शिशु

बच्चे के सोने की दिनचर्या

यदि आपका बच्चा तीन महीने का हो गया है, तो आप उसके सोने के समय का एक रूटीन स्थापित करने के बारे में सोच सकती हैं, जो कि आपके बच्चे में बढ़ती उम्र के दौरान नींद की अच्छी आदत डालने के लिए आवश्यक है। हर रात बच्चे को एक ही समय पर सुलाने से उसे हर रोज उसी समय पर सोने की आदत पड़ने लगती है और अच्छी नींद बच्चे के विकास में अहम भूमिका निभाती है, इसलिए उसका ठीक से सोना बहुत जरूरी है । सोने का रूटीन बनाने से माता-पिता को भी बहुत आसानी होती है। यह लेख आपको इस बारे में मार्गदर्शन देगा कि बच्चे के सोने का रूटीन कैसे निर्धारित करें।

बच्चे के सोने की दिनचर्या कब बनानी चाहिए

बच्चे के सोने की दिनचर्या तय करने में आपको जल्दबाजी करने की आवश्यकता नहीं है। नवजात शिशु वैसे भी ज्यादातर समय सोते हैं और उसे सोने के लिए दिनचर्या की आवश्यकता नहीं होती है। जब बच्चा तीन महीने का हो जाता है, तब जाकर वह किसी रूटीन का पालन करने के लिए तैयार होता है। एक सरल और नियमित दिनचर्या को शुरू करके, आप अपने बच्चे में एक अच्छी नींद लेने की आदत विकसित करने में मदद कर सकती हैं। इसके लिए आप बच्चे को शाम के ६:३० से ८:३० बजे के बीच नियमित रूप से सुलाने की कोशिश करें। थोड़े समय के रूटीन के पालन के साथ इसकी शुरुआत करें और फिर बाद में समय सीमा बढ़ाएं ।

बच्चे के सोने की दिनचर्या निर्धारित करने के फायदे

यदि हमारा रोज का जीवन योजनानुसार हो, तो हम काफी हद तक तनावमुक्त और खुश रह सकते हैं। आपके बच्चे के लिए भी यह बात लागू होती है। सोने की एक तय दिनचर्या बच्चे के मूड को सही समय पर सही ढंग से सेट करती है, जब वह आराम और शांत महसूस करता है तो उसे अच्छी नींद आती है। यात्रा करते समय एक नियमित दिनचर्या बच्ची को उसके नए परिवेश में अधिक आसानी से ढलने में मदद करती है। सोने का निर्धारित समय माता-पिता के लिए भी फायदेमंद है। जिससे माता-पिता बच्चे के साथ अधिक समय बिता पाते हैं ।

सोने के लिए एक अच्छी दिनचर्या बनाना

यदि आप अपने बच्चे के लिए सोने का समय निर्धारित करने की तैयारी कर रही हैं, तो आपको सबसे पहले उसे शाम को जल्दी सुलाने से शुरू करना चाहिए। आप बच्चे को साफ करें, उसका डायपर बदलें और उसे सोने वाले कपड़े पहनाएं। इसके बाद बच्चे को अपनी बाहों में लेकर उसे सुलाने की कोशिश करें, उसे गाने, लोरी या कहानियां सुनाएं। इससे बच्चे को जल्दी नींद आएगी। इसके अलावा, बच्चे को रोज एक ही कमरे में सुलाएं और बार-बार उसकी सोने की जगह न बदलें । 

सोने की बेहतर दिनचर्या बनाने के लिए कुछ टिप्स

यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपके बच्चे के लिए अच्छी और स्वस्थ सोने की दिनचर्या को स्थापित करने में सहायक हो सकते हैं।

  • अपने सारे काम शाम को जल्दी खत्म कर लें: यह आवश्यक है कि सोने के समय से लगभग ३० मिनट पहले आप अपने सामान्य घरेलू काम खत्म कर लें और शांतिपूर्ण गतिविधियां करें जैसे, पढ़ना आदि । यह आपके बच्चे के लिए एक संकेत का कार्य करेगा कि अब उसके सोने का समय हो रहा है।
  • सोने के लिए एक समय निर्धारित करें: आप बच्चे की आयु और स्वभाव के अनुसार उसके सोने की एक अनुमानित दिनचर्या को निर्धारित कर सकती हैं। उदाहरण के लिए छोटे शिशु को सोने के लिए तैयार होने में लगभग ५ मिनट लगेगा। जबकि १ साल से बड़े बच्चे सोने के लिए तैयार होने मे अधिक समय ले सकते हैं और इसलिए उनके सोने की दिनचर्या की अवधि शिशु की तुलना में लंबी होगी।
  • समय का पालन करें: यदि आप बच्चे को हर रोज एक ही समय पर सुलाएंगी तो यह उसके लिए बहुत अच्छा होगा। इससे बच्चा नियत समय पर और अधिक देर तक सो सकेगा ।
  • सुलाने से पहले स्नान कराएं: सुलाने से पहले गुनगुने पानी से स्नान कराना शिशुओं को अच्छी नींद लेने में मदद करता है। इसलिए अपने बच्चे को सोने से पहले गुनगुने पानी से स्नान कराना एक अच्छा विचार है। हालांकि यदि आपका बच्चा स्नान के बाद उत्तेजित हो जाता है और खेलने के मूड में आ जाता है, तो उसे सोने से पहले स्नान कराने से बचें।
  • सोने की दिनचर्या के लिए तैयार होना: सोने से पहले की गतिविधियों में आपके बच्चे का चेहरा धोना, बच्चे को अच्छे से साफ करना, उसे रात के कपड़े पहनाना शामिल है।ऐसा करने से आगे चलकर यह अच्छी आदतें बच्चे के जीवन का हिस्सा बन जाती हैं ।
  • अपने बच्चे को उचित कपड़े पहनाएं: बच्चे को सुलाते समय हमेशा आरामदायक कपड़े पहनाएं ताकि वह आराम से सो सके और उसकी नींद में खलल न पड़े। बच्चों को बहुत ज्यादा कपड़े पहनाने से उन्हें रात में पसीना आ सकता है। इसलिए उन्हें सोते समय हल्के और आरामदायक कपड़े पहनाएं।
  • सोते समय कहानी सुनाएं: बच्चे को सोते समय कहानियां सुनाएं । ऐसा करने से यह आपके बच्चे को बाद में पढ़ने की आदत को विकसित करने में मदद करेगा।
  • सोते समय बच्चे की पसंदीदा वस्तु उसके करीब रखें: बच्चों को अपने बगल में कुछ रख कर सोना पसंद होता है।आप उनका पसंदीदा खिलौना, तकिया सोते समय उनके करीब रख सकती हैं। बच्चों की पसंदीदा वस्तु को उनके पास रखने से यह उनको सोते समय आराम और शांत महसूस कराने में बहुत मदद करती है।
  • अंत को सुसंगत रखें: सोने की दिनचर्या को एक निश्चित अंत दें। उदाहरण के लिए, बच्चे  को कहानी सुनाएं, गाना गाएं या रात के समय कमरे में नाईट लैंप जला दें और फिर कमरे से बाहर निकल जाएं। यदि आप ऐसा करती हैं तो देखेंगी कि बच्चा धीरे-धीरे खुद से सोने लगेगा।

क्या बच्चे की सोने की दिनचर्या तय करने से कोई नुकसान होता है

जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होता जाएगा, उसकी मनोदशा में बदलाव होगा और आपको इसके अनुसार उनकी दिनचर्या में बदलाव करना पड़ सकता है । हो सकता है वह सोने से पहले कपड़े न बदले या वह अपने दाँत साफ करने से इनकार करे आदि। बच्चे अक्सर ऐसा करते हैं इसलिए हर माता पिता को इसे स्वीकारना चाहिए । आपको अपने बढ़ते बच्चे की आवश्यकता के अनुसार उसके सोने की दिनचर्या में बदलाव करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। आपने बच्चे के व्यवहार से यह समझने की कोशिश करें कि वह क्या कहना चाहता है और यदि आवश्यक हो तो उनकी दिनचर्या में बदलाव करें। यह परिवर्तन सोते समय की नियमित गतिविधियों के क्रम में बदलाव ला सकता है । इस बात का ख्याल रखें कि एक कड़ी दिनचर्या लागू करने के लिए अपने बच्चे के आराम से समझौता न करें। सोने की एक निश्चित दिनचर्या माँ और बच्चे, दोनों के लिए एक अच्छा तरीका है तनावमुक्त रहने का, बच्चे का ठीक से सोना उसके विकास के लिए बहुत जरूरी है इसलिए एक दिनचर्या निर्धारित करना बेहतर होता है बस आपको समय-समय पर इसमें कुछ बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है।

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बच्चों के लिए 15 सर्वश्रेष्ठ लघु नैतिक कहानियाँ

समर नक़वी

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