In this Article
माता-पिता के लिए बच्चे की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण होती है। आप, भी अपने बच्चे की सुरक्षा का पूरा खयाल रखने की कोशिश करती होंगी। रोजाना की गतिविधियों, जैसे कि बच्चे के साथ कार में जाते समय, बच्चे की सेफ्टी को लेकर कई सवाल उठ सकते हैं, जिसमें से एक यह भी है कि बच्चा किस उम्र में कार की सीट पर बैठ सकता है? आपके इन्ही सवालों जवाब इस लेख में दिए गए हैं। तो आइए इस विषय पर विस्तार से जानने के लिए लेख को पूरा पढ़ते हैं और बच्चे को अपने साथ कार में बिठाते समय सेफ्टी रूल्स और जरूरी टिप्स के बारे में जानते हैं।
8-12 वर्ष वाले बच्चे बूस्टर के साथ सीट बेल्ट का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, अमेरिका जैसे देशों 13 साल की उम्र (या जब वह कम से कम 4 फीट 9 इंच की हाइट का हो) के बाद ही कार में फ्रंट सीटिंग करने की अनुमति मिलती है। बच्चों के लिए पीछे की सीट पर बैठना आगे की सीट की तुलना में अधिक सुरक्षित होता है, क्योंकि यह दुर्घटना हो जाने के दौरान या टक्कर लग जाने की स्थिति में कम खतरे में डालता है। हालांकि, अगर बच्चा छोटा है, और आगे बैठना चाहता है, तो आपको उसकी सुरक्षा के लिए कुछ नियमों का पालन बहुत जरूर है।
अगर आप अपने बच्चे को आगे की सीट पर बैठाने का प्लान बना रही हैं, तो आपको यह सलाह दी जाती है कि आप निम्नलिखित सुरक्षा नियमों को ध्यान में रखें:
अगर आपका बच्चा कार की आगे की सीट पर बैठा है तो कार में लगे एयरबैग को बंद करने की सलाह दी जाती है क्योंकि एयरबैग से गंभीर चोट लग सकती है। साथ ही, साइड एयरबैग भी हानिकारक हो सकते हैं। अगर बच्चे की दरवाजों पर झुकने की आदत है और आपकी कार में एयरबैग डिसेबल करने की सुविधा नहीं है, तो ऐसे में आप इसे अपनी कार डीलर से करवा सकती हैं। अपनी कार में एयरबैग में ये संशोधन करने से पहले आपको सरकार से परमिशन लेने की जरूरत हो सकती है। हालांकि, एक बटन को लगाने और उसे निष्क्रिय करने से ऐसा नहीं है कि जरूरत के समय इसका इस्तेमाल नहीं हो सकता।
यह महत्वपूर्ण है कि आपका बच्चा आगे की सीट पर एक सीधी स्थिति (स्ट्रेट पोजीशन) में ही बैठे। उसे आगे की ओर न झुकने दें और न ही लेटने दें या फिर उसे किसी दूसरी चीजों में व्यस्त कर दें ताकि बच्चे का ध्यान सीट बेल्ट खींचने की ओर न जाए। जैसा कि ऊपर दिए गए पॉइंट में बताया गया है कि दरवाजे की ओर झुक जाने से चोट लगने की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए, जब बच्चा कार की फ्रंट सीट पर बैठ कर ट्रैवल करे तो उसे बिल्कुल सीधी पोजीशन में बैठना चाहिए।
अगर आप एयरबैग्स को डिसेबल नहीं कर पा रही हैं, तो यह सलाह दी जाती है कि बूस्टर या कार सीट्स का उपयोग न करें। अपने बच्चे को पूरी सुरक्षा के साथ बैठाने की कोशिश करें। अगर बच्चा 12-13 वर्ष से ऊपर का है (या ऊपर बताई गई हाइट का है), तो आप इस बात पर ध्यान दें कि सीट को पुल बैक किया गया हो ताकि जब वो सीट पर बैठे तो डैशबोर्ड से पर्याप्त दूरी बनी रहे और उसने अपनी सीट बेल्ट को अच्छी तरह से पहना हो।
शोल्डर बेल्ट और लैप बेल्ट को अच्छी तरह से बांध लें। शोल्डर बेल्ट को कंधे के नीचे या बच्चे के पीछे न रखें। सीट बेल्ट छाती के पार जाना चाहिए, न कि गर्दन पर। लैप बेल्ट पेट पर नहीं, बल्कि गोद के आर-पार बंधी होनी चाहिए।
ध्यान रखें कि आपका बच्चा सीट बेल्ट के साथ न खेले, क्योंकि अगर वह सीट बेल्ट को खींचेगा तो उसमें उलझ सकता है। अधिकतर सीट बेल्ट में लॉकिंग मैकेनिज्म होता है, जो बेल्ट को बाहर निकालने पर एक्टिव हो जाता है। अगर सीट बेल्ट उसके सिर, गर्दन में फस जाती है तो उसे चोट लग सकती है या यहां तक कि अगर सीट बेल्ट उसकी कमर के चारों ओर लिपट जाती है और वो उसे निकालने में सक्षम नहीं होता है तब भी यह खतरनाक साबित हो सकता है।
अगर आपका बच्चा सीट बेल्ट में फिट होने के लिए बहुत छोटा है, तो यह यह सुझाव दिया जाता है कि उसे बूस्टर सीट पर बैठाएं।
आपको यहां यह ध्यान चाहिए कि आपके बच्चे और कार के दरवाजे के बीच कोई भी चीज न हो। क्योंकि एयरबैग के फूलने की स्थिति में किसी भी तरह का खिलौना, तकिया या अन्य कोई चीजें बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो बच्चे को कार की अगली सीट पर बिठाते समय उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में आपकी मदद कर सकते हैं:
ये कुछ टिप्स हैं जिनका पालन आपको कार ड्राइविंग के दौरान अपने बच्चे की सुरक्षा के लिए करना चाहिए। यह बहुत जरूरी है कि पेरेंट्स के रूप में, आप बच्चों के साथ सफर करने के दौरान नियमों से परिचित रहें और आपको उनका पालन भी करना चाहिए। जैसा कि पहले भी सुझाव दिया गया है कि कार की फ्रंट सीट आपके बच्चे के लिए बहुत सुरक्षित नहीं होती है। इसलिए, यह अहम है कि आप बच्चे को कार की आगे की सीट पर बैठाने देने से पहले इसके फायदे और नुकसान के बारे में अच्छी तरह से समझ लें।
यह भी पढ़ें:
बच्चों के लिए स्कूल बस सुरक्षा के नियम
बच्चों के लिए इंटरनेट सेफ्टी टिप्स
बच्चों पर मोबाइल फोन के हानिकारक प्रभाव
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…