बच्चे की स्वैडलिंग कब और कैसे बंद करें

बच्चे की स्वैडलिंग कब और कैसे बंद करें

कई माँएं अपने बच्चों को जन्म के बाद कुछ सप्ताह या कुछ महीनों के लिए भी लपेट कर रखती हैं, क्योंकि इससे बच्चे को आराम और शांति मिलती है और उसे माँ के गर्भ में होने का एहसास भी होता है। लेकिन सवाल यह है, कि आपको अपने बच्चे की स्वैडलिंग कब और कैसे बंद करनी चाहिए। इस लेख में हम स्वैडलिंग के सभी पहलुओं के बारे में चर्चा करेंगे।

बच्चे की स्वैडलिंग जरूरी क्यों है? 

बच्चे की स्वैडलिंग एक टेक्निक है, जिसमें उसे एक मुलायम कपड़े या एक ब्लैंकेट में कुछ इस तरह से लपेटा जाता है, कि उसके हाथ और पैर ब्लैंकेट के अंदर सुरक्षित रूप से बंधे रहते हैं और केवल उसका सिर ब्लैंकेट के बाहर होता है। कई माँएं बच्चों को आराम देने के लिए और उन्हें शांत करने के लिए लपेटना जरूरी समझती हैं, एवं कुछ और भी कारण हैं, जिनसे यह जरूरी हो जाता है। ये कारण नीचे दिए गए हैं: 

  • इससे बच्चों को लंबे समय तक और शांति से सोने का फायदा मिलता है। 
  • इससे बच्चों को आराम महसूस होता है और उनमें एंग्जाइटी में कमी लाने में मदद मिलती है। 
  • कई बच्चे नींद में चौंकते रहते हैं, जिससे उनकी नींद खुल जाती है। लिपटे रहने से उन्हें सुरक्षित महसूस होता है और वे सोने के दौरान बार-बार नहीं जागते हैं। 
  • स्वैडलिंग से बच्चा दोबारा सो जाता है। 
  • खुद ही शांत होने के लिए भी यह एक अच्छा तरीका है और इसके लिए सबसे बेहतर पोजीशन होती है हाथों को दिल पर रखना। 
  • यह बच्चों को स्पर्श का एहसास दिलाने का एक कारगर तरीका है। 
  • इससे बच्चे सोने के समय खुद अपना चेहरा नोच नहीं पाते हैं। 
  • यह पेरेंट्स के लिए भी मददगार होता है, क्योंकि इससे वे भी लंबे समय तक सो पाते हैं। 
  • इससे बच्चों में कॉलिक से बचाव होने का फायदा होता है। 

हालांकि, बच्चों को स्वैडल करने के कई फायदे हो सकते हैं, पर आप ऐसा हमेशा नहीं कर सकते हैं। कुछ समय के बाद आपको बच्चे की स्वैडलिंग बंद करनी ही पड़ती है। इसे कब और कैसे करना है, इसके बारे में हम आगे विचार करेंगे।

बच्चे की स्वैडलिंग कब बंद करें? 

बच्चे की स्वैडलिंग कब बंद करें, इसके बारे में यहाँ कुछ निर्देश दिए गए हैं, जो आपकी मदद कर सकते हैं: 

  • जब बच्चा तीन से चार महीने का हो जाता है, तब आप उसकी स्वैडलिंग बंद कर सकते हैं। 
  • कभी-कभी आप देखते हैं, कि बच्चा ब्लैंकेट से बाहर निकलना चाहता है। इसका यह मतलब नहीं है, कि आपको उसकी स्वैडलिंग बंद कर देनी चाहिए। यह दो कारणों से हो सकता है – ब्लैंकेट ढीला होना या ब्लैंकेट का साइज गलत होना। लेकिन, अगर फिर भी बच्चा बार-बार ब्लैंकेट से बाहर आ जाता है, तो इसका मतलब है, कि उसकी स्वैडलिंग बंद करने का समय आ गया है। 
  • अगर आपका बच्चा सोते समय बार-बार चौंकता है, तो ऐसे में उसकी स्वैडलिंग बंद ना करें। बच्चा इस रिफ्लेक्स से 4 से 5 महीने की उम्र तक बाहर नहीं आ पाता है। ऐसे में यह सलाह दी जाती है, कि इससे पहले आप उसकी स्वैडलिंग बंद ना करें, क्योंकि वह रातों को सो नहीं पाएगा। 
  • इस बात का ध्यान रखें, कि आपका बच्चा चाहे सो रहा हो या जाग रहा हो, पर पूरे दिन स्वैडल में ना रहें। एक नवजात शिशु की लंबे समय तक स्वैडलिंग करना फिर भी ठीक है, क्योंकि उसका अधिकतर समय सोने में ही बीतता है। साथ ही बच्चे के हाथ और पैरों को हिलाना भी जरूरी है, ताकि उसके ग्रॉस मोटर स्किल्स का विकास हो सके। इसलिए जब बच्चा जाग रहा हो, तब उसे स्वैडल में रखने के बजाय खुला रखना ही अच्छा है। 
  • आपको स्वैडल किए हुए बच्चे को कभी भी इस तरह से नहीं लिटाना चाहिए, कि उसका चेहरा नीचे की ओर हो। लेकिन अगर बच्चा अपने आप ही पलट सकता हो, तो यह स्वैडलिंग बंद करने का अच्छा संकेत है।
  • बच्चे को सोने की ट्रेनिंग देने की शुरुआत से पहले आपको स्वैडलिंग बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि सोने की ट्रेनिंग में खुद को आराम पहुँचाना भी शामिल होता है। इसलिए अगर आप सोने की ट्रेनिंग के साथ-साथ स्वैडलिंग भी जारी रखेंगे, तो इससे बच्चा कंफ्यूज हो सकता है। 

बच्चे की स्वैडलिंग बंद कैसे करें? 

अगर बच्चा सोने के लिए या आराम के लिए स्वैडलिंग पर बहुत अधिक निर्भर नहीं है, तो स्वैडलिंग बंद करना आपके लिए अधिक मुश्किल नहीं होगा और वह धीरे-धीरे इसका आदी हो जाएगा। लेकिन अगर बच्चा स्वैडलिंग पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है, तो आपके लिए यह एक बड़ी चुनौती बन सकती है। आप अपने बच्चे की स्वैडलिंग कैसे बंद कर सकते हैं, इसके बारे में हम यहाँ पर बात कर रहे हैं: 

  • सबसे पहली और जरूरी बात जिसे याद रखना जरूरी है, वो यह है, कि कभी भी अचानक या सख्ती से स्वैडलिंग बंद ना करें। अचानक आने वाला कोई बदलाव बच्चे स्वीकार नहीं कर पाते हैं, इसलिए स्वैडलिंग बंद करने के लिए इसे धीरे-धीरे करना ही अच्छा होगा। 
  • इसकी शुरुआत करने के लिए आप उसके एक हाथ को ब्लैंकेट से बाहर रख सकते हैं। कुछ दिनों बाद आप उसके दोनों हाथों को बाहर रख सकते हैं। 
  • बाद में धीरे-धीरे आप पहले एक पैर, और फिर दोनों पैरों को ब्लैंकेट के बाहर रख सकते हैं।
  • इसके अलावा आप ढंकने वाले ब्लैंकेट के बजाय पहनने वाले ब्लैंकेट को भी चुन सकते हैं। इसके लिए बाजार में कई तरह के ऑप्शन उपलब्ध हैं। 
  • अगर आप देखते हैं, कि बच्चा स्वैडल में होने के कारण चिड़चिड़ा हो जाता है या पलटना शुरू कर देता है, तो यह आपके लिए एक संकेत हो सकता है, कि उसकी स्वैडलिंग बंद करने की जरूरत है। 
  • बच्चे की स्वैडलिंग जल्दी ही बंद कर देने की सलाह दी जाती है। क्योंकि अगर एक बार बच्चे को इसकी आदत पड़ जाए, तो इसे बाद में छुड़ाना काफी मुश्किल हो सकता है। 

यह याद रखना जरूरी है, कि जब कभी भी आप बच्चे की स्वैडलिंग या उसके सोने से संबंधित किसी दूसरी बात में कुछ बदलाव करने की सोचें, तो आपको उसके चिड़चिड़ेपन और रोने से निपटना पड़ेगा। बच्चे के लिए सोने के नए रूटीन को स्थापित करने के लिए आपको कई रातें जागकर भी बितानी पड़ सकती हैं। हम आपको धैर्य रखने की सलाह देंगे। आमतौर पर, स्वैडलिंग को बंद करके सामान्य सोने की शुरुआत के बदलाव को पूरा होने में एक से दो सप्ताह का समय लग सकता है। यह सामान्य है और आपका बच्चा इस नए रूटीन में बहुत जल्द ही सेटल हो जाता है। लेकिन अगर आपका बच्चा रात भर सोने में सक्षम न हो या सोने से संबंधित कोई और समस्या आपको परेशान कर रही हो, तो आपको इसके लिए अपने बच्चे के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

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