शिशु

बच्चों का आँखें रगड़ना – कारण और बचाव

हो सकता है कि बच्चों को अपनी आँखें रगड़ते या मलते हुए देखना शायद आपको बहुत प्यारा लगता हो । वे जब अपनी छोटी-सी मुट्ठी से जिज्ञासा से भरी हुई उन गोल-गोल आँखों को रगड़ते हैं, तो यह निश्चित ही आपके दिल को छू जाता होगा। आमतौर पर, जब बच्चे थके हुए होते हैं या उन्हें नींद आ रही होती है, तो वे अपनी आँखों को रगड़ते हैं, लेकिन कुछ मामलों में, आपके बच्चे को आँखों में धूल या पलक के जाने से, आँखों के इन्फेक्शन, या किसी एलर्जी के कारण दर्द हो सकता है।

यदि आपका शिशु अपनी आँखों को रगड़ता है तो यह उपरोक्त सभी बातों के मामले में चेतावनी का संकेत हो सकता है। आपको सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि आप बच्चे को गलती से उसकी आँखों को बहुत जोर से रगड़कर हो सकने वाली चोट से बचाने में मदद कर सकें। आइए कुछ ऐसे कारणों पर ध्यान दें, जिनके कारण बच्चे अपनी आँखों को रगड़ते हैं।

बच्चे अपनी आँखें क्यों रगड़ते हैं

ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से बच्चे अपनी आँखें रगड़ते हैं –

1. उन्हें नींद आ रही होती है

कभी-कभी आँखों को रगड़ने के साथ-साथ आपका बच्चा जम्हाई भी ले सकता है। इसका मतलब है कि उसे नींद आ रही है और वह थका हुआ है। जब आप थक जाते हैं, तो आपकी आँखें थक जाती हैं। इसीलिए बच्चे अपनी आँखें रगड़ते हैं, ताकि वे आँखों की माँसपेशियों के आसपास और पलकों में तनाव और पीड़ा से राहत पा सकें जैसी कि मालिश के दौरान मिलती है। यह इंगित करता है कि उसका एक अच्छी, लंबी झपकी का समय हो गया है!

2. उनकी आँखें सूखी हैं

जब बच्चे की आँखें बहुत अधिक शुष्क हो जाती हैं तब भी वह अपनी उन्हें रगड़ सकता है। एक आँसू की परत अंदर की आँख को ढंकती है और लंबे समय तक हवा के संपर्क में आने पर यह वाष्पित हो जाती है। आँखों का यह सूखापन असुविधा पैदा करता है, और आपका बच्चा सहज रूप से उस असुविधा को दूर करने के लिए अपनी आँखें रगड़ सकता है, ऐसा इसलिए क्योंकि रगड़ने से आँसू पैदा होते हैं, जो आँखों में नमी लाते हैं।

3. वे जिज्ञासु हैं

आपने यह अनुभव किया होगा कि, जब आप अपनी आँखें बंद करते हैं और उन्हें रगड़ते हैं, तो आप अपने पलक के अंदरूनी हिस्सों पर रोशनी और पैटर्न देखते हैं। आपके बच्चे ने शायद हाल ही में अपनी आँखों को रगड़ने का यह कौशल विकसित किया है और वह इस नए कौशल के साथ प्रयोग कर रहा है। आपका बच्चा आँखों को रगड़ते हुए देखे गए आकारों से चकित हो सकता है और इसे अनुभव करने की बार-बार कोशिश कर सकता है।

4. आँखों में कुछ हो सकता है

अगर उसकी आँख में कुछ है जो जलन पैदा कर रहा है तो आपका बच्चा लगातार अपनी आँखों को रगड़ सकता है । यह धूल के कण, पलक के बाल, या सूखा म्यूकस हो सकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यहाँ तक कि पलक ज्यादा झपकाना या आँसू आना भी इसके संकेत हो सकते हैं। अगर आपके बच्चे की आँखों में कोई जलन है, तो आँख और चेहरे को पोंछने के लिए, एक नरम गीले कपड़े का उपयोग करें ताकि कुछ और अंदर न जाए। उसके बाद, अपने बच्चे की आँखों को साफ करने के लिए ठंडे पानी का उपयोग करें (कभी भी आँखों के अंदर गर्म पानी का उपयोग न करें)। सुनिश्चित करें कि ऐसा करते समय कोई अन्य व्यक्ति बच्चे के सिर को ठीक से पकड़े  या उसे पर्याप्त आधार प्राप्त हो।

यदि आपको अपने बच्चे की आँख के कोने में कुछ फंसा हुआ दिखाई दे, तो उसे निकालने के लिए गर्म, गीले कपड़े या रूई के फाहे का उपयोग करें। अगर आँसू और झपकियां उसके बाद भी बनी रहती हैं, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि अभी भी आँख के अंदर कुछ बाहरी चीज है। उस मामले में, डॉक्टर के पास ले जाना सबसे अच्छा है।

5. दर्दभरी या खुजली वाली आँखें

बच्चे का अपनी आँखों को रगड़ने का एक अन्य कारण एलर्जी या इन्फेक्शन हो सकता है जो दर्द या खुजली के माध्यम से सामने आता है। आपके बच्चे को आँखों में इन्फेक्शन होने के लक्षणों में सूजन या आँखों का लाल होना, स्राव होना, बुखार या लगातार रोना शामिल हो सकता है। ऐसे मामलों में, डॉक्टर से परामर्श करना बेहतर होता है, ताकि वह इन्फेक्शन या एलर्जी का सही ढंग से निदान और उपचार कर सके।

आप बच्चे को उसकी आँखें रगड़ने से कैसे रोक सकती हैं

आपको अपने बच्चे को अक्सर उसकी आँखों को रगड़ने से रोकने के लिए, कुछ उपाय करने की आवश्यकता होती है, क्योंकि इससे आपके बच्चे की आँखों में चोट या खरोंच हो सकती है। इसे रोकने के कुछ तरीके यहाँ दिए गए हैं।

  • अगर आपके बच्चे को जोर से आँख रगड़ने की आदत है तो उसके हाथों में दस्ताने (मिटेन्स) पहनाकर उन्हें छुपाने की कोशिश करें। यह उसकी त्वचा को खरोंच या जलन होने से बचाएगा।
  • अगर बच्चा जम्हाई के साथ आँखों को रगड़ता हुआ दिखाई देता है तो उसे तुरंत सुला दें। अपने बच्चे की नींद की एक दिनचर्या बनायें और उस पर सही से अमल करें। एक बार जब आपके बच्चे को इसकी आदत हो जाती है, तो उसे अधिक थकान नहीं होगी, और फिर वह आँख और अधिक नहीं रगड़ेगा।
  • बच्चे की आँखों के अंदर बाहरी चीजें जाने से रोकने के लिए, उसे उन जगहों पर न ले जाएं जहाँ बहुत अधिक धूल उड़ रही हो। यदि आपको जाना ही पड़े तो उसे धूल से बचाने के लिए पहले ही उसकी आँखों और नाक को ढक दें।

जोर से आँख रगड़ने के जोखिम

नींद आने पर हल्के हाथों से आँख रगड़ने से कोई विशेष खतरा नहीं होता है, लेकिन जोर से आँख-रगड़ने से कुछ जोखिम हो सकते हैं। यहाँ बार-बार या जोर से आँखों को रगड़ने के कुछ जोखिम दिये हैं।

1. इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है

बच्चे स्वाभाविक रूप से जिज्ञासु  होते हैं और अपने आस-पास की हर चीज को छूते रहते हैं। इसके अलावा कुछ लोग जो बच्चों को छाती से लगाते हैं, जर्म्स को उनमें ट्रांसफर करते हैं। आँखों को रगड़ने से इन जर्म्स का आपके बच्चे की आँख में पहुँचने का खतरा बढ़ जाता है और जो इन्फेक्शन का कारण बनता है।

2. आगे चलकर आँखों की दृष्टि खराब हो सकती है

लगातार आँखों को रगड़ने से कॉर्नियल टिश्यू के पतले होने की संभावना होती है, जिससे आगे चलकर आँखों की दृष्टी खराब हो सकती है। यद्यपि इसका प्रभाव इन्फेक्शन की तरह तुरंत नहीं भी हो सकता है, लेकिन बच्चे के जीवन में बाद में वह प्रोग्रेसिव मायोपिया के साथ बड़ा होने की संभावना है।

3. यह चोट का कारण बन सकता है

यदि बच्चे की आँख में कुछ गया है जिससे उसे तकलीफ हो रही है तो वह अपनी आँख को जोर से रगड़ सकता है। यह कॉर्नियल घर्षण के जोखिम को बढ़ाता है, जो दर्दनाक हो सकता है और ठीक होने में अधिक समय ले सकता है।

आपको अपने बच्चे की आँख रगड़ने की आदत को देखकर चिंता करने या घबराने की जरुरत नहीं है। यदि आपको लगता है कि कोई चीज उसे परेशान कर रही है और आप किसी लालिमा या सूजन को देखती हैं, तो ऊपर बताए गए तरीकों का उपयोग करके आँखों को धोने और उनके आसपास के क्षेत्र को साफ करने की कोशिश करें। यदि फिर भी लालिमा कम नही होती है, और सूजन बनी रहती है, तो डॉक्टर से परामर्श करें। अगर आँख लाल नहीं हो रही है, लालिमा या सूजन भी नहीं है, फिर भी बच्चे  का आँख रगड़ना जारी है तो एक बार डॉक्टर से मिलना बेहतर है ताकि हम 100% सुनिश्चित हो जाएं कि सब कुछ ठीक है। आखिरकार, जब भी आपके बच्चे से जुड़ा कोई सवाल हो, तो इसमें कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए!

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श्रेयसी चाफेकर

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