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‘लिखना’ हमारी शिक्षा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन सही नींव रखने के लिए अपने बच्चे को सही ढंग से लिखना सिखाना बहुत जरूरी है। हालांकि, यह काम जितना आसान लगता है, उतना होता नहीं है। कई बार माता-पिता को बच्चों को सही तरीके से पेंसिल पकड़ना सिखाने में काफी परेशानी होती है। यहां हम कुछ आसान सुझाव के बारे में बात करेंगे, जो आपके बच्चे को सही तरीके से पेंसिल पकड़ने में मदद कर सकते हैं।
आजकल कई माता-पिता अपने छोटे बच्चों को जल्दी स्कूल भेजना शुरू कर देते हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि बच्चे को पेंसिल पकड़ना कब सिखाना चाहिए? दरअसल, चार साल की उम्र से पहले बच्चे की उंगलियों और हाथों की मांसपेशियां इतनी मजबूत नहीं होतीं कि वो पेंसिल सही से पकड़ सके। लेकिन 5 से 6 साल की उम्र में बच्चे के हाथों की मांसपेशियां मजबूत होने लगती हैं, जिससे वो पेंसिल पकड़ना और उसका इस्तेमाल करना सीख सकते हैं। इसलिए, इस उम्र के आसपास ही पेंसिल पकड़ने का सही तरीका सिखाना सबसे बेहतर होता है। जब आपके बच्चे के हाथों की पकड़ थोड़ी मजबूत हो जाए, तभी उसे पेंसिल पकड़ना सिखाना सही रहता है।
बच्चे को पेंसिल सही से पकड़ना सिखाना आसान नहीं होता, लेकिन कुछ आसान तरीके अपनाकर आप उसे पेंसिल पकड़ने में मदद कर सकते हैं:
जब आप छोटे बच्चे को पेंसिल पकड़ना सिखा रहे हों, तो पेंसिल का सही आकार बहुत मायने रखता है। ज्यादातर माता-पिता सोचते हैं कि लंबी पेंसिल बेहतर होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। छोटी पेंसिल बच्चे के हाथ में आसानी से बैलेंस बनाकर फिट होती है और उसकी पकड़ भी अच्छी बनती है।
पेंसिल को सही से पकड़ने के लिए तीन उंगलियों का नियम बहुत जरूरी है। बच्चे को सिखाएं कि वो अंगूठा, दूसरी उंगली और बीच की उंगली का इस्तेमाल करे और तीनों उंगलियों से समान दबाव डाले।
जब आपका बच्चा मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार हो, तभी उसे सही तरीके से पेंसिल पकड़ना सिखाएं। हालांकि, सही समय चुनना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। जैसे ही बच्चा नर्सरी स्कूल जाने की तैयारी करे, आप उसे पेंसिल पकड़ने का तरीका सिखाना शुरू कर सकती हैं। अगर देर करेंगे और बच्चा गलत तरीके से पकड़ने की आदत डाल लेगा, तो बाद में उसे ठीक करना मुश्किल हो सकता है।
अगर बच्चा पेंसिल पर कम दबाव डालेगा, तो हल्की-हल्की लाइने बनेंगी और ज्यादा दबाव डालेगा, तो पेज फट सकता है या पेंसिल की नोक टूट सकती है। इसलिए बच्चे को धीरे-धीरे सिखाएं कि कितना दबाव सही है। बहुत सारी बातें एक साथ समझाने की कोशिश न करें, इससे बच्चा घबरा सकता है और उसे लिखने में मजा नहीं आएगा।
अगर पेंसिल पकड़ने की प्रक्रिया को सीखने में मजा आए, तो बच्चा जल्दी और अच्छे से सीखेगा। जब बच्चे का मन न हो, तो उसे लिखने के लिए मजबूर न करें। लिखने का अभ्यास बोरिंग न बनाएं, क्योंकि छोटे बच्चों का ध्यान जल्दी भटक जाता है। सिखाने की इस प्रक्रिया को छोटा, मजेदार और खेल-खेल में रखें, जिससे बच्चे का उत्साह बना रहे।
पेंसिल पकड़ने के सही तरीके को सिखाते समय कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखें:
हर बच्चे का सीखने का तरीका और समय अलग होता है। इसलिए, अपने बच्चे की तुलना दूसरों के बच्चों से करना ठीक नहीं है। सही तरीके से लिखना सीखने के लिए लगातार अभ्यास और धैर्य की जरूरत होती है। इस दौरान आपको अपने बच्चे को समर्थन देना चाहिए और उसे सही तरीके से पेंसिल पकड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि वह अच्छे से सीख सके।
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