता है जिससे उसके गले में लिपटी हुई अम्बिलिकल कॉर्ड को ठीक कर पाना संभव नहीं है। गर्भावस्था के दौरान यह कॉर्ड कई बार बच्चे के गले में उलझती और सुलझती है। कुछ दुर्लभ मामलों में ही यह कॉर्ड गले में कस जाती है जिसे कॉर्ड एक्सीडेंट भी कहा जाता है और यह समस्या बच्चे के गर्भ में रहते हुए भी ठीक हो सकती है।
चूंकि न्युकल कॉर्ड से संबंधित समस्याओं को ठीक कर पाना मुमकिन नहीं है इसलिए न्युकल कॉर्ड की वजह से जन्म के दौरान कॉम्प्लीकेशंस को ठीक नहीं किया जा सकता है। हालांकि विशेषकर जन्म के दौरान इस कॉम्प्लिकेशन से छुटकारा पाने के कई तरीके हैं। इसलिए आप अम्बिलिकल कॉर्ड की वजह से घबराएं नहीं। इसके अलावा आप रिलैक्स होकर और बिना किसी स्ट्रेस के गर्भावस्था के सभी चरणों का आनंद लें।
स्रोत और संदर्भ:
स्रोत १
स्रोत २
स्रोत ३
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