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कभी-कभी बच्चों से संबंधित कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं जिनका कारण समझना माता-पिता के लिए कठिन हो जाता है। बच्चों के पलकें अधिक झपकाने की समस्या जिसे ‘निमिष’ कहते हैं, उन समस्याओं में से एक है। बच्चों में अत्यधिक पलकें झपकाने की समस्या के बारे में पूरी जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।
साधारणतः पलकें झपकाने से आँखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है और इससे आँखें तनाव-मुक्त भी रहती हैं। एक बच्चा प्रति मिनट लगभग 3 से 18 बार पलक झपकाता है। यदि बच्चा इससे ज्यादा बार पलकें झपकाता है तो यह आँखों में एक समस्या का संकेत भी हो सकता है। बच्चों के अत्यधिक पलकें झपकाने के अनेक कारण हो सकते हैं, जैसे चेहरे पर खिंचाव और आँखों में अधिक सूखापन।
बच्चों के अधिक पलकें झपकाने की समस्या को अक्सर नियमित रूप से शारीरिक परीक्षण के माध्यम से पहचाना जा सकता है। यदि आपके बच्चे में यह शक्ति के असंतुलन के कारण यह होता है तो आप तुरंत अपने बच्चे की आँखों की जांच करवाएं और यदि यह एक मनोवैज्ञानिक समस्या है तो उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाने की आवश्यकता हो सकती है।
बच्चों में अत्यधिक पलकें झपकाने की समस्या के अन्य उपचारों व पूर्ण जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चों में पलकों का अधिक झपकना, आँखों में समस्या का एक बड़ा कारण बन सकता है। इस समस्या को रोकने के लिए दवा लेना व उपाय करना एक अच्छा विकल्प है। बच्चों में पलकों के अधिक झपकने की समस्या को रोकने के लिए निम्नलिखित कुछ उपाय दिए हुए हैं, आइए जानते हैं;
चश्मे का उपयोग आँखों को धूल, धूप और अन्य प्रकार के बैक्टीरिया से बचाता है जिससे बच्चों की आँखों में जलन की समस्या नहीं होती है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड से परिपूर्ण आहार अश्रु ग्रंथियों को उत्तेजित करता है और आँखों की जलन को भी कम करने में मदद करता है जिससे आँखों में सूखेपन की समस्या नहीं होती है।
अपने बच्चे को ध्यान, विश्राम के तरीके और योग सिखाकर अपने बच्चे के तनाव को दूर करने में उसकी मदद करें।
आँखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में पोषण-युक्त आहार का सेवन करने, भरपूर पानी पीने और स्वस्थ जीवनशैली का महत्वपूर्ण योगदान होता है और यह अत्यधिक पलकें झपकने जैसी समस्याओं में भी मदद करता है।
अपने बच्चे को बार-बार अपनी आँखें धोने के लिए और साथ ही कैप्सूल या केले व स्ट्रॉबेरी जैसे खाद्य पदार्थों के रूप में बच्चे को विटामिन ‘ए’ व जिंक का सेवन करने को दें। यह निश्चित रूप से आपके बच्चे के अत्यधिक पलकें झपकाने की समस्या में मदद कर सकता है।
बच्चों के लगातार पलकें झपकाने को रोकने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं;
अपने बच्चे की आँखों की अधिक देखभाल व उपचार के लिए आप डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
आपके बच्चे में किसी भी समस्या से संबंधित संदेह होने पर तुरंत डॉक्टर से चर्चा करें। हर 3 से 4 महीनों के अंतराल में बच्चों की आँखों की जांच करवाने की सलाह दी जाती है। यदि आपका बच्चा चश्मा पहनता है तो डॉक्टर की सलाह अनुसार हर 3 महीने में उसका चश्मा बदलें। यदि आपके बच्चे को अत्यधिक पलकें झपकाने की समस्या हो रही है तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। बच्चे को यह समस्या कम हो या ज्यादा, आप उचित इलाज के लिए डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें। बच्चे की इस समस्या का निदान और उपचार खुद से करने का प्रयास न करें, आपको बस उसमें हो रहे बदलावों पर नजर रखने की आवश्यकता है। डॉक्टर के किसी भी अपॉइंटमेंट को न भूलें। बच्चों का अत्यधिक पलकें झपकाना घातक समस्या नहीं है, नियमित रूप से इसकी दवा का सेवन और एलर्जी व बेचैनी जैसी समस्याओं के लिए डॉक्टर से सलाह लेने से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
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