शिशु

बच्चों का रात में दूध पीना कैसे छुड़ाएं

बच्चे को लगातार रात भर दूध पिलाने से माँ को थकान हो जाती है और उसकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। बच्चे अक्सर रात में नींद से जागकर और एक-दो बार दूध पीकर ही वापस सोने जाते हैं। यदि आप बच्चे को रात में एक-दो बार दूध पिलाती हैं तो इससे उसका दूध छुड़ाने में कठिनाई हो सकती है। यद्यपि बच्चों का रात में दूध छुड़ाने का कोई एक निश्चित तरीका नहीं है। आप कुछ तरीकों से बच्चे को रात में सुलाना शुरू कर सकती हैं। बच्चों को रात में ब्रेस्टफीडिंग कराना बंद करने के कुछ तरीके यहाँ बताए गए हैं, आइए जानें। 

किस आयु में रात के दौरान बच्चे का दूध छुड़ाना चाहिए?

हर बच्चा अलग होता है और उसकी जरूरतें व रूटीन्स भी अलग ही होते हैं। हालांकि 4 से 6 महीने की आयु में बच्चा रात में सोने के लिए तैयार रहता है। इस आयु में दिन में दूध पिलाने से बच्चों को इतनी एनर्जी मिल जाती है कि वे रात में आराम से सो सकें। बच्चे जितनी बार डायपर गीला करते हैं उससे पता लगता है कि उन्होंने कितना दूध पीया है।  

बच्चा तैयार है यह कैसे जानें?

बच्चों में रात का दूध छुड़ाने के कुछ संकेत भी दिखाई देते हैं, आइए जानें;

  • बच्चा दिन में कम खाता है: यदि बच्चा दिन में कम खाकर रात में दूध पीता है तो उसका शेड्यूल बदलना जरूरी है और आप उसे दिन में दूध पिलाएं। यह एक स्पष्ट संकेत है कि बच्चे को दिन में दूध पीने की आदत डालने की जरूरत है।
  • रात में दूध पीते समय खेलता है: यदि बच्चा रात में उठने के बाद दूध पीते समय खेलता है तो स्पष्ट है कि उसे भूख नहीं लगी है और इसलिए आसानी से आप उसका दूध छुड़ा सकती हैं।
  • सॉलिड फूड लेता है: यदि बच्चा दिन में सॉलिड फूड लेना शुरू कर देता है तो बच्चे को रात में कम ही भूख लगेगी। रात को दूध पीना छुड़ाने का यह बिलकुल सही समय है।

रात में बच्चे का दूध छुड़ाने के टिप्स

यदि आप इस बारे में नहीं जानती हैं कि रात के दौरान बच्चे का दूध पीना कैसे छुड़ाएं तो यहाँ पर कुछ टिप्स दिए गए हैं, आइए जानें;

  1. दिन में ज्यादा बार दूध पिलाएं: बच्चा दिन में कितना दूध पीता है आप इस पर ध्यान दें और उसे सुबह के समय थोड़ा ज्यादा दूध पिलाएं व शाम को सिर्फ उसका पेट भरने के लिए दूध पिलाएं। बच्चे को दिन में दूध पिलाने से अक्सर उसे रात में भूख नहीं लगती है।
  2. मानसिकता बदलें: ध्यान दें कि बच्चा रात में कितने बजे उठकर दूध पीने के लिए रोता है। बच्चे को दूध पिलाने के समय से आधे घंटे पहले उठाएं और रोने से पहले ही उसे दूध पिला दें। इससे मानसिकता बदलेगी कि बच्चे के सोने और दूध पीने में संबंध होता है।
  3. दूध पिलाने के समय को धीरे-धीरे कम करें: रात में बच्चे के दूध पीने के समय को धीरे-धीरे कम करें। आप बच्चे को कुछ मिनट पहले ही दूध पिलाना बंद कर दें और उसे दिन में पूरा दूध पिलाएं।
  4. सोने से पहले दूध पिलाएं: बच्चे को सोने से पहले दूध पिलाएं ताकि उसका पेट भरा रहे। इससे आप ज्यादा समय तक सो सकती हैं क्योंकि बच्चे को अधिक समय तक भूख नहीं लगेगी।
  5. परिवार में किसी की मदद लें: कभी-कभी बच्चा रात में दूध पीता है। बच्चे को शांत करने के लिए परिवार में किसी की मदद ले सकती हैं। आप किसी अन्य व्यक्ति की मदद से बच्चे में दूध पीने के बाद शांत होने की आदत को भी बदल सकती हैं।
  6. शाम को दूध पिलाएं: डिनर से कुछ समय पहले बच्चे को शाम को दूध पिलाने से उसे भरा हुआ महसूस हो सकता है। इससे उसे रात को बार-बार भूख नहीं लगेगी।
  7. एक बार में एक ब्रेस्ट खाली करें: कभी-कभी बच्चों को बार-बार भूख लगती है क्योंकि उन्हें पर्याप्त रूप से हाइन्ड मिल्क नहीं मिल पाता है। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को एक बार में पूरा ब्रेस्ट खाली करने दें। यदि बच्चा थोड़ी-थोड़ी देर में ही ब्रेस्ट बदल कर दूध पीता है तो वह सिर्फ ऊपरी दूध पिएगा जिसकी वजह से वह रात में दूध पीने के लिए बार-बार जाग सकता है।
  8. ध्यान न भटकने दें: इस बात का ध्यान रखें कि दिन में दूध पिलाते समय आप बच्चे का ध्यान न भटकने दें। यदि ध्यान भटकने के कारण बच्चा दिन में पर्याप्त खाना नहीं खाता है तो वह रात में दूध जरूर पिएगा।
  9. अच्छी तरह से पकड़ें: बच्चों को सुरक्षित व सेफ महसूस करने के लिए माँ के स्पर्श की जरूरत होती है। आप बच्चे को रात और दिन में कडल जरूर करें और उसका खयाल रखें। इससे बच्चे में खाने के प्रति असुरक्षा नहीं होती है जो अक्सर बच्चे अपनाते हैं।
  10. बच्चे को बताएं: यदि आप रात में टॉडलर के दूध पीने की आदत को छुड़ाना चाहती हैं तो उसे कारण बताएं। कभी-कभी सीधे न बोलने से भी काम बन जाता है। आप बच्चे को स्पष्ट रूप से बताएं कि यह दूध पीने का समय नहीं बल्कि सोने का समय है।

क्या बच्चे को रात भर सुलाने के लिए उसका दूध छुड़ाना जरूरी है?

हाँ, बच्चे को पूरी रात सुलाने के लिए उसका दूध छुड़ाना जरूरी है। दूध पिलाने से बच्चे की नींद में बाधा आती है जिससे वह चिड़चिड़ा और इरिटेटिंग हो जाता है। यदि बच्चे का पेट भरा हुआ है तो वह पूरी रात आराम से सोएगा। एक साल तक के बच्चे का दूध छुड़ाना जरूरी है क्योंकि वह अच्छी नींद होने के कारण बेहतर तरीके से ग्रो करेगा। 

रात में बच्चे का दूध छुड़ाना काम न करने के कारण

कभी-कभी रात में बच्चे का दूध छुड़ाना बहुत कठिन होता है। यहाँ बताया गया है कि ऐसा क्यों होता है, आइए जानें; 

  • यदि बच्चा रात में दूध पीता है तो उसकी नींद और नर्सिंग में एक मजबूत संबंध होगा। यह संबंध तोड़ने में सामान्य से अधिक समय लगता है जिससे वीनिंग का प्रोसेस काफी समय तक चलता है। यद्यपि बच्चे बिना दूध पिए सो सकते हैं पर फिर भी वे रात में दूध पीने के लिए जागते हैं।
  • यदि बच्चा दूध पीने के बाद ही शांत होता है तो ऐसे मामलों में रात को उसका दूध छुड़ाना जरूरी हो जाता है। यदि बच्चा दिन में खुद से शांत होना नहीं सीखेगा तो उसका रात में दूध छुड़ाना संभव नहीं है।
  • यदि बच्चा बहुत छोटा है तो वह लंबे समय तक बिना दूध पिए नहीं रह सकता है। आप 4 से 6 महीने की आयु में बच्चे का दूध छुड़ाना शुरू करें। पहले से ही रात का दूध छुड़ाना बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।
  • यदि बच्चा सॉलिड फूड खाता है तो रात में उसे ज्यादा कैलोरीज की जरूरत पड़ती है। यदि दिन के दौरान बच्चे में कैलोरी की आवश्यकता का ध्यान न रखा जाए तो नाइट वीनिंग कठिन हो सकती है।
  • यदि बच्चा दिन में बहुत थोड़ा ही खाता है तो उसे रात को भूख लग सकती है। नाइट वीनिंग के लिए आप बच्चे की दिन में खाने की आदत डालें।
  • यदि बच्चा बोतल से फॉर्मूला दूध पीने के बजाय ब्रेस्टमिल्क पीता है तो बच्चे का दूध छुड़ाना कठिन हो सकता है। कुछ बच्चे विशेष रूप से रात में ब्रेस्टमिल्क पीते हैं। ऐसे समय में आप बच्चे को बोतल से दूध पिलाएं और इसके लिए परिवार में किसी की मदद लें।

यदि बच्चा रात में दूध पीकर ही सोता है तो नाइट वीनिंग बहुत कठिन है। माँ और बच्चे की पूरी नींद के लिए आप ऊपर बताए हुए तरीकों से रात में बच्चे का दूध पीना छुड़ाएं। 

यह भी पढ़ें:

रात के समय बच्चे को ब्रेस्टफीड कराना
स्तनपान के दौरान मिल्क डक्ट्स ब्लॉक होना
फीडिंग पिलो – फायदे और इस्तेमाल का तरीका

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

अभय नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Abhay Name Meaning in Hindi

नाम हर व्यक्ति की पहली पहचान होता है, और इसलिए बच्चे के जन्म लेने से…

1 week ago

दृश्या नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Drishya Name Meaning in Hindi

क्या आपके घर में बेटी का जन्म हुआ है या आपके घर में छोटा मेहमान…

1 week ago

अरहम नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Arham Name Meaning in Hindi

हमारे देश में कई धर्मों के लोग रहते हैं और हर धर्म के अपने रीति-रिवाज…

1 week ago

ज्योत्सना नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Jyotsna Name Meaning in Hindi

हर किसी के लिए नाम बहुत मायने रखता है। जब आप अपनी बेटी का नाम…

1 week ago

सारा नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Sara Name Meaning in Hindi

इन दिनों लड़कियों के कई ऐसे नाम हैं, जो काफी ट्रेंड कर रहे हैं। अगर…

1 week ago

उर्मिला नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Urmila Name Meaning in Hindi

बच्चों के प्रति माता-पिता का प्यार और भावनाएं उनकी हर छोटी-छोटी बात से जुड़ी होती…

1 week ago